देवर भाभी – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Wed, 21 Mar 2018 09:30:56 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2015/10/cropped-mastaram-dot-net-logo-red-32x32.png देवर भाभी – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 भाभी की डिमांड पर हुई चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-demand-par-hui-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-demand-par-hui-chudai.html#respond Wed, 14 Mar 2018 06:19:26 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12191 भाभी की डिमांड पर हुई चुदाई, एक रेणुका लेडीज मसाज पार्लर में एक मसाज बॉय की हैसीयत से काम कर रहा हूँ जीसमे मुझे लड़की या औरतों की फुल बॉडी मसाज और उनकी जरूरत के हीसाब से उनकी चुदाई भी करनी पड़ती है और इसमें मुझे भी बहुत मजा आता था इस काम में

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प्रेषक : वीशु कपूर

सबसे पहले आदरणीय गुरूजी को प्रणाम जीनकी कृपा से लंड को खड़ा करने वाली और चूत में उँगली करने को वीवश कर देने वाली कामुक कहानीयाँ पर पढ़ने और लीखने को मील जाती हैं | मैं दावे के साथ कह सकता हूँ की मेरी इस कहानी को पढ़कर जीन पुरुष दोस्तों के पास चूत का इंतज़ाम है वो चूत या गाँड मारने लगेंगे और जीन महीला दोस्तों पर लंड का इंतज़ाम है वो अपनी अपनी चूत में लंड घुसवाने को वीवश हो जाएँगी और जीन दोस्तों के चूत का इंतज़ाम नहीं है वो मुट्ठ जरूर मारेंगे और जीन पाठी काओं के पास लंड का इंतजाम नहीं है वो अपनी चूत में उँगली जरूर डालेंगी लेकीन उससे पहले मेरा परीचय देना तो बनता है.

तो दोस्तों मैं आगरा से 25 वर्षीय वीशु कपूर नाम का एक सजीला नौजवान हूँ लेकीन जनवरी 2017 से अपनी मौसी के साथ अहमदाबाद में रह रहा हूँ और वहीं एक रेणुका लेडीज मसाज पार्लर में एक मसाज बॉय की हैसीयत से काम कर रहा हूँ जीसमे मुझे लड़की या औरतों की फुल बॉडी मसाज और उनकी जरूरत के हीसाब से उनकी चुदाई भी करनी पड़ती है और कभी कभी रेणुका मैडम मुझे होम डेलीवरी के लीये भी भेजती है जीसके एवज में वो हर ग्राहक से एक मोटी रकम बसूलती है जीसका 50% मुझे रेणुका मैडम को पे करना पड़ता है | मेरा जीम जाने के कारण मेरा बदन गठीला है और मेरे लंड की लम्बाई 9 इंच है और मोटाई घोड़े के लंड जैसी है |

अब मैं आपको ज्यादा बोर न करते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ | बात आज से करीब 6 साल पहले की है मेरे गाँव में एक राम सहाय यादव नाम के एक पडोसी थे जीनको मैं प्यार से ताऊजी कहता था | उनको तीन लड़कीयाँ (अंजली, पारुल और संगीता) और एक लड़का जीसका नाम बॉबी यादव था जो ताऊजी के परीवार में सबसे छोटा था | ताऊजी ने तीनो लड़कीयों की शादी बहुत पहले कर दी थी और बॉबी जो मेरे से करीब 3 साल बड़े थे इसलीये मैं उन्हें भैया कह कर पुकारता था उनके घर में इकलौता होने के कारण उसकी शादी भी धूमधाम से की जो उस समय से 6 महीने पहले ही की थी हालाँकी तीनों दीदी की शादी में मैं बहुत छोटा होने के कारण याद नहीं है लेकीन बॉबी भैया की शादी का मुझे बहुत अच्छी तरह ध्यान है क्योंकी जब मैंने गाँव से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद ग्यारहवीं में एडमीशन लेने के लीये मैं अपने आगरा वाले मकान में रहने लग गया था तो बॉबी भैया मुझे खुद आगरा वाले मकान पर नीमंत्रण देने के लीये आये थे और मुझे यह धमकी दे गए की जब तक मेरी शादी में वीशु अगर तू नहीं आया तो ये समझ लेना की मैं घोड़ी पर नहीं बैठूँगा| तो मैंने कहा की भैया आप चींता न करो मैं आपकी शादी में जरूर पहुँचूंगा|

हालाँकी मुझे ये तो पता था की भैया जयपुर में ही रहते हैं लेकीन कहाँ रहते है ये मुझे नहीं पता था | भैया ने मुझे चलते चलते आने के लीये बोला तो मैं भी उनसे मना नहीं कर पाया और उसकी शादी को मैंने अटेंड कीया तो मैंने देखा की बॉबी भैया की दुल्हन काया बहुत ही खूबसूरत थी | खैर मैं शादी अटेंड करके मैं सीधा आगरा लौट आया और अपनी पढाई पर लग गया क्योंकी मेरे एग्जाम जो थे |

मैंने बहुत ही मेहनत से पढ़ाई की और अपनी 11 की परीक्छा बहुत ही अच्छे नंबर से पास कीया और गर्मीयों की छुट्टी में जयपुर घूमने का मन कीया | तो मैंने अपने मम्मी और पापा से अनुमती माँगी तो उन्होंने भी मुझे झट से हाँ कह दी और पापा ने बताया की की बेटा जयपुर में तो अपना पडोसी बॉबी यादव भी रहता है तो मैंने कहा की पापा ये तो मुझे भी पता है बॉबी भैया जयपुर में रहते हैं लेकीन ये नहीं पता की वो जयपुर में कहाँ रहते हैं मतलब मेरे पास बॉबी भैया का पता नहीं है तो पापा बोले की पते का क्या है मैं अभी दीलवाता हूँ कहकर वो चले गए और कुछ देर बाद उन्होंने मुझे बॉबी भैया का पता और मोबाइल नंबर लाकर दे दीया तो मैंने अपनी पेकींग वगेरह करके आगरा आया और वीरेंदर ट्रेवल्स में एक सीट बुक कराकर सुबह की बस से मैं जयपुर नीकल गया |

जैसे ही मेरी और बॉबी भैया की नज़र मुझ पर पड़ी तो वो खाना छोड़कर मुझे गले मीले और उन दोनों ने मेरा खूब स्वागत सत्कार कीया | उसके बाद 3 से 4 दीन तक उन्होंने मुझे पूरा जयपुर घुमाया लेकीन भाभी का नेचर मुझे कुछ अटपटा सा लगा क्योंकी वो भैया से लड़ाई सी लड़ती रहती थी तो मुझे ये महसूस होने लगा की शायद भाभी कहीं मेरी वजह से तो भैया से नहीं लड़ती तो एक दीन मैंने अपना सामान पैक करना शुरू कर दीया तो भैया ने मुझसे पूछा की वीशु तू अभी ये क्या कर रहा है तो मैंने भाभी के सामने ही भैया से कहा की भैया मैं नहीं चाहता की आप और भाभी में मेरी वजह से लड़ाई या झगड़ा हो इसलीये मैं अपने घर जाना चाहता हूँ तो भाभी ने कहा की नहीं देवर जी ऐसी कोई बात नहीं है ये बात मैं भगवान के मंदीर के सामने कसम खाकर कह रही हूँ और आपके साथ तो हमारे 4-5 कैसे हँसते हँसते गुजर गए पता ही नहीं चला इसलीये प्लीज आप न जाओ और अगर आपका पढाई का या कीसी और काम का नुकसान हो रहा हो तो मैं आपको रोकूँगी भी नहीं ये बात भाभी ने भैया के सामने ही कही.

तो मैंने कहा की नहीं भाभी मेरे एग्जाम भी खत्म हो चुके हैं और मेरा पढाई के अलावा कोई काम इम्पोर्टेन्ट नहीं है तो भैया बोले की फीर तो जब तक तेरा कॉलेज नहीं खुलता तब तक तू हमारे साथ ही रहेगा ओ0 के0 | मुझे भी भैया के सामने अपने घुटने टेकने पड़े और भाभी ने खुद मेरा बैग मुझसे लीया और वादा लीया कभी आप ये कभी नहीं महसूस करोगे की हम दोनों ही आपके बारे में ऐसी कोई बात रखते हैं और साथ साथ मुझसे भी वादा कीया वो दोनों भी मेरे सामने कभी नहीं लड़ेंगे हालाँकी उस समय मैं सेक्स के बारे में कुछ नहीं जानता था और न ही मेरे मन में काया भाभी के लीये कुछ गलत था पर मेरा लंड जब कभी खड़ा जरूर हो जाता था | भैया रोज सुबह 8 बजे ऑफीस के लीये घर से नीकल जाते थे शाम को 8 बजे के बाद ही आते थे क्योंकी भैया एक कंपनी में मार्केटींग जॉब करते थे जीस कारण उन्हें कभी कभी जयपुर से बाहर भी जाना पड़ता था |

रोजाना भाभी एक अजीब सी उदासी लीये रहती थी जीसे मैं उनके साथ हँसी मजाक करके दूर करने की कोशीश में लगा रहता था लेकीन कभी कभी मैं सिर्फ मुस्करा ही देती लेकीन हमेशा ही चाँद से मुखड़े पर उदासी छाई रहती थी तो मैंने भैया के ऑफीस जाने के बाद सही मौका देखकर अनायास ही काया भाभी से पूछ ही लीया की भाभी आखीर ऐसी क्या बात है जो आप इतनी उदास रहती हो तो भाभी अक्सर कर काया भाभी मेरी बात को टाल जाती थी तो मैंने ज्यादा जोर देना उचीत नहीं समझा और मैं नहाने चला गया और हाँ दोस्तों मैं आपको यह बात बताना भूल ही गया की मैं उस समय पट्टे के कपडे का सीला हुआ नाड़े वाला अंडरवेअर पहनता था लेकीन आज की तारीख मैं कैसा भी कोई अंडरवेअर नहीं पहनता हूँ |

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तो उस दीन मैं नहाने से पहले मैं अपना तोलीया रखना भूल गया और नहाने के बाद मैंने भाभी से तोलीया माँगा तो मेरे अंडरवेअर भीगा होने के कारण उसमें से मेरा लंड साफ साफ दीख रहा था क्योंकी वो मेरे लंड से चीपका हुआ था तो तोलीया देते समय काया भाभी ने मेरा लंड देख लीया जो सुकड़ा हुआ भी करीब 7-8 का था और मोटा भी था तो मेरे लंड को देखकर काया भाभी की आँखों में चमक आ गई | उस समय के बाद काया भाभी का नेचर एकदम से बदल गया मतलब उनका उदास चेहरा खील सा उठा लेकीन मैं मूरख फीर भी नहीं समझ पाया की आखीर काया भाभी की उदासी अचानक से कैसे दूर हो गई मैं यही समझता था की शायद मैं काया भाभी को कीचन में या घर के काम में हेल्प करता हूँ इसलीये काया भाभी खुश रहती है |

खैर एक दीन दोपहर के समय गर्मी अधीक होने की वजह से मैं अपने बीस्तर पर जैसे ही लेटा वैसे ही लाइट चली गई तो भाभी मेरे पास आ गई और मुझसे बात करने लगी लेकीन उनका ध्यान मेरे लंड पर ही था और बातों बातों में उन्होंने मुझसे पूछा की वीशु एक बात मुझे सच सच बताओगे की तुम आगे भवीष्य में क्या बनना चाहते हो? मैंने बताया की भाभी मैं एक डॉक्टर बनना चाहता हूँ लेकीन मेरी बायोलॉजी बहुत कमजोर है और आपने जूलॉजी में एम0 एस0 सी0 कीया है तो क्या आप मुझे बायोलॉजी पढ़ाओगी? तो भाभी ने कह दीया की हाँ हाँ क्यों नहीं लेकीन तुम्हे मुझे फीस देनी पड़ेगी तो मैंने कहा की भाभी मैं इस समय तो कुछ भी कमाता हूँ नहीं तो मैं आपको फीस कैसे दूँगा?

लेकीन मैं आपसे यह वादा जरूर करता हूँ की जब भी मैं कमाऊँगा उस दीन मैं आपकी फीस जरूर दूँगा ये मेरा वादा है आपसे बस कैसे भी करके आप मेरी बायोलॉजी मजबूत करवा दीजीये तो मैं आपका यह एहसान जींदगी भर नहीं भूलूँगा तब से भाभी ने मुझे बायोलॉजी पढ़ाना शुरू कर दीया | एक दीन भाभी जब मुझे बायोलॉजी पढ़ा रही थी तो एक चॅप्टर था रिप्रोडक्शन जो मेरी समझ में नहीं आ रहा था तो मैंने भाभी से कहा की भाभी मुझे यह चॅप्टर समझ नहीं आ रहा है तो पहले तो भाभी थोड़ी हीच कीचाइ | फीर थोडा संभल कर उन्होंने मुझे पढ़ाना शुरू कीया की रिप्रोडक्शन का हीन्दी में अर्थ होता है प्रजनन तो मैंने भाभी से पूछा की ये प्रजनन क्या होता है तो भाभी ने बताया की हर जीव में एक प्रक्रतीक एक गुण होता है की अपने परीवार को बढ़ाने हेतु जनन क्रीया करे ताकी वो अपने बच्चे पैदा करके अपने परीवार को बढ़ा सके |

मैंने बड़ी ही मासूमीयत से पूछा की भाभी यह सब कैसे होता है | तो उन्होंने मेरी तरफ आँखें तानते हुए बोली की अच्छा तो तू यह सीखना चाहता है? मैंने कहा की हाँ तो बोली ओ0 के0 सबसे पहले मुझे यह बता की तेरी कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं? मैंने मना कर दीया की नहीं भाभी मेरी अभी तक कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है तो भाभी ने मुझसे कहा की तेरे जैसी उम्र में तो अब तक गर्ल फ्रेंड बन जानी चाहीये| खैर अगर तुझे जनन क्रीया सीखनी है तो मैं जैसे जैसे कहूँ वैसे ही करेगा तो मैंने हाँ में सीर हीला दीया तभी लाइट आ गई तो भाभी बोली की चल यहाँ गर्मी बहुत है कूलर में बैठ कर समझाती हूँ तो मैं भाभी के साथ झट से कूलर वाले कमरे में चला गया चूँकी उस कमरे में गर्मी होने के कारण मैं सीर्फ अंडरवेअर और बनयान में ही था जबकी इस कमरे में कूलर की ठंडक के कारण यहाँ ठंडा था.

लेकीन भाभी द्वारा जनन क्रीया समझाने से पहले ही भाभी ने मेरा लंड अंडरवेअर के ऊपर से ही पकड़ लीया और उसे सहलाने लगी तो मैंने भाभी से कहा की भाभी ये आप क्या कर रही हो? तो भाभी बोली की मैं तुझे जनन क्रीया सीखा रही हूँ तो मैं शाँत हो गया और उनके मेरे लंड पर हाथ लगते ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और मेरा लंड अंडरवेअर से बाहर झाँकने लगा तभी भाभी ने नीचे से अपना हाथ मेरे अंडरवेअर में डाल दीया और मेरे लंड को बाहर खींच लीया और फीर से सहलाने लगी तब तक मेरा लंड एकदम से तन गया जीसे भाभी ने कहा की अरे बाप रे ये तो बहुत बड़ा और मोटा लंड है तेरा और मुझे दीखाते हुए बताया की इसे लंड, शीशन, लौड़ा आदी नामों से जानते हैं और जब ये योनी में घुसकर धक्के लगाता है तो इस में से एक सफ़ेद गाड़ा सा पदार्थ नीकल ता है जीसे वीर्य कहते हैं और योनी में जब गीरता है तो बच्चा पैदा होता है तो इस सारे घटना क्रम को जनन क्रीया कहते हैं तो मैंने पूछा की भाभी ये योनी क्या होती है और वीर्य कैसे नीकल ता है?

तो भाभी ने कहा की 2 मिनट रुक मैं तुझे अभी समझाती हूँ तो मैंने भी ओ0 के0 कहा तो भाभी ने सबसे पहले अपनी साड़ी उतारी फीर अपना ब्लाउज खोला उसके बाद भाभी ने पीछे की तरफ हाथ बढ़ाकर अपनी ब्रा के हुक खोल दीया जीससे उनके दोनों दूध उछलकर बाहर आ गए |

भाभी के दूध ऐसे तने हुए बड़े बड़े और गोल गोल थे जैसे वो कोई शादीशुदा न होके एक कुँवारी लड़की हो | भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर अपने दूध पर रख दीया और उसे दबाने के लीये बोला तो मैं उस दूध को धीरे धीरे दबाने लगा जीससे मुझे बहुत मजा आ रहा था तो भाभी ने कहा की वीशु दूध पीयेगा? मैंने झट से हाँ कह दी तो भाभी ने तुरंत ही अपने हाथ से मेरे सीर को पकड़ा और अपने एक दूध पर लगा दीया तो मैं एक छोटे बच्चे की तरह भाभी का एक दूध पीने लगा लेकीन उनके दूध में दूध नहीं था तो मैंने भाभी से कहा की भाभी आपकी छाती में दूध तो है ही नहीं तो वो बोली बुद्धुराम जब तक मैं माँ नहीं बनुँगी तब तक मेरी छाती में दूध कैसे आयेगा?

