| hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Sat, 30 Mar 2019 09:24:49 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2018/10/MSI-FEVICON-3-150x150.png | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 बहन के देवर से चुदवाकर निहाल हुई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ke-devar-se-chudwakar-nihal-hui.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ke-devar-se-chudwakar-nihal-hui.html#respond Sat, 30 Mar 2019 09:24:47 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14538 उसने मेरी होठो को अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने लगा तो मेरे जिस्म के एक अजीब सा झटका लगा और मैं भी उसकी होठो को चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने के साथ मेरे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा |

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम कल्पना है और मेरी उम्र 20 साल है | मैं आज एक कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रही हूँ | ये कहानी 1 साल पहले की है | मैं जो आज कहानी पेश करने जा रही हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची कहानी है और मेरी पहली चुदाई | दोस्तों मैं सेक्स के बारे में इस चुदाई के बाद जान पाई हूँ और मैं इससे पहले बहुत ही भोली लड़की थी | मेरी उम्र तो तब 18 साल हो गयी थी पर मैं 10 साल की भोली लड़की थी | मुझे सेक्स चुदाई के बारे में कुछ भी नही पता था और मुझे तो ये भी नही पता था की कोई लंड नाम की भी चीज होती है जो बहुत मज़ा देता हैं | पर मेरी दीदी के देवर ने मुझे ये सब सिखा दिया और अब मुझे अपनी चूत में लंड लेने में बहुत मज़ा आता है | मैं अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय देना चाहूंगी |

मैं रहने वाली आसाम से हूँ | मैं बचपन से ही बहुत सुन्दर लड़की थी और जब मेरी उम्र बढती गयी तो उम्र के साथ मेरा जिस्म भी भरता गया | जब मेरी उम्र 18 साल हुई थी मैं उस टाइम बहुत ज्यादा सुन्दर लगने लगी थी और मेरा फिगर बहुत सेक्सी हो गया था | उस टाइम मेरी चढ़ती जवानी थी और मेरी बूब्स काफी उभर गए थे जो ऊपर की और निकल आये थे | मेरी गांड भी बहुत मस्त हो गयी थी और मुझे सब लोग घुर घुर कर देखा करते थे | मैं उस टाइम ये सब नही समझती थी की लोग मुझे इतना क्यूँ देखते हैं | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करती हूँ और साथ में बताती हुई चलती हूँ|

एक बार की बात है जब मैं अपने कमरे में लेती थी और मुझे उस दिन प्यास लगी और मैं पानी पीकर वापस लेटने के लिए आ रही थी | दोस्तों तभी मुझे पापा के रूम से मम्मी की चीखने की आवाज आई और उसके बाद वो अहह अहह अहह..हाँ हाँ हाँ हाँ… हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई……. की आवाजे आती हुई सुनाई दी | मैं पहले तो खड़ी होकर सोचने लगी ये कैसे आवाजे आ रही है | फिर मेरा मन हुआ की देखती हूँ तो मैंने पहले तो दरवाजा खटखटाने जा रही थी पर मुझे खिड़की खोली दिखी तो मैं खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गयी और देखने लगी | मैंने देख की पापा मम्मी की पेसब करने वाली जगह में अपनी जीभ को घुसा कर चाट रहे थे और मम्मी ऊऊऊ ऊ…हाँ हाँ हाँ….उई उई हाँ हाँ उई उई….अहह अहह अहह…की आवाजे कर रही थी |

मैंने सोचा की जाकर मम्मी से पूछो की पापा क्या कर रहे हैं | फिर मैं थोड़ी देर बाद जाने के लिए चली तभी देखा की मेरे पापा अपने कपडे निकालने लगे | जब पापा कपडे निकालने लगे तो मैं पापा को देखने लगी और कुछ ही देर में पापा ने कपडे निकाल दिए और एक लोहे जैसी चीख को हाथ में पकड कर हिलाते हुए मम्मी की तरफ बढे | मैं पापा के उस चीख को हाथ में पकड कर आगे पीछे करती हुई मुंह में रख लिया और चूसने लगी | दोस्तों मैं ये सब देख कर बहुत हेरान थी और उस टाइम यही सोच रही थी की ये क्या कर रहे हैं | फिर कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की पेसब करने की जगह में लोहे जैसी चीख घुसा दी | मम्मी की उस छोटी सी जगह में वो बड़ा और मोटी चीज जैसे घुसी तो मम्मी के मुंह से जोरदार चीख निकल गयी |

मैं ये सब कुछ देर तक देखने के बाद अपने रूम में चली गयी और उस रात यही सब सोचती रही | मैं अब रोज ही पापा के उस लोहे जैसे चीज के बारे में सोचती थी और ये भी सोचती की वो मम्मी की छोटी जगह में कैसे घुस गया था | अब मेरे मन में इच्छा थी की मैं किसी और क पास ये देखूं और पता करूँ की क्या हैं | उसके कुछ दिन की बात है जब मेरे घर मेरी दीदी का देवर आया था | उस दिन वो मुझे बहुत घुर घुर कर देख रहा था और मैं ये सोच रही थी की इसके पास ही देख लेती हूँ की वो क्या चीख थी | फिर उसके दुसरे दिन की बात है जब मम्मी नाश्ता तैयार कर रही थी और मेरे पापा अपने रूम में सो रहे थे | दीदी का देवर छत वाले रूम में सो रहा था | मेरी दीदी के देवर का नाम प्रदीप है | मैं छत पर गयी तो मैंने देखा की वो चादर ओढ़ कर सोया है |

मैं गयी और उसकी चादर को हटा दिया तो मैंने देखा की वो अंडरवियर और बनियान में लेटा था | मैंने उसकी अंडरवियर को हटा दिया तो मैंने देख की उसके पास भी वहीँ चीख है पर उसका तो बहुत छोटा है | तब मेरे मन में हाथ लगा कर देखने की इच्छा हुई और मैंने जब हाथ लगाया तो मुझे बहुत सॉफ्ट लगा | मैं उसके उस चीख को मम्मी की तरह हाथ में पकड कर हिलाने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गयी | वो मुझे ऐसे करते देकर बोला या क्या कर रही हो तो मैंने कहा की मैं देख रही थी की ये क्या है |

प्रदीप – तुम्हे नही पता ये क्या हैं |
मैं – हाँ मुझे नही पता ये कहा मैंने कुछ दिन पहले पापा के इस चीज को मम्मी को खेलते हुए देखी थी |प्रदीप – कल्पना इसे लंड कहते हैं और ये बहुत मज़ा देता है |
मैं – वो कैसे ?
प्रदीप – जब तुम इसको अपनी चूत में लोगी तो बहुत मज़ा आएगा |

दोस्तों मैंने उस टाइम चूत से पेसाब करने के सिवा और कोई काम नही किया था | फिर मैंने उससे कहा की तुम्हरा इतना छोटा और सॉफ्ट है पापा के तो लोहे की तरह था | वो बोला की रात में तुम्हे इसके बारे में बताऊंगा और मैं प्रदीप नीचे चले गए | फिर उस रात को मैंने लंड के बारे में जानने के लिए उसके पास गयी | वो बैठा था और मैं जाकर उससे बोली बताओ तो वो अपने कपडे निकाल कर मुझे लंड से खेलने को कहा और मैं वैसे ही करने लगी जैसे मम्मी को करते देखा था | मैं जब उसके लंड को हाथ में पकड कर हिलने लगी तो मेरे हाथ के स्पर्स से उसका लंड पापा के लंड की तरह खड़ा हो गया | मैं ये देख कर बहुत खुश हुई और उसके लंड से खेलने लगी |

तब उसने मेरी होठो को अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने लगा तो मेरे जिस्म के एक अजीब सा झटका लगा और मैं भी उसकी होठो को चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने के साथ मेरे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | जब वो मेरे लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था | वो मेरे साथ कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरे कपडे निकाल कर मुझे नंगा कर दिया | वो मुझे बिना कपड़ो के देख कर बहुत खुश हुआ और मेरे दोनों बूब्स को हाथ में पकड कर मसलते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा | जब मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूस रहा था तो मेरी सांसे अपने आप तेज हो गयी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मेरी चूत में ऊँगली घुसा दी | दोस्तों जैसे ही उसने मेरी चूत में ऊँगली घुसाई तो मेरे मुंह से मम्मी वाली आवाजे निकल गयी | तब मुझे समझ आ गया की मम्मी इसलिए ये आवाजे कर रही थी |

दोस्तों वो मेरी चूत में ऊँगली घुसाने के साथ अपनी जीभ को घुसा कर चाटने लगा | वो मेरी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक करता रहा और मैं अह अह अह… हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ….. उई माँ उई माँ उई माँ…. की सिसकियाँ लेने लगी | फिर उसने लंड जैसी चीज को मेरे मुंह में घुसा दिया | पहले तो मुझे बहुत ख़राब लगा फिर मस्ती के साथ अन्दर बहर करती हुई चूसने लगी | अब मुझे ये सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी होने लगी थी | वो कुछ देर तक चुसाने के बाद मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी टांगो को फैला दिया |

फिर वो मेरी चूत में अपने लंड को घुसाने लगा | मेरी चूत में जब थोडा लंड घुसा तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जैसे ही उसने मेरी चूत में जोरदार धक्का मारा और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ते हुए अन्दर चला गया | जैसे ही उसका लंड मेरी चूत में अन्दर गया और मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा | उस टाइम मुझे ऐसा लग रहा था की मैं अब मर जाउंगी और मेरे मुंह से कोई भी आवाज बाहर नही निकल रही थी | मैं सोच रही थी की ये मेरी चूत से लंड नाम की चीज को बाहर निकाल ले और कुछ ही देर में जब उसने अन्दर बाहर करने लगा तो मुझे फिर से मज़ा आने लगा था | वो मेरी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर कर रहा था और मैं मज़े लेती हुई उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ….. उई माँ उई माँ उई माँ…. कर रही थी |

अब मैं उसके हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और वो मेरे बड़े और चिकने बूब्स को पकड कर जोरदार धक्के मार रहा था | वो जितने जोर से धक्के मरता मैं उतने ही जोर से मज़े लेती हुई चुदती| फिर वो मेरी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक धक्के मारने के बाद झड़ गया और उसके लंड से कुछ सफ़ेद रंग का निकला था |

मैंने उससे पूछा ये क्या हैं तो उसने बताया की इसे वीर्य कहते हैं और इसे जब चूत में निकाल देते हैं तो औरत माँ बन जाती है | उसके बाद उसने मेरी चूत में अपनी उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से हिलाने लगा जिससे मेरी चूत से पानी की धार निकल गयी | वो पानी जब निकल रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | उसके बाद हम दोनों ने कपडे पहन लिया और मैं अपने कमरे में नीचे चली गयी | उस चुदाई के बाद मैं बहुत बार चुदी हूँ | धन्यवाद दोस्तों॥

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चुदवाने के लिए कुछ भी कर जाऊँगी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/chudwane-ke-liye-kuchh-bhi-kar-jaungi.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/chudwane-ke-liye-kuchh-bhi-kar-jaungi.html#respond Sat, 30 Mar 2019 09:01:39 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14536 वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के देता जिससे कि मैं झड़ने वाली थी जब मैं झड़ गई तो मैंने उसे अपने पैरों के बीच में दबोच लिया। वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था कुछ ही क्षण बाद वैभव का वीर्य गरने वाला था उसने मेरी योनि के अंदर ही अपने वीर्य को प्रवेश करवा दिया।

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मेरा नाम संपदा है मैं अपने जीवन में कुछ करना चाहती थी लेकिन मेरे पिताजी हमेशा मुझे कहते कि तुम एक लड़की हो और तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगी। वह मुझे हमेशा ही कम आंका करते थे और कहते कि तुम पढ़ने में भी ठीक नहीं हो लेकिन उसके बावजूद भी मैं अपनी पढ़ाई पूरे ध्यान से किया करती थी। समय बीतता चला गया और मेरा कॉलेज भी पूरा हो गया मैं अब घर पर ही थी लेकिन मुझे कुछ करना था मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मुझे क्या करना चाहिए। मैं सोचती की मुझे जॉब करनी चाहिए या कुछ और करना चाहिए फिर मेरी एक सहेली ने मेरी मदद की और कहा तुम किसी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करो। उसके बाद मेरी जॉब लग गई हालांकि मुझे अपने पिताजी के साथ इस बात को लेकर काफी झगड़ा करना पड़ा उसके बाद ही उन्होंने मुझे जॉब करने के लिए कहा।

पहले वह मुझे मना कर रहे थे लेकिन मैंने जब उन्हें समझाया तो वह मान गए परंतु उसके बावजूद भी वह मेरी जॉब से खुश नहीं थे और हमेशा ही कहते रहते कि तुम जॉब मत करो लेकिन फिर भी मैंने जॉब करने के बारे में सोचा। पिताजी भी अब बीमार रहने लगे थे अब मेरे दोनों भाइयों के कंधों पर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी और वह दोनों भी बिल्कुल मेरे पिताजी की तरह ही हैं। वह दोनों मुझे कहने लगे कि तुम जॉब छोड़ दो लेकिन उसके बावजूद भी मैंने जॉब नहीं छोड़ी मैं अपनी जॉब करती रही उसी दौरान मेरी मुलाकात वैभव से हुई। जब मेरी मुलाकात पहली बार वैभव से ऑफिस में हुई तो उसे पहली नजर में देखते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं कई वर्षों से वैभव को जानती हूं और वैभव भी कहीं ना कहीं मेरी तरफ प्रभावित होने लगा था।

