यह कहानी निम्न शृंखला का एक भाग है : |
हाय दोस्तों आज मेरी वाइफ की चुदाई वाला शौक का अंतिम भाग लिख रहा अब आगे पढ़िए | करीब १५ मिनट हो गया था दरवाज़ा खुला था बस एक परदे लगे थे मैंने सोचा एक बार देखु अंदर क्या चल रहा हैं परदे के साइड से मैंने देखा बुड्ढा पूरा नंगा था बिना कपड़ो का वो एक भयानक सा दिख रहा था एक भैसा जैसा वो बेड पर सीधा लेटा था और उषा उसके घुटनो के पास झुककर उसके लण्ड को चाट रही थी फिर बुड्ढा बोला साली मादरचोद रंडी ठीक से चाट लण्ड कुतिया रंडी हैं फिर भी तेरे को पता नहीं लण्ड को कैसे चाटना चाहिए चल लण्ड को ऊपर उठा और लण्ड के नीचे भी चाट फिर उषा चाटने लगी फिर बुड्ढा बोला रुक और वो उठा और अपने लण्ड में थूंक दिया और बोला चल लण्ड में मेरा थूंक है |
उसे चाट उषा फिरसे उसके थूंक के जगह चाटने लगी फिर कुछ देर बाद बुड्ढा बोला चल कुतिया बन जा तेरी पहले गांड फारूँगा फिर चुदाई होगी .. उषा झुक कर गांड बुड्ढे के सामने कर दी बुड्ढा उसके गांड में लण्ड को रगड़ने लगा और बोला तेरी गांड मस्त हैं मेरा एक दोस्त हैं उसे तेरा गांड बहुत पसंद आएगा वो दूसरे शहर में एक रंडी बाजार में दलाल हैं रंडियों का धंदा करता है वो तुझे देखेगा तो तुझे भी रंडी बाजार में धंदे में लगा देगा ,वहाँ तू जायदा कमाई करेगी और रोज नए नए लण्ड का मजा मिलेगा ,यहाँ में धंदा कहा चलेगा ,तुज जैसी रंडी की बाजार में बहुत डिमांड हैं और बाजार में बहुत दिन से नई रंडी भी नहीं आई है ,बोल चलेगी .जोर से गांड के अंदर लण्ड घुसाते हुए पूछा ??
उषा के मुहँ से चीख निकल गया और बोली लगता हैं धीरे डालो ना ,,फिर बुड्ढा अरे कुतिया लण्ड का मजा ले साली इसी में तो मजा आएगा ,बोल बाज़ारू रंडी बनेगी और वहाँ अच्छी कीमत में रोज बिकेगी बोल ? उषा नहीं मैं यही ठीक हूँ ,
बुड्ढा — साली यहाँ रहेगी तो साली दो कौड़ी की रंडी बन कर रह जायेगी ,और रंडी बाजार में धंदा करेगी तो खूब कमाएगी ,मेरा दोस्त तुझे अच्छी भाव में बेचेगा और वहाँ बस कोठे के सामने दरवाज़े में आधी नंगी खड़ी रहेगी लोग देख कर तुझे अच्छा रेट देगा ,बोल क्या बोलती है ?
उषा — बाद में सोचती हूँ ,पहले आप अपना लण्ड मेरे गांड से निकालो बहुत दर्द हो रहा हैं |
बुड्ढा – चल निकाल लेता हूँ! फिर उसने लण्ड उषा के गांड से निकाल लिया और बोला चल अब लण्ड को चाट कर गीला कर फिर चूत में डालता हूँ
बुड्ढा फिर लेट गया और उषा उसके लण्ड चाटने लगी जैसे अब उसे लण्ड चाटने में कोई दिक्कत नहीं था ,मेरा लण्ड शायद ही एक या दो बार चाटी होगी ,और बोलती थी मुझे घिन आती हैं तो मैंने भी फिर कभी उसे चाटने नहीं बोला था ,पर आज लगरहा है अब उषा को लोगो का गन्दा लण्ड चाटने में बहुत मजा आता है!!
लण्ड चाटते चाटते उषा के मुहँ में शायद बुड्ढे का पानी निकल गया था उषा के मुहँ में पूरा झाग बन गया था बुड्ढा बोला इसे थूक नहीं पूरा निगल जा लण्ड का रस है पी जा कुतिया ,,उषा पूरा पानी और झाग निगल गई
बुड्ढा बोला चल लेट जा और फिर बुड्ढा उषा के ऊपर चढ़ गया और उसकी चुच्ची को मसलते हुए चूत में लण्ड डालने लगा उषा उसके लण्ड को पकड़ कर अपने चूत में डालने लगी जैसे वो भी अब चुदवाने के लिए तड़प रही थी फिर अपने दोनों टांगो से बुड्ढे को जकड़ लिया और दोनों हांथो से उसके पीठ को पकड़ अपने तरफ खीचने लगी और बोली फार दो इस चूत को मुझे अब मत तड़पाओ मेरी चूत को अब ठंडा करों !!