अगर तुझे मेरी छाती का दूध पीना है तो मुझे माँ बना | मैंने कहा की भाभी मैं आपको कैसे माँ बनाऊँ? मुझे नहीं आता | भाभी बोली की तेरे भैया में तो दम ही नहीं है क्योंकी उसका लंड तो खड़ा ही नहीं होता है जब उसका लंड खड़ा होकर मेरी चूत में घुसेगा नहीं तो मैं कैसे तेरे भैया के बच्चे की मैं कैसे माँ बन सकती हूँ? मैंने भाभी से पूछा की भाभी चूत कैसी होती है? भाभी एकदम जोर जोर से हँसने लगी की कमाल है तू चूत नहीं जानता मतलब तूने अभी तक चूत नहीं देखी? मैंने कहा नहीं तो भाभी ने तुरंत अपने दूध को मेरे मुँह से नीकाला और खड़ी हो गई और मुझे फीर से पूछने लगी की वाकई तूने अभी तक कोई भी चूत नहीं देखी?

मैंने कहा नहीं भाभी अभी तक नहीं देखी तो भाभी बोली रुक मैं तुझे अपनी चूत दीखाती हूँ ओ0 के0 कहकर उसने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दीया और अपना पेटीकोट उतार दीया तो दूध जैसी गोरी भाभी सीर्फ काले रंग की चड्डी में बहुत मस्त लग रही थी इधर भाभी ने मेरी बनयान और अंडरवेअर उतार कर मुझे भी एकदम नंगा कर दीया और भाभी ने भी अपनी काली चड्डी उतारकर एकदम नंगी हो गई |

मैंने देखा की भाभी की चूत एकदम छोटी और चीकनी थी उसने मेरे को बैठाया और मेरे सामने खड़ी होकर अपनी दो उंगलीयों से अपनी चूत को खोलकर कहा की ले देख ऐसी होती है चूत और चूत में दो छेद होते हैं लेकीन मुझे एक भी छेद नज़र नहीं आ रहे थे तो मैंने भाभी से कहा की भाभी इसमें तो कोई छेद नहीं है तो भाभी बोली की पगले जब इसमें अभी तक कोई लंड घुस ही नहीं तो छेद कहाँ दीखाई देगा फीर उसने एक एक करके दोनों छेद दीखाए जीसमे ऊपर वाला छेद मूतने के लीये बताया की इस वाले छेद से मूत नीकलता है और नीचे वाले छेद में लंड घुसेड़ा जाता है तब लंड के बीज से बच्चा बनता है जो इसी छेद से बाहर नीकलता है.

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तो मैंने भाभी से पूछा की भाभी आपकी चूत का छेद तो बहुत छोटा है इसमें मेरा इतना बड़ा और मोटा लंड कैसे घुसेगा? तो भाभी बोली की सब घुस जायेगा लेकीन मुझे दर्द बहुत होगा लेकीन जब तू अपना लंड मेरी चूत में डाले तो तू मुझ पर जरा सा भी रहम मत करना चाहे मैं दर्द से कीतनी भी चीखूँ चील्लाऊं मतलब तू अपना लंड मेरी चूत में डालते समय तू रुकेगा नहीं और जब तक तेरा पूरा लंड मेरी चूत में घुस नहीं जाये तब ही रुकना ओ0 के0 | मैंने भी हाँ में सीर हीला दीया | भाभी बोली की अब सीर ही हीलाता रहेगा या अब मुझे गरम भी करेगा? मैंने भाभी से कहा मुझे नहीं आता आप ही बताओ? भाभी ने अपना माथा पकड़ लीया और बोली की मैं कीस अनाड़ी के चक्कर में पड़ गई?

फीर भाभी बोली की मेरे पूरे बदन पर कीस कर और मेरे दूध को दबा दबा कर पी फीर मेरी चूत चाट तब मैं गरम हूँगी अब आया समझ में बुद्धुराम? इसलीये अब शुरू हो जा तो मैं फीर वैसे ही करने लगा जैसे जैसे मुझे भाभी बताती गई उसके बाद भाभी ने मुझे 69 पोजीशन भी समझाई की 69 की पोजीशन क्या होती है बगैरह बगैरह | फीर भाभी सीधी लेट गई और उसने अपनी दोनों टाँगे फैला ली और घुटने मुद लीये और उसने मुझे अपनी चूत में लंड डालने के लीये कहा तो मैं भी उसकी चूत के सामने आ गया और चूत को गौर से देखने लगा तो भाभी ने मुझे डाँटते हुए कहा की क्या देख रहा है मेरी चूत में अपना लंड डाल ना |

मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड रखा और जोर का धक्का पूरी ताकत से लगाया लेकीन मेरा लंड थोडा सा स्लीप कर गया ऐसा ही मैंने दुबारा करने की कोशीश की लेकीन फीर से वही पोजीशन तो इस बार मुझे भाभी ने कहा की एक काम कर मेरे दोनों दूध पकड़कर मेरे होंठ चूस और ला तेरा लंड मैं पकड़कर अपनी चूत के छेद पर लगाती हूँ तू बस जोर से धक्का मारना ओ0 के0 | जैसे ही भाभी ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत के छेद पर रखा तभी मैंने जोरदार धक्का पूरी ताकत के साथ लगा दीया जीससे मेरे लंड का सुपाड़ा भाभी की चूत में 3 इंच तक घुस गया इधर भाभी की जोरदार चीख नीकल गई आssssassssssssह मssssssssssर गईईईईईई रेssssassssssss|

भाभी के चील्लाने से मैं एकदम डर गया तो मैं एकदम रुक गया और मैंने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर नीकाल लीया और जैसे ही मैंने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर नीकाला तो मेरे लंड के साथ भाभी की चूत से खून भी नीकला | भाभी एकदम मेरे ऊपर भभगते कोयले की तरह बरस पड़ी और बोली की भोसड़ी के मैंने मना कीया था की तू अपना कीसी भी तरह का कोई भी रहम मत करना चाहे मैं कीतना भी चीखूँ या चील्लाऊं और तूने ऊपर से अपना लंड मेरी चूत से नीकाल भी लीया तो मैंने सीर्फ इतना ही कहकर सॉरी बोला की ओ0 के0 भाभी अब इस बार ध्यान रखूँगा और इस बार चूत पर अपना लंड सेट करके फीर से मैंने एक जोरदार धक्का लगा दीया जीससे मेरा लंड 4 इंच तक घुस गया तो भाभी को काफी दर्द हो रहा था इसलीये मेरे रुकने से पहले ही भाभी कराहते हुए बोली की अब यही रूककर धीरे धीरे अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर कर तो मैंने वैसा ही कीया.

इधर मैं लगातार भाभी के दूध चूस रहा था जीससे भाभी को दर्द में थोड़ी सी राहत मीली तभी मैंने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर नीकाले बीना पूरा बाहर खींच लीया और फीर दुगुनी ताकत से दूसरा जोरदार धक्का लगा दीया जीससे मेरा लंड भाभी की चूत में लगभग 7 इंच तक घुस गया जीससे भाभी की फीर से एक जोरदार चीख नीकल गई और भाभी की दर्द के कारण दोनों आँखें ही बाहर को आ गई थी लेकीन पीछली बार की डाँट की वजह से मैंने इस बार भाभी पर कोई भी रहम नहीं कीया और ताबड़तोड़ 2 जोरदार धक्के पूरी ताकत के साथ लगा दीये जीससे मेरा लंड भाभी की चूत में जड़ तक घुस गया लेकीन भाभी को अत्याधीक पीड़ा हो रही थी तो भाभी ने मुझे थोडा रुकने को कहा तो मैं थोड़ी देर के लीये रुक गया |

फीर भाभी ने मुझसे कहा की वीशु अब धीरे धीरे धक्का मार तो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा | कुछ देर बाद भाभी का दर्द मजा में बदलने लगा और वो नीचे से अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और मुझसे धक्कों की स्पीड बढ़ाने को कहा तो मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड को धीरे धीरे बढ़ाना शुरू कर दीया और कुछ देर बाद भाभी चील्लाते हुए बोली की और तेज और तेज तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैं भाभी को शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड से पेलने लगा और मैंने भाभी को जैसे जैसे भाभी ने बताया मैंने उस उस पोजीशन में अपना लंड भाभी की चूत से नीकाले बीना करीब 55 मिनट तक चोदा उसके बाद मैंने भाभी से पूछा की भाभी अपना लंड आपकी चूत से बाहर नीकालु या नहीं क्योंकी मुझे बहुत तेज सूँ सूँ आनेवाला है तो भाभी बोली नहीं लंड नहीं नीकालना और अंदर ही कर ले और धक्के मार तो मैंने कुछ देर और धक्के लगाये तभी मुझे कुछ ऐसा महसूस हुआ की मेरे लैंड से कुछ गाढ़ा गाढ़ा सा नीकल रहा है तो मैं रुक गया और धड़ाम से भाभी के ऊपर ही गीर गया.

तो भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लीया और मुझे बेतहासा चूमने लगी उसके बाद मैंने भैया के आने तक भाभी को 3 बार चोदा | फीर भाभी ने मुझे समझाया की कभी भी चुदाई के समय लड़की या औरत पर रहम नहीं करना चाहीये अगर तुमने उस पर रहम करते हुए अपना लंड उसकी चूत से नीकल लीया तो वो तुमसे कभी नहीं चुदवायेगी इसलीए चुदाई के दौरान कैसा भी कोई रहम नहीं होना चाहीये ओ0 के0 | हाँ जब तुम्हारा लंड लड़की या औरत की चूत या गाँड में पूरा घुस जाये तब थोडा रुकना चाहीये लेकीन लंड फीर भी बाहर मत नीकालना ओ0 के0 |

मैंने हाँ में अपना सीर हीलाया तो भाभी ने कहा की वीशु तूने मुझे आज असली औरत अब बनाया है तू बेशक अनाड़ी था लेकीन तेरे लंड में बहुत दम है और तूने मेरी सारी प्यास बुझा दी तो दोस्तों आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी? कृपया अपने वीचार मुझे मेल करें मेरी मेल आई0 डी0 है : [email protected] या आप मुझे फेसबुक पर भी मील सकते हैं मेरी फेसबुक आई0 डी0 है : [email protected]

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गैर मर्द से रिश्ता | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/gair-mard-se-rishta-2.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/gair-mard-se-rishta-2.html#respond Wed, 07 Mar 2018 03:38:12 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12151 गैर मर्द से रिश्ता, kamukta sex story, chodan sex story, raj sharma sex stories, antarvasna, sexy kahaniya, chudai ki khaniya, new hindi sex story, hindisexstories.autocamper-service.ru ki sexy kahaniya, porn stories, hindi porn story, rishto me sex

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हेल्लो दोस्तों

मेरा नाम नसीम खान हे मे एक सीधी सादी हाऊसवाइफ हु जो हमेशा घर के कामकाज या पति और बच्चो की देखभाल में ही लगी रेहती हे मेरी उम्र 33 साल हाइट 5.3फीट 60किलो वजन रंग गोरा काफी खुबसुरत हु मेरी शादी को 12साल हो गए हे पति का नाम शेहजाद खान हे उम्र 36साल वो एक फार्मा कंपनी मे सुपरवाइजर हे हम दिल्ली मे रेहते हे मेरे 2 बच्चे हे बडा बेटा 10 साल का हे नाम साहिल ओर छोटी बेटी जो 5साल की हे नाम समीना जीसे हम प्यार से गुड्डी बुलाते हे हमारा घर काफी बडा हे दो मंजिला ओर इतने बडे घर मे हम चार लोग ही रहते हे बचपन से ही मे एक रुढीचुस्त ओर स्ट्रीक्ट फेमिली मे पलीबडी होने की वजह से कभी कीसी लडके की तरफ नजर उठाके नही देखा ओर ना ही शादी से पेहले मेरा कोइ अफेयर रहा मे घर से बाहर हमेशा बुरखे मे ही निकलती हु ओर घर मे भी ज्यादातर रुमाली या फुल साईज डुपट्टे मेही रेहती हु मेरे पेहले हम बिस्तर मेरे शोहर शेहजाद ही थे हम एक दूसरे से बहोत प्यार भी करते हे ओर वो मुझपर भरोसा बी करते हे मेरे पति मुझे हर तरह की खुशी देते हे मुझे कभी किसी बात की कमी नही होने दी फिरभी मेरी जिंदगी ने कुछ ऐसा मोड लिया जो मेने कभी ख़्वाब मे भी नहीं सोचा था जीस्मे मेने अपने शौहर का भरोसा तोड दिया

बात आजसे 6 महीने पेहले की हे एक दीन रात को खाना खाते वक़्त शेहजाद ने मुझसे कहा के नसीम क्यों ना हम अपना उपर वाला कमरा किराये पर दे दे!!?

मे: कयुं किस लिए??

शेहजाद: अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही मेरी ओफिस मे एक नया लडका आया हे संजय शरमा जो अमरतसर से हे उस्की ट्रान्सफर दिल्ली मे हुइ हे ओर बेचारे के कोइ रिश्तेदार भी यहा नही हे तो वो मुजसे कोइ ठीकाना करने के लिए पुछ रहा था.आप यह हिंदी सेक्स स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मे: लेकिन मुझे ये ठीक नहीं लग रहा हे किसी गैर मज़हबी का हमारे साथ रेहना!! मेरा मतलब हे के वो सेट हो पाएगा??

शेहजाद: अरे कोइ नही वेसे भी पंजाबी लोगों की लाइफ स्टाइल बिलकुल हमारे जेसी ही होती हे वो नोनवेज मास मच्छी सब खाते हे!! तो बोलो क्या केहती हो बुलालु उसे कल??? मेने मन मार कर हा मे सर हीला दिया पर मन मे कुछ गभराहट सी मेहसुस हो रही थी दूसरे दिन सुबह शेहजाद ने मुझसे उपर के दोनो कमरे ठीक करने को कहा ओर ओफिस चले गए शाम को जब 8 बजे वो वापस आए तो उनके साथ एक लडका आया जो करीब 24 साल का था साथ मे कुछ कपडे ओर थोडा सामान था दिखने मे वो काफी हेन्डसम था मेने मुस्कुराहट के साथ उनका वेलकम किया

शेहजाद: नसीम ये संजय हे जो मेरे कलीग हे जीनके बारे मे मेने कल तुम्हे बताया था

संजय: (हाथ जोडकर)नमस्ते भाभीजी।। उस्की आखे मेरे पुरे बदन को घुर रही थी

मे: (मुस्कुराहट के साथ) आइये संजय भाइ !!

संजय: शेहजादभाइ आपका घर तो बहोत खुबसुरत हे।। ये बात कहते हुए उसकी नजरे मुझपर थी

शेहजाद: शुक्रीया संजय, आओ तुम्हे मे उपर के कमरे दीखाता हु।।

मे: आप लोग उपर जाइए मे चाय वगैरह लेकर आती हु।। वो दोनो उपर गए ओर मे कुछ देर मे चाय लेकफर पहुँची।।  उपर के फ्लोर पे 2 कमरे हे जीस्मे से 1 कमरे की बाल्कनी हमारे बराम्दे मे पढती हे जहा मे सुबह कपडे धोने शुखाने का काम करती हु मेने चाय दी ओर कहा

मे: ओर कहिये संजयभाइ कौनसा कमरा सीलेक्ट किया आपने??

संजय: भाभीजी ये बाल्कनी वाला कमरा ही ठीक रहेगा

शेहजाद: नसीम इन्हे बाल्कनी वाला कमरा पसंद हे

मे: ठीक हे तो बस आप अपना सामान यही पर सेट करलो ओर फटाफट नीचे आजाओ खाना तैयार हे

संजय: अरे नहि नहि खाना वगैरह मे अपने आप सेट कर लुंगा

शेहजाद: नही भाइ कोइ जरुरत नहीं हे बाहर का खाना खाने की

मे: अरे संजयभाइ फिक्र मत करो मे बहोत अच्छा खाना बनाती हु

संजय: अरे नहीं नहीं भाभीजी ऐसी कोइ बात नहीं हे

मेरे ओर शेहजाद के जोर देने पर वो राजी हो गया उधर नीचे होल से बच्चो की आवाज आइ जो टयुशन से आ चुके थे खाना खाते वक़्त शेहजाद ने बच्चो से संजय को मिलवाया कुछ ही देर मे संजय उनसे घुल मील गया रातको मे ओर शेहजाद बेडरुम मे बाते कर रहे थे

शेहजाद: नसीम तुम्हें कोइ तकलीफ तो नहीं होगी ना संजय के यहा रेहने से ?

मे: नही एसा कुछ नहीं हे वो तो बस एक गैर मज़हबी लडके को साथ रखना कुछ अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए आपसे कहा था पर अभी ठीक हे ।। अच्छा लडका हे सेट हो जाएगा.

शेहजाद:  हा सही केह रही हो,, ओर एक ही दिन मे बच्चों से भी कितना घुलमील गया हे.आप यह हिंदी सेक्स स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मे: हा बच्चे बहोत इंजोय कर रहे थे संजय के साथ

इसी तरह दीन बीतते गए ओर एक महीने मे तो संजय हमारी फेमिली मे काफी एक्जेसस्ट हो गया ज्यादातर रात के खानेपर हम सब साथ ही होते वो बच्चो के साथ हसीमजाक करता था जीस्मे कभी कभी मे भी शामील हो जाती जीस्से कइ बार मेरा हाथ संजय के हाथ से टच हो जाता या कइ बार वो जानबुझ कर मेरे हाथ से अपने हाथ को टच करता था इस बीच मेने नोटीस किया के संजय मुझे कुछ अजीब ही नजरो से देखता रेहता था खाशकर जब शेहजाद कुछ काम मे लगे हो या मेरी नजर उसपर ना हो तब फिर जब हमारी नजरे मिलती तो वो नजर हटा लेता था मुझे बड़ा अजीब लगता था पर मे हमेशा इग्नोर कर देती थी कभी कभी वो मेरे खाने की ओर मेरी खुबसुरती की तारीफ़ कर देता खासकर जब मे ब्लेक शुट पेहनती।।

मे: शेहजाद मेरा फोन नही दीख रहा???