ऑफिस में वह मुझसे बात किया करता था हम दोनों ने अपने दिल की बात किसी से नहीं कही लेकिन उसी दौरान मेरी सगाई मेरे पिताजी ने तय कर दी। वह कहने लगे यदि तुम्हें अपनी जॉब करनी है तो तुम्हें हमारी बात माननी पड़ेगी मैं उन्हें शादी के लिए मना करती रही लेकिन वह मेरी बात नहीं माने। वह कहने लगे कि तुम्हें मेरे बचपन के दोस्त के लड़के अनिल के साथ शादी करनी पड़ेगी, अनिल मुझे पहले से ही पसंद नहीं था मुझे नहीं मालूम कि वह मुझे अच्छा क्यो नही लगता।

जब भी मैं अनिल से बात करती तो मुझे उससे बात करना बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था लेकिन मेरे पिताजी की जिद के आगे मैं बेबस थी। मैंने अपनी मां से कहा कि मैं अनिल के साथ सगाई नहीं कर सकती मेरी मां कहने लगी बेटा हम तुम्हारे पिताजी के आगे क्या कह सकते हैं। सारे घर की जिम्मेदारी उन्होंने उठाई है और इतने वर्षों तक उन्होंने मेहनत की है यदि हम लोग इस बारे में उनसे कुछ कहेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा इसलिए तुम उनकी बात मान जाओ। मैंने जब यह बात वैभव को बताई तो वह कहने लगा संपदा तुम्हारी अपनी भी कुछ इच्छाएं है तुम्हें अपने हिसाब से भी चलना चाहिए। तुम अपने पिताजी की बात मान जाओगी तो तुम अपनी जिंदगी नही जी पाओगी तुम यदि अभी कुछ समय चाहती हो तो तुम्हें उनसे कहना चाहिए।

मैंने वैभव से कहा वह मेरी बात नहीं मानेंगे और कभी भी वह इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि मैं कुछ और समय लूं क्योंकि पिताजी ने अब मेरी सगाई अनिल के साथ करने के बारे में सोच लिया है वह बिल्कुल भी मेरी बात नहीं मानने वाले। मुझे अनिल बिल्कुल भी पसंद नहीं है उसकी हरकतें और उसका बात करने का तरीका मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। वैभव ने मुझे काफी समझाया लेकिन मैं वैभव से अपने दिल की बात ना कह सकी और ना ही वैभव ने मुझे कभी इस बारे में कुछ कहा था।

मेरे पास भी अब कोई रास्ता नहीं था इसलिए मुझे अनिल के साथ सगाई करनी ही पड़ी और फिर हम दोनों की सगाई हो गई मेरे पिताजी इस बात से बहुत खुश थे कि मैंने उनकी बात मान ली। उस रात उन्होंने मुझे कहा की बेटा चलो छत पर बैठते हैं आज मौसम काफी अच्छा है हम दोनों छत पर चले गए मेरे पिताजी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा देखो संपदा बेटा हमने तुम्हें बचपन से कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी। वह कहने लगे तुम्हें मालूम है ना कि मैंने जीवन में कितना संघर्ष किया है उसके बावजूद भी मैंने तुम लोगों के ऊपर कभी भी आंच नहीं आने दी और तुम्हें किसी भी चीज की कमी होने नहीं दी।

मैं तुम्हें हर बार काम करने के लिए मना करता रहा लेकिन उसके बावजूद भी तुम जॉब करने लगी मैंने पिता जी से कहा पिता जी आप ठीक कह रहे हैं लेकिन मेरे भी कुछ सपने हैं मैं उन्हें पूरा करना चाहती हूं। पापा कहने लगे कि बेटा मुझे मालूम है तुम्हारे भी कुछ सपने हैं लेकिन मैंने भी कभी तुम्हें किसी चीज के लिए रोका नहीं है हालांकि मैं तुम्हारे पर थोड़ा सख्ती जरूर दिखाता हूं लेकिन उसका यह मतलब नहीं है कि मैं तुम्हारे बारे में कभी नहीं सोचता, तुम अनिल के साथ शादी करके खुश रहोगी।

मैं भी अपने पिताजी को उस वक्त कुछ कह नहीं पाई और मेरी सगाई कुछ दिनों बाद ही अनिल से होने वाली थी लेकिन मेरे दिल में तो वैभव के लिए जगह थी। और मैंने वैभव को कुछ नहीं कहा था और जब मेरी सगाई हो गई तो उसके बाद भी वैभव को मैं अपने दिल से नहीं निकाल पाई मैं वैभव के बारे में ही सोचा करती। मैं भी अपने ऑफिस जाया करती थी और अनिल और मेरे बीच में फोन पर बात होती रहती थी अनिल भी कोशिश कर रहा था कि हम दोनों के रिश्ते सुधर जाएं। अनिल को यह बात अच्छे से मालूम थी कि मैं उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती लेकिन वह तो मेरे पिताजी की जिद के आगे मुझे उससे शादी के लिए हां कहना पड़ा।

मैं अनिल के साथ खुश नहीं रहने वाली थी इस बात का मुझे पहले से ही मालूम था समय बीता जा रहा था और मेरी शादी का समय नजदीक आने लगा। एक दिन मैं अनिल से फोन पर बात कर रही थी उस वक्त मैं ऑफिस में ही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हें लंच टाइम में फोन करूंगी मैंने फोन रख दिया। मैंने लंच टाइम में जब अनिल को फोन किया तो अनिल कहने लगा तुम मुझसे बात ही नहीं कर रही हो मैंने उसे कहा ऐसा कुछ भी नहीं है मैं उस वक्त ऑफिस में बिजी थी इसलिए तुमसे बात नहीं कर पाई। अनिल मुझे कहने लगा शायद तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहती हो, उसके बाद हम दोनों के बीच काफी झगड़े शुरू हुए। वैभव भी शायद मेरे पीछे ही खड़ा था वैभव ने सब सुन लिया था।

उसने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और वह मुझे समझाने लगा कि अभी तुम फोन रख दो बाद में अनिल के साथ बात करना। मैंने फोन रख दिया मैंने वैभव से कहा तुम्हें अब मैं क्या बताऊं बस मैं अनिल से परेशान हो चुकी हूं और उससे मैं बिल्कुल भी शादी नहीं करना चाहती लेकिन मेरी मजबूरियां मेरे आड़े आ जाती है मुझे कुछ समझ नहीं आता कि मुझे क्या करना चाहिए। तब मुझे वैभव कहने लगा तुम फिलहाल खुश रहने की कोशिश किया करो और इन सब चीजों के बारे में ना ही सोचो तो ठीक रहेगा। मैंने उससे कहा तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे इन सब चीजों के बारे में सोचना नहीं चाहिए और मुझे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। उस वक्त मैं अपने काम पर भी अच्छे से ध्यान नहीं दे पा रही थी और मेरा ध्यान पता नहीं कहां रहता था।

मैं वैभव के साथ अपने सुनहरे पलों को बताना चाहती थी मैंने सोच लिया था कि मैं वैभव से अकेले में मिलूंगी। मैं और वैभव जब अकेले में मिले तो वह मुझे समझा रहा था मैं उसकी तरफ बड़े ध्यान से देख रहा था मैंने जैसे ही वैभव से कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो वह मेरे चेहरे की तरफ देखने लगे और कहने लगा तुम्हारा दिमाग तो सही है तुम यह कैसी बात कर रही हो मैंने कभी तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचा।

उस दिन मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना कर पाई मैंने उसके सामने अपने कपड़े उतार दिए मैंने जब उसके सामने अपने कपड़े उतारे तो वह मेरी तरफ देखने लगा और मुझे कहने लगा देखो संपदा मैंने तुम्हारे बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा। मैंने उसे कहा तुम मेरी फीलिंग को समझो मैंने जब उसके होठों पर किस किया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगा उसने मेरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया। उसने मुझे लेटाकर मेरे स्तनों का काफी देर तक रसपान किया और मेरे स्तनों से खून निकाल कर रख दिया। मुझे बड़ा मजा आ रहा था जैसे ही वैभव ने मेरी योनि को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो वह खुश होने लगा।

मेरे योनि से लगातार पानी बाहर के निकल रहा था जैसे ही वैभव ने अपन लंड को मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो मैं मचलने लगी और मुझे बड़ा मजा आने लगा। मेरी योनि में उसका लंड जाते ही मेरी चूत से खून की धार बाहर की तरफ निकली। जिस प्रकार से वह मुझे धक्के देता तो मेरे मुंह से चीख निकल रही थी और मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो रही थी। उसने मेरे दोनों पैरों को कसकर पकडा हुआ था और बड़ी तेज गति से मुझे धक्के दिए जा रहा था।

कछ देर बाद उसने मेरे पैरों को कंधों पर रखा और उसने इतनी तेज गति से मुझे धक्के दिए कि मेरा पूरा शरीर हिलने लगा। मैंने उसे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा तो वह कहने लगा लेकिन मुझे तो बड़ा मजा आ रहा है तुम्हारी टाइट चूत के मजे लेने में मुझे एक अलग ही फीलिंग महसूस हो रही है। मैंने उसे कहा मैं बस कुछ देर बाद झडने वाली हूं वह कहने लगा कोई बात नहीं वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के देता जिससे कि मैं झड़ने वाली थी जब मैं झड़ गई तो मैंने उसे अपने पैरों के बीच में दबोच लिया। वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था कुछ ही क्षण बाद वैभव का वीर्य गरने वाला था उसने मेरी योनि के अंदर ही अपने वीर्य को प्रवेश करवा दिया। मैंने कभी सोचा नहीं था कि वह मेरी योनि के अंदर अपने वीर्य को प्रवेश करवा देगा लेकिन मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ उसके बाद मेरी शादी अनिल के साथ हो गई लेकिन अब भी वैभव और मैं साथ में सेक्स करते हैं।

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प्रैंक करते हुये लड़की पट गई चुदने के लिए | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/group-sex/prank-karate-huye-ladaki-pat-gai-chudane-ke-liye.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/group-sex/prank-karate-huye-ladaki-pat-gai-chudane-ke-liye.html#respond Thu, 28 Mar 2019 13:13:56 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14534 मैं उसकी चूत में दो ऊँगली डाल के अन्दर बाहर कर रहा था | फिर मैंने उसके पैर फैलाये और अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा | मैं बड़े मज़े से उसको चोद रहा था लेकिन उसकी चूत मारने में मज़ा नहीं आ रहा था, तो मैंने उससे कहा मैं और पैसे दूंगा लेकिन मैं गांड मारना चाहता हूँ |

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नमस्कार भाइयों और उनकी बहनों मैं रोचक माधवन आपके लिए अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ | मैं दिल्ली में रहता हूँ और अभी कॉलेज में पढाई कर रहा हूँ | मेरा रंग गोरा हाइट 6 फीट मे कुछ ही इंच कम है और बॉडी भी अच्छी है और मेरे जितने भी दोस्त है उनमें सबसे अच्छा मैं ही दिखता हूँ | मैं और मेरे दोस्त मिलकर प्रैंक करते है और लोगों से सवाल पूछते है और उसके वीडियो बनाकर यूटयूब पर डालता हूँ | कभी कभी बहुत अच्छे से सब कुछ निपट जाता है लेकिन कभी कभी कुछ नाटक भी हो जाते है | मगर एक बार की बात जो मुझे हमेशा याद रहेगा और जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ | तो आओ दोस्तों, मेरी कहानी पर नज़र डालते है |

जैसा कि मैंने बताया कि मैं और मेरे दोस्त प्रैंक करते है और बहुत सी लड़कियों से ऐसे वैसे सवाल करते है, कुछ तो मुझसे पटने को भी तैयार हो जाती है लेकिन तभी साले मेरे दोस्त आके बोल देते है प्रैंक था और सब ख़त्म हो जाता था | वैसे मेरे साथ दो लड़कियां भी हैं लेकिन कुछ ख़ास है नहीं लेकिन दोनों मुझे बहुत लाइन मारती है | हम लोग ज्यादातर अच्छी बातें ही करते है लड़कियों से क्यूंकि मेरे साथ वाली दोनों लड़कियों को बुरा लग जाता है लेकिन एक बार की बात है मेरे दोस्तों सिर्फ लड़के लोगो ने प्लान बनाया कि लड़कियों को पैसे देकर सैक्स के लिए पूछेंगे और अगर मान गई तो बल्ले बल्ले |

फिर हम सिटी गए और खाली जगह पर आती जाती लड़कियों का इंतज़ार करने लगे | तभी वहां से एक लड़की निकली और उसके कपड़े से देखकर लग रहा था कि चालू है तो मेरे दोस्त ने उसे आवाज़ लगाई और अपने पास बुला लिया और फिर वो हमारे पास और मैंने उससे थोड़ी बहुत बात की | फिर मैंने उससे कहा क्या तुम पैसे कमाना चाहती हो ? तो उसने कहा कौन नहीं चाहता, मुझे क्या करना होगा | तो मैंने कहा तुम्हें सैक्स करना होगा, तो उसने कहा क्या बकवास है और जाने लगी | तो मैंने जेब से 500 की गड्डी निकाली और कहा इतने मिलेंगे और फिर उसने पलट के देखा और कहा तुम तो तीन लोग हो |