बुड्ढा – करता हूँ रांड तेरी चूत को ठंडा ,पर बोल पहले बाज़ारू रंडी बनेगी ना और मेरे दोस्त के साथ मिलकर धंदा करेगी ?
उषा – हां सब करुँगी !! प्लीज़ पहले मुझे चोदो इस चुत की प्यास बुझाओ ?
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बुड्ढा — उषा की चुदाई करते हुए बोला बोल कुतिया ,साली दो कौड़ी की रांड है तू ,और एक साथ ४ लोगो से चुदबायेगी ,और रंडी बाजार में एकदम नंगी घूमेगी बोल रंडी !!
उषा –हां जो कहोगे सब करुँगी !
बुड्ढा — ऐसे नहीं जो जो मैं बोला वो सब खुद बोल मैं चुदाई करते करते सुनना चाहता हूँ ?
उषा – बुड्ढे को कस कर अपने तरफ खिंचती हुई बोली हां चार लोगो से एक साथ चुदबाउंगी ,और बाजार में धंदा करुँगी ,बिलकुल नंगी रहूंगी जिससे बोलोगे उसी से चुदबाउंगी ,जहाँ कहोगे नंगी जाउंगी
बुड्ढा –ठीक है दो दिन बाद तुझे रंडी बाजार मेरे दोस्त के पास ले जाऊंगा फिर वहाँ बाजार में तुझे नंगा करके तेरी भाव लागबाउंगा ,बोल बिकेगी ना ?
उषा — ठीक है बेच देना मुझे रंडी बाजार में जैसा बोलोगे करुँगी
फिर थोड़े देर धक्का मारता हुआ बुड्ढा और उषा दोनों झर गया उषा की आग अब शांत हो गया था कुछ देर बाद बुड्ढा उषा के ऊपर से उठा और बोला चल लण्ड फिर से चाट कर साफ़ कर ,उषा फिर लण्ड चाटी और उसके लण्ड में जितना पानी था अपने मुहँ में लेकर चाटने लगी बुड्ढा पूछा कैसा लगा | इस कहानी का शीर्षक मेरी और मेरी वाइफ का चुदाई वाला शौक है | उषा बोली सच में आपसे चुदवाकर बहुत मजा आया अब तो मैं आपकी लण्ड की दीवानी हो गई हूँ |
मुझे आप रोज चोदने आ सकते हों और कल आप अपने दोस्त के साथ मिलकर एक साथ चोदना मुझे बहुत इच्छा है एक साथ दो लोगो से चुदवाने का ~ मुझे अब चुदाई का पूरा मजा लेना है
बुड्डा– अरे दिलवाता हूँ तुझे मजा बस तू एकबार रांड बाजार में बैठ जा फिर मजा ही मजा मिलेगा
उषा –रंडी बाजार में क्या रंडी को रास्ते में खड़ा होना पड़ता हैं ?
बुड्डा — हां रास्ते में खड़ी होकर ग्राहक को आवाज़ लगाएगी और ऐसे कपडे पहनेगी जिससे तेरा आधा बदन दिखे ,तेरी आधी चुच्ची दिखनी चाहिए ताकि लोग तेरे तरफ खींचे चले आये ,फिर उससे अपना सौदा करेगी सौदा हो जाने के बाद अगर वो कही लेकर जाता है तो जाना होगा या फिर कोठे के अंदर तेरे को जो कमरा मिलेगा उधर ही चुदबायगी कभी कभी एक ही कमरे में दो दो रंडियां भी अलग अलग ग्राहक के साथ चुदबाती जगह कम हो तो और तू जो भी कमाई करेगी उसमे आधा मेरे दोस्त को देगी उसका हिस्सा और रोज़ तुझे कमसे कम चार ग्राहक से चुदबाने होंगे और कोई कोई ग्राहक पहले सब रंडियों को नंगा करके पहले देखता है जो पसंद होता है उससे सौदा करता है !!
उषा — ठीक है सोचती हूँ फिर कल आपको बताती हूँ
बुड्ढा– सोच नहीं अब तुझे जाना ही होगा ,मेरा दोस्त अभी बाहर है दो दिन में आएगा तब ले जाऊंगा ,
बुड्ढा कपडे पहन कर जाने लगा ,उषा अभी भी नंगी थी उसकी शर्म अब खत्म हो चुकी थी एक दिन में ही मेरी बीबी तीन लोगो से चुदबा चुकी थी ,उषा अब पूरी खुल चुकी थी अब उसकी लण्ड की भूख बढ़ती जा रही थी उसे अब रंडी बनने में कोई ऐतराज़ नहीं था शायद उषा पूजा को भी पीछे छोड़ देना चाहती है उषा को पता है मैं घर पर हूँ फिर भी वो बुड्ढे से चुदाई हो जाने के बाद भी नंगी रह कर उससे बड़े आराम से बातें किये जा रही थी उसे शायद अब मेरी सलाह की कोई जरुरत नहीं थी और उसे इस बात का भी फ़िक्र नहीं था की मैं घर पर ही हूँ !