शेहजाद: यही कही होगा रींग मार के देखलो ।। कही उपर संजय के कमरे मे ही तो नहीं छोड दीया???

मे:  हा   हा  शायद उपर ही रेह गया हे ।

शेहजाद: ठीक हे जाओ ले कर आओ।   मेने देखा रात 12 बज चुके थे मुझे इस वक्त संजय के कमरे मे अकेले जाना कुछ ठीक नहीं लगा तो मेने कहा सुबह ले आउंगी वेसे भी रात को किसका फोन आने वाला हे।। ओर हम सो गए सुबह 7 बजे रोज की तरह कपडे धोते वक्त मेने नोटिस किया के संजय बाल्कनी से मुझे देख रहा हे मेने फोरन पीछे मुड के देखा पर मे लेट हो गइ थी संजय वहा नही था तभी मुझे याद आया के मेरा फोन उपर हे सो मेने सोचा के जाके ले आती हु।। वेसे भी शेहजाद ओर बच्चे 8 बजे तक उठते हे उस वक्त मेरे कपडे पुरे भीगे हुए थे तो मेने अपना दुपट्टा ओढा ओर उपर गइ मेने देखा संजय के कमरे का डोर थोडा खुला हुआ था मेने नौक किया पर कुछ जवाब नहीं आया पर बाथरुम से पानी की आवाज़ आइ मे समझ गइ के वो बाथरुम मे हे मे अंदर चली गई सोचा अपना फोन लेके चली जाती हु मेने इधर उधर नजर घुमाइ तो फोन टेबल पर पडा दीखा साथ मे एक पेइन्टींग भी थी मेने जब वो देखी तो मेरे होश उड गए ओर शौक के मारे मेरी आंखें बडी हो गई।।। वो मेरी पेइन्टींग थी जीस्मे मे बीना दुपट्टे के सिर्फ़ ब्लेक शुट ओर सलवार मे थी बाल खुले हुए ओर मेरे पुरे शरीर को बखुबी पेइन्ट किया था बहोत ही खुबसुरत पेइन्टींग थी वो मे उसे देखने मे खोगइ थी के तभी पीछेसे संजय की आवाज़ आइ।।

संजय: केसी लगी भाभीजी पेइन्टींग??? मे चौक गई ओर पीछे मुडते हुए

मे: अच्छी हे पर क्यु ऐसी ? मेरा मतलब बीना दुपट्टे के,, अगर शेहजाद ने देखली तो उन्हे अच्छा नहीं लगेगा।।

संजय: ओर आप को???  मेने शर्म से नजरे झुका ली

संजय: कहीये ना भाभीजी आपको केसी लगी??

मे: (शर्मा ते हुए) बहोत अच्छी,,

संजय थोडा मेरे करीब आया ओर हमारी नजरे मिली,, मेने उस्से थोडा गुस्से से कहा

मे: ओह तो तुम ये पेइन्टींग बनाने के लिए रोज मुझे बाल्कनी से छुप छुप के देखते हो।।

संजय: हा,, भाभीजी आप हो ही इतनी खुबसुरत के मे आपको देखने के लिए मजबूर हो जाता हु ओर ना चाहते हुए भी मेने ये पेइन्टींग बना दी।। मुझे ना जाने आज क्या हो गया था कि मे संजय की बातो को सुनते जारही थी संजय की बातो मे इतनी कशीस थी के मे उसकी आंखों मे आंखें डालकर उसे ध्यान से सुन रही थी

संजय: भाभाजी आपसे एक बात कहु?? मेरी आँखें उसे हर सवाल का हा मे जवाब दे रही थी

संजय: मे आपको एकबार इस पेइन्टींग की तरह देखना चाहता हूं मे बहोत ही डर गई मेने फोरन मना कर दिया

संजय: (मेरे करीब आते हुए) प्लीज़ भाभीजी मे देखना चाहता हु के मेने ये पेइन्टींग ठीक बनाई हे के नही।। वो बडी सिद्दत से मेरे पूरे बदन को निहार रहा था मे उसकी बात ओर उसका मतलब दोनो बखुबी समझ रही थी मे उसे मना करना चाहती थी पर उससे पेहले ही संजय ने मेरे बिलकुल करीब आकर धीरे धीरे करके मुजसे लीपटे हुए मेरे दुपट्टे को खिच लिया मे आज पहली बार कीसी गैरमर्द के सामने इसतरह बीना दुपट्टे के खडी थी संजय का मन पिघल गया. और उसके मन में मेरे प्रति वासना का भाव जगाने लगा और वो मेरे करीब आने लगा मैं भी उसके करीब जाकर उससे लिपट गई..आगे की कहानी मैं अगले पार्ट में बतौंगी

 

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मम्मी ने चुत में चाचा का लौड़ा लिया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/mummy-ne-chut-me-chacha-ka-lauda-liya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/mummy-ne-chut-me-chacha-ka-lauda-liya.html#respond Thu, 01 Feb 2018 14:18:59 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11853 यह कहकर मम्मी बिस्तरसे उठकर खडी हो गयी, चाचाने बिस्तरसे अपनी टान्गे नीची कर दी और मम्मी को पिछेसे पकडा और उसके भरे चुतडोपर हलकेसे काट लिया, मम्मी बडी मादक अन्दाजसे चीखी और बाथरूम की ओर चल पडी, चाचा फिरसे सिगरेट पीने लगे.

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मम्मी ने चुत में चाचा का लौड़ा लिया ( Mummy Ne Chut Me Chacha Ka Lauda Liya )

हम एक छोटे से गाव मे रहते थे, घर मे मात्र ३ लोग थे, मेरे पापा, मेरी मम्मी कोमल और मै विकी, एक १९ साल का युवक. मेरी मम्मी की शादी १७ साल कि उमर मे हो गयी थी उस समय पापा कि उम्र १९ साल थी और एक साल के अन्दर मै पैदा हो गया था. मेरे चाचा यानि मेरे पिताजी के छोटे भाई- राजकुमार और मुझमे 9-10 साल का ही फ़र्क है | सब कुछ ठीक चल रहा था. मै उस समय 2nd इअर ग्रॅजुएशन मे था. चाचा को मास्टर कि जॉब लग गयी थी और उनका ट्रान्स्फ़र हमारे सिटी के पास के एक गाव मे हो गया था.

तभी पापा ने सिटी के बाहर एक प्लॉट ले लिया और उसपर छोटा सा घर बना दिया, अभी वो एरिया खाली था इसलिये आजूबाजूमे ज्यादा लोग रहने के लिये नही आये थे. पापा के ऑफिससे उन्हे 5 साल के लिये सऊदी के ऑफिस जाने का ऑफर आया तो पापा ने मान लिया क्योन्कि अच्छी तनख्वा मिल रही थी. अब घर पर मै और मम्मी ही रह गये थे.

चाचा हर हफ़्ते शनिवार को आते और सोमवार को सुबह चले जाते. उनके आने से मै और मम्मी दोनो खुश हो जाते थे और फ़िर बाहर घुमने जाते और मजे करते थे. जब से कॉलेज जाना शुरु किया तो चुत और लन्ड के खेल के बारे मे पूरी जानकारी मिली और देखा की लडके कैसे लडकियो कि चुदई के प्लॅन बना रहे होते थे. कोई बताता की उसने अपने पडोस की आन्टी को चोद तो कोई गर्लफ़्रेन्ड की चुदई की बात बताता . दोस्तो के साथ ब्लु फ़िल्म देखते थे और फ़िर मुठ मारते थे. मेरे लन्ड का साईज़ लगभग ७ इन्च हो चुका था और मोटा भी हो गया था. अब मै रोज लन्ड की तेल से मालिश करता और मुठ मारता था. मुझे अब असली लडकी या औरत की तलाश थी, लेकिन मेरी कोई गर्ल्फ्रेंड तो नही थी. औअर इसी बीच मेरी नजर पडी एक ऐसी औरत पर जो हमेशा मेरे सामने होती थी, जी हां, मेरी मा.

मम्मी को मैने कभी गलत नजर से नही देखा था लेकिन अभी दोस्तो से बात करके, उनकी बाते सुनकर और उनकी कहानिया सुनकर घर पर मेरे दिमाग मे यही सब कुछ चलता रहता था. इसी उधेडबुन मे मैने एक बार रात को मुठ मारी और फिर सोने की कोशिश करने लगा, लेकिन नीन्द नही आ रही रही थी, फिर उठके पानी पिनेके लिये किचन मे चल पडा. जाते जाते मम्मी की रूम मे झांका तो दंग रह गया.

मम्मी केवल नायटी पहनकर सोयी थी, खिडकीसे आ रही चांद की रोशनीमे मम्मी का दुधिया बदन साफ दिखाई दे रहा था. गरमी की वजह से मम्मी बिना चादर ओढे सोयी थी. नीन्दमे उसने एक पैर मोडकर लिया था जिससे उसकी जांघ खुली दिख रही थी. सीनेसे पल्लु गिर जाने की वजह से उसकी बडी चुचिया ब्लाउझके गलेसे आधी बाहर आयी थी. मेरा दिल जोरसे धडकने लगा, आगे जाकर उन गोरी चुचीको छूने का मन कर रहा था, लेकिन उसी वक्*त मम्मी ने करवट बदली. मै डर गया की कही मम्मी को पता न चले और मै झटसे कमरे के बाहर आया.

लेकिन उस दिन से मेरा मम्मी की तरफ देखने का नजरिया बिल्कुलही बदल गया. मै घर पर रहता तभी मम्मी को अलग रूप मे देखने की कोशिश करता था, कभी उसके पिछे चलकर उसके हिलते चुतडोंको देखता तो कभी किचनमे बैठकर उसको काम करते हुए उसके बदन को निहारता. मम्मी घर मे नायटी मे रहती थी और कई बार मुझे उसकी बडी बडी चुचिया नायटी से बाहर झाकती हुई दिखाई देती थी और मम्मी कि मटकती हुई गान्ड को भी मैने बहुत बार देखा था. मम्मी बेखबर होकर मेरे सामने अपनी चुतडोंको लचकाती काम करती रहती थी. पर मम्मी को चोदने या नंगा देखने का विचार जब भी मन मे आता, मै अपने आपस से ही शर्म महसूस करता था.

जबसे पिताजी सऊदी गये थे मैने एक चीज देख रहा था कि चाचा अब घर पे बहुत समय बिताते थे. माभी उनके साथे बहुत खुलकर बाते किया करती थी और उनकी हर चीज का हसके जबाब देती थी. चाचा अनजाने मे मम्मी की चुचिया और उसकी भरी हुई गान्ड को घूरते हुए मैने कई बार देखा.
एक बार मै बाहर अपने दोस्तोके साथ खेल रहा था, चाचा घरपरही थे, बीच मे मै पानी पिने के लिये घर आया और बगैर आवाज दिये सीधा किचन मे घुस गया, वहा पे मैने देखा कि मम्मी और चाचा एकदम एक दुसरे से सट के खडे थे, मम्मी हमेशा की तरह नायटी मे थी लेकिन एक फर्क था, आमतौर पे मम्मी नायटी के निचे स्लिप पहनती थी, आज उसने वह स्लिप नही पहनी थी जिसकी वजह से उसकी ब्रा और पॅंटी साफ दिखाई दे रही थी, और चाचा का एक हाथ उसके बडे बडे चुतडोंपर घूम रहा था. उस पतलीसी नायटी से मम्मी का नंगा शरीर बडा खूबसुरत और सेक्सी दिखाई दे रहा. था मेरे आने की आहट सुनके वो दोनो थोडा दूर हो गये, लेकिन मम्मी का चेहरा लाल हो चुका था |

चाचा भी थोडे सकपकाये थे, वो मेरे साथ किचन से बाहर आ गये. जैसे दिन बितते गये, ये बाते अक्सर होती थी, चाचा मम्मी के शरीरको छूना चाहते थे, आतेजाते उनकी बडी चुचियोंको कोहनीसे जानबूझकर मसलते थे, कभी मम्मी के बिलकुल पास खडे होकर अपना पॅंटका अगला हिस्सा मम्मी की गान्डपर भिडाके खडे रहते थे. कई बार मैने चाचा को मम्मी के सामने ऐसी स्थिती मे अपना पँट का अगला हिस्सा सही करते हुए देखा था. मम्मी भी अब चाचा के सामने और खुल गयी थी, वो उनके सामने कुछ ज्यादा ही झुक कर कुछ सामान रखती या उठाती थी और अगर मम्मी का मुह चाचा की तरफ़ होता तो उन्हे मम्मी कि अध-नन्गी चुचिया साफ दिखाई देती थी, मम्मी भी उनकी यह हरकत देखकर मुस्कुराकर उन्हे सहमती जताती थी. एक बार मै और चाचा TV देख रहे थे.

घर पे मै और चाचा लुंगी पहना करते थे. उसी समय मम्मी कमरे मे आयी और खिडकी खोल के खिडकीके सामने खडी हो गयी. हमने उसकी तरफ देखा और देखते रह गये. खिडकीसे आनेवाली रोशनीसे उसकी झिनी नायटीसे मम्मी का खूबसुरत जिस्म साफ दिखाई दे रहा था. मैने अनजानेमे चाचाकी तरफ देखा, वो बिना नजर हटाए वो नजारा देखे जा रहे थे, और देखते ही देखते उनके लुंगीमे एक तंबूजैसा हो गया, शायद उनका लन्ड टाईट हुआ होगा, मै जानबूझकर थोडासा खासा, तो चाचा एकदम होषमे आ गये और उठकर अंदर के कमरे मे चले गये.

इन सारी बातोसे मुझे पता चला था की दाल मे जरूर कुछ काला है. मैने एक प्लान बनाया. अगली बार जैसे ही चाचा आये मैने मम्मी को बोला कि आज रात मै अपने दोस्तो के साथ रात को ९ से १२ वाल मूवी देखने जा रह हु.

मम्मी और चाचा इस बात से बहुत खुष होते दिखाई दिये, वैसे मम्मी ने थोडी चिन्ता जताई लेकिन चाचा ने उन्हे समझाया कि लडका अब बडा हो गया है. उपरसे चाचा ने मुझे पैसे भी दिये और कहा कि खाना भी वही दोस्तोके साथ खा लेना. लगभग साडेआठ बजे मै घर से निकला, थोडी दूर जाकर चुपकेसे लौट आया, घर के पिछे की दिवार पर चढकर बरामदे के पिछे जाके चुपसे खडा हो गया. वहा पर मम्मी के बेडरूम की खिडकी थी जिसमे लोहे कि ग्रिल लगी हुइ थी पर गरमी के वजह से अंदर की काच का हिस्सा खुला रखा था. उसपर केवल एक पर्दा टंगा हुआ था. मैने धीरे से पर्दा हटाया और अन्दर देखा. कमरे के अन्दर चाचा नन्गे खडे थे उन्होने सिर्फ़ अंडरवेअर पहना थ, मम्मी दरवाजे से अंदर आयी और उन्हे इस हालत मे देखतेही हसने लगी, मम्मी ने सिर्फ नायटी पहनी थी.

“अरे, तुम तो तय्यार हो एकदम” मम्मी की मुहसे यह बात सुनकर मै हैरान हो गया, मम्मी हमेशा चाचा से ’आप’ कहके बात करती थी, लेकिन यहा पे तो वह उनके सामने एकदम खुलके और बडी बेशरमीसे पेश आ रही थी.