मैंने कहा नहीं तुम किसी भी एक को चुन लो, तो उसने कहा नहीं सैक्स नहीं करुँगी लेकिन और कुछ कर सकती हूँ, तो मैंने कहा ठीक है चूस लो फिर उसने कहा ठीक है तो दो पैसे | तो मैंने कहा इतने पूरे तो सैक्स करने के लिए मिलते है थोड़े कम मिलेंगे, वो भी लंड चूसने के बाद | तो उसने कहा ठीक है और हम कार में बैठ गए और एक लड़का वीडियो बनाने लगा और वो मेरा पैंट खोलके मेरा लंड पकड़ के हिलाने लगी | उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड हिलाया और फिर झुककर मेरा लंड चूसने लगी | वो मज़े से हिला हिला के मेरा लंड चूस रही और मुझे जो मज़ा आ रहा था, वो मैं बता नहीं सकता | वो बहुत देर तक बहुत मज़े से लंड चूसती रही और फिर मेरा माल निकल गया और उसके मुंह में ही निकला |

फिर उसने कहा ठीक है दो पैसे, तो मैंने उसको हज़ार रूपए दिए और वो जाने लगी, तो मैंने कहा अच्छा 500 और दूंगा दूध दबाने दे दो | वो मान गई और वो अपना टॉप और ब्रा उतार दिया और बैठ गई | मैं और मेरे दोस्तों ने उसके खूब दूध दबाये और चूसे भी और उसके बाद उससे कहा चूत मारने दे दो, तो उसने कहा पीरियड्स चल रहे है और फिर मैंने उसको पैसे दिए और वो चली गई |

उसके बाद हम बाहर गए और दूसरी लड़की के लिए गश्त लगा के बैठ गए | थोड़ी देर में दो लड़कियां वहां से निकली और मैं उनके पास गया और थोड़ी बहुत बात की और फिर उनको भी ऑफर दिया, वो दोनों एक दूसरे को देखने लगी और कहने लगी मैं पुलिस को फ़ोन लगा दूंगी | तो मैंने जेब से नोट की गड्डी निकाली और उनको कहा ऐसी कोई जोर ज़बरदस्ती नहीं है अगर तुम्हें ये चाहिए तो आओ वरना जा सकती हो | तो उनमें से एक लड़की जाने लगी, तो दूसरी ने उसे रोक लिया और मुझसे पूछा सैक्स के बाद जाने हमें घर छोड़ना पड़ेगा, तो हमने हाँ कहा और वो दोनों हमारे साथ चल दी |

हम सब कार तक गए और दो लडको ने कहा अब हमें कर लेने दो तुमने तो अभी थोड़ी देर पहले ही मज़े लिए है और वो दोनों कार के अन्दर चुदाई करने लगे | मैं बाहर खड़े होकर वीडियो बना रहा था और उनकी चुदाई देखकर मेरा भी मन कर होने लगा था | तभी एक लड़के का माल झड़ गया और उसके हटते ही मैं वहां पहुँच गया और अपनी पैंट खोलके लंड बाहर निकाला और उसकी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा | मैं उसको चोद रहा था और वो अह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हा अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह आआआआआअ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह कर रही थी |

जब मैं उसको चोद रहा था तब दूसरे लड़के का भी माल झड़ गया और मैं अब पहली को छोड़कर दूसरी की मारने पहुँच गया और उसकी चूत में लंड डालकर उसकी चूत मारने लगा और वो भी अह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हा अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह आआआआआअ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करती रही | मैं उसको थोड़ी देर तक उसी तरह चोदता रहा और फिर मेरा माल झड़ने को हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसकी चूत के ऊपर ही माल झड़ा दिया और वो धीरे धीरे आह्ह्ह आह्ह्ह करती हुई लेटी रही |

फिर हमने गाड़ी चालू की और उनको उनके घर तक लेकर गए, उन्होंने चलती गाड़ी में ही कपड़े पहने और हमने वो सब भी रिकॉर्ड किया और फिर उनको घर छोड़ के और पैसे देके वापस उसी जगह आ गए | वैसे आते वक्त उन्होंने ने अपना नंबर दिया और कहा अगर फिर कभी मन बने तो बुला लेना | हम सब उसी जगह वापस आके बैठे थे और लड़कियों का इंतज़ार कर रहे थे और बहुत देर से ऐसी कोई लड़की हमें समझ में नहीं आई जो सैक्स के लिए मान जाए | तो हम सब जाने को हुए और जैसे ही गाड़ी चालू की तभी सामने से एक बहुत ही खूबसूरत लड़की आती हुई दिखी |

तो मैंने कहा अब ये मेरा शिकार है और कोई मेरे साथ नहीं आएगा और मैं अकेला ही उसके पास गया और उससे थोड़ी बहुत बात करके उसको भी ऑफर दिया और उसने अपना पूरा रेट कार्ड मुझे बता दिया इतने पैसो में इतना करुँगी, और अगर एक लड़का चोदेगा तो और दो चोदेंगे तो इतना | मैं ये सुनकर हैरान हो गया और मैंने उसको नोटों की गड्डी दी और कहा चल और वो हँसी ख़ुशी मेरे साथ आ गई | मैंने पहले ही सबको कह दिया था कि अब कोई मेरे आसपास भी नहीं भटकना और दोनों लड़के यहाँ वहाँ हो गए | हम कार में बैठे और मैंने उससे कहा चलो कपड़े उतारो और वो कपड़े उतारने लगी और फिर उसने अपने पूरे कपड़े उतारे और मैं बस उसको निहारता रहा |

फिर मैंने भी अपनी पैंट उतारी और वो मेरा लंड पकड़ के हिलाने लगी और कहा आज तो मज़ा ही आ जायेगा, तो मैंने भी कहा हाँ आएगा | फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया और हम किस करते रहे और वो मेरा लंड हिलाती रही | फिर मैंने उसके दूध पकड़े और दबाना शुरू कर दिया और फिर वो रुक गई और उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म करने लगी | फिर मैंने एक हाँथ से उसकी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और वो अह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हा अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म उम्म्मम्म करती रही |

वो अपनी चूत ऊपर से रगड़ रही थी और मैं उसकी चूत में दो ऊँगली डाल के अन्दर बाहर कर रहा था | फिर मैंने उसके पैर फैलाये और अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत में डाल दिया और उसको चोदने लगा | मैं बड़े मज़े से उसको चोद रहा था लेकिन उसकी चूत मारने में मज़ा नहीं आ रहा था, तो मैंने उससे कहा मैं और पैसे दूंगा लेकिन मैं गांड मारना चाहता हूँ | तो उसने कहा हाँ ठीक है और मैंने अपना लंड बाहर और उसके गांड के छेद पे थूक लगा के लंड अन्दर डाल दिया और उसकी जोर से आह्ह्ह निकल गई |

फिर मैंने थोड़ी देर तक उसकी गांड मारी और फिर मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने उसकी गांड में ही गिरा दिया और उसके ऊपर लेटकर उसको किस करता रहा | थोड़ी देर में हम दोनों उठे और कपड़े पहनकर बाहर आये और मैंने उसको थोड़े और पैसे दिए और उसका नंबर भी ले लिया और कहा मैं तुम्हें जल्दी ही बुलाऊंगा आ जाना, तो उसने कहा हाँ ठीक है लेकिन पैसे मैं बराबर लूंगी, तो मैंने कहा तू उसकी चिंता मत कर बस आ जाया करना | फिर हमने फिर से किस किया और मैंने उसकी गांड भी दबाई और उसके बाद वो चली गई | तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आई होगी |

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वासना जगा कर चुदाई कर लिया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/vasna-jaga-kar-chudai-kar-liya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/vasna-jaga-kar-chudai-kar-liya.html#respond Thu, 28 Mar 2019 01:15:07 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14532 पहली बार मेरा लंड देखकर उसने कहा कि बाप रे इतना बड़ा और मोटा, मेरी तो आज ख़ैर नहीं. फिर में उनके ऊपर आया और अपने घुटनों पर बैठकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया.

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ब्रिजेश है, में 26 साल का सुन्दर लड़का हूँ. में काम के सिलसिले से मुंबई के भांडुप सिटी में किराए से रहता हूँ. ये कहानी अभी 6-7 महीने पहले ही मेरे साथ घटी, जो में आज आपको बता रहा हूँ. जब में यहा नया- नया ही रहने आया तो पता चला कि रूम का मालिक का एक लड़का जिसकी शादी को 4 साल हुए है, लेकिन उसको बच्चा नहीं हुआ है. में उनको भैया और भाभी कहकर बुलाता था, भाभी की उम्र 22 साल रही होगी, वो दिखने में बहुत ही सेक्सी थी.

2-3 हफ्ते के बाद मैंने महसूस किया कि भाभी मुझे कुछ अलग ही नजरो से देखती थी. मुझे भी उनको देखना अच्छा लगता था, उनके बूब्स तो छोटी लड़की की तरह ही थे और मुझे उनका पतला बदन देखने में मज़ा आने लगा था. अब मेरे दिमाग में उसके साथ सेक्स करने के विचार आने लगे थे. अब में अकेला ही होने के कारण रूम में उसके बारे में सोचकर मुठ मारने लगा था. अब ये रोज का चलने लगा था, मुझे लगता था कि वो भी मुझे चाहती है, लेकिन में कुछ कर दूँ और उसको अच्छा ना लगे तो ये सोचकर में डरकर चुप बैठा था.

फिर एक दिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया, जब बारिश का मौसम था, उसका पति काम पर चला गया था, उसके घर में कोई नहीं था. फिर भाभी ने मुझे आवाज़ दी, तो में चौंक गया कि भाभी ने मुझे क्यों बुलाया है? फिर में उनके घर में चला गया, तो उसने घर के कोने में उंगली करके दिखाया कि उनके घर में एक मेंढक था, तो मैंने झट से उसे उठाया, लेकिन वो मेरे हाथ से फिसल गया और भाभी की तरफ गिर गया.

भाभी चिल्लाकर बोली कि अरे उसे पकड़ो. तो में फिर से नीचे झुककर उसको उठाने लगा, तो वो मेंढक भाभी की तरफ ही उछला और अब में नीचे ही झुका हुआ था तो मैंने उनके पैरों की तरफ देखा, तो मेंढक उनके पैरो के पास ही था. अब भाभी ने अपनी साड़ी घुटनों तक उठा ली थी और उसकी गोरी-गोरी टाँगे देखकर मुझे लगा कि अभी इन्हें चूमना चालू कर दूँ, लेकिन मैंने मेंढक की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाकर भाभी की तरफ देखा, तो वो पुतले की तरह अपनी आँखे बंद करके अकड़कर खड़ी हो गयी थी. फिर मैंने मेंढक को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ा और अपने एक हाथ से भाभी की टांगो को टच किया, उफ उस एहसास को में कभी भूल नहीं सकता.

मैंने जानबूझकर मेंढक को उठाते हुए अपना एक हाथ उसके पैरो से घुटनों तक सहलाते हुए उठाया और फिर मैंने मेढ़क को धन्यवाद देते हुए उसको दरवाज़े से बाहर फेंक दिया. अब भाभी तो बिल्कुल भी हिली नहीं थी और न ही उन्होंने अपनी आँखे खोली थी. फिर मैंने कहा कि भाभी मेढ़क चला गया है, तो उन्होंने अपनी आँखे खोलकर कहा कि सच में, तो मैंने कहा कि हाँ सच में.

फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चलो अपने हाथ धो लो, तो मैंने कहा अपने रूम में जाकर धोता हूँ. फिर वो बोली कि नहीं यहाँ ही धो लो, में चाय बनती हूँ, बाहर बारिश भी है. फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपने हाथ साफ किए और टावल लेकर अपने हाथ साफ किए और बाहर आकर बैठ गया. फिर अचानक से मेरे मन में उनकी गोरी टाँगे आ गयी और मेरा लंड टाईट हो गया. तो तभी भाभी चाय लेकर आ गयी, तो मैंने चाय लेने के लिए जैसे ही अपना एक हाथ आगे बढ़ाया तो मेरा हाथ उनके हाथ को टच हुआ. तो तब वो जरा शरमाई और मैंने चाय उठाकर पी ली और भाभी कप लेकर अंदर चली गयी.

मैंने सोचा कि यही अच्छा मौका है, बाद में मौका नहीं मिलेगा, तो में भी किचन में चला गया और हिम्मत करके भाभी के पीछे आ गया. अब वो कप धो रही थी, तो मैंने अपने हाथ बढ़ाकर उनके बूब्स पर रखे और उन्हें दबोच लिया. अब शायद वो भी यही चाहती थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला. फिर मेरी हिम्मत बढ़ी और उनको पलटकर उनके होंठो को अपने होंठो में ले लिया, तो वो कसमसाने लगी, तो मैंने अपना एक हाथ उनकी साड़ी में डाल दिया और उनकी पेंटी में डालने लगा, लेकिन फिर मैंने अपना हाथ बाहर निकालकर भाभी से कहा कि चलो बेड पर चलते है, तो वो चुपचाप बेड की तरफ चली गयी.

फिर मैंने जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया और बेडरूम में आया. तो वो नीचे सिर झुकाकर बैठी थी जैसे फ़िल्मो में नयी दुल्हन बैठती थी वैसे. फिर मैंने वहाँ जाकर अपनी पेंट उतार दी और अपनी शर्ट उतारकर उसके पास गया, तो वो थोड़ी कांप रही थी. फिर मैंने उसका चेहरा उठाकर उसे किस किया, तो वो शरमाने लगी. फिर मैंने उनकी साड़ी को खींचकर उतार दिया, तब तक उसने अपना ब्लाउज उतार दिया था.