उषा को शायद बाज़ारू रंडी बनने का शौक होने लगा था! उषा को पैसे का नहीं उसे अब रोज़ नए नए मर्द चाहिए था जो उसकी प्यास बुझा सके ! उसे इसका भी कोई फ़िक्र नहीं की कैसे कैसे लोग उसके जिस्म के साथ खेलेगा ,उसे बस रोज़ नया लण्ड चाहिए उसके लिए अब उषा किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं , अब उषा को रोक पाना मुश्किल हैं क्यों की उसे इस नरक में धकेलने वाला उसका पति यानि मैं था ,मैंने ही अपनी थोड़ी सी मस्ती और मजे के लिए उसे एक बाज़ारू औरत बनाया अब मैं कुछ भी नहीं कर सकता ,फिर भी कोशिश जरूर करूँगा पर उम्मीद कम है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
बुड्ढा जा चूका था मैं बुड्ढे के निकलने से पहले छत पर चला गया था पता नहीं क्यों मुझे अब उसके सामने जाने हिम्मत नहीं हुआ मैंने देखा छत के अँधेरे से उसे जाते हुए ,,छत में मैं रुका रहा ये सोच उषा से कैसे बातें करूँ ? जबकि शर्म उसे आनी चाहिए था पर लज्जित मैं था ,निचे उषा नहा कर नाइटी पहन ली थी और मुझे ढूंढ रही थी ,जब उषा दो चार आवाज़ दी तो मैने धीरे से बोला हां आया मैं छत में सो गया था उषा बोली आओ बेड में सो जाओ बहुत रात हो गया है मैं बिना कुछ पूछे बोले जाकर सोने की कोशिश करने लगा |
सुबह उषा चाय लेकर आई मेरे सामने बैठती हुई पूछी क्या आप मुझसे नाराज़ हो ? क्यों की मैं कल रात से ही देख रही हूँ आप मुझसे दूर दूर रहना चाह रहे हो और मुझसे नज़र भी नहीं मिला रहे हो ,बोलो ना ?
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मैं — नहीं ऐशा कुछ नहीं हैं बस कुछ बात है जो तुमसे कहना चाहता हूँ क्या पूछ सकता हूँ ?
उषा — मैं जानती हूँ आप क्या पूछना चाहते हो ,और आप मेरे पति हो आपको जा कहना है कह सकते हो
मैं — क्या हम दोनों जिस रास्ते पे चल रहे हैं क्या वो सही हैं हालांकि मुझे कोई ऐतराज़ नहीं हैं पर मैं तुमसे जानना चाहता हूँ तुम खुश हो या नहीं ?
उषा– मैं आपसे क्या बोलू , मैं ये सब पसंद नहीं करती थी ,पर आपने मुझे बोला था कुछ मजा करके देखो बहुत मजा आएगा ? ऊपर से पूजा भी मुझे किसी तरह फाश लिया और मुझसे ये सब करवाया और आज हालात ऐसी हैं हम लोग मना भी नहीं कर सकते ,पर एक रास्ता हैं अगर किसी तरह हम लोग यहाँ से चले जाये तो सब ठीक हो जायेगा वरना सब मुझे बाज़ारू औरत बना के ही छोड़ेगा ?और रात वाला बुद्धा तो मुझे रंडी बाजार में ले जाने की बात कर रहा हैं अब जो करना हैं आपको ही करना हैं ?
मैं — कुछ देर चुप रहा फिर बोला उषा देखो मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ और करता रहूँगा ,अगर तुम खुश हो तो कुछ दिन ये सब चलते रहने दो और फिर हम यहाँ से चले जायेंगे फिर जयपुर जाकर हम ये सब भुला देंगे ,पर अगर तुम नहीं चाहती हो तो हम कल का कल यहाँ से चले जायेंगे ,मैं तुम्हारी मर्जी जानना चाहता हूँ ?
उषा — काफी देर बाद — लेकिन यहाँ तक तो ठीक हैं पर वो बुद्धा मुझे रंडी बाजार ले जाना चाहता हैं वो मुझसे वहां धंदा करवाना चाहता हैं उसे क्या बोलूं
मैं- – उसे मना कर देना बोलना मैं नहीं जाना चाहती हूँ मैं एहि ठीक हूँ !!