“और नही तो क्या कोमल जान, इतने दिनसे मुझे इस पल का इंतजार था, अब सब्र किस बात का” ऐसा कहके चाचाने मम्मी को अपनी बाहोमे दबोच लिया और उनके होटोपे अपने होट रख दिये, पहले मम्मी ने थोडी ना-नुकुर करने की कोशिश की, लेकिन कुछही समय मे वोभी उनका साथ बखुबी देने लगी, बडा अजीब सा नजारा था, मेरी अधेड उम्र मा, अपनेसे कुछ साल छोटे देवरसे लिपटचिपट कर चुम्मी दे रही थी और उनका साथ भी दे रही थी, उसके हाथ चाचाकी पीठ पर घूम रहे थे, चाचा ने भी मम्मी को कसके जकड रखा था, और वो मम्मी के चुतडोंको सहला रहे थे, कुछ देर ऐसेही चूमने के बाद चाचाने मम्मी को अलग किया और बोले

“डार्लिंग, अब और रहा नही जाता, जल्दीसे तुम्हारा ये खूबसुरत बदन मुझे देखने दो, जिसके लिये मै तरस रहा हू” चाचा भी मम्मी से खुलके बाते कर रहे थे, आमतौरपे वो मम्मी को ’भाभी’ और ’आप’ कहकर पुकारते थे, लेकिन यहा पे मामला कुछ औरही था.
मम्मी मुस्कुराकर अपनी नायटी उतारने लगी, जैसे ही नायटी उपर उठाई, मम्मी की सुन्दर चुचिया चाचा के सामने आ गयी, फिर उन्हे सब्र कहा, उन्होने तुरन्त मम्मी कि चुचियोको हाथो मे पकड लिया और उनकी ब्रा के उपरसे ही चूमने लगे. मम्मी हसते हुए बोली “थोडा रुको तो, पुरी नायटी तो उतारने दो”

चाचा बोले” नही जान, इतना सब्र नही है, कितनी खूबसूरत दिख रही हो तुम, जी करता है, इन्हे ऐसे चबाके खा जाऊ, कई बार तुम्हे घर मे देखता था और मन मे सोचता था की ये कब मेरे सामने नन्गी होगी, और आज ये चान्स मिला है, तो छोडने मन नही कर रहा है” ऐसा कहकर चाचा मम्मी की चुचिया मसलने लगे. और यह सच भी था, मम्मी काफी सुन्दर थी, गोरा रंग, बडी काली आखे, और गदराया बदन, भरे हुए कंधे, मदमस्त चुचिया, पेट जरासा फुला हुआ, उसपर एक प्यारीसी नाभी, खंबे जैसी सुडौल जांघे और उन जांघोके बीच की उनकी छुपी हुई बुर……..अभी मम्मी के बदन पे एक काली ब्रा और एक काली पॅंटी बची थी

उनके गोरे बदनपर ये काले कपडे गजब के सुन्दर लग रहे थे. चाचाका भी यही हाल था, उन्होने ब्रा के कप्ससे उपर आये हुए चुचीके हिस्से के बेतहाशा चूमना, चाटना शुरु किया, बीच मे वो चुचियोंपर काट लेते थे और मम्मी ’स्स्स्स……..हाय……….’ ऐसा कहती थी, उन सिसकारियोंकी आवाज सुनकर मेरा लन्ड फनफना रहा था. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

चाचाने मम्मी की चुचियो को मसलते हुए उनकी ब्रा का हुक निकालने की कोशिश मे लगे. मम्मी ने हसते हसते उनको दूर ढकेला.
“हटो भी, निकाल तो रही हू, जरा रुको, नही तो ब्रा फट जायेगी”. चाचा मुस्कुराकर बोले” जानू, तुम्हारी ब्रा पर गुस्सा तो आताही है ना मुझे, कैसे तुम्हारे चुचीको लिपट के बैठती है दिनभर, आज तो गुस्सा इसपर उतारूंगा”. यह सुनकर मम्मी भी हसने लगी, और एकही झटकेमे उन्होने अपनी ब्रा का हुक निकाल दिया. मैने पहली बार अपनी मम्मी की नन्गी चुचिया देखी. मुझे लगता था की बहुत बडी होगी पर इतनी बडी होगी यह नही सोचा था. मम्मी के दोनो स्तन बडे बडे खरबुजो जैसे लग रहे थे, उनपर भुरे रंग का एक बडा सा गोल सर्कल था जिसके उपर मम्मी के कम से कम १ इन्च के निपल तन कर खडे थे.

यह नजारा देखकर चाचा भी अति उत्तेजित हो गये, कुछ पल के लिये तो वो बस मम्मी की नन्गी चुचियोंको बस घूरते रह गये, फिर जैसे होश आया, वो मम्मी पर एक भेडियेकी तरह झपट पडे और मम्मी को बाहो मे फिरसे दबोचा, मम्मी की उन गुदाज चुचियोंको अपने हाथ मे पकडने की कोशिश की, लेकिन मम्मी की चुचिया इतनी मोटी थी कि चाचाके हाथ मे एक चुची पुरी तरह से नही समा पा रही थी. चाचाने खडे खडे ही एक चुची को मुह मे ले लिया और किसी बच्चे की तरह उसे चूसने लगे, उनका दुसरा हाथ मम्मी की दुसरी चुची को मसल रहा था, चाचाकी इस हरकत से मम्मी भी उत्तेजित हो रही थी, वो बडे प्यारसे चाचाके बालोको सहला रही थी और मादक सिसकारिया ले रही थी.

जैसे उसकी वासना बढती गयी वैसे मम्मी और बेशरम हो गयी और उन्होने भी हाथ अगे बढाकर चाचा के नन्गे बदन पर फ़िराना शुरु कर दिया, उसकी बेशरमी इस हद तक बढ गयी थी कि उसने धीरे धीरे नीचे हाथ फेरते हुए चाचा के लन्ड को अंडरवेअर के उपर से फ़िराया, चाचा उनकी तरफ ध्यान ना देते हुए मम्मी की चुचियोंको सहलाने और चूसने मे व्यस्त थे, मम्मी ने फिर बेझिझक चाचा के अंडरवेअर के अन्दर हाथ डाल दिया और उनके मोटे लन्ड को मसलना शुरु कर दिया. दोनो आमने सामने खडे थे और उनका ये एक दुसरे के बदन के साथ का खेल देखकर मै वासना की आग मे जल रहा था. चाचा इस खेल मे काफी माहिर लगते थे,

उन्होने मम्मी की बायी चुची पर जीभ फ़िराई और पूरे स्तन को चारो तरफ से खूब चाटा, जैसे ही वो निपल के पास आते मम्मी जोरजोरसे सिसकती, फिर चाचाने मम्मी की पूरी चुची मुह मे ले ली और चपर चपर की आवाज करके प्यारसे चूसने लगे, मम्मी ने चाचा के सिर को अपनी चुची पर पकड रखा था. इसी बीच चाचा ने अपना मुह हटा लिया, मम्मी नाराज हो गयी और चाचा से बिनती करने लगी, वासना की आग ने उसे इस तरह भडका दिया था की वो अपनेसे छोटे भाईसमान देवर के सामने मानो गिडगिडा रही थी,

“आआआआह्ह्ह्ह…………मत तडपाओ……….प्लीज……और चुसो ना…….” और ये कहके वो चाचाके सीने से लिपट गयी, चाचाने भी प्यारसे उसका एक गरमागरम चुम्मा लिया और बोले, “फिकर ना करो जान, तुम्हे छोड के कही नही जाऊंगा, लेकिन पहले बिस्तर पर तो चलते है और फिर देखना, कैसे कायदेसे तुम्हे चोदूंगा…..चल कोमल डार्लिंग, चल आज तेरे पती के बिस्तरपरही मै तुझे मेरी रानी बना दून्गा” यू कहकर उन्होने मम्मी को पासवाले बिस्तर पर ढकेल दिया. मम्मी भी तो तैय्यार थी, वो बिस्तर पर चढ कर पीठ के बल लेट गयी और अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियो को अपनेही हाथोसे पकड कर मानो चाचा को भेट दे रही हो. “अब जल्दी भी कर मेरे राजा, देख कैसी फडफडा रही है मेरी चुचिया, ले चूस इन्हे, चबा जा, आजा मेरे राजा, मेरे शेर, जल्दी आ मेरे पास”

चाचा बिस्तर पर चढ गये और हसते हुए बोले “भाभी जान, तू ऐसी सेक्सी बाते करती हो तो बहुत अच्छा लगता है, ऐसा लगता है कि तू मुझे और उकसा रही हो” अब उन्होने अपना मुह मम्मी की चुचियो पर टिका दिया और फिर दोनो हाथो से दबाते हुए जोर जोर से उन्हे चूसने लगे, जैसे की उससे दूध निकाल रहे हो. मम्मी अभी उत्तेजना की परम सीमा पर जा चुकी थी, वो भी बडबडाने लगी |

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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जवान भाभी का सुलगता जिस्म | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/jawan-bhabhi-ka-sulagata-jism.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/jawan-bhabhi-ka-sulagata-jism.html#respond Mon, 29 Jan 2018 09:03:27 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11812 दोस्तों यह कहानी देवर भाभी भाई बहन की चुदाई का जिसका शीर्षक जवान भाभी का सुलगता जिस्म है पर आपको वाकई पढ़ के मज़ा आएगा बस आप कहानी का मज़ा ले और शेयर करें |

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जवान भाभी का सुलगता जिस्म ( Jawan Bhabhi Ka Sulagata Jism )

हेल्लो दोस्तों कैसे है आप लोग आज मै एक मजेदार कहानी लेकर आया हूँ जिसका शीर्षक है जवान भाभी का सुलगता जिस्म आशा करता हूँ की आप सभी को बहुत पसंद आएगी ये कहानी वैसे आप सभी ने मस्ताराम की लगभग सभी कहानियों का मज़ा लिया होगा तो मैंने सोचा आज क्यों ना थोड़ा हट के कुछ लिखा जाए तो चलिए ज्यादा बात ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ | आज राहुल कनाडा से 5 साल बाद घर वापस आ रहा था. राहुल की बड़ी भाभी संजना और उसकी छोटी सिस्टर राइमा फूली नहीं समा रही थी. संजना और राइमा दोनों एयरपोर्ट उसे लाने गये थे. राहुल का भैया दूसरे शहर में एक प्राइवेट कंपनी में ऊँचे पोस्ट पर काम करता है और काम की व्यस्तता की वजह से वह अभी नहीं आ सका. राहुल की उम्र अभी २८ साल है.

पिछले 5 साल से वह कनाडा में पढाइ भी कर रहा है और साथ में जॉब भी कर रहा है. मा बाप बचपन में ही स्वर्गवासी चुके थे. पर संजना भाभी ने कभी मा की कमी महसूस नहीं होने दी. राहुल और राइमा दोनों भाई सिस्टरों को उसने अपने बच्चों की तरह पाला था.

राहुल जब कनाडा गया था तब वह भाभी की मा सी इज़्ज़त करता था. पर पश्चिम के खुले और रंगीन माहॉल ने इन पांच वर्षों में उसे पूरा लम्पट बना दिया था. अब उसके लिए औरतों और लडकियों का बदन सिर्फ़ चिपकाने के लिए और उससे खिलवाड करने के लिए थे, चाहे वह बदन किसी का भी क्यों ना हो. कनाडा के खुलेपन के कारण वह भी बहुत स्वच्च्छन्द हो गया था.

उसकी भाभी, हां उसका नाम संजना है. उसकी उमर ४१ साल है और अच्छे ख़ासे भरे शरीर की मलिका है. 40 साल की भाभी का मांसल बदन राहुल को बहुत रास आया. पर संजना में जो ख़ास बात थी वह थी उसके सुडोल और विशाल मटकते, थरथराते नितंब. संजना की जगह उसका नाम नितंबा-देवी ज़्यादा सटीक बैठता.

घर पहून्चते ही संजना ने राइमा को कहा के लगेज राहुल के कमरे मैं पहूंचा दो तो राइमाने कहा | भाभी आप ठहरिए मैं समान भैया के कमरे मैं सेट करवा कर आती हूँ.” ऑर संजना सिर हिला कर जाने लगी. इसी दोरान राइमा आरती की थाली ले कर आ गयी और संजना ने आगे बढ़ कर उससे थाली ली ऑर राहुल को खामोश नज़रों से बुलाया, उसकी आरती उतारने के लिए. पर राहुल भोंचक्का सा खड़ा रहा तो राइमा जो उसके साथ ही खडी थी, उसकी पसली में कूहनी से टोका दिया तो राहुल ने हड़बड़ाते हुए राइमा को देखा ऑर आंखाईं उचकाई तो राइमा ने मुस्कुराते हुए कहा,

आगे जाओ और आशीर्वाद लो भाभी से भैया. आरती उतारते हुए भी संजना के चहरे ऑर आँखों में गुस्सा हावी था. आरती जैसे ही ख़तम हुई तो एक बार फिर राइमा ने दूर से ही आँखो से इशारा किया के आशिरबाद लो भाभी का. तो वो नीचे झुक गया ऑर पाँव छूये.

एयरपोर्ट पर जो घटा था. इतना पुराना नहीं हुवा था के संजना भूल जाती कि राहुल के हाथों ने उसकी गान्ड की दरार को छुआ था सो वो थोड़ा केर्फुल थी, अब की बार पर आशिर्बाद तो देना ही था सो उसके सिर पर हाथ रखा और कांधो से पकड़ कर उसे खड़ा किया. आख़िर मा समान भाभी थी सो प्यार तो आना ही था सो आगे बढ़ कर उसके माथे पर चुम्मा देना चाहा, पर राहुल तो ऐसे मौके तलाश कर रहा था सो जैसे ही संजना आगे को हो कर उसके माथे का चुम्मा लेने आगे बढि, राहुल ने अपनी दोनो हथेलयाँ एक बार फिर संजना की चौड़ी गान्ड के कोने पर रख दी. दिल तो राहुल का अपने हाथ संजना के गान्ड की दरार पर पूरी तरह से घुसाने का कर रहा था पर वो जानता था के यह चीज़ महसूस कर ली जाएगी ऑर वो भाभी और सिस्टर को अलग अलग सिड्यूस करना चाहता था सो सिर्फ़ कर्व पर ही हाथ रखे.

राहुल के हाथ अपनी गान्ड पर महसूस करते ही उसे एक झटका सा लगा पर अब वो पीछे नहीं हट सकती थी. चूँके राहुल उससे कद मे लंबा-था सो उसे थोड़ा उचकना पड़ा ऑर राहुल को थोड़ा झुकना पऱ. इस प्रोसेस मैं राहुल ज़्यादा देर तक अपने दिल पर काबू ना कर सका ऑर साइड से अपने हाथ फिसलाते हुए संजना की गान्ड पर पूरी तरह रख दिए.

यह महसूस करते ही के राहुल के हाथ अब ज़्यादा खतरनाक होना शुरू हो गये हैं, संजना ने तेज़ी से उसके माथे पर अपने होन्ठ रखे ऑर पीछे हटी. पर राहुल इसी चीज़ का तो इंतज़ार कर रहा था. उसके माथे पर जैसे ही संजना के होन्ठ छूये वैसे ही राहुल ने अपनी फैली हुई हथैलयों को कस लिया और एक टाइट स्क्वीज़ देनी चाही, संजना के गान्ड की दरार पर. पर एक तो संजना की सिल्क की साऱी दूसरा संजना के चुत्तडो का बहुत भारी होना; जिसकी वजह से वो एक नाकाम सी कोशिश कर के रह गया ऑर इसी दोरान संजना एक झटके से पीछे हट चुकी थी.

राइमा जो कि हैरत के मारे मूँह फाडे खडी यह सब देखती रह गयी थी. राइमा उस वक़्त अपनी भाभी के बिल्कुल पीछे ही खडी थी. राहुल ने अपनी सिस्टर को तब देखा जब झटके के साथ संजना चुम्मा ले कर पीछे हुई. संजना के हटते ही राइमा का मूँह फाडे चेहरा सामने आ गया जो के हैरत से अपने भाई और अपनी भाभी को देखे जा रही थी.

राहुल राइमा का चेहरा देख कर मुस्कुरा दिया ऑर शरारत से आँख मार दी. राहुल का ध्यान पीछे की तरफ देख कर संजना ने सकपका कर रुख़ बदला और उसका दिल धक से रह सा गया अपनी छोटि ननद को देख कर. एक दम ढेर सारी शरम जैसे उसे आ गयी यह सोच कर के सब कुछ राइमा ने देख लिया है.

उससे अब दो कदम चलना भी मुश्किल हो रहा था, राइमा के सामने.

“चलो यार! कितनी ऑर रस्मै निभाई जाएँगी. यहाँ के लोग तो ताज़ा माल हैं पर यह काफ़ी थक चुका है भाई” उकताहट का प्रदर्शन करते हुए राहुल ने कहा पर उसकी नज़रे अपनी मस्त भाभी की चौड़ी गान्ड पर ही टिकी हुई थी ऑर वो एक बार फिर इस नरम जगह पर हाथ सॉफ करना चाहता था.

“चलो भाई चलो, हां हम लोग भी थक चुके हैं” राइमा नीचे नज़रे किए संजना के चलने का इंतज़ार कर रही थी. लेकिन यहाँ तो संजना से कदम ही नहीं उठाये जा रहे थे शरम के मारे. पर जब राइमा को वहीं खड़े पाया तो संजना ने खुद ही हिम्मत कर के आगे कदम बढ़ाए और तेज तेज क़दमों के साथ आगे बढ़ गयी और तेज़ी से अपने बेडरूम का डोर ओपन कर के अंदर दाखिल हो गयी.

एयरपोर्ट के हादसे ने उसे एक दम बोखला दिया था और अब वो सिर थामे सोचे जा रही थी कि एर पोर्ट से अब तक क्या हुवा, और राहुल के हाथों का वो लॅमहा याद कर के उसे गुस्सा भी आए जा रहा था और शरम भी, “वो कैसे यह सब उसके साथ कर सकता है. उसने मा जैसी भाभी की गान्ड मैं पूरा हाथ चढ़ा दिया और वो भी बिल्कुल राइमा के सामने ही,

संजना जैसे अपने आप से बरबराते हुए सवाल कर रही थी. सोचों का रेला उसके दिमाग़ मैं आए जा रहा था और वो सोच सोच कर परेशान हो रही थी कि उससे कहाँ ग़लती हुई, क्या राहुल को बाहर भेजना उसकी ग़लती थी. लेकिन अपनी ग़लती के अहसास से ज़्यादा उसे यह चीज़ फिकर मैं डाले जा रही थी कि अब राहुल को नियंत्रण कैसे किया जाए ऑर उसे इन सब चीज़ों से बाज़ कैसे रखा जाए.

यह फ़ैसला कर के वो थोड़ी बहुत आश्वस्त तो हो गयी थी. पर एक डर सा यह लगा था के तुरंत परिवर्तन तो वो फिर भी नहीं ला सकैगि. इस बीच राहुल को कैसे फेस किया जाए, “वो तो लिहाज़ भी नहीं करता, वो मंज़र याद कर के ही संजना का चेहरा शरम ऑर गुस्से से लाल हो गया. जब राहुल के हाथ उसके चुतडो पर मचल रहे थे.

इन्ही ख़यालात मैं मगन संजना नींद की वादियों मैं खो गयी. कुछ दिन यूँही गुजर गये. संजना के साथ कोई और ख़ास बात नहीं हुई. पर यह सोच के वह ज़रूर दुखी थी कि अब पहले वाला राहुल नहीं रहा. उसे बड़े छोटे का लिहाज ज़रा भी नहीं था.