मैंने तब उसकी तरफ देखा तो ऐसा लगा कि कोई स्कूल जाने वाली 22 साल की लड़की मेरे सामने नंगी बैठी है, जिसके बूब्स नहीं के बराबर है. फिर मैंने उसके बूब्स को ज़ोर-जोर से रगड़ना चालू किया, तो वो करहाते हुए बोली कि धीरे करो बहुत दर्द होता है, तो तब मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकाल दिया और उसे देखकर सोचा कि ये क्या गजब की छोटी चूत है?

फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारा पति तुम्हें चोदता नहीं है? तो उसने कहा कि उसका तो बहुत छोटा है और शायद उसमें बच्चा पैदा करने की ताकत नहीं है. फिर में वापस से उसकी चूत को सहलाने लगा. तो उसकी चूत काफी गीली हो गयी और वो ज़ोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी और कहा कि प्लीज पहले इसकी प्यास बुझाओ, बाद में जो करना है वो करो.

फिर मैंने झट से अपनी अंडरवेयर उतार दी तो मेरा 8 इंच का लंड झट से बाहर आया. अब वो तनकर टाईट हो चुका था, तो उसको देखकर उसने कहा कि बाप रे इतना बड़ा और मोटा, मेरी तो आज ख़ैर नहीं. फिर में उनके ऊपर आया और अपने घुटनों पर बैठकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया. तो वो बोली कि आहिस्ता करो प्लीज. तो तब मैंने एक धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया, तो वो चीखकर उठ गयी.

फिर मैंने उसे फिर से नीचे लेटाया और अपना लंड हाथ से ही अंदर धकेल दिया और उसके ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से 2 धक्के लगा दिए. अब वो उठना चाहती थी, लेकिन मैंने उसे नीचे दबा दिया और उसका मुँह अपने होंठो से बंद कर दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब वो मेरे नीचे तड़प रही थी और फिर बाद में वो भी अपने चूतड़ ऊपर उठा-उठाकर नीचे से धक्के मारने लगी.

फिर करीब 10 मिनट के बाद उसने मुझे जकड़ लिया और वो झड़ गयी. फिर मैनें भी अपनी स्पीड बढ़ाई और में भी झड़ गया, तो मैंने महसूस किया की उसकी चूत में हम दोनों का वीर्य एक हो रहा है और अब वो ज़ोर- ज़ोर से मुझे अपने ऊपर खींच रही थी. फिर करीब 15 मिनट के बाद उसने मुझे छोड़ा और कहा कि में माँ बनना चाहती हूँ.

फिर मैंने कहा कि में तुम्हें माँ जरुर बनाऊँगा और फिर मैंने उठकर अपना लंड साफ किया और अपने कपड़े पहनकर उसको किस करने लगा. अब उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी. फिर उसने कहा कि में माँ बनूँगी ना? तो मैंने कहा कि हाँ जरूर बनोगी और फिर उस दिन से हमें जब भी कोई मौका मिलता था तो हम सेक्स करते थे. अब उसके पेट में बच्चा है, वो लड़का है या लड़की यह तो अब पैदा होने के बाद ही पता चलेगा. अब उसको खुश देखकर में भी खुश हो जाता हूँ, लेकिन अब तो मुझे मुठ मारकर ही काम चलाना पड़ता है.

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भाभी की कुए पर चूत चदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-kuye-par-chut-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-kuye-par-chut-chudai.html#respond Wed, 27 Mar 2019 11:41:59 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14530 मेरे लंड का पूरा प्रवेश हो गया इस सुनामी वाले हमले से भाभी का जिस्म सिहर गया और उनकी दबी हुई वासना बाहर आने लगी अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी वो मादक सिसकारी लेते हुए चिल्लाये जा रही थी चोदो मुझे और जोर से चोदो उसने मेरे को चूमना शुरू कर दिया.

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नमस्कार दोस्तो मेरा नाम दीपक है। यह कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की घटना है। मेरे परिवार में मेरे बडा भाई और मेरी भाभी और मेरे मा बाप थे । मेरी भाभी का नाम रसिका है। जब मेरे भाई की शादी हुई थी मैं तभी से भाभी का दीवाना था ।
मेरी भाभी दिखने में सुदंर मासल बदन की थी। उसके बड़े – बड़े मौसमी जैसे बूबे थे।कमर से पतली मोटे-मोटे चूतड थे।उसे देखकर मेरे बदन में आग लग जाती थी। वो जब चलती थी तो दोनों चूतड ऐसे हिलाती थी कि मन करता कि उसको पीछे से पकङ कर खा जाँऊ उसे कि उसे उसकी नानी याद आ जाये पर उससे डर भी लगता था कि वो किसी को बोल देगी।             

समय गुजरता रहा और मेरी उसको चोदने की चाहत बढ़ती ही रही। एक रात को मैं पेशाब करने के लिये उठा पेशाब करके लौट ही रहा थी कि भाभी के कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दी मैं दबे पांव गया और खिड़की के पास खड़ा होकर देखने लगा कि क्या हो रहा है। अंदर भैया भाभी के ऊपर चडकर भाभी को चोद रहे थे कुछ ही देर में भैया ने पानी छोड़ दिया और बिस्तर पर गिर गये ।
भाभी अपने कपड़े संभालते बैठी और भैया को कहने लगी जब ठीक से चोद नही सकते तो चढ़ते क्यों हो खुद तो पानी निकाल कर गिर जाते हो और मैं प्यासी की प्यासी रह जाती हूं । यह सुनकर मुझे अचरज हुआ कि भैया भाभी को ठीक से चोद भी  नहीं पाते वो प्यासी की प्यासी रह जाती हैं यह सब देखकर मैंने ठान लिया कि भाभी की प्यास मैं बुझाकर रहूँगा ।

अब बस इंतजार था तो बस एक अच्छे मौके का जो मुझे मिल ही गया हुआ ये कि मैं और भाभी एक दिन खेत पर अकेले थे गेहूं कटने का समय था गर्मी बहुत थी सुबह से काम करने की वजह से हम दोंनों थक गये थे तो सोचा थोड़ा पानी पीकर आराम कर लें । हमारे खेत पर एक कुआँ है जिसके आस पास घने पेड़ हैं उस कुए से हम खेती के लिये पानी लेते हैं । मैं और भाभी कुए की तरफ चल दिये कुए पर पहुँचकर हम हाथ मुँह धोने लगे कि तभी भाभी का पैर फिसल गया और वो कुए मैं जा गिरी उनको बचाने के लिये मैं भी कुए में कूद गया ।

अब हम दोंनो कुए में थे भाभी ङर के मारे मुझसे चिपक गयी मैंने भाभी को संभाला अब हम कुए में गिर तो गये पर समस्या ये थी कि बाहर कैसे निकलें क्योंकि रस्सी पास में थी नहीं और आसपास कोई था नहीं जिससे मदद माँग सकें तभी मुझे कुछ सूझा और मैंने सोचा ये अच्छा मौक़ा है इसका फायदा उठाकर मैं भाभी को चोद सकता हूँ। मैंने भाभी से कहा कि अब हम कुए में गिर गये हैं और हमारे पास बाहर रस्सी भी  नहीं है तो हमें अपने कपङो से रस्सी बनानी होगी इसलिये आपको अपने कपड़े उतारने होगें वो बोली ये क्या बत्तमीजी है मैं तुम्हारे सामने अपने कपड़े कैसे उतार सकती हू्ँ मैंने कहा ठीक है मत उतारो कुए में पडी रहो जिंदगी भर वो डर गयी और बोली ठीक है देती हूँ यह कहकर वो साड़ी निकालने लगी मैंने भी अपने कपङे निकाल दिये अब मैं अंडरवियर में और भाभी पेटीकोट ब्लाउज में थी.

मैंने साड़ी और कपडों को इस तरह से बांधकर रस्सी बनाई कि वो छोटी पड जाये मैं भाभी को बोला भाभी रस्सी छोटी है ऊपर तक नहीं जायेगी इसलिये हमें बाक़ी के कपड़े भी निकालने होगें यह कहकर मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और भाभी को बोला अब आपकी बारी वो रोने लगी मुझे उसको रोता देख गुस्सा आ गया मैंने उसे बोला तुम कपड़े निकाल रही हो या मैं निकालू वो मेरे गुस्से से डर गयी और कपड़े निकालने लगी सबसे पहले उसने ब्लाउज खोला क्या द्रश्य था वो उसके नारंगी जैसे बूब्स ब्रा में कसे हुए बाहर आ गये यह देखकर मेरा नौ इंच का लंङ फुफकार ने लगा अब उसने अपना पेटीकोट को नाडा भी  खोल दिया उसकी गोल मटोल गाँड लाल पैंटी में कसी हुई बाहर आ गयी मेरी जीभ येदेखकर ललचाने लगी मैंने उसे बोला जल्दी से बाक़ी कपङे भी निकालो वो बोली नहीं ।

मैंने उसे धमकाकर बोला निकाल रही है या नहीं वो बोली निकाल रही हूँ उसने अपने बाकी के कपड़े भी निकाल दिये अब हम दोंनों पूरी तरह से नंगे खडे थे उसको पहली बार नंगा देखा था क्या बदन था उसका मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया मेरा लंड देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी मैंने बाक़ी कपडों को जोङ दिया और फंदा बनाकर ऊपर फेंका फंदा पेड़ की टहनी में अटक गया अब हम ऊपर जा सकते थे अब मेरे दिमाग में एक शैतानी सूझी मैंनै भाभी को बोला कि अगर तुम ऊपर जाना चाहती हो तो तुम्हें मुझसे कसकर लिपटना होगा ताकि हम रस्सी पकडकर ऊपर जा सकें उसके पास कोई और चारा नहीं था तो वो मुझसे लिपट गयी मैंनै उसे कसकर बाहों में भर लिया ऐसा करने से उसके बूब्स मेरी छाती पर गढने लगे।

अब मैं रस्सी पकडकर उपर चढने लगा मैंने अपने पैर भी उसकी कमर के चारों ओर कसकर फैला दिये अब मेरा लंड भी  उसकी चूत के सामने आ गया और चूत पर ठोकर मारने लगा ऐसा करने से उसके मुँह से हल्की चीख निकल गयी अब हम रस्सी पकडकर जैसे तैसे ऊपर आ गये वो उठकर भागने लगी लेकिन मैने उसको पकड़ लिया और उसको जमीन पर लिटाकर  उसके ऊपर चढ गया वो बोली मुझे जाने दो मैं बोला ऐसे कैसे जाने दूँ बहुत दिनों से तङप रहा हूँ तेरे लिये आज तो तुझे चोदकर ही रहूँगा यह बोलकर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर उन्हें चूसना चालू कर दिया क्या होंठ थे उसके मजा आ गया । 

करीब आधा घंटे तक उसके होंठ तो कभी गर्दन को चूसता रहा अब मैं नीचे की तरफ बङा और उसके बूब्स को मुँह में भर लिया कभी ये तो कभी वो दोंनों बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया अब नाभि की बारी थी जैसै ह मैंने वहाँ जीभ लगायी वो चिहुक उठी थोड़ी देर नाभि चूसने के बाद मैं चूत की तरफ बढ गया अब मैंने उसकी चूत को जीभ लगा कर चूसना चालू कर दिया उसकी चूत गर्म भट्टी की तरह तप रही थी मैंने उसे चूस-चूस कर पानी निकाल दिया क्या स्वाद था उस योनरस का मैं पहली बार किसी लड़की की चूत का रस पिया था .

अब भाभी भी गर्म हो चुकी थी और चिल्लाने लगी प्लीजअब मुझे चोद दो अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझा दो मेरा लंड भी अब बेकाबू हो गया मैंने सुपाडे को चूत के छेद पर रखकर धक्का लगाया और करीब तीन इंच तक लंड अंदर चला गया भाभी रोने लगी मर गयी उई माँ मर गयी प्लीज निकाल लो इसे मैं मर जाऊंगी मेरी गयी फट  आह आह आह आह आह वो कराहने लगी।

फिर मैंने उनकी कोई बात नहीं मानी अब मैंने दूसरा धक्का लगाया जो कि बड़ा जोरदार था, हम दोनों पूरे गीले होने की वजह से मुझे पता था कि बिना ज़्यादा दर्द के इस बार मेरे लंड का पूरा प्रवेश हो गया इस सुनामी वाले हमले से भाभी का जिस्म सिहर गया और उनकी दबी हुई वासना बाहर आने लगी अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी वो मादक सिसकारी लेते हुए चिल्लाये जा रही थी चोदो मुझे और जोर से चोदो उसने मेरे को चूमना शुरू कर दिया.