उषा — और उसे जो पूजा के घर पर बुड्ढा था वो भी तो मुझे रंडी बाजार में बेचना चाहता हैं मुझे ये लोग सब रंडी बाजार में ही भेजना चाहता हैं सब एहि कहता हैं की रंडी बाजार में बहुत दिनों से कोई नई रंडी नहीं आई हैं इसलिए मुझे नयी रंडी बनाना चाहते हैं ?
मैं — तुम क्या चाहती हों अगर कुछ दिन उसका भी मजा लेना हैं तो बोलो ?
उषा — मैं सोच रही थी यहाँ रहूंगी तो भी ये लोग मुझसे यही सब करवाएगा ,और पूजा भी बोली पहले वो भी वही धंदा करती थी उसका पति खुद उसे वह लेकर गया था फिर पूजा कुछ दिन वहा रहकर इधर आ गई और काफी कमाई भी की ! अगर आप कहोगे तो ही मैं आगे सोचूंगी ?
मैं — मेरे तरफ से तुम्हे किसी बात की ना नहीं है कुछ दिन रंडी बाजार में बैठ कर देखो पर कुछ दिन ही करना वरना वहा से निकलना मुश्किल हो जायेगा ?
उषा — ठीक हैं पर मैं पूजा के यहाँ जो बुड्ढा था उसके साथ नहीं जाउंगी ,मैं ये रात वाला बुड्ढे के साथ जाना चाहती हूँ क्योंकि ये बोला हैं कुछ दिन के लिए ही रहना होगा और जब मन करे घर आ जाना इस कहानी का शीर्षक मेरी और मेरी वाइफ का चुदाई वाला शौक है |
मैं — कब जाना हैं
उषा — बुड्ढा अभी १२ बजे आएगा तभी वो बताएगा कब जाना हैं ?
मैं — मतलब वो साला अभी फिर तुमको चोदेगा हैं ना ?
उषा — अब ये सब तो चलता ही रहेगा ,फिर दोपहर में पूजा का आदमी भी आएगा आज ये सब छोड़ने वाला नहीं हैं और इस धंदे में किसी को ना नहीं किया जा सकता हैं और अब मुझे भी कोई फर्क नहीं पड़ता हैं !!
मैं — उषा पर एक बात याद रखना तुम्हारे साथ जो भी जैसा भी करे मुझे सब खुल कर बताओगी ना मुझे देखना हैं लोग मेरी बीबी को किस तरह से इस्तेमाल करता हैं तुम बताओगी तो मुझे भी मजा आएगा ?
उषा –पर कुछ लोग बहुत गंदे गंदे हरकत करते हैं वो सब मैं नहीं बता सकती छी वो सब किसीको बताया थोड़े जाता हैं मुझे शर्म आएगी ?
मैं — इसलिए तो बोल रहा हूँ मुझे जानना हैं ,लोग रंडी को इसी तरह इस्तेमाल करते हैं और करना भी चाहिए इसलिए लोग रंडी के पास जाते हैं जो अपने बीबी के साथ ये सब गन्दा खेल नहीं खेल पाता हैं वो सब रंडी और वेस्या से गंदे गंदे मजे लेते हैं ,देखो तुम मेरी बीबी हो मैंने तुम्हे शुरू शुरू जब लण्ड चाटने बोला था तो तुम एकबार चाटने के बाद मना कर दी थी फिर मैंने कभी तुमसे नहीं बोला चाटने को ,पर अभी तुम गंदे से गंदे और बदबूदार लण्ड भी चाट रही हो ना क्यों की उन सब के नज़र में तुम एक रंडी हो तुमसे जो कहा जायेगा वही करना पड़ेगा ,कई लोग तो तुमसे अपने पिसाब भी पिलायेगा ,और तुम्हे पीना ही पड़ेगा ये सब करने में लोगो को बहुत मजा मिलता हैं और मैं तो यही कहूंगा जिसमे लोगो को मजा आये तुम वही करना तो तुम्हे भी मजा मिलेगा !!
उषा — छी छी मैं पिसाब नहीं पिऊँगी ये क्या तरीका हैं अगले को अपनी जिस्म दे रही हूँ ना सेक्स का मजा लेना चाहिए ना की गन्दी खेल खेलो ?
मैं — अरे ये सब अलग ही मजे हैं और तुम चाहे जितना मना करो जिसे करना है वो करेगा ही
उषा — देखा जायेगा ! पर क्या बोलू उस बुड्ढे को अभी आएगा तो ,जाना हैं या नहीं ?
मैं — हां ठीक हैं उसे बोल देना शिर्फ़ कुछ दिन के लिए ?
उषा – हां मैं वो बोल दूंगी
फिर मैं अपने ऑफिस के लिए निकल गया …………………………
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