फिर एक दिन भाभी कहीं काम से गयी हुई थी. घर में राइमा अकेली थी. वहीं राहुल भी था. राहुल की हवस भरी निगाहे राइमा की मस्त जवानी का जायका ले रही थी. राहुल जब कनाडा गया था तब राइमा केवल 14 साल की थी. छोटे छोटे नींबू उभर रहे थे. पर इन 4 पांच सालों में राइमा 18 साल की मस्त लौंडिया हो चुकी थी जो राहुल की नज़र में केवल चोदने लायक थी. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब वह कॉलेज में 1स्ट्रीट एअर में पढ़ रही थी. राहुल की नज़रों की गुस्ताखियों को महसूस कर के राइमा कुछ बोखला सी गयी ऑर वहाँ से भाग जाने के चक्कर मे थी. जिसे राहुल भी महसूस कर चुका था पर इतनी आसानी से वो यह मौका गँवा देने के लिए तैयार नहीं था.

“आई राइमा तुम तो इन पांच साल में पूरी जवान हो गई हो. ” कहते हुए राहुल राइमा के क़रीब आगेया ऑर जवाब मे राइमा सिर्फ़ मूँह चला कर रह गयी. उससे कुछ कहा ही नहीं गया और जब राहुल को अपनी तरफ आते देखा तो बोखलाते हुए बेतुके अंदाज़ मे कह दिया के,

भाई! चलें अब कुछ पढाइ सढाइ भी करें, यह कह कर मूडी ही थी कि राहुल ने उससे से ज़्यादा तेज़ी दिखाई.

“अरे ठहरो राइम.” राइमा यूँही अपनी पीठ किए साँस रोके खडी थी कि किसी तरह यह घड़ी टल जाए और भाभी जल्द घर वापस आजाए लेकिन ऐसा कुछ भी ना हुवा , राहुल की कामुक नज़रे अपनी सिस्टर के टाइट पॅंट मे से उभरे हुए उन गोल गोल चुतडो पर केंद्रित थी और वो धीरे धीरे कदम उठाता हुवा राइमा की तरफ बढ्ने लगा. बिल्कुल पास पहून्च कर अब वो ऊपर से नीचे तक सिस्टर की मस्त जवानी का जायेज़ा लेने लगा ऑर जब नज़रे एक बार फिर गान्ड पर पहून्ची तो वहीं ठहर गयी.

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राइमा अपनी आँखे किसी कबूतरी की तरह बंद की हुई थी. राहुल ने अपने बे-क़ाबू हाथ बढाये और उसके बाएँ नितंब पर रख कर खुद राइमा के कंधे से कंधा मिला कर खड़ा हो गया. राइमा ने राहुल का हाथ जैसे ही अपनी गान्ड पर महसूस किया तो बिदक कर आँखे खोल दी और कुछ कहना चाहा पर राहुल ने यहाँ भी पहल की.

“अरे प्यारी बहाना इतना घबरा क्यों रही हो!! हां?” यह कहते हुए राहुल ने हलके से नितंब को दबाया और राइमा कसमसाई सी बोल पऱी.

“भैया!! क्क्किया कर रहे हैं आप यह, आप ने एर पोर्ट पर भी कुछ इसी तरह. . , ” इससे आगे राइमा से कुछ कहा ना गया हया के मारे.

“क्या किया था भाई मैने ऐसा , हां?” यह कहते हुए राहुल ने अपने हाथों का दबाव कुछ और बढ़ाया जैसे कि डॉक्टर लोग ब्लड प्रेशर लेते समय पंप करते हैं.

“पल्लज़्ज़, भैया यह मत करो. मैं आपकी छोटी सिस्टर हूँ.” अपने एक हाथ से राहुल के हाथ को धकैलने की नाकाम कोशिश करते हुए बोली. अब वो रुआंसी सी होने लगी थी.

“ओके. ओके, छोड़ देता हूँ पर पहले यह बताओ के मस्त सिस्टर का कोई बॉय फ्रेंड भी है या नहीं” अपना हाथ उसके कूल्हो से उठाते हुए कहा. पर अब स्थिति कुछ इस तरह रुख़ ली के राइमा को धकैल कर उसे दीवार से टेक दिया और अपनी एक उंगली उसकी झाँकती हुई नाभी मे डाल कर होले होले घुमाने लगा. कूल्हों से हाथ हटाने के बाद राइमा को कुछ सकून सा हुवा था पर अब नाभी मे राहुल की उंगली उसके अंदर एक नयी सनसनाहट पैदा कर रही थी.

“नही. भैया, ” बिखरती साँसों के साथ कहा.

“अरे!! तुम्हारा अभी तक कोई बॉय फ्रेंड ही नहीं है. यहाँ के लोग कैसे हैं यार, तुम सिस्टर हो उसके बावजूद तुम्हारी जवानी देख कर लंड तन गया है, देखो यह” कहते हुए राहुल ने राइमा का हाथ जाबरदस्ती अपने लंड पर रख दिया.

“प्ल्ज़ भाई, मुझे जाने दीजिए, यह. . यह सब सही नहीं हो रहा. ” उखरती सांसो के साथ राइमा मूनमुनाई और अपना हाथ लंड से हटाने की कोशिश की पर राहुल ने हाथ हटाने नहीं दिया और मज़बूती से गिरफ़्त किए रहा.

“कभी किसी ने तुम्हारे इन सुलगते होन्टो का जाम पिया है राइम?” जो हाथ नाभी मे घूम रहा था वो अब वहाँ से होन्टो पर पहून्च गया और अंगूठा और एक अंगुल से निचले होन्ठ को होले से मसला.

“भैया. प्लज़्ज़्ज़, क्या कर रहे हैं आप. कैसी बातें कर रहे हैं, अब छोड़िए प्ल्ज़.बहुत हो गया. कहीं भाभी आ गई तो मेरे लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी. प्ल्ज़ भाई, अब छोड़ो ये सब करना.” रुआंसी होते हुए राइमा ने कहा.

“पहले उस बात का जवाब दो मेरी जानेमन फिर जाने दूँगा.” होन्टो से हाथ हटा कर वो हाथ बाएँ कंधे पर रखा और आहिस्ता से टी-शर्ट को नीचे खींच कर बाएँ कंधे को नंगा कर दिया.

“कौन सी बात.” कहते हुए अपनी टी-शर्ट को फिर अपनी जगह लाने की कोशिश की पर यह कोशिश महँगी पड़ गयी के राहुल ने फिर टी-शर्ट को ज़ोर से खींचा. जवाब मे जिससे सफेद रंग की ब्रा का कप एक पल के लिए झलका और गायब हो गया.

“वाह यार राइमा क्या चीज़ छुपा रखी है, तुम ने भाभी मा से एक चीज़ ज़बरदस्त ली है. तुम्हे पता है वह क्या है? भाभी के ये मम्मे, एक उंगली उसके उभारों पर रख कर पिंच करते हुए कहा, इस दोरान वो अपना हाथ राइमा के हाथ से उठ चुका था जिससे राइमा ने उसका लंड थाम रखा था ऑर राइमा अंजाने में अब भी उसे थामे खड़ी थी और हल्की हल्की स्क्वीज़ दे रही थी. . “पर तुम्हारी गान्ड भाभी की तरह फूली फूली नहीं है. ज़बरदस्त है तुम्हारी भी पर भाभी की तो क्या बात है. जब साली मटका के चलती है तो जी करता है की. .

” अब गुस्से के बजाए राइमा को शरम सी आगयी. उसे कहीं ना कहीं से यह सब अच्च्छा भी लग रहा था पर वो समझ नहीं पा रही थी. उन भावनाओं को, “भैया, प्लज़्ज़्ज़्ज़, अब कुछ ज़्यादा ही होने लगा है यह. आप जाने दें अब मुझे, शरमाते हुए राइमा ने बे-इख्तियार अपना सिर राहुल के सीने मे छुपा लिया. उसका हाथ अभी तक उसके लौडे पर था और बेखायाली मे हाथ की गिरफ़्त लंड पर सख़्त हो चुकी थी. ” बात का जवाब दो और फिर चली जाओ , ” कहते हुए राहुल ने राइमा के दूसरे कंधे को भी नंगा कर दिया, ”

कौन सी बात” शरमाते हुए राइमा ने सिर उठा कर राहुल को देखा, “वही के कभी इन सुलगते होन्टो का रस किसी ने पिया है? अब अपने दोनो हाथ राइमा की गान्ड पर रख दिए. एक हाथ से उभरे हुए चूतड़ को दबाने की कोशिश की और दूसरे हाथ को दरार मे फिराने लगा, और इस अचानक हुए हमले पर राइमा को झूरझुरी सी आगयी. “न्‍न्न्नाहिी, ” तेज होती सांसो के साथ शरमाते हुए कहा, “और कभी किसी के लौडे को पकडा है जैसे कि मेरा थामा हुवा है, ” शरारत से राहुल ने कहा, और जैसे ही राइमा को होश आगया और झटके से हाथ हट दिया. अब उससे नज़रे नहीं मिलाई जा रही थी, “भाई अब मैं जाऊं, आप की बात का जवाब दे दिया. ” राइमा ने नर्वस होते हुए कहा. “एक शर्त पर, ” “क्या?”

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“चूँके अभी तक तुम्हारे होन्टो को किसी ने चूसा नहीं है, और मैं वो पहला शख्स हूँ जिसने एयरपोर्ट पर इनका थोड़ा सा सीप लिया है और अब तुम्हारे इस बेसबरे भाई से रहा नहीं जाता, सो इन मद भरे जामों का रस पिलाओ और चली जाओ, ” “जी. कैसी बात कर रहे हैं भैया. कभी सिस्टर के होन्टो पर भी चूमता है कोई, ” बोखलाते हुए राइमा ने कहा, “क्यों, किस ने कहा है के सिर्फ़ गाल पर चुम्मा लिया जा सकता है, खैर चुम्मा दो अपने इन होन्टो का अन्यथा इसी तरह तुम्हे अपने हाथों मे लिए खड़ा रहूँगा, और इस दोरान समझ सकती हो के कुछ भी कर सकता हूँ, ” शरारत से कहते हुए एक टाइट स्क्वीज़ दी राइमा की गान्ड पर, “उउउहह. हल्की सी सिसकारी निकल गयी राइमा के होन्टो से, प्ल्ज़्ज़, भाई अब जाने दें, ” “पहले चुम्मा” अब की बार जो हाथ दरार मे घुसा हुवा था वो नीचे से काफ़ी अंदर गया और लगभाग चूत को रगड़ता हुवा वापिस दरार मे घुसा दिया,

“उहह, प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़. भाई” “चुम्मा लिए बगैर तो नहीं जाने दूँगा” कहते हुए राहुल झुका और उसके होन्टो को चूम लिया. “बोलो! दे रही हो चुम्मा, या यूँ ही हाथ फेरता रहूं अपनी सेक्सी सिस्टर के बदन पर, ”

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भाभी की चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/bhabhi-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/bhabhi-ki-chudai.html#respond Sat, 20 Jan 2018 15:52:36 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11733 भाभी झड़ने वालीं थी मैंने लंड को बाहर निकाला भाभी के सारे रस को पी गया भाभी बोली मुझे पेशाब लगा है बाथरूम जाना है मैंने कहां मेरी जान आज मुझे पिला दो सारा भाभी माना करने लगी

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हेलो दोस्तों कैसे यह मेरी पहली स्टोरी है भाभी की चुदाई की जो की लास्ट ईयर की है मैं लखनऊ में किराए पर रहता हूँ मेरी फैमिली गांव में रहती है और मैं जहां जिस मकान में किराए पर रहता हूं वहां एक भाभी रहती है भाभी जी एकदम बम है उनका फिगर 36 28 38 और रंग गोरा जो भी उन्हें देख ले बस उसे चोदना चाहे भैया आर्मी में है ओ य़हाँ के रहने वाले भी नहीं है इसलिए उन्हें यहां का ज्यादा कुछ पता नहीं था |

उन्हें कोई भी काम होता तो हम ही बोलते थे पड़ोसी होने के नाते एक दिन भैया ने कहा संडे कल अपनी भाभी को भूलभूलैया इमामबाडा चिड़ियाघर घुमा आओ लखनऊ में बहुत चर्चित स्थान है मुझे टाइम नहीं मिलता मैंने हां बोल दिया भाभी को ऑटो से ले गया |

उस दिन बारिश का मौसम था दिन में कई बार बारिश आई हम सबसे पहले चिड़ियाघर गये उसके बाद चौक के पास इमामबाडा जा ही रहा था तभी बारिश तेजी से होने लगी ऑटो में बैठने के वजह से हम दोनों थो़डा बहुत भीग चुके थे ऑटो हम लोगों को बड़े इमामबाड़ा उतार दिया फिर हम लोग छाये में कहीं जगह देखकर खड़े हो गये तब भी हम दोनों भीग चुके थे फिर क्य़ा भाभी बोली मुझे अब घर जाना है |

मेरी तबियत ठीक नहीं है घर पर भाभी को ज़ब देखा मेरी लौड़ा पैंट को फाड़ कर बाहर आ रहा था भाभी बाथरूम जा रहे थे और भाभी को मैंने देख रहा था भाभी ने नोट किया कि मुझे कोई देख रहा है उनके पीछे चलता गया फिर देखने लगा भाभी कपड़े उतार रही थी |

उनके गोरे बूब्स और गांड देखकर मैं पागल सा हो रहा था उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे उन्होंने सेव करके रखी थी वही अपने लंड को निकाल कर मुठ मारने लगा तभी भाभी ने अपने पैर अपने पैर चौड़े किए और अपनी चूत को मसलने लगी और चूत में उंगली डालने लगी यह देख कर मैं हैरान हो गया | आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

तभी मैंने सोचा कि आज भाभी को चोदकर ही मानूंगा भाभी ने अपनी प्यास उंगली से जब बुझा ली लेकिन मेरी तो और ज्यादा हालत खराब हो चुकी थी भाभी बाथरुम से बाहर आई और मुझसे कहा कि रोहित जाओ नहा लो तुम्हारे भी कपड़े भीगे हैं |

हम तुम्हें तुम्हारे भैया के कपड़े दे देती हो भाभी सफेद कलर का सूट पहना हुआ था मैं सोच रहा था कि की भाभी को कैसे चोदू और मैं बाथरुम में चला गया वहां पर मैंने मूठ मारने लगा और सारा वीर्य भाभी की पैंटी और ब्रा पर निकाल दिया मुझे तो भाभी की गांड दिख रहा था तभी मैंने भाभी से आवाज़ लगाई भाभी कपड़े देना |

फिर भाभी कपड़े लेकर आई मैंने दरवाजा खोल दिया जैसी भाभी ने अपने हाथ आगे कि मैंने उनका हाथ पकड़ कर बाथरुम में खींच लिया भाभी बोली रोहित यह तुम क्या कर रहे हो मैं कुछ नहीं पहना हुआ था |

मैंने कहा आप बहुत अच्छी लगती हो मैं आपको बहुत चाहता हूं तो भाभी ने कहा यह गलत है छोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हारे भैया और पापा को बोल दूंगी और कुछ ज्यादा ही नखरे कर रही थी तभी मैंने कहा अभी तो आप अपनी चूत में उंगली डाल रही थी वो सही था और अब ओ कुछ नहीं बोली और मैं उनके होठों को छूने की कोशिश की भाभी छुड़वाने की कोशिश बहुत की पर मैंने नहीं छोड़ा और उन्हें किस किस करता रहा है |

जब वह थोड़ी देर बाद शांत हो गई शांत हो गई और मेरी किस का रिप्लाई करने लगे तब बोली रोहित तेरी भाभी बहुत प्यासी है आज उसकी प्यास बुझा दे और भाभी ने मेरे होठों को किस्स करने लगा ऐसा लग रहा था |

आज मेरे होँठों को काट डालेंगी भाभी अब पूरी तरीके से गरम हो चूंकि थी भाभी बोली अपने लंड को मेरे मुंह में डालों दोस्तों ये मेरी पहली चुदाई थी मैंने कहां भाभी मुझे चुदाई करना नहीं आता भाभी बोली पागल मैं हूँ ना सिखा दूंगी मेरे राजा फिर क्य़ा लंड को भाभी के मुंह मे डाला पूरा स्वर्ग का सैर करा रही थी मैं भाभी का चूत चाट रहा था बहुत मँजा आ रहा था तभी कुछ सफेद सा निकल रहा था मैंने उसे चाट लिया जीभ को अंदर घुसा के एकदम नमकीन लग रहा था |

फिर कुछ देर बाद भाभी को भाभी के कमरे में ले गया और चुदाई के लिये हम दोनों तैयार हुए मेरे लंड की साइज 8 इंच है मेरा लंड देखकर भाभी बोली इतना बडा लंड मेरे पति का भी नहीं है | आप यह हिंदी सेक्स कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर क्य़ा मैं लेता भाभी मेरे ऊपर अपने चूत को मेरे लंड पर सटाकर रखा और धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी अब मैं पूरा गरम हो चुका था फिर क्य़ा भाभी को पलटकर बिस्तर पर लेटाया और चुदाई करना शुरू कर दिया भाभी चिल्ला रही थी ऊ ऊ ऊ ऊ आ आ आ मर गयी |