फिर उसने अपनी जांघों को मेरी कमर पर लपेट लिया और वो मेरे हर झटके का जवाब अपनी गांड को उछाल-उछाल कर देने लगी. उसकी इस हरकत ने मेरी उत्तेजना और बढ़ा दी और में जोर जोर से चोदने लगा करीब एक घंटे तक मैं उसकी चूत और गाँड दोंनों को बारी -बारी से चोदता रहा अब मैं भाभी को और तेजी से चोदने लगा और जोरदार झटके साथ झड गया. मैंने पूरा मूठ उसकी चूत में गिरा दिया अब मैं भाभी को रोज चोदता हूँ वो मा भी बनने वाली है. हमारी चुदाई की बात भैया को पता है पर वो नामर्द मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता मैं उसके सामने ही भाभी को चोदता हूँ।आपको भाभी की कुए पर चूत चुदाई स्टोरी कैसी लगी.. नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स मे कमेंट कर बताए। आप मुझे मेल भी कर सकते है.[email protected]

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चुदते चुदते प्यार हो गया -2 | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/group-sex/chudate-chudate-pyar-ho-gaya-2.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/group-sex/chudate-chudate-pyar-ho-gaya-2.html#respond Wed, 27 Mar 2019 02:03:57 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14526 मेरी पेशानी को प्यार से चूमा फिर मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए. उसके होठों से मेरे होंठ मिलते ही मेरे सारे जिस्म में जैसे च्योटियाँ सी रेंग गयी, फिर उस ने मेरे सर को अपने सीने से टिका दिया उस की टी शर्ट के दो बटन खुले थे जिसमें से उस की छाती के घने काले बाल झांक रहे थे.

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चुदते चुदते प्यार हो गया -1

दोस्तो अब तक की कहानी में आप ने देखा कि कैसे मैं ने अपने शारारिक तौर पर कमजोर पति की मदद से एक अजनबी के साथ फोन सेक्स किया और झड़ गयी. अब आगे का किस्सा सुनिए
उस रात फ़ोन सेक्स करते हुए मेरी जो चुदाई हुई तो मुझे सारी रात बड़ी मस्त नींद आयी. सुबह आंख खुलते ही उस शख्स राज का खयाल आया और उस को सोच कर ही मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गयी. उसकी नशीली आवाज़ सुनने को मन बेचैन होने लगा. नाश्ता करने के बाद जमील आफिस और बच्चे स्कूल चले गए. मैंने नहा धो कर अलमारी में से उस फ़ोन को निकाला जो जमील सिर्फ ये सब करने के लिए इस्तिमाल करते थे वर्ना फ़ोन बन्द गई पड़ा रहता. मैने भी आज तक जमील के पीछे उसे हाथ तक नही लगाया था मगर आज तो मेरा मन और तन दोनों मेरे काबू में नही थे.

मैंने नहाने के बाद अब तक कपड़े नही पहने थे नंगी ही फ़ोन ले कर रज़ाई में घुस गई. कॉल किया तो किसी ने नही उठाया दूसरी बार ट्राई किया. अब के दो तीन रिंग के बाद उसने फ़ोन उठाया..हालो नींद में डूबी उस की आवाज़ सुन कर मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गयी.
सो रहे थे आप? सॉरी हम ने आप को उठा दीया?
ओह्ह नही नही हम सो नही रहे थे आंखे बंद करके आप को सीने से लगाये लेटे हुए थे.
अच्छा जी.. रात भर से
नही अभी सुबह सुबह से ही, रात भर तो फुरसत किसे थी. न आप को न हमे.
क्यों भला. मैं उस की बात का रुख समझ गयी थी मगर मेरा मन उस की खुली खुली कमोतेजित बातें सुनने को मचल रहा था.

सारी रात तो न हमे आप को चोदने से फुरसत थी न आप को चुदवाने से.
स स स  मै ने होले से सिसकी भरी। मेरा हाथ अपनी नंगी चुत पर चला गया.
जब हम ने अपना लन्ड आपकी चुत में डाला था तब भी आप ने ऐसी ही सिसकारी भरी थी.
आआह मै जल्दी जल्दी अपनी चुत सहलाने लगी और पूछा आप का कैसा है.
क्या कैसा है?
वही जो आप ने मेरी उस मे।
देखना चाहोगी उस को?
हाँ।।मैं ने बेताबी से कहा..
एक शर्त पर
क्या?
पहले साफ साफ बोलो मैं ने क्या डाला था आप की उस मे और क्या किया था.

मैने एक गहरी सांस ली अपनी टांगें फैला ली और ज़ोर ज़ोर से अपनी चुत को अपनी हथेली से सव्हलने लगी. मेरी चुत में अपना लन्ड डाल कर मुझे चोद दिया था आप ने! इतना कहते ही में झटके खाने लगी मै झड़ रही थी. आआह आआह शायद वो भी झड़ रहा था और बोल रंडी और बोल 
आआहआआह तू ने मेरी चुत को पेल पेल कर उस का भोसड़ा बना दिया था. भोसड़ी के आये छिनाल तू खुद ही तो टांगें चौड़ी करके नीचे आयी थी. मेरे लाल लाल लन्ड को गटकने रंडी आआआआआआ तू ने भड़वे सारा माल मेरी चुत में उंडेल दिया अपने बच्चे की माँ बना दिया मझे।

में ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और झड़े जा रही थी.
हम दोनों झड़ते गए बड़ी देर बाद दोनों शांत हुए. जब इस फ़ोन चुदाई में इतना मज़ा था तो असली चुदाई में क्या हाल होगा. थोड़ी देर बाद उठ कर मैं में कंप्यूटर खोल कर मैसेंजर चालू किया. उसने फ़ोटो भेजी थी फ़ोटो देख कर मेरा दिल ज़ोरों से धडकने लगा वो एक शानदार मर्द था, मज़बूत बदन और भारी भरकम वजूद से ऊर्जा टपकती हुए महसूस होती थी 45 के आस पास उम्र थी उसकी. गोरा खूबसूरत, बड़े बड़े घने देबाल. उस की डैशिंग पेर्सनॉल्टी देख कर मैं मस्ती से भर गई.

दोपहर बाद बच्चों के ट्यूशन पर जाने के बाद मैंने उस को कॉल किया तो जैसे वो भी मेरी काल के लिए बेताब था छुटते ही पूछा तस्वीर कैसी लगी हमारी जान को बोहत हैंडसम हैं आप । हीरो लगते हैं हमे नही पता था आप की आवाज़ की तरह आप की शख्सियत भी दिलकश है. वह हंसा और बोला आवाज़ तो आप की भी बोहत प्यारी है शक्ल कब दिखाएंगी नही में इंटरनेट पर मेरी तस्वीर शेयर करने का रिस्क नही ले सकती। तो आप कहो हम मिलने आ जाये आप से। 4 घण्टे का सफर ही तो है.

दूसरे दिन वो आ गया वह मुझे देखने के लिए और में उस से मिलने के लिए पागल हो रहे थे
एक थोड़े सुनसान इलाके में वो कार में इंतेज़ार कर रहा था । मै ऑटो से थोड़ी दूरी पर उतर गई और उस की कार की तरफ बढ़ी मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था । मै ने पिंक कलर का शलवार सूट पहने था और खूब अच्छे से तैयार हो कर आई थी.
कार के करीब पोहची तो कार का ब्लैक शीश खुला उस का हसीन चेहरा सामने था  आंखों पर धूप का चश्मा लगाया हुआ था मुझे देख कर वो देखता ही रह गया. उसने जाने क्यों मुझे पीछे की सीट पर बैठने का इशारा किया में इतनी नर्वस हो रही थी के बिना कुछ कहे पिछला दरवाज़ा खोल कर बैठ गयी. निहायत शानदार बड़ी सी गाड़ी थी अंदर का माहौल भी ख़्वाबनाक था, परफ्यूम की भीनी भीनी खुशबू और ऐ सी की ठंडी फ़िज़ा. मेरे बैठते ही उसने कार आगे बढा दी.

मै पीछे की सीट पर सिमटी और घबराई हुई सी बैठी थी रिलैक्स वो बोला आप तो अपनी आवाज़ से ज़्यादा हसीन निकली. उसने थोड़ा आगे ले जाकर कार को एक कच्चे रास्ते पर मोड़ कर यूँ खड़ा कर दिया कि मेन रोड से गुजरती हुई एक्का दुक्का गाड़ियों की नज़र हम पर नही पड़ती थी. वो ड्राइविंग सीट से उतर कर पीछे की सीट पर मेरे बराबर आ कर बैठ गया. उसको इतना करीब पाकर एक तरफ शर्म से मेरा बुरा हाल हो रहा था तो दूसरी तरफ उस के भरपूर वजूद को इतना पास महसूस कर के मेरे बदन में और खास तौर से मेरी जांघों में खून ज़ोरों से दौड़ रहा था. उसने अपने मज़बूत और बड़े बड़े हाथों से मेरे नाज़ुक हाथों को थामा तो मेरे बदन में ज़बरदस्त करंट लगा पहली बार किसी पराये मर्द ने इस तरह छुआ था मुझे.

फिर उस ने मुझे खुद से करीब किया और मेरी पेशानी को प्यार से चूमा फिर मेरे होंठों से अपने होंठ लगा दिए. उसके होठों से मेरे होंठ मिलते ही मेरे सारे जिस्म में जैसे च्योटियाँ सी रेंग गयी, फिर उस ने मेरे सर को अपने सीने से टिका दिया उस की टी शर्ट के दो बटन खुले थे जिसमें से उस की छाती के घने काले बाल झांक रहे थे. उसकी छाती में अपना मुंह धसा कर मैं ने अपने आप को उस के बाज़ुओं में ढीला छोड़ दिया शर्म से मेरी आँखें मुंदी हुई थी मगर उसके वजूद से उठती हुई. मर्दाना खुशबू मुझे पागल किये दे रही थी वो अपने मज़बूत हाथों से मेरी पीठ और बाल सहला रहा था.

अचानक उस ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया कॉटन की मुलायम पतलून में उस के तने हुए लन्ड पर हाथ पडते ही मुझे ज़ोर का झटका लगा. मैंने घबराकर अपना हाथ खींच लिया मगर इस एक लम्हे में मैं उस के लन्ड की साइज और मोटाई को महसूस कर चुकी थी उस ने अब मेरे कुर्ते पर से मेरी चुचियों पर हाथ फेरा तो में ने तडप कर उस के लन्ड को थाम लिया और उस को कपड़े पर से ही अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया। थोड़ी देर तक इसी तरह चूमा चाटी चलती रही बड़ी मुश्किल से हम ने अपने अपने जज़्बातों  को काबू किया. घर वापस आने के बाद भी सारा दिन मैं उस के खयालो से पीछा नही छुड़ा सकी।

आज पहली बार किसी गैर मर्द ने मेरे बदन को छुआ था. अब मुझे किसी हाल करार नही था जी चाहता था वो कहीं से आ जाये और मुझे अपनी बाहों में दबाकर चूर चूर कर दे। कहते है जब बात बनने को आती है तो बनती चली जाती है उसी शाम जमील ने बताया कि वो आफिस के काम सेअगले हफ्ते सिंगापुर जा रहे है चार दिन का टूर था ।

दूसरे दिन जमील के जाने के बाद मैने राज को कॉल किया यह खबर सुन कर वो बे हद खुश हो गया। उस ने प्लान किया कि वो दो दिन के लिए मेरे शहर में आकर होटल में रुकेगा.
जमील के जाने के दूसरे दिन बच्चों को स्कूल भेजने के बाद मै बाथरूम में घुस गई सबसे पहले चूत को शेव किया फिर खुशबूदार झाग वाले साबुन से बदन को रगड़ रगड़ कर नहाई. फिर डार्क पिंक कलर की चड्डी और चोली निकली जो मै ने अभी दो दिन पहले ही खास आज के लिए खरीदा था। फिर हल्के पिंक रंग का सूट निकाला। कपड़े पहन कर और हल्का सा मेकअप करके आईने में अपने आप को देखा तो मुझे अपने आप पर ही प्यार आने लगा फिर राज की क्या हालत होगी दिल मे सोचने लगी।

यह सब करते हुए मेरे मन मे हल्का सा भी विचार आखरी हद को पार करने का नही था यानी चुदाई का बिल्कुल भी इरादा नही था कुछ भी हो मै जमील के साथ बे वफाई का सोच भी नही सकती थी मैं तो बस उन लम्हो को एक बार जी भर के जीना चाहती थी. जो कार में राज के साथ पहली मुलाकात में जिये थे। उसकी विशाल छाती में सर धसा कर उस के बदन की गर्मी को फील करना चाहती थी और राज की उस दिन की एक ख्वाहिश भी पूरी करनी थी जो उस ने मेरे कानों मे उस दिन की थी मुझे अपनी बाहों की कैद से आज़ाद करने से पहले उस ने मेरे कान में ऐसी बात की थी कि शर्म और नशे से मेरी आँखें मूंद गयी थी. उसने कहा था हम कल आपका अपने रूम पर इंतेज़ार करेगे अरे अरे घबराइये नही. जब तक आप खुद नही कहेगी हम आप को नही चोदेगे मगर एक बार आपकी गुलाबी चुत के दीदार करवा दीजिये. पलीज़….

सिर्फ हम उस को निहारेगे आप की इजाज़त के बिना उस को छुवेगे तक नही।
और आज मैं अपनी चुत को दुल्हन की तरह सजा के दीदार करवाने रिक्शे में बैठ कर उस की होटल जा रही थी. होटल में चुत का दीदार करने के बाद क्या उस ने मुझे चोदे बिना जाने दिया। क्या उस ने अपने लन्ड का दीदार मुझे करवाया। क्या उस के लन्ड को देख कर मेरी चुत चुदड गयी ये जानने के लिए इस कहानी के अगले भाग का इंतज़ार कीजिये और अबतक की कहानी कैसी लगी मुझे बताईये।

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भाभी के बेड़े बडे चूतड़ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ke-bade-bade-chutad.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ke-bade-bade-chutad.html#respond Tue, 26 Mar 2019 09:00:37 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14524 अब भाभी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी चूत से ज्यादा भाभी की गांड मारने में मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गई. मेने भी लैंड की स्पीड बाढ़ा दी और उनकी गंड में ही झड़ गया. फिर 2 मिनट तक ऐसे ही भाभी की गंड में लैंड डाले पड़ा रहा.