फिर देखा अब भाभी झड़ने वालीं थी मैंने लंड को बाहर निकाला भाभी के सारे रस को पी गया भाभी बोली मुझे पेशाब लगा है बाथरूम जाना है मैंने कहां मेरी जान आज मुझे पिला दो सारा भाभी माना करने लगी फिर अंत में मैं भाभी को बना लिया फिर बिस्तर पर भाभी को बिठाकर पेशाब पीने लगा कुछ देर बाद भाभी बोली अब बस करो ना बाबू भाभी की गांड भी मारनी थी |

लेकिन 10 बजने वाला था और भैया के आने का समय हो गया था भाभी बोली गांड कभी और मरा लूंगी आज बस करो भाभी का किस्स लिया और मैं अपने कमरे में चला गया आगे क्य़ा हुँआ |

दोस्तों मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताता हूँ मेरी ये चुदाई कहानी आप को कैसी लगी आप लोग हमें comment करके बता सकते है और मुझे मेरे gmail पर mail कर सकते है bye [email protected]

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मेरी देशी मम्मी और भाभी की चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/meri-deshi-mummy-aur-bhabhi-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/meri-deshi-mummy-aur-bhabhi-ki-chudai.html#respond Sun, 14 Jan 2018 05:56:48 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11661 दोस्तों यह कहानी मेरी भाभी और मम्मी की चुदाई पर आधारित है मैंने कैसे अपनी भाभी और मम्मी को चोदा यह सब बाते मै आप सभी को इस कहानी में बताऊंगा |

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मेरा नाम पुनीत है मेरी उम्र 19 साल है मेरे लंड बहुत मोटा है और बड़ा भी ये स्टोरी मेरे घर की है जो रियल स्टोरी है पढ़े और मजा ले। मेरे घर एक गाँव में है मेरे घर मै मेरी मम्मी सुरेखा जो 46 साल की है दिखने में आज भी माल लगती है उसकी चूचिया बहुत बड़ी है और देसी औरत होने के वजह से वो अभी भी जवान है। मेरे एक बड़ा भाई हैं जो 22 साल है रमेश उसका नाम है। गांव में जल्दी सादी होने के वजह से मम्मी ने भाई की शादी तय कर दी है। और मेरे पापा अब नही है।

मै पढ़ने के लिए शहर में ही रहता हूँ। लगबग 4 साल से गांव नही गया। लेकिन मम्मी ने बताया भाई की शादी है तो गाँव पहुँचा। जब मै गांव पंहुचा तो सादी को एक महीना था। भाई की शादी पड़ोस के गांव से ही हो रही थी।जब मै घर पहुँचा तो देखा घर पर काफी रिश्तेदार थे। मेरे चाचा और चाची भी आये थे जो हमसे बहुत दूर रहते है। और मेरी मौसी और मौसा भी थे। मेरे चाचा की बहू भी आईं थी। यानी मेरी भाभी गांव में सब रिश्तेदार सादी के कुछ दिन पहले से ही डेरा डाल लेते है।

मेरा चाचा सोहन जो 48 साल और चाची रमनी 46 साल  और मौसा जगन्नाथ  42 मौसी सरला 40 साल और मेरी भाभी मीनू 21 साल है। जब भाई की शादी सर्दी में थी। काफी ठंड पड़ रही थी। मेरे घर कच्चा है पर बहुत बड़ा है।  जब रात को सब बातें रहे थे। तभी मेरी मीनू भाभी मेरे पास और बोली पुनीत कैसे हो मैने कहा ठीक हूँ उस वक़्त मेरी नियत ठीक थी। भाभी ने कहा कभी अपनी भाभी से भी आके मिल लिया करो मैने कहा ठीक है अबकी बार जरूर आऊँगा।

फिर सब ने खाना खाया और अपनी अपनी कमरे में ग़ुस गये। मम्मी ने कहा तुम मीनू के साथ लेट जाओ। भाभी ने मम्मी से कहा पर ये मेरे साथ मम्मी अरे बच्चा है अभी लिटा लो। फिर भाभी ने एक बहुत डिली मैक्सी पहनी और बालों को खुला रक्खा और हम एक ही रजाई में ग़ुस गये। फिर भाभी से पूछा भाभी भईया क्यों नही आये वो बोली तेरे भईया सहेर में काम करते हैं दो महीने में एक दो बार ही आते है।

और रात को मै भाभी से लिपट कर सो गया। सुबह भाभी नहा रही थी तो मेरी नजर भाभी पर पड़ी उनकी चुचिया देख कर मेरा लड़ टनटना गया। और मेरी नियत खराब हो गयी। दिन में मैने देखा मेरे चाची और मम्मी कुछ बात कर रही थी। फिर चाची ने पता नही कैसे पर मम्मी की दोनों चूचियो अपने दोनों हाथो से दबा दिया मम्मी आह क्या कर रही है तू चाची देख रही हु गर्मी ख़त्म तो नही हो गयी।

मम्मी देखना है तो भेज दे अपने मर्द को मेरे पास चाची उसके में अब दम नही है। इतना कहकर मम्मी चली गयी। रात को भाभी मेरे पास लेटी और मुझसे पूछा पुनीत तुझे कैसी लड़की पसंद है मैने कहा मुझे आपकी जैसी पसंद है भाभी हँसने लगी और मेरे एक दम करीब आकर लेट गयी उनकी गर्मी से मेरे लड़ खड़ा हो गया और वो मेरे पेट पे हाथ  फेर रही थी।

उनका हाथ मेरे लड़ से लग गया वो बोली ये क्या है पुनीत दिखावो मैने कहा कुछ नही वो जबरदस्ती रजाई हटाने लगी। मेरी नेकर में टैंट बना हुवा था। वो समज गयी की क्या था। फिर रजाई डाली और बोली तुमने किसी के साथ किया है मैने कहा क्या वो बोली प्यार और क्या मैने नही कहा और वो बोली मेरे साथ करोगे तो मै बोला आप तो मेरी भाभी हो आपसे कैसे वो मेरी तरफ करवट लेते हुए बोली आज कल जो करते है देवर भाभी ही करते है। और बोली किसी से कहना मत मेरा समज गया भाभी गर्म हो चुकी है।

उन्होंने अपने हाथ मेरी चड्डी में डाला और मेरे लड़ को पकड़ लिया और बोली पुनीत तेरा तो तेरे भैया से भी बड़ा है और मेरे हाथ को अपनी मैक्सी के ऊपर से चुचियो पर रखा और बोली पुनीत अपनी भाभी की चुचियो को दबाव ना उनके गुलाबी होट को मेरे होट पर रख कर चुसने लगी और फिर वो इतनी गर्म थी की मेरे लड़ को मुह में लेके चुसने लगी।

मै आह….भाभी…..मै….. छूट…जाऊँगा और वो फच्च की तरह मेरा लड़ चूस रही थी। मैं स्स्स आह कर रहा था फिर मै छूट गया मेरा मॉल भाभी के होटो पर और मुह में चला गया और और भाभी ने मेरा एक हाथ अपनी बुर पर रख दिया और बोली आज से ये तेरी मेरे राजा जितना मन करे मुझे चोदने का चोद लेना और अपनी मैक्सी उतार कर नंगी हो गयी।

मुझे चिपका कर एक चूची मेरे मुँह में देदी और मै उनके निपल्स को चूसता रहा कुछ देर बाद मेरे लड़ फिर से खड़ा हो गया और भाभी बोली पुनीत अब इसे मेरी बुर मेडालो मै लड़ सेट नही कर पाया उन्होंने मुझे अपने ऊपर लिटा कर मेरे लड़ को अपनी चूत पर सेट किया और मैने तुरंत उसे पेल दिया भाभी चिलाने लगी।

आह..चिलाने लगी साले मेरी चूत फाड् दी इतनी तेज क्यों डाल दिया और फिर मै धक्के लगाने लगा। भाभी आह….सस्स धिरे करो मर जाऊँगी उमआआआ हासस्स धिरे चोद और फच्च की आवाजें आ रही थी तभी भाभी चिलाई मै गयी आह……आँखे बंद कर ली फिर मेरे लड़ पर भाभी का रस से मै भी झड़ गया और पूरा माल भाभी की बुर मेछोड़ दिया। यह हिंदी माँ और भाभी की चुदाई स्टोरी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

और बगल में गिर गया और सो गया। फिर सुबह उठा तो भाभी के पास गया तो वो मुझसे बात नही कर रही थीं मैने कहा क्या हुवा हो गुस्से में बोली तुमने मुझे कल जबरदस्ती चोद दिया मैने ने कहा पर आप ने ही तो सुरुवात की थी फिर उन्हीने कहा मैने कहा था आराम से करना मेरी बुर में दर्द होने लगा है। फिर मैने माफ़ी मांगी और वो मान गयी।

फिर दिन मै उन्होंने साडी पहनी थी और मैने उन्हें पीछे से उनकी चूचियों को पकड़ कर ब्लाउज के ऊपर से मसलने लगा वो बोली कोई आ जाय गया हटो। फिर उन्होंने कहा रात को तुमको कुछ दिखा दू गी। मैने कहा क्या वो बोली रात को बताऊँगी। फिर साम को उन्होंने मुझे बुलाया और मुझे घर के पीछे जहा कोई नही जाता वहा ले गयी। वहा दो कमरे थे जिसमें भूसा पईरा पड़ा था ।

दोनों कमरो के बीच एक किडकी थी। उन्होंने मुझसे कहा आज तुम मेरे रेप करो। मैने उनकी साड़ी उतार दी वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी मैने उनके ब्लाउज को फाड़ डाला और उनकी चुचियो को रगड़ने लगा हो भी गर्म हो कर मेरे किस करने लगी और बोली मोसम गर्म हो गया।

इतने में किसी की आवाज आयी और भाभी ने मुझे चुप रहने का इसहरा किया। और सामने वाली किड़की से मुझे बुलाया और कहा था ना तुंमको कुछ दिखाऊँगी। मैने देखा तो दग रह गया। मेरी मम्मी और चाचा जी थे। चाचा जी मम्मी के ब्लाउज के ऊपर से उनकी चुचियो को दबा रहे थे और बोल रहे थे भाभी तुंमको कब से चोद रहा हूँ याद है मम्मी बोली हा देवर जी आपने तो दो बार अपना बीज मेरी कोख में डाल और मुझे चोदा। अब चोदो जल्दी से फिर चाचा ने मम्मी को नगा किया और अपने लड़ को उनकी चूत में पेल कर धक्के लगाने लगे। भाभी ने कहा तुम्हारी मम्मी को मेरे ससुर चोद रहे है तुम मुझे चोदो। दोस्तों आप यह हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

मैने उनकी कमर से पेटीकोट का नारा खिंचा और उनकी उनकी दोनों टाँगों को फैलाया और अपना लड़ उनकी चूत पर रखा और एक धक्के में अंदर कर दिया । भाभी आह…धिरे करा कर और तेजी से धक्के लगाने लगा…भाभी….आह….उमआआआ…..और आह ….सस्स्सा की आवाज निकलने लगी मेरी मम्मी की भी आवाज आ रही थी। और फिर भाभी निच्चे से भी कमर हिलाने लगी कुछ देर बाद मेरा माल निकल गया। फिर मैंने उठकर देखा तो चाचा मैम्मी की गाड़ मर रहे थे मम्मी आह….सस्स……मर गयी आह चाचा कह रहे थे ले साली मुझे पता है तू अपने समधी से भी चुदवा ले लेगी और फिर चाचा ने अपना माल मम्मी की गाड़ में छोड़ दिया।

फिर मै मम्मी में अपने कपड़े पहने और दोनों वहा से चले गये। भाभी से मैने पूछा तुंमको कैसे पता चला वो बोली कल रात को मै उठ कर पिसाब करने गयी थी। तब मैने देखा सुरेखा नीचे लेटी थी और मेरे ससुर उनके ऊपर से चोद रहे थे। फिर वो बोली मेरी सास को भी जागनाथ से चुदवा दूँगी। मैने क्यों कहा तो वो बोली जिसमे मुझ पे कोई ऊँगली ना उठाय।

फिर अगले दिन भईया के सास ससुर आये और सादी में क्या और कैसे हो बातचीत सुरु हु वी। सास कल्पना 44 और ससुर मधुर 46 के है वो लोग जाने लगे तो मम्मी ने रोक लिया बोली समधी जी कल जाना अब। मै समझ गया कि मम्मी आज अपने समधी का लड़ लेंगी। साम को मम्मी में अपने समधी को खेत दिखने ले गईं।

और मै उनके पीछे गया मम्मी ने पिली साड़ी और सूटर पहना था जिसमे उनकी कमर और तोदी दिख रही थी। फिर उन्होंने कुछ बाते कर खेत दिखाए और वापिस आगई।मुझे लगा था की शायद कुछ होगा पर रात को भाभी से बताया तो वो बोली ठीक है करने दे। और रात मम्मी और समधी जी आग तापते हुए बात कर रहे थे। मम्मी सुंटर के सारे बटन खोल कर बैठी थे समधी जी उनकी चुचियो को देख रहे थे। फिर मम्मी उठ कर समधी जी को बिछे वाली कोटरी में लेगयी।

मै भी गया और देखा तो मम्मी अपने सूटर को उतार दिया। मधुर जी बोले अरे समधन जी क्या हुवा मम्मी ने कहा गर्मी लग रही है फिर मधुर ने कहा तो साड़ी भी उतार दीजिये। मम्मी ने अपनी साड़ी उतार दी मधुर की आँखे फटी रह गयी। और मम्मी बोली समधी जी और कुछ फिर मम्मी ने कहा अब सर्दी लग रही है फिर मधुर जी में उनके पास जाके उनके लाली को चुसने लगे और मम्मी ने उनकी पेंट को उतार दिया और उनका लड़ को मसलने लगी।

बोली लगता है आज आप अपनी समधन को ठंडा कर दो गे। मधुर बोले सुबह से तुमने अपनी चूचिया को दिखा कर मुझे गर्म कर दिया है और मधुर जी ने मम्मी ने ब्लाउज को उतार दिया ब्रा ना होने के वजह से उनकी बड़ी चुचिया को दबाने लगे। मम्मी बोली आह….धिरे धिरे दबाव ना राजा फिर ससुर जी ने उनके पेटीकोट में अपना हाथ डाल कर उनकी चूत को सहलाने लगे बोले अरे रानी तेरी चूत बहुत गर्म है मम्मी हाआआ… समधी जी डालो अपने लड़ को फिर मम्मी को लिटा कर उनकी दोनों टाँगों को ऊपर उठा दिया और उनकी चूत इतनी गीली थी की मधुर जी लंड अंदर ग़ुस गया मम्मी आह…..मधुर जी कितना गर्म लड़ है तुम्हारा फच्च फच्च की आवाजें आने लगी मम्मी आह….चोदो और तेज हाआआ ….उमआआआ ….सस्स चोदो.. अपनी रानी को हाआआ …..चोदो तेरी बेटी को मेरा बेटा चोदेगा तुम आह उमआआआ उसकी माँ चोद दो मधुर जी पुरे जोस् में तेजी से आह आह कर रहे थे फिर उनका माल मम्मी की चूत में भर गया मम्मी की चूत से उनका माल बाहर निकल रहा था।

फिर मेरा भी मन करने लगा मै जल्दी से गया और भाभी को ढूढ़ने लगा  फिर भाभी मिली और उनको पकड़ कर उनकी चुचिया दबाने लगा वो बोली पुनीत अभी नही सब है। फिर रात को मेरी मौसी आयी और बोली पुनीत तुम मेरी साथ लेटना मुझे लगा मेरी रात खराब होगयी।

लेकिन रात मौसी ने एक पिंक नाइटी पहनी थी उनकी चुचिया मस्त टाइट थी। उन्होंने मुझसे कहा क्यों आज कल भाभी के पास खूब लेटते हो मै कुछ नही बोला फिर उन्होंने अपने हाथ से मेरे लड़ को पकड़ लिया मै बोला मौसी क्या कर रही हो वो बोली कुछ नही बस जो तुम्हारी भाभी करती है वही कर रही हूँ। फिर उन्होंने कहा मुझे पता है तुम अपनी भाभी की रोज चुदाई करते हो।

आज मेरी भी कर दो उन्होंने अपनी नाइटी को उतार दिया और अपनी मोटी चुचियो को मेरे मुह में दे दिया मै चुसने लगा वो आह… आराम से पियो ना  मेरे दूधो को फिर कुछ देर बाद मै ने उनकी चूत में ऊगली कर दी वो चीख़ ऊटी बोली धिरे कर फिर उन्होंने मुझे कहा इसे चाटो मैने मना किया पर फिर उनकी दोनों टांगो के बीच उनकी चूत पर मुँह रख दिया और उनकी चूत को मै अपनी ओर चुसने लगा वो आह..क्या कर रहा है | यह हिंदी माँ और भाभी की चुदाई स्टोरी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

अपनी जवान से चाट फिर मै अपनी जीभ को उनकी योनी में डाल कर अंदर बहर करने लगा हो मदहोश हो गईं बोली आह…चुसो इतने दिनों से नही चुदी हूँ..उमआआआ मर गयी सिसस्स चूस आह ले आह गयी मै आह सिसस्स फिर उन्होंने कहा अब डाल अपना लड़ जल्दी से चोद दे मुझे आह फिर मैंने उनकी चूत पर तेजी से लड़ डाल दिया हो चिलाने लगी आह…कितना मोटा है तेरा और मै धक्के मारने लगा अपने दोनों हाथों से उनके निपल्स को दबाने लगा हो वो आह…करो चोद….दो…..और तेज……आह…..फिर वो झड़ गयी मै उनकी चूत मार रहा था। फिर वो बोली अंदर मत छोड़ना लेकिन मैंने अंदर ही बिज डाल दिया ।

वो बोली ये क्या किया मै गर्वती हो जाऊँगी। फिर मै ने उनसे पूछा की आप को कैसे पता मै भाभी को चोदता हु। वो बोली मुझे तेरी भाभी ने ही बताया था। फिर मैने कहा क्यों वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और दिखया तो मैं दग रह गया मेरे मौसा मेरी भाभी को चोद रहे थे और भाभी चीला रही थी। फिर मौसी ने बताया कि अब तेरे मौसा कल्पना जी को चोदने को कह रहे हैं मैने कहा मौसा को पता था तुम मुझसे चुदने आयी हो वो बोली हां।

मै ने कहा आप लोग कब से ये सब कर रहे हो बोली सबसे पहले मैने तुम्हारी मम्मी को अपने पति से चुदवा दिया फिर उन्होंने ना जाने कितने लड़ लिए मैने अपने देवर से खूब चुदवाती थी एक दिन मेरे पति ने देख लिया। तब से हम दोनों यही करते है। फिर भईया की शादी वाले दिन सबने खूब मस्ती की रात को सभी औरतो को सभी मर्दो ने खूब चोदा फिर मेरी भाभी आयी उनकी मस्त जवानी पर मै फ़िदा हो गया सब महमान चले गये। फिर कुछ दिन बाद भाभी ने भईया की लड़ाई हुवी और भाभी अपने घर चली गयी। मै और मम्मी भाभी को लाने गये।

जब हम भाभी के घर पहुचे फिर मम्मी ने भाभी से बात की भाभी नही मानी। फिर मैंने उनके कमरे में गया भाभी ने सालार कुरता पहना था उनकी चुचिया के निपल्स जलक रहे थे। मैने कहा भाभी क्या बात है वो कुछ नही बोली फिर जोर देने पर वो बोली तुम्हारे भईया मुझे प्यार नही कर पाते मै मैने कहा मतलब वो बोली गुससे में मतलब मुझे सन्तुष्ट नही कर पाते। मैने कहा पर आप घर चलो नही तो बदनामी होगी वो नही मान रही थी।

फिर मैंने कहा अगर मै आपको सन्तुष्ट कर दू तो वो बोली तुम कैसे करो गे। फिर मैंने उनको उनके बिस्तर पर लिटा दिया और उनके लिपस्टिक को चसने लगा हो गर्म हो गयी फिर मने कुर्ते के ऊपर से उनकी चूचियों को मसलने लगा वो आह..की आवाज होने लगी फिर उन्होंने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लड़ को पकड़ कर सहलाने लगी मैने उनके सालार का नारा खिंच कर डिला कर उतार दिया और उनके कुर्ते को भी उतार दिया उन्होंने एक काली पैंटी और सफ़ेद ब्रा पहनी थी।

मैने उनके पैंटी में अपना हाथ डाल कर उनकी चूत में उंगली करने लगा। वो आह…धिरे करो,सिसस्स डिरेसस्स कर रही थी। फिर मैने उनकी ब्रा खोल दी और उनके निपल्स को मसलने लगा उनकी आँखें बंद होने लगी फिर निपल्स को मुह में भर लिया और चुसने लगा क्या आनंद था फिर उनकी पैंटी उतार दी और उनकी चूत पर अपनी जीभ ले के चुसने लगा वो आह….प्लेसस्स धिरे करो सस्स उमआआआ आह चुसो उमआआआ सससससस आह फिर उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया फिर मैंने अपने लड़ को उनकी बुर पर रखा अंदर डालने लगा इतनी टाइट बुर थी की लड़ अंदर नही जा रहा फहिर मैने पाउडर का डिब्बा रखा था ।

मैने उनकी चूत पर डाला और अपने लड़ पर फिर टोपी की उनकी बुर पर टिका कर अंदर पेल दिया वो तेजी से चीला ऊटी औरत तड़फने लगी बोली बाहर निकाला मर जाऊँगी निकालो फिर मैंने धिरे धिरे धक्के लगाने सुरू किए उनकी चूचियों को दबाने लगा फिर उनको भी मजा आने लगा और वो आह… देवर जी करो आह सस्स तुम से ही चुदवागी आह उमआआआ आह चोदो तुम मेरे पति हो अपनी बीबी की लो आह फिर हम दोनों साथ झाड़ गये। फिर भाभी ने मुझे किस किया और फिर घेर जाने को तैयार हो गयी।

लेकिन मधुर जी ने हम लोग को रोक लिया और बोले समधन जी अब कल जाना। मै समझ गया मम्मी को चोदने के चक्कर में है। फिर रात को मेरी नजरें मम्मी के ऊपर थी। फिर रात को मधुर जी के।

एक दोस्त भी आये। उन दोनों ने शराब पी मम्मी सामने नाइटी पहने बैठी थी। ससुर जी और उनके दोस्त मम्मी की चुचियो को देख रहे थे। फिर कल्पना जी भी आई और मधुर जी के दोस्त के बगल में बैठ गयी।

उन्होंने भी सेक्सी नाइटी पहनी थी। फिर पंकज ससुर के दोस्त का नाम है। उन्होंने कल्पना जी की जागो पर हाथ रख दिया। और ससुर ने मम्मी की चुचियो पर हाथ रख दिया। मै समझ गया आज कुछ नया होगा। फिर पंकज कल्पना की चूचियों को दबाने लगे और कल्पना जी आह…आआआआ…..आराम से करो पंकज हां भाभी और फिर मधुर जी ने मम्मी की नाइटी खोल दी और ब्रा खोल दिया मम्मी की मस्त चूचियों को आजाद कर दिया।

मम्मी आह…उमआआआ सस्स कर रही थी फिर पंकज कल्पना जी की चूत में अपना लड़ डाल कर धक्के लगा रहा था। कल्पना जी उमआआआ…..स्स्स…..आह….धिरे करो अपनी चूत पर अपने हाथ चला रही थी। मम्मी की भी चूत में ससुर जी का लड़ जा चुका था वो भी आह….और तेज …चोदो …फाड़ ….दो मेरी चूत…. हां ….समधी जी…. हाय रे… हचक कर चोदो …..आह.. हाँ ..हां …हां हा …ऐसे ही चोदो… फिर ससुर जी हफ्ते हुए झड़ गये।

लेकिन कल्पना जी अभी भी चुदवा रही थी वो आह… चोद ….जल्दी चोद साले …आह… हाय मेरी चूत फट गई फिर पंकज ने उनकी भी चूत में माल गिरा दिया।

दोस्तों मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे बताये और कंमेंट करे।।।।

ध्न्यवाद।।।।

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देवरजी ने अपना मोटा लौड़ा मेरी चुत में घुसाया – ऑडियो सेक्स स्टोरी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/audio-sex-story/devarji-ne-apna-mota-lauda-meri-chut-me-ghusaya-audio-sex-story-mere-devar-ne-meri-chut-chodi-meri-sex-story-meri-awaj-me-sune.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/audio-sex-story/devarji-ne-apna-mota-lauda-meri-chut-me-ghusaya-audio-sex-story-mere-devar-ne-meri-chut-chodi-meri-sex-story-meri-awaj-me-sune.html#respond Sat, 13 Jan 2018 21:54:01 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11655 मेरी चुत का पानी निकल गया देवर्जी का लौड़ा मेरी चुत में अपना माल गिरा दिया मेरी चुत में जब गरमा गर्म लौड़े का पानी मिला तो मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया मेरी सेक्सी स्टोरी सुने मेरी सेक्सी आवाज में और शेयर करना ना भूले |

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हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप लोग आशा करती हूँ ठीक ही होंगे अगर आप मेरी कहानी पढ़ कर मुठ मारते है तो चलिए आज मै आप को अपनी सच्ची कहानी सुनाती हूँ यह कहानी मेरे देवर के साथ चुदाई की है | देवरजी ने अपना मोटा लौड़ा मेरी चुत में घुसाया – ऑडियो सेक्स स्टोरी है | मै अपने देवर के साथ ट्रेन में जा रही थी तब ये घटना घटी मेरे देवर राजा ने मेरी चुत को खूब चोदा और गांड भी मारी अब मुझे चुत से ज्यादा गांड में आता है | मेरे देवर का लौड़ा देख मेरा मन मचल उठा अब मुझे नहीं रहा जा रहा था क्या करती मै ट्रेन में और किससे चुदवाती कोई रास्ता नहीं दिखा तो थक हार कर अपने देवर के ऊपर जाल फेका और मेरा देवर फस गया मेरे जाल में और मेरी चुत का राजा बन गया |

अब उसने मेरी चुत में थूक लगा के अपने लौड़े का सुपाड़ा घुसा दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा और थोड़ी ही देर में राजधानी एक्सप्रेस की तरह धक्के पर धक्के मरना सुरु कर दिया और मेरी चुत ने छल से पानी का फव्वारा छोड़ दिया |

अब मुझे मज़ा आ रहा था एक बार झड़ तो गयी थी पर फिर भी मज़ा आ रहा था मेरी चुत में खुजली बढ़ चुकी थी अब मुझे और नहीं रहा जा रहा था सोच रही थी काश कोई और अपना लौड़ा मेरे देवर के साथ साथ मेरी चुत में फसा देता तो कितना मज़ा आता | मै पहले एक मस्ताराम डॉट नेट पर ग्रुप में चुदाई की कहानी पढ़ी थी उसमे एक भाभी ने अपने देवर के साथ पति का भी लौड़ा घुसवाया था वो कहानी याद आ गयी |

काश मेरे पति ही होते इस समय तो मुझे कितना मज़ा आता आप खुद ही मेरी कहानी मेरी सेक्सी आवाज में सुने अगर मेरी आवाज आपको पसंद आये तो निचे कमेंट करें और अपने दोस्तों से शेयर करना ना भूले ताकि मै अपनी अगली कहानी जो की मेरे देवर के एक दोस्त के साथ चुदाई की है

वो भी आप सभी को अपनी सेक्सी आवाज में सुनाउंगी आप एक लाइन सुनते ही झड़ जायंगे |

मस्ताराम डॉट नेट की ऑडियो सेक्स स्टोरीज सुनने के लिए सबसे अच्छा 

 

मेरी आवाज कैसी लगी आप सभी को मुझे निचे कमेंट बॉक्स में लिख कर बताना ना भूले और अगर आपको मुझसे बात करनी है तो मुझे मेल करें |

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जीजाजी ने भाभी को चोदा | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/jijaji-ne-bhabhi-ko-choda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/jijaji-ne-bhabhi-ko-choda.html#respond Sat, 06 Jan 2018 19:51:33 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11580 भाभी ke बुर se jab lund bahar aa raha tha to उनके chot ka pani जीजू ke lund par chamak Raha tha .idhar भाभी मेरी chuchiyo Ko nasal rahi thi.tabhi जीजू bole wo Jag gayegi. भाभी boli ye nhi Jagne wali.tabhi जीजू ने भाभी ke bacchedani me apna pani chod di

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Hi friends Mai नेहा hu. मेरी उम्र १७ saal hai. हमारे परिवार me 6 log hai .ek mai ek मेरे bade bhaiya भाभी unse badi मेरे दीदी aur मम्मी Papa hai .bhaiya मेरे Mumbai me job karte hai.papa g dukan par rahte hai मम्मी भाभी aur Mai ghar pe rahte hai,दीदी ki shaadi ho gai so Apne sasural rahti hai.मेरी भाभी ki umar 29 saal hai.

उनके do bachhe hai.ek 5 saal ka aur dusra 9 saal ka hai.jo मम्मी ke saath sota hai.kyuki Papa g dukan par sone jate hai , dukan ghar ke paas hi hai.aur Mai भाभी ke saath soti hu.भाभी mujhse har baat sair Karti hai aur Mai bhi.
Ye story मेरी भाभी ki chudai ki hai. मेरी aankhon ke same भाभी ने जीजाजी se chudwaya. ye kahani holi ke समय ki hai. मेरे जीजाजी ने holi ke 2 din pahle phone Kiya Maine phone received Kiya udhar se दीदी ki awaaz aai .Mai thori der baat ki aur मम्मी Ko phone de diya , मम्मी दीदी se bahut der baat ki .दीदी ke pregnancy ka time chal Raha tha jo najdik tha. Uske Baad मम्मी ने भाभी ko phone de diya . दीदी ने baat ki usne kaha ki जीजाजी baat karange lo kar lo , भाभी boli thik hai.

ye sab baate maine call recording me suni.भाभी ke paas smartphone hai jisme automatically record ho jati hai.जीजाजी bole aur भाभी g kya haal hai.भाभी boli thik hai AAP mujhe भाभी mat bulayea mai aapse chhoti hu.जीजाजी bole phir kya bulau Janeman.भाभी boli dhire दीदी sunegi to kayamat ho jayegi.are daro mat Mai bahar hu.भाभी boli yaha nhi aana hai holi khelne .जीजाजी bole bulaogi to aa jayenge.aapka pua khane .भाभी boli kaun sa pua ,जीजाजी bole Wahi jo paticoat me Rakhi ho,jo sale Sahab Ko khilati ho. भाभी boli Wo pua khane me aap nhi sakoge.जीजाजी bole wo kyu . भाभी boli aapke saale Sahab nhi sakte to aap kaise…thik hai aaiye khilaungi .जीजाजी ji bole thik hai.

Holi ke din जीजाजी ji dopahar ke samye aaye . मम्मी Papa se mile aur mare saath baate karne Lage .Mai unse bahut sarmati thi.so unse Kam bolti thi .khana Pina ho Gaya tha.जीजाजी ji bole नेहा भाभी kaha hai ,Mai boli kitchen me hogi.abhi dekhti hu aur Mai भाभी Ko bulane Chali gai .भाभी ने जीजाजी ji Ko khana khilaya.aur uske Baad holi khelne lagi .भाभी ने जीजाजी ji jo rang daal diya .जीजाजी ji ने bhi khana khane ke Baad mujhe rang Laga diya.mai bachne ke liye room me chhif gai .भाभी ने kitchen me plait rakhne gai tabhi जीजाजी ji ने भाभी Ko kitchen me hi daboch liye aur pichhe se sat Gaye भाभी ke blouse me haath dalkar उनके dono 38 size ke chuchiyo me rang lagane aur dabane Lage.

tabhi भाभी boli नेहा dekh legi.to जीजाजी ji bole aaram se lagwalo koi nhi dekhega.भाभी boli thik hai aur aaram se khadi ho gai.जीजाजी ji ने an dono hatho se भाभी ke chuchiyo Ko dabane Lage .भाभी ने bhi apni saree ki pallou Ko hata diya.जीजाजी ji ने laghbhag 10 minutes tak boobs ko masla,tabhi भाभी boli baki kaamm raat me.aur waha se aa gai.जीजाजी ji bhi bahar ghumne chale gaye. आप लोग yah kahani पर पढ़ रहे है |

Saam Ko laghbhag 7 baje aaye.उनके aane ke Baad sab ने ek saath me khana khaya aur Apne Apne room me sone chale gaye.मम्मी भाभी ke dono baccho Ko lekar sone Chali gai aur जीजाजी guest room me chale Gaye ,Mai भाभी ke saath me sone Chali aai.raat ke laghbhag 11 ya 11:30 baj Raha hoga भाभी ने जीजाजी ji Ko phone Kiya. जीजाजी ji bhi sayad भाभी ke phone ka wait kar rahe they, jaldi hi phone receive kar liye aur bole kitna wait karwa Rahi ho Jaan ,jaldi se aa jao.raat ka समय hone ke Karan mujhe sab saaf saaf sunai de raha tha.

भाभी boli nhi ji aap aa jaiye.जीजाजी ji bole नेहा tumhare saath me hai usee pata chala to.भाभी boli aap chinta mat karo Mai नेहा ki doodh me nind ki 4 goliya Mila di hai,wo ab subah hi uthegi.gate khula hai aa jao.जीजाजी ji bole ok.mai Sochi to ye baat hai .thik mai bhi than li khuch bhi ho jaye mai nhi utungi aur sab dekhungi.kyuki Mai roj doodh peti hu,par khana jyada ho gaya tha so doodh maine maa ko de diya.ab to maa subah hi uthegi.

Tabhi जीजू dhire se aaye aur under se gate lock kar diye aur भाभी se bole kitna tadpati ho मेरी Jaan,aur भाभी ke chuchiyo Ko sahlane lage.भाभी boli mai bhi to tadpad Rahi hu.जीजू bole Pinki pahle Mai tumhare badan ko badhiya se dekhna chahta hu.

Toh dekhiye na dekhane ke liye hi to bulaya hai. भाभी ने apni chuchiyo par se saree hata diya.जीजू ने blouse par se hi chuchiyo Ko dabane lage.भाभी ki chuchi south Indian wife ki tarah gol gol aur badi badi lag rahi thi.जीजू ने unki saree aur blouse Ko khole diya aur उनके dono boobs Ko sahlane lage.भाभी Aankhen mund kar siskiya uuhhhh aaahhhhhh iisßsssssss AA AAA aaa aaouch. Iisßsssssss le Rahi thi.