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हलो दोस्तों मेरा नाम अनुज हैं और में बीएससी फाइनल का स्टूडेंट हु मेरे घर मे मोम डैड भैया और भाभी हैं भाभी एक दम पटाका माल हैं. उनके बड़े बड़े खरबूजे जैसे बूब्स और उनकी उभरी गांड और उनके बड़े बड़े चूतड़ जब वो चलती हैं ना यार क़यामत ढा देती हैं मे उनको चोदने का ख्वाब देखा करता था. उनके नाम की मुट्ठ मारता था और सोचता था काश मुझे भाभी की चुदाई करने का एक मौका मिले हमेशा में उन्हें छूने की कोशिश करता. उनकी गांड को तिरछी नजर से देखता. जब वो रूम में झाड़ू लगती तो जान बूझकर रूम में पढ़ने बैठ जाता और उनके बूब्स के दर्शन करता उनके बूब्स हमेशा ब्लाऊज में से उभरे रहते बड़े बडे बूब्स हमेशा ब्लाऊज से बाहर निकलने को तैयार रहते. यू ही रोज़ का मेरा काम हो गया. उनके नाम की मुट्ठ मरना।

एक दिन में बेड पर मोबाइल में पोर्न देख रहा था और मुट्ठ मार रहा था मेरा माल निकलने वाला था तो में कच्छे में ही अपना माल छोड़ दिया. अब में कच्छे को धोने के लिए बाथरूम गया. भाभी आगन में लेटी थी मेरा बाथरूम आगाँन के पास ही बना था. मेने सोचा अगर गेट लगाऊँगा तो भाभी को शक हो जाएगा इसलिए में गेट खोल कर अपना माल साफ करने लगा. मुझे 5 मिनट हो गए साफ करते करते मैनेें जैसे ही मूड कर पीछे देखा सामने वाले रूम के जांगले से भाभी सब देख रही थी में एक दम से चौक गया। भाभी भी तुरंत वहा से हट गईं में बाथरूम से बाहर आया और अपने रूम में चला गया.

तभी भाभी बाथरूम में गई मुझे बहुत गिल्टी फील हो रहा था तो में स्कूल चला गया उस समय मे 12वी क्लास में था मुझे स्कूल में भी गिल्टी फील हो रहा था. अब में स्कूल से घर आया में भाभी से नजरे नही मिला पा रहा था. एक दो दिन तक मेने भाभी से बात नही की फिर भाभी ने ही आकर बात की क्या हुआ तुम्हे ये सब नार्मल बाते हैं तुम्हारे ऐज के लडको में मैने सिर हम्म कहा और अपने रूम में आ गया. एक दिन हमारी रिलेशन में शादी थी तो सभी लोग वहा चले गए मेरे बोर्ड एग्जाम होने के कारण मैं ना जा सका और खाना बनाने के लिए भाभी भी घर पर रुक गई. मुझे खाना बनाना नही आता इसलिए में और भाभी ही अकेले घर मे रह गए. सब लोग 3 दिन बाद आने वाले थे तो में भाभी को चोदने का मौका ढूढंने लगा कैसे पटाया जाय भाभी को दुपहर को स्टडी करते करते में थक गया सोचा तोड़ा मोबाइल चला लू लेकिन मेरा मोबाइल का डेटा खत्म हो गया था तो में भाभी का मोबाइल ले आया.

मेंने चुदाई की कहानी पढने लगा. देवर भाभी की कहानी पढ़ कर मुट्ठ मार कर में वेब हिस्टरी में गया और हिस्टरी डिलीट करने लगा मेने देखा वह पहले से ही बहुत सारी वेब हिस्ट्री थी. जिसमे चुदाई की कहानिया और पोर्न साइट थी में समझ गया भाभी भी पोर्न देखती है. मेरे दिमाग मे भाभी को चोदने के लिए एक आईडिया आया में शाम को एक कोला की बोतल और मेडिकल से vigra mg100 ले आया। में घर पहुचा भाभी मोबाइल चला रही थी. में किचन से दो गिलास ले आया और एक गिलास में कोला के साथ vigra की गोली मिला दी. फिर मेने भाभी को बुलाया वो आई और बोली अरे वा!देवर जी आज तो भाभी को बहुत खयाल रख रहे हो मेने एक स्माइल दे दी. इसके बाद मेने उनको गोली मिला वाला गिलास दे दिया वो पूरा गिलास कोला पी गई वो भी इसका टेस्ट कुछ अलग है में बोला भाभी अब नई कोला आया हैं तो टेस्ट तो अलग होगा ही और वो एक स्माइल देकर अपने रूम में चली गई में जनता था गोली के नशे में भाभी चुदाई के लिए तड़पेगी। तोड़ी देर के बाद में भाभी के रूम में झाँककर देखा ।

अंदर का नजारा देख कर मेरे तो होस ही उड़ गए. भाभी अपनि चूत में बेगन डाल रही थी में मौके का फायदा उठाते हुए सीदे भाभी के रूम में घुस गया मुझे देखकर भाभी ने बेगन छुपा लिया मेने कहा भाभी जी मेने सब देख लिया हैं और सीधे बेड पर जा कर भाभी के होठो में अपने होठ रख दिये omg क्या एहसास था वो मुलायाम मुलायम होठो को राबड़ी की तरह चूस रहा था. भाभी ने मेरा बिल्कुल भी विरोध नही किया बाल्कि वो भी जोर जोर से kiss करने लगी. मेने भाभी के ब्लाऊज को खोल दिया उनकी ब्रा एक दम टाइट थी. मेने ब्रा को तुरंत खोल के फेक दिया इतने बड़े बड़े बूब्स मेने पॉर्न में ही देखे थे में तेजी से बूब्स को दबाने लगा वो आहहहहहहहहह आहहहहहहहह की आवाजें निकलने लगी. मेने देर न करते हुए निप्पल को अपने मुह में ले लिया और चूसने लगा भूखे शेर की तरह में उनके बूब्स को चूस रहा था वो बोली प्लीज चोद दो देवर जी अपनी प्यारी भाभी को मैने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.

उन्होंने पैंटी नही पहनी थी शायद बेगन डालने के लिए पहले ही उतर दी थी. मेने चूत पर सीधे अपने हाथ रख दिये भाभी तङप उठी बोली प्लीज अब रहा नही जाता अपना लंड डाल तो फाड़ दो भाभी की चूत में जोश में आ गया और अपने लंड का सूपड़ा उनके चूत के छेद पर रखा और एक धक्का लगाया. मेरे लंड में दर्द होने लगा तो मैने लंड चूत से निकल लिया. भाभी चिल्ला के बोली क्यों निकल लिया में बोला दर्द हो रहा हैं बहुत तेज भाभी ने मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपने चूत के छेद में रख कर तेजी से लैंड पे बैठ गई मेरी तो जान ही निकल गई हो.

मेरे लैंड में बहुत तेज़ दर्द होने लगा भाभी के चूत से खून निकालने लगा. भाभी बोली तेरी सील टूट गई. देवर जी और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी अब मुझे भी मजा आने लगा भाभी बहुत तेज़ अहहहहहहहहहहहह आहहहहहह करने लगी पूरे कमरे मर फचा फच की आवाजें आने लगी. भाभी बोल रही थी फाड़ दे भाभी की चूत बना दे मुझे अपने बच्चे की माँ 10 मिनट चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था भाभी इस दौरान 2 बार झड़ चुकी थी तो मैने भाभी से कहा में झड़ने वाला हु भाभी ने मुह मेरा लैंड निकल कर मुह में ले लिया और मेरा सारा बीर्य पी गई. फिर बोली ये सब गलत किया तुमने मुझे पता न तुमने कुछ मिलाया था कोला में। ये बात किसी को नही बाताना ये हम दोनों के बीच ही रहेगी बात में बोला हा भाभी.

फिर मेने उनके चूतड़ पर एक हाथ मार कर कहा मुझे आपकी गांड मारना है वो बोली तू भी तेरे भी जैसा ही गांड का दीवाना हैं और मेरे पेंट को खोल कर मेरा लैंड चुसने लगी वो लॉलीपॉप की तरफ मेरे लैंड को चूसे जा रही थी. मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा. फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और में उनकी चूत और वो मेरा लंड चाटने लगी. फिर उन्होंने अपने गंड मेरे मुह में रख दी में किसी कुत्ते की तरह उनकी गंड के छेद में जीभ डालने लगा. भाभी अपने बूब्स दबाने लगी. फिर मेने भाभी के चुतड़ पर जीभ फेरना सुरु किया.

अब मेने देर न करते हुए लैंड का सूपड़ा भाभी की गांड के ग़ुलाबी छेद पर रखा एक धक्का दिया आद्दा लंड गांड में घुस गया. भाभी में मुह से उफ्फ्फ निकल गई तबि मेने एक औऱ झटका दिया पूरा लैंड भाभी की गांड में भाभी अअअअअ आआआआआ की आवाजें करनें लगी बोली निकलो बहुत दर्द हो रहा हैं. मेने 2 मिनट रुक कर धीरे धीरे धक्के देना सुरु कर दिया. अब भाभी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी चूत से ज्यादा भाभी की गंड मारने में मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गई. मेने भी लैंड की स्पीड बाढ़ा दी और उनकी गांड में ही झाड़ गया. फिर 2 मिनट तक ऐसे ही भाभी की गांड में लैंड डाले पड़ा रहा. जब मैने लंड भाभी की गांड से निकला तो गांड से वीर्य बाहर आने लगा उस रात हमने 4 बार चुदाई की ।जब भी मौका मिलता है में भाभी को चौद देता हूं ।

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शराफत की देवी मेरी बहन- 11 | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/sharafat-ki-devi-meri-bahan-11.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/sharafat-ki-devi-meri-bahan-11.html#respond Tue, 26 Mar 2019 06:56:50 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14520 बहन ने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी और कहने लगी आज आप दूबाारा अपना खड़ा करिए और मा के चूत को अपने महान लंड द्वारा धन्य कर दो मेेे लन्ड इतना मां को चोदने के लिए बेताब था कि दोबारा खड़ा होने में देरी न किया

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शराफत की देवी मेरी बहन- 10

दोस्तों मैं सूरज कुमार अपनी कहानी के उस पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां से जिंदगी में भूचाल आना पक्का है, अब मुझको घर के चूत कि इतनी आदत पड़ गई थी कि मुझे अब यह फर्क नहीं पड़ता था कि चूत किसकी है, जवान चूत से लेकर बुजुर्ग महिला चूत में अब मुझको कोई फर्क नहीं पड़ता पहले तो सीमा के साथ खुुब चोदाई की और उसी दौरान बहन ने उंगली करने लगी और मैका ऐसा बना दिया भगवान ने जो चीज सबसे असम्भव होती है इस दुनिया में उस चीज को भी मै पा लिया जो मेरी प्यारी बहना और बहना ने तो मुझसे भी दो कदम आगे निकली उसने तो पृथ्वी की सबसे भाग्यशाली वस्तु मां के चूूत को भाई के लंड का पानी अंदर तक घुस दिया अपने भाई के रिश्ते को उस मुकाम पर पहुंचा दिया .

जिसको लोग कल्पना करते हैं मुझे भी यह कल्पना ही लगता था बहन अगर न होती तो शायद ही कभी ऐसा भी हो पाता, मैं अपने चुदाई से बहुत खुश था मैं सोचता था कि जब तक बहन की शादी नहीं होती है तब तक मैं बहन के साथ नाजायज संबंध में रहूंगा लेकिन यह मेरी सोच से उल्टा हुआ जिसके बारे में मैं कभी सोचा भी नहीं था बहन के डर से या मेरी कमर उम्र के कारण मैं उस समय बस चोदाई से ही मतलब रखता था , मैं हमेशा यही सोचकर बहन को चोदा और शादी की जब तक बहन की शादी नहीं हुई है मैं शादी भी कर लूूंगा तो उसके बाद बहन की शादी होने पर भी वह मुझसे चोोदाई करती रहें ..

ओ यह भी बात सही है कि मैं भी बहन से प्यार करने लगा था मुझे भी अब समाज के डर से कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन जब मेरी उम्र बढ़ने लगी मैं बाहर गया तब मेरा दिमाग अब ऐसा करने की गवाही नहीं दे रहा था लेकिन मैं बहन को रोता नहीं देेख सकता था मैं बहुत परेशान रहने लगा था, अब जब हवस चढ़ती थी तो मां को चोदने का मन करता था और मैं हमेशा बहन को यह कह कर की अब तो हम दोनों कुछ दिन ही यहां रहेगें, बहन मेेे साथ देती थी.

अब बहन के रिश्ते की बात बहुत तेजी से चलने लगी थी बहन मुझे पेसर देती थी चिल्लाने लगती थी मैं क्या कह के समझाऊं मैंने उससे बहुत वादा किया था और शादी भी कर लिया था मैं पैसे की इंतजाम कर रहा हूं कर के बात को किसी तरह घुमा देता था लेकिन कब तक बहुत परेशान रहने लगा.

कभी कभी मन करता था कि लेकर भाग जाऊं फिर घर की इज्ज़त के डर से हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, अब बहन से पहले जैसा बातें और रात में सोने का मौका भी कम मिलता था बहन के साथ उस दिन करवाचौथ के दिन के बाद से, मैं इतना परेशाान हो गया था किया पीने लगा था और रात में बहर सोने लगा ‌.
बहन एक दिन दोपहर को जब मां खेत में गई थी बहन ने दरवाजा बंद कर दिया औरत मुझे पकड़ कर रोने लगी आप मुझसे प्यार नहीं करते हैं आप मेरे बिना जिंदा रह सकते हैं, मैं बहन को अपनी बाहों में भर लिया और कहा कि बस एक महीना का मौका दो हम दोनों लोग अपना घर कही और जा कर बनायेंगे,अब मैं भी बहन के आंसू नहीं देख पा रहा था.

मैंं अब सारे टेंशन को छोड़ कर यह माान लिया था जो होगा अब देखा जायेगा, बहन को बाहों में भर कर ओंठ चूसना शुरू कर दिया कहा रानी आज के बाद से तुम्हारा टेंशन अब खत्म है अब मुझे जो करना है मैं करूंगा.

बहन की चूूची सलवार के ऊपर से दबाने लगा और पैंटी में हाथ डालकर चूत में उंगली डाल कर गरम करने लगा, बहन के आंसू बंद हो गया था, चूची को सलवार के ऊपर से नीकाल दिया लेकिन चूची बहुत बड़ी होने के कारण बाहर पूरा नहीं निकाल पा रहा था लेकिन चूची का निप्पल बाहर निकल आया था अपने होठों से उसको दबा कर चूसने लगा और बहन के हाथों को अपने लंड को पकड़ कर हिलाने को कहा, में मेरा लन्ड** पूरा खड़ा हो गया था.

फिर मैं बहन की निप्पल को चूसने के बाद अपना लंड बहन की दिया बहन गर्म हो गई थी अपने हाथ से मेरे पीछे नाखून से चिमटी कटने लगी थी मैं अपना लंड चूत में डाल कर हिलाने लगा और सोचने लगा अब जो होगा भगवान भरोसे छोड़नेे से काम नहीं चलेगा और चूत** मेंं डाल कर लंड** हिला रहा था 15 मिनट बाद मेरा पानी बहन की च** में गिर गया बहन से चिपक कर बगल में सो गया कुछ देर बाद मैं बहन से बोला तुम जाकर मेरे लिए कुछ खाने को लाओ और गेट खोल दो नहीं तो मां आ जाएगी और पूछेगी गेट क्यों बंद है बेवजा के सवाल करेंगी.

मैंं बहन से बोला रानी तुमको मेरी एक बात माननी पड़ेगी अगर तुम मना करती हों तो कोई बात नहीं, अगर तुम मेरी बात मान लेेेती हो तो मुझे खुशी होगी कि तुम मेरे लिए तुम कुछ भी कर सकती हो, बहन बोली आप कहेंगे मैं आप के लिए कुछ भी करना पड़ा चाहें जो भी हो बस आप को छोड़ने के अलावा कोई भी बात हो मैं अपने पति की गुलाम हूं आप बेझिझक बोलिए, मैंं बहन को इमोशनल ब्लैकमेल करके यह बोला जब तक हम दोनों घर से नहीं भागते हैं तब तक तुम मम्मी को चोदने में मेरा हेल्प करोगे, मैं चाहता हूं कि जब तक हम लोग घर पर रहे कुछ यादें अपने साथ ले जाएं अगर तुमको बुरा लगेगा तो मैं नहीं करूंगा मुझे तुम्हारी खुशी से ज्यादा किसी चीज की चाहत नहीं है बहन को इमोशनली ब्लैकमेल कर रहा था बहन मेरे प्यार के आगे झुुुक गई बोली मैं आपके लिए एक 2 महीने के पूरे जीवन कोई भी काम करने को तैयार हूं.

मैं बहन से बोला तो रानी आज रात को कुछ तूफानी तरीके से मजाा लेते हैं आज तुम मम्मी को दवा खिला देना बहन बोली आप तैयार रहेगा रहिए गा आज रात को आपको जन्नत की सैर कर आऊंगी.

मैं रात का इंतज़ार करने लगा आज दिन जैसे कट ही नहीं रहा था अब 11बजे मैं दिन में सो लिया लेकिन आंख खुली तो देखा 5ही बज रहे थे बहन बहुत खुश थी मैं उसको अश्वान दे दिया था, मैं भी आज कि रात को कुछ अलग तरीके से मजा लेना चाहता था रोज नॉर्मल तरीके चुदाई****होने के कारण मैं भी ऊब गया था मुझे आज कुछ नए तरीके से चोदने का मन कर रहा था बहन के सरप्राइज का इंतजार कर रहा था इंतजार के लंंबी घड़ी नहीं हुई समाप्त , आज मम्मी नीचे आराम करने लगी और उनको दवा के कारण नींद आ गई थी और वह ऊपर नहीं आ पाती.

बहन बोली अब क्या करूं मैं बहन के चेहरे को देखकर बोला रानी तुम मेरी खुद सरप्राइज हो तुम ही आ जाओ हम कुछ नए तरीके से मजा लेंगे मैं बहन को नाखुश नहीं करना चाहता था बहन को चोदा खुश होकर मुझे किस करने लगे और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपनी भी कपड़े उतार कर फेक दे और अपनी चूतड़** को मुंह पर लाकर रख दिया और मेेे सिर को बेड से नीचे की तरफ करके मेरे मुंह में अपनी चूत का पानी गिरने लगी मैं नशे में बहन के पानी को पीने लगा , फिर बहन बोली आप भी अपने लंड का पानी मेरे मुंह में डाल दीजिए.

मैं आज आपको कुछ अलग ही आनंद दूंगी मैं अपना पानी बहन के मुंह में छोड़ दिया, फिर बहन मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाने लगी कुछ देर के बाद बहन अपने चूतड को मुंह पर रख कर चूत को चाटने लगी मैं भी बहन के चूत को चाटने लगा हम दोनों लोग एक दूसरे के हथियार को चाटने के बाद बहन के चूत में अपना लंड डाल दिया और बहन को ऊपर कर दिया बहन ऊपर से उछल उछल कर चोद रहीं थीं मैं भी नीचे से झटके मार रहा था हम दोनों लोग एक साथ झड़ गए, दोनों बिना कपड़े के ही सो गए, सुबह बहन मुझे उठा कर कपड़े पहनने बोली मैं एक बार फिर चोदा.

अब आज के दिन का इंतजार करने लगा देखो क्या होता है लेकिन आज मम्मी छत पर ही खाना मंगाकर खाई बहन अपना काम कर दिया था 10बजते ही मां सो गयी बहन मेरे पास आकर बोली कााम हो गया है मैं बोला ठीक से चेेक कर लो वह बोली मैं दो टिकिया खिलाायी हू, और मैं हििा कर देख लिया है मैं बहन के साथ मां के पास गया पहले मैं मां को इधर उधर करके देखा मां को कोई असर नहीं पड़ा फिर मैं मां के विशालकाय चूचियों को पकड़ कर हिलाने लगा बहन मम्मी के साड़ी उठाकर ऊपर कर दिया फिर दोनों पैरों को फैला दिया फिर शहद लेकर आयी.

मैं समझ गया कि आज ये मां के चूतड़ को लाल करवा देगी, मम्मी के चूत में बहुत बााल लेकिन नशें में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था बहन मम्मी के चूत में शहद लगा दिया कहा पतिदेव मां के चूूतपाान का रसपान किजिए मैं अपने जीभ को मम्मी के चूत पर रख कर चूसने लगी मैं मम्मी के चूत को आज चााट कर चूत के अंदर घुस जाना चाहता था. मैं पागल सा हो गया था मानो यह चूत नहीं कोई आइसक्रीम हो, मैं मम्मी के चूत को चाटने के बाद उनके विशालकाय चूचियों पर आ गया बहन बोली तुम मम्मी के विशालकाय चूचियों को ज्यादा पसंद करते हो मैं बोला यहीं तो लंड खड़ा करता है.

मैं बहन से बोला अब तुम मां के चूूतपान करो मैं मां के चूत में शहद लगा दिया बहन से कहा लंड का स्वाद तो बहुत लिया है लेकिन चूत का स्वाद क्या होता है वह भी लो तब मजा आएगा। चूत का गंद कितनी मोहक और स्वाद रहित होती है बहन जीभ को मांं की चूत* पर चाटने लगी ध इधर में मां के विशालतम चुचियों से खेलने लगा आधा घंटा खेलने के बाद मैं अपना लौड़ा मां के चूतड़ मेेंडाल दिया और चोदने लगा मैं 20मिनट में अपना पानी छोड़ दिया.

बहन ने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी और कहने लगी आज आप दूबाारा अपना खड़ा करिए और मा के चूत को अपने महान लंड द्वारा धन्य कर दो मेेे लन्ड इतना मां को चोदने के लिए बेताब था कि दोबारा खड़ा होने में देरी न किया, में दूबाारा अपना लौड़ा मां के चूतड़ में डाल दिया और झटके देने लगा बीच बीच में मां कुछ नींद में आवाज निकाल रही थी मैं डर के धीरे धीरे झटके देने लगा और दूबाारा अपना पानी छोड़ दिया और बहन से कहा मां को सही कर दो.

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शराफत की देवी मेरी बहन- 10 | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/office-sex/sharafat-ki-devi-meri-bahan-10.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/office-sex/sharafat-ki-devi-meri-bahan-10.html#respond Mon, 25 Mar 2019 06:56:26 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14516 मम्मी को चोदने के लिए ज्यादा इंतजार कर रहा था मुझे मम्मी की विशालकाय चूचियों को दबाने का और चूसने का मन कर रहा था, उनकी चूत का स्वाद चखने का मजा ही कुछ और है

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शराफत की देवी मेरी बहन- 9

दोस्तों मैं सूरज कुमार अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहानी का 10 भाग ले आया हूं , कुछ दिन पहले ही मुझे मेरे एक दोस्त ने न मुझे जो बात बताई जो मुझे अपनी अतीत को ,याद आ गई मेरे दोस्त ने कहा कि मैं तुमको एक बात बताऊं जिस पर तुम को यकीन नहीं होगा , मुझे तो गलत लगता है, मैं बोला पहले तो बताओ बात क्या है उसने बोला तुमको विश्वास नहीं होगा मैं बोला पहले तो बता दे वह बोला बंटी की बहन बंटी के मोबाइल में ब्लू फिल्म देख रही थी मैं बोला तुमसे कौन बताया वाह बोला की कैलाश बदला हुआ नाम है. वह उसकी दुकान पर गया था. दो-तीन दिन इसी तरह उसको पकड़ लिया है, मैं बोला यह भी हो सकता है की बंटी अपना मोबाइल छोड़ कर कोई काम करने जाता होगा और उसकी बहन मोबाइल में ब्लू फिल्म देखती होगी बंटी को नहीं पता होगा तो मेरा मित्र बोला कैलाश बता रहा था.

एक दिन दोनों लोग घर में थे और जब मैं पहुंचा तो देखा कि दोनों लोग एक तखत पर बैठे थे मुझे देखते हैं बंटी खड़ा हो गया और उसकी बहन मोबाइल लेकर अंदर से ले गई देखा कि बंटी का लोअर गीला था मुझे पक्का विश्वास तो कैलाश की बातों पर नहीं हो रहा है लेकिन कैलाश झूठ नहीं बोलेगा मैं बोला अरे यार ऐसा कैसे हो सकता है. वह तो उसकी बहन बात को काट कर कहां छोड़ो जाने दो. जब तक अपनी आंखों से ना देखो किसी को कुछ ना कहो, लेकिन मुझे पक्का विश्वास था वह बात सही है क्योंकि मैं जानता हूं दुनिया में कोई बात असंभव नहीं है अगर धुआं उठा है तो आग जरूर लगी होगी।

एक मझे हुए खिलाड़ी की था अपनी जिंदगी के पारी खेली, मेरी बहुत छोटी फैमिली थी तब मम्मी को बहन केे बार में पता चल गया थाबंटी की फैमिली बड़ी है और उसकेे पास किराने की दुकान है लोक आते जाते रहते हैं. वही मेरे घर का लोकेशन ऐसा हैै कि कोई पर्सनली मेरे घर आना चाहे तभी इधर आता है मेरी छोटी फैमिली होने का लाभ मिला कहीं ना कहीं दूसरा कारण यह है मेरी बहन और मैं दोनों इस मामले में बड़े समझदार थे,मुझे आज अपने पुरानी यादें ताजा हो गई थी. मैं सोच रहा था काश वह पल दोबारा आ जाए. मैं उसको मैं तरीके से तैयार करके फिर से जिओ लेकिन आज वह संभव था , मेरा कल्पनाा मात्र रह गया था , काश सिर्फ का शुभंकर काश बंद कर मेरे अंदर समंदर की तरह समाया हुआ था.

अगर यह कहानी साइड नहीं होती तो शायद में अपने जीवन में घटित उस अविश्वसनीय घटना को इस समाज में शायद ही किसी को बता पाता लेकिन मुझे आज बताकर बहुत सुकून और शांति मिल रही है दोस्तों मैं अपनी कहानी पर आता हूं. मैं चुदाई के बारे में बहुत नही दिखता क्योंकि वाह कहानी में सब जानते हैं. एक दूसरे के प्यार में बिस्तर बाजी जरूर होती है हां मैं जरूर कहानी को थोड़ा थोड़ा अपने सेक्स लाइफ के बारे में भी लिखता हूं .

उस रात मां के साथ चुदाई**** करने के बाद मैं  चुदाई**** करनेे क लिए पागल सा हो गया था, बात ऐसी थी कुछ दिनों के लिए पापा अपने मित्र को ऑपरेशन कराने के लिए एक शहर चले गए थे. मम्मी को नीचे वाले कमरे में सोना पड़ रहा था और बहन भी नीचे मां के पास ही सोना पढ़ता था और मम्मी के कमरे के एक खास कमी थी पहले कमी तो या थे कि वह कमरा सबसे बाहर का था और दूसरा कि उसकेे ऊपर जो खिड़की लगी थी. उस खिड़की में एक तरफ का गेट टूट चुका था. अगर मां और बहन वहां कुछ करता तो रात में बड़े ताऊ के घर का कोई सदस्य जरूर पेशाब कर ले उठ जाता और फिर दिक्कत खड़े होने क्या खतरा हो जाता, एक कारण यह भी था की मम्मी कमरे का गेट खोल कर सोती थी बाहर बड़ी मां सोती थी, इससे मैं हूं और बहन दोनों का मिलना मुमकिन नहीं था मैं कोई सी भी कोई समस्या को अब नहीं बढ़ाना चाहता था.

बहन तो पागलों की तरह बिहेव कर रहे थी उसको तो सिर्फ शादी की पड़ी रहती थी वह कहती थी हमारी शादी हो गई है अब आप को डर कैसा हम तुम एक साथ सोए. अगर मैं जान भी जाएगी तो क्यााा कर लेगी , मैं किसी का समझा कर समस्या को खत्म करने की नाकाम कोशिश कर रहा था उसी बीच 4 /5 बार मैं  सीमा को मना कर चोद दिया था.
सीमा भी अब मुझसे गुस्से में थी ओ कहती हैं कि तुमको जब मुुसेझ काम होता है तब ही तुम्हारा प्यार दिखता है और काम होने के बाद तुमको मेरी याद नहीं आती  है, मैं बहुत समस्या को बता कर।  किसी तरह चोद पाया हूं.

और एक बात जो कहानी मैं लिख रहा हूं यह अब  हम पात्रों के जीवन में घटित हो चुकी है  जिसमें तीन लोग की शादी हो चुकी है और यह कहानी अपडेट न होने के कारण इसमें कुछ बातें को याद आने के बाद मुझे लिखना पड़ता .है जिसके कारण कहानी के बीच में और बांतों पर चला जाता हूं,
7/8 दिन बीत गए थे आज पापा आ गए थे मुझे आज बहन को चोदना था. बहन तो बहाना थी. मुझे मम्मी के लिए कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गया था, मैं शाम को बहन को बोला कि आज रानी दवा लें कर आऊंगा, बहन बोली अब तक चलेगा इस तरह अब हमको कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा, और मैं जेल की तरह जीवन नहीं काट सकतीं,अगर तुम्हारे दिमाग में कुछ चल रहा है तो भूल जााओ तुम अब भागने की कोशिश नहीं करना, और ये बहाने नहीं बनाना की हमारी इज्जत चली जाएगी अब कुछ बचा नहीं है मेरे साथ बहुत कुछ हो गया है और एक लड़की की इज्जत में उसका जिस्म ही होता है जिसको तुम कितने वर्षों से भोग कर रहे हो,मैं जानता था कि अभी अगर मैं कुछ किया तो ये गुस्से में आकर कुछ गलत कर बैठेेेगी जिससे मेरा सारा वर्षों का किया गया मेहनत पानी हो जाएगा.
 

मैं स्थित  भांपते हुए कहा कि तुुुमसे ज्यादा मुझे जल्दी है लेकिन कहीं रहने के लिए पैसे की जरूरत होती है पहले जब तक मैं पैसे न कमाने का जरिया बना लू ,तब तक तुम मेेेरी मजबूरी समझाने की कोशिश करो , मैं भी तुम्हारे साथ जीवन भर रहना चाहता हूं , रानी बहन मुझे किस किस करने लगी और बोली आप नींद की गोलियां की दिक्कत ना करें अगली बार आप ने 1 पत्ते लाते थे,आप बस रात का इंतज़ार करें. मैंं बहन को चोदने के लिए नहीं बल्कि मम्मी को चोदने के लिए ज्यादा इंतजार कर रहा था मुझे मम्मी की विशालकाय चूचियों को दबाने का और चूसने का मन कर रहा था, उनकी चूत का स्वाद चखने का मजा ही कुछ और है सोचने मात्र से ही मेेेरा लंड लगता है कि अंडरवियर  फाड कर बाहर आ जायेगा.

लेकिन बहन से नहीं कह सकता हूं अगर उसको मेरी नियत का पता लगा तो वह धोखा मन कर बवाल मचा देगी मैं अपने मन की इच्छा दबाया हुआ राात का इंतजार कर रहा था, मां को चोदने के लिए  बेताब हो रहा था.

रात को बहन अपना काम कर दिया था 10.30 लगभग होंगे बहन मेरेे पास आकर चिपक कर किस करने लगी और मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाने लगी. मैं बहन के कपड़े उतार कर चूची पीने लगा और बहन के चूत में डाल दिया और बहन को बेमन से चोदने लगा लेकिन बहन को एहसास होने नहीं दिया 25 मिनट तक बहन को मसल कर खूब चोदा और अपना पानी छोड़ दिया और फिर बहन से चिपक कर लेट गया. बहन से कहा  हम दोनों लोग पता नहीं कब घर छोड़ कर भाग जायेंगे बहन बोली ओ तो करना ही पड़ेगा , मैं बोला एक बात बोलूं गुस्सा नहीं होंगे, बहन बोली अगर बात गुस्से बाली न होगी तो,बोलो आप मैं बोला जब-तक हम दोनों लोग घर में हैं तुम मम्मी को चोदने  दोगी बहन बोली क्या मुझसे पूूूरा नहीं पड़ रहा है.

मैं बोला हम अपने प्यार के रूप में कुछ यादगार पल लेजाना चाहते हैं कि हम दोनों कुछ बातें को याद कर के मज़ा ले. बहन मुझसे कहा कि तुम कसम लो की तुम इसी लिएमम्मी को चोदना चाहते हो मैं बहन के सर पर कसम खाती , चलों अगर यही बात है मां-बेटे का पवित्र खेल खेलें.
बहन के कमरे में गया तो देखा मां गहरी नींद में सो रही थी और उसके साड़ी ब्लाउज से हटे हुए थे और मां की घुटने के ऊपर आ गई थी, बहन मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी और बोली अपनी यांंदे बना, लो मां को देख कर ही मेेरा लंड तन गया बहन कुर्सी पर बैठ गई, मैं मां के चूचियों को कपड़े से आजाद कर दिया 2दो मिनट तक चुचियों को घूरता रहा मन कर रहा था कि काश मैं इसको हमेशा देखता रहूं , बीच में बहन बोली क्या हुआ कुछ नहीं मैं बोला और मम्मी के विशालकाय चूचियों को पकड़ कर दाबने लगा. मां की चुचियों इतनी बड़ी थी की मेरे दोनों हाथों में भी नही आ रही थी.

मम्मी गहरी नींद में सो रही थी मैं उनके चूचियों को पी रहा था मुझे इतनी हिम्मत कहां से आ गई थी मैं बहुत खुश था कि बता नहीं सकता मां के चुचियों के निप्पल को मुंह में डाल कर चूसने लगा और बहन कुर्सी से उठकर मेेरे पास आकर बैठ गई और मां के चूतड़ की तरफ मुझे खींच कर मां के चूत पर मेरा मुंह रख दिया. मैं मां के चूत को चाटने लगा बहन ऊपर से मेेेराा मुंह मां के चूतड़ में दाबााने लगी और कहने लगी चाट मां कीचूत ,हम दोनों यह भूल गए कि मां उठ ना जाए मां की। चूत चाटने के बाद अपना लौड़ा मां के चूत में डाल दिया और बहन से बोला रानी मां हििल नहीं रही है कितनी दवा खिला दिया,मां को चोद रहा था और हाथ से उनकी चुचियों को दबाने लगा था मैं मां को चोद कर थक गया था लेकिन पानी नहीं गिर रहा था.

40मिनट चोदने के बाद मैं अपना पानी छोड़ दिया और आज पहली बार मुझे किसी को चोद कर फिर से चोदने का मन कर रहा था और बहुत खुशी मिल रही थी. एक पाठक ने मुझसे पूछा कि आप की बहन सराफत की देवी कैसे हैं उनको ही नही सबको बताना चाहता हूं जब एक प्रेमी जोड़ा एक दूसरे के प्यार में सारी ख्वाहिशें  छोड़ कर एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार हों वही सरााफत है जिसको मेरी बहन ने खूब निभाई है,आप लोगों के बीच में ये मेरी कहानी का अंतिम भाग था,  कहानी तो बहुत बड़ी है , अगर आप लोग चाहेंगे तो आगे बढााऊंगा, धन्यवाद.

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नरम चुत मे कडक लंड से चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a4%ae-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%a1%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a4%ae-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%a1%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88.html#respond Mon, 25 Mar 2019 03:33:15 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14512 मैंने अपने लोड़े का टोपा उसकी योनि में प्रवेश करवा ही दिया जैसे जैसे वह धीरे-धीरे अंदर जा रहा था वहां से खून निकलने लगा था। वैदिता बहुत तेज चिल्लाने लगी थी मुझे लगा कहीं बेहोश ना हो जाए किंतु मैंने उसे दबोच कर रखा।

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दोस्तों मैं चेन्नई में रहने वाला एक ट्यूशन टीचर हूं। मेरी उम्र 46 वर्ष है। मेरी शादी को 20 वर्ष हो चुके हैं। मेरे दो बच्चे हैं एक लड़का जो कि 18 वर्ष का है और मेरी लड़की 16 वर्ष की है। लड़का तो मेरा कॉलेज में पढ़ता है लड़की अभी कक्षा 10वीं में है। मुझे ट्यूशन पढ़ाते हुए काफी समय हो चुका है। पहले मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था। मैंने वहां से नौकरी छोड़ने के बाद अपना खुद का ट्यूशन सेंटर खोल लिया है। यहां पर काफी बच्चे आते हैं ट्यूशन पढ़ने के लिए कम से कम 100 बच्चों का बैच तो होता ही है। मेरे ट्यूशन सेंटर अच्छा चल रहा है। मेरे ट्यूशन सेंटर में मैंने दो टीचर रखे हुए हैं। जो मेरे साथ पढ़ाते हैं। मेरी लाइफ बहुत ही व्यस्त रहती है। मेरे पास एक भी दिन समय नहीं रहता है। सिर्फ रविवार को ही मैं फ्री हो पाता हूं। इसलिए हम लोग कभी-कभी रविवार को छुट्टी मनाने चले जाते हैं। इस वजह से मेरी सेक्स लाइफ की अच्छी नहीं है।

मैं एक-दो हफ्ते में अपनी बीवी को चोदा करता हूं। अब कर भी क्या सकता हूं इतना व्यस्त रहता हूं तो समय निकालना मुश्किल हो ही जाता है। मेरे ट्यूशन सेंटर में एक से एक नई चूत आती है। मैं उन सबको अच्छे से देखता रहता हूं और पढ़ता रहता हूं। यह भी अनुमान लगाता हूं कि किसके स्तन किस से बड़े हैं और किसके छोटे हैं और सब की गांड का साइज़ भी देखता हूं कुछ तो मोटी होती हैं और कुछ पतली और कुछ कहो जवाब ही नहीं एकदम मस्त मस्त वाली कसम से देख कर जवानी याद आ जाती है। जब मैं स्कूल में अपने साथ वाली लड़कियों को चोदा करता था। लेकिन मैं अपनी मर्यादाओं को नहीं पार कर सकता हूं। अब सिर्फ पढ़ाने पर ही ध्यान रहता है। मेरी लड़की इस साल 12वीं में है तो वह भी हमारे ट्यूशन सेंटर आती है और वहीं पर पढ़ती है।

यह इस वर्ष का नया बैच था इसमें नई नई चूत और गांड आई थी।इस वर्ष एक से बढ़कर एक माल आई थी। करीबन 90 95 बच्चे इस वर्ष भी हो चुके थे। अब हमारी क्लास का पहला दिन था और मैं सब को पढ़ाने गया। सबसे मैंने कुछ सवाल जवाब किए फोन से पूछा कि पिछले साल कितने नंबर थे तुम्हारे यह सब पूछते पूछते अपनी सीट पर इधर-उधर कर रहा था। तभी एक लड़की आई उसने उसे अंदर आने की परमिशन ली मैंने उसको अंदर आने के लिए कहा आप अंदर आ जाइए फिर वहां मेरी लड़की की बगल में बैठ गई।

दोनों ने एक दूसरे को मुस्कुराकर हेलो हाय कहा अब क्लास खत्म होने वाली थी। तो मैं जाते-जाते सबसे पुछने लगा। कैसा रहा तुम्हारा कक्षा का पहला दिन सबने बोला सर आप बहुत अच्छा पढ़ाते हैं। और उसके बाद कुछ हंसी मजाक भी हुआ यह देख कर अच्छा लग रहा था मुझसे बच्चे खुश हैं। अब जब बच्