जीजू bole Pinki yaha par oil hai . भाभी boli oil to nhi hai lotion hai table par.जीजू lotion utha lai aur भाभी ke chuchiyo par dal kar massage karne Lage.

isi beach भाभी ने जीजू ka tawal khol diya aur उनके lund Ko chhute hi uth baithi aur boli ye kya hai.जीजू bole lund hai aur kya भाभी boli baap re itna Mota aur lumba.aisa to gadho ka hota hai.ye to मेरी choot Ko phad dalega.जीजू bole ghabrao nhi tum ise aaram se le logi भाभी boli wo kaise .are tum koi kuwari thode hi ho.

is बुर se do do bachhe Nikal chuki ho ,usse jayada thode hi hai.जीजू bole Tum apna dikhao.भाभी boli kya?बुर aur kya .भाभी boli aadha hi dalna .ok.जीजू ने भाभी ke chuchiyo Ko dekhkar pagal hone Lage. भाभी ने unhe जीजू ke muh me dene lagi .Maine bhi jab भाभी ke chuchiyo Ko dekha to sochi kash भाभी jaise मेरी bhi chuchi hota.जीजू ने भाभी ki paticoat Ko kamar tak utha diya भाभी ने niche khuch bhi nhi pehna tha . आप लोग yah kahani hindisexstories.autocamper-service.ru पर पढ़ रहे है | भाभी ने apni chut kal hi save Kiya tha,so pura clean tha.जीजू ने भाभी ke Lamar ke niche takiya Laga daya ,jisse unki phuli hui chut upar Ko ho gayi.जीजू bole ek baat pata hai.

भाभी boli kya जीजू?जीजू bole ladki kab chodne layak hoti hai, jab wo 25 se 35 ke beech ki ho jati hai . भाभी boli mai kaisi hu.tum to ras se bhari rasili maal ho .tumhe to मेरे pass hona chahiye .Bolte hue जीजू ने भाभी ke बुर ko chatne Lage,भाभी aaaahhhh Jor Jor se siskiya lekar iiiissssss uuuhhhhh aaahजीजू aur àaaa भाभी boli tumhare saale ने to kabhi aisa nhi kiya.जीजू bole saale sahab kya karte hai .unka to Chhota hai aate hai gusaate hai aur 10 minutes me khalass.lakin humse pyar bahut karte hai.

aaj Mai tumhe sara sukh dunga.kehte hue.भाभी ka haath Apne musal jaise lund ko pakra diya . भाभी ke ek haat me जीजू ka lund nhi aa raha tha to भाभी ने dono hatho se sahlane lagi .जीजू ने bhi भाभी ko itna josh jaga diya ki भाभी bin chudwaye jhar gai jiske Karan unki chut se ras bahar Ko tapkne laga.

tabhi जीजू ने भाभी ke बुर se girte pani Ko chat gaye.ye dekh kar mera bhi chot ने pani chod diya aur मेरी panty geli ho hai.iske Baad जीजू ने भाभी ke dono pairo ko alag Kiya aur unki phuli hui बुर ke phako Ko alag Kiya aur supada under thel diya.

Abhi 1inch ho Gaya ki भाभी chiuk uthi.जीजू Ruk Gaye aur dhire dhire under kar rahe they.tabhi जीजू ने ek jor ka jhatka mara.aaahhhhh jor ke awaz ke saath chellai aur ek haath se मेरी chuchiyo ko aur ek haath se takia Ko pakarne lagi. lund pura under jaa chuka tha thodi der rukne ke baad lund under bahar hone Laga .भाभी maun kar rahi thi aaaahhhh iiiissssss uuuuu hyggg.

भाभी ke बुर se jab lund bahar aa raha tha to उनके chot ka pani जीजू ke lund par chamak Raha tha .idhar भाभी मेरी chuchiyo Ko nasal rahi thi.tabhi जीजू bole wo Jag gayegi. भाभी boli ye nhi Jagne wali.tabhi जीजू ने भाभी ke bacchedani me apna pani chod di….

मेरी chudai kaise hui dusre story me

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भाभी की चुत का पानी निकाला | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/bhabhi-ki-chut-ka-paani-nikala.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/bhabhi-ki-chut-ka-paani-nikala.html#respond Wed, 03 Jan 2018 06:11:13 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11556 मैने उसे कुत्ते की तरह से चोदा। इस बार वो जल्दी झड़ गयी। मेरा लण्ड अभी भी मस्त तन्ना रहा था । मैं उसे अभी भी चोद रहा था मेरा पानी नही निकल रहा था। वो कह रही थी बस उदय अब बस करो मेरी टांग दुख रही ह |

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम उदय प्रताप सिंह है, मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मैं देखने में स्मार्ट हूँ मेरा वजन 60 किलो का है. उम्र 21 साल, लंड की लम्बाई साढ़े छह इंच और मोटाई तीन इंच है, मेरा लंड किसी भी औरत की बुर की खुजली मिटा सकता है।

मैं अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स कहानियों का रेगुलर रीडर हूँ. मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित लगभग सभी सेक्स स्टोरी पढ़ चुका हूँ. तो मैंने सोचा कि क्यों ना अपनी आपबीती बताई जाए।

जो करीब आज से 6 महीने पहले मेरे साथ एक सेक्सी घटना घटी थी सोचा कि क्यों न मैं अपनी इस सच्ची सेक्स कहानी को भी आप लोगों से शेयर कर लूँ |

मेरी भाभी जिनकी उमर 24 साल की है काफ़ी सेक्सी है। उनका नाम पूजा है, इतनी ख़ूबसूरत है की जो भी एक बार उन्हे देख ले बस दीवाना हो जाए। उनका फ़िगर परफ़ेक्ट है याने की 36-28-36।

कहानी शुरू होती है अब। मेरी भैया की नयी नयी शादी हुई थी। भाभी को जब मैने पहली बार देखा तब से ही मैं ये सोचने लगा थी की मैं उन्हे एक बार ज़रूर चोदूंगा और उनके नाम से मुठ मारा करता था।

शादी के कुछ दिनो के बाद ही भैया को ऑफ़िस के काम से एक महीने क लिए दिल्ली जाना पड़ा। तब भैया ने भाभी को कहा की तू क्यूं परेशान होती है तेरी सभी ज़रूरतों को तेरा ये देवर पूरा करेगा। काश वो समझे होते कि सभी ज़रूरतों को मैं पूरा कर दूँगा याने कि भैया ने सोचा नही था कि मैं उनकी बीवी को भी चोद दूंगा। बस वो दिन आया और भैया चले गये।

दिल्ली जाने के बाद 7-8 दिन बीत गये अब भाभी को बर्दाश्त नही हो रहा था। उनकी अदाये बताने लगी थी कि उनकी चूत को अब लण्ड चाहिये। मैं तो उन्हे चोदने का बहुत दिनो से प्लान बना ही रहा था।

एक दिन मैं अपने रूम में सोया हुआ था कि भाभी मुझे उठाने के लिए आई। मैं सिर्फ़ अपने अन्डरवीयर में था। जब भाभी मुझे उठाने के लिए आई तब उनकी नज़र मेरे तने हुए लण्ड पर पड़ी। मैं भी जानबूझ कर वैसा ही लण्ड को ताने हुये पड़ा रहा। ख़ैर भाभी ने देखा और शरमाकर चली गयी
अगले दिन भी यही हुआ अब मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था। अगले दिन जब भाभी मुझे उठाने के लिए आई तब मैने उन्हे मेरे पास खींच लिया और उनके लिप्स पर एक क़िस कर दिया। मैने अपना तना हुआ उनके बदन पर यहा वहां गड़ाना शुरू कर दिया। शुरू में तो भाभी ने ठोड़ा झूठ मूठ का विरोध किया लेकिन बाद मे उन्होने भी सहयोग किया। क्योंकि वह भी 10-12 दिनो से भूखी थी। फिर मैने धीरे धीरे उनके चेहरे पर से नीचे जाते हुए उनके गर्दन पर क़िस करना शुरू किया। भाभी और गरम होती गयी मैने धीरे धीरे उनके सख्त गोलाईयों को दबाया और फिर उनका ब्लाऊज उतार दिया।

फिर उनकी साड़ी खोल दी अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में रह गयी थी। मैं उनके लिप्स पर क़िस किए जा रहा था और उनके बूब्स को दबा रहा था। फिर मैने उनकी ब्रा भी खोल दी। अब उनके बड़े बड़े उभार मेरे सामने थे, मैं पागल हुए जा रहा था। उसने अपने होठ मेरे होठ पे रख दिए और चूसने लगी और मेरा कड़क लण्ड सहलाने लगी।

मुझे लगा मैं कोई सपना देख रहा हू। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मैं भी नंगा हो गया फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुह मे लेकेर चूसना शुरू किया इससे पहले किसी औरत ने मेरा लंड नही चूसा था। आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैने आह भरी आआआाहा भाभी माआज़ा आआराहा है। फिर वह मुझे चोदने के लिए कहा और मेरे नीचे आ गई। मैंने उसकी चूत पर लण्ड रख कर और धक्का मारा। भाभी की चूत बहुत ज्यादा चौड़ी थी, लण्ड एक बार मे पूरा चला गया उसने कहा आ-आ मज़ा आ गया ज़ोर से चोदो। मै अपना साढे छह इंच का लण्ड पूरा बाहर निकालता, फिर जोर से घुसेड़ देता।

वो भी नीचे से धक्के मार रही थी और कह रही थी उदय ज़ोर से चोदो आआाहा आाआह माज़ाअ आआ रहा है। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनो झड़ गये उसने मुझे कमर से पकड़ लिया ओर कहा मेरे ऊपर लेटे रहो।

फिर क़रीब 30 मिनट तक हम मस्ती करते रहे फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुह मे लिया और चूसने लगी मै उसकी चूत मे उंगली डाल कर मज़ा दे रहा था। मैं फिर से तैयार हो गया। अब की बार मैंने उसे पीछे से चोदा।

मैने उसे कुत्ते की तरह से चोदा। इस बार वो जल्दी झड़ गयी। मेरा लण्ड अभी भी मस्त तन्ना रहा था । मैं उसे अभी भी चोद रहा था मेरा पानी नही निकल रहा था। वो कह रही थी बस उदय अब बस करो मेरी टांग दुख रही ह॥ मैने कहा, थोड़ी देर बस। मैं धक्के मार रहा था वो चिल्ला रही थी मेरी टांग गई। मैं चोदता रहा, उसका पानी निकल गया था इस लिए फच फच की आवाज़ आ रही थी। मैं उसे चोद रहा था। वो कह रही थी बाआास बस्स्स्स आआआहा मैं मर जांऊगी फिर मेरा पानी उसकी चूत मे निकल गया। फिर हम दोनो लेट गये।

उसने कहा, तुमने तो आज अपनी भाभी की चूत का भुरता बना दिया। तुम्हारे भाई ने मुझे तो कभी ऐसा नही चोदा। फिर मैं उन्हें रोज़ चोदने लगा।
फिर कुछ दिन बाद भैया उन्हें अपने साथ ले गए।

आज भी जब कभी मैं दिल्ली जाता हूं तो भाभी को जरुर चोदता हूं।

यह मेरी पहली कहानी है। तों कोई त्रुटि हो तो माफ कर देना।

कैसी लगी मेरी सच्ची चुदाई की कहानी, आप मुझे जरूर बताना। [email protected]

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पार्टी में मिली भाभी को रगड़ रगड़ के चोदा | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/party-me-mili-bhabhi-ko-ragad-ragad-ke-choda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/devar-bhabhi/party-me-mili-bhabhi-ko-ragad-ragad-ke-choda.html#respond Sun, 31 Dec 2017 12:11:06 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11529 उसके बाद में जैसे ही उन्होंने अपना पानी छोड़ा उनके साथ में ही हमने भी अपना पानी उनकी चुत में ही छोड़ दिया और हम अपने आप शांति से दोनों लोग बाथरूम में जाकर अपने अपने गुप्तांग धोने लगे पानी और साबुन लगाकर मेरा मन फिर से उनको चोदने का हो गया |

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प्यारे दोस्तों आपको मेरा नमस्कार जो लड़कियां इस कहानी को पढ़ रही हैं वह अपनी उंगली चूत के ऊपर रख लें और जो लड़के पढ़ रहे हैं वह अपना लंड मुट्ठी में दबा लें मेरा नाम सनी अवस्थी है मैं शाहजहांपुर का रहने वाला हूं और लखनऊ में प्राइवेट कंपनी में काम करता हूं |

दोस्तों यह बात लगभग छः माह पुरानी है मैं अपने दोस्त की बहन की शादी में कानपुर गया था जहां पर मेरे दोस्त के सिवाय मेरा जानने वाला और कोई नहीं था तभी मेरी नजर पार्टी में चाऊमीन वाले काउंटर पर खड़ी एक सुंदर औरत पर पड़ी वह औरत चाऊमीन लेने के लिए वहां पर खड़ी थी तभी मेरे मन में विचार आया और मैं भी चाऊमीन वाले काउंटर पर उस औरत के पीछे खड़ा हो गया और उस चाऊमीन वाले ने चाऊमीन की प्लेट हमें पहले दे दी मेरा मन बहुत तेजी से आगे खडी भाभी पर बोलने का हो रहा था तभी मैंने अपनी चाऊमीन भाभी की ओर बढ़ाते हुए कहा कि भाभी जी आप यह चाऊमीन की प्लेट ले लीजिए मैं और दूसरी ले लेता हूं तो भाभी जी ने प्लेट लेते हुए धन्यवाद बोला |

उसके बाद में मैं भी चाऊमीन की प्लेट लेकर भाभी के पास वाली टेबल पर बैठ कर खाने लगा तभी भाभी ने मेरा नाम पूछा और मैंने भाभी का नाम उनका नाम रेशमा है मैंने उनका WhatsApp नंबर भी पूछ लिया और मैं उन्हें मैसेज करने लगा और वह भी मैसेज के जवाब देने लगी इस तरह से हमारी दोस्ती बढ़ गई फिर एक दिन की बात है की भाभी घर पर अकेली थी तो उन्होंने हम से कहा कि क्यों ना मैं कानपुर घूम जाऊ आकर लेकिन उस समय मैं अपने काम में बहुत व्यस्त था जिसकी वजह से मैंने भाभी जी से कहा कि भाभी जी माफ कीजिएगा मैं नहीं आ सकता अगर आपके पास समय हो तो आप लखनऊ आ जाइए तो वह आने के लिए राजी हो गई जब वह राजी हो गई |

तब मैंने सोचा कि लखनऊ में जहां पर में रहता हूं क्योंकि मैं कमरे में अकेला रहता हूं इसलिए वहां पर ज्यादा कोई व्यवस्था नहीं है मैंने अपने दोस्त से फोन कर के होटल में एक कमरा बुक करवा दिया जैसे ही भाभी जी शाम वाली ट्रेन से 7:30 बजे आई और मुझे फोन किया तो मैं उनको लेकर होटल में पहुंच गया फिर मैंने भाभी से पूछा कि क्या खाना है और उन को खाना खिलाया उसके बाद में मैं बातों-बातों में उनके मम्मे देख रहा था तभी भाभी ने पूछा ऐसे क्या देख रहे हो |

यहां किस लिए मुझको बुलाए हो जो कुछ करने के लिए बुलाए हो वह काम चालू करो तब मैंने अपने कपड़े उतारना चालू किए और केवल अंडरवियर और बनियान में आ गया उसके बाद में भाभी ने भी अपनी साड़ी उतार दी और हमसे अपने दूध दबबाने लगी हम को मजा आने लगा हम एक हाथ से उनका दूध दबा रहे थे |

आप दूसरे हाथ से उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहे थे तभी भाभी ने कहा कि ऐसे मजा नहीं आ रहा है कपड़े उतार कर करो तो मैंने भाभी जी की पैंटी उतार दी और ब्रा भी खोल दी भाभी जी मेरे सामने एकदम नंगी थी | आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उन की चूत पर एक भी बाल नहीं था तो मैं समझ गया कि वह एकदम चुदवाने की तैयारी में मेरे पास आई है फिर मैंने अपने लंड को उनके मुंह में चूसने को कहा तो वह पहले तो मना करने लगी फिर जब मैंने ज्यादा कहा तो उन्होंने मेरी बात मान ली और चूसने लगी हमको भी मजा आने लगा |

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उन्हें पीठ के बल बेड के ऊपर लिटा दिया और उनसे टांगे खोलने को कहा तब उन्होंने अपनी दोनों टांगे खोल दी और मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखकर एक जोर से धक्का लगाया एक ही धक्के में मेरा आधा लंड उनकी चुत में चला गया वह एकदम सिसकारियां लेने लगी अगले ही झटके में मेरा सात इंच का पूरा लंड उन की चुत के अंदर था अब मैं 5 मिनट तक धकाधक लगातार उनको चोदता रहा जैसे ही मैं उनको चोद रहा था वो अजीब अजीब सी आवाजें निकाल रही थी उनकी आवाजों से हम को और भी आनंद आ रहा था |

उसके बाद में जैसे ही उन्होंने अपना पानी छोड़ा उनके साथ में ही हमने भी अपना पानी उनकी चुत में ही छोड़ दिया और हम अपने आप शांति से दोनों लोग बाथरूम में जाकर अपने अपने गुप्तांग धोने लगे पानी और साबुन लगाकर मेरा मन फिर से उनको चोदने का हो गया |

फिर एक बार हमने बाथरूम में ही उनकी मस्त चुदाई कर दी उसके बाद में उन्होंने हमको धन्यवाद बोला और रात में 11:00 बजे की ट्रेन से वह अपने घर कानपुर वापस चली गई अब जब भी उनका मन चुदवाने का होता है तब वह हमारे पास आ जाती हैं या फिर हमको कानपुर बुला लेती हैं और मैं अब तक उनको कितनी बार चोद चुका हूं |

दोस्तों अब आप बताइएगा कि हमारी कहानी आपको कैसी लगी यह मेरी सच्ची कहानी है आपको मेरी कहानी जैसी भी लगी हो कृपया हमें अवश्य बताइएगा [email protected]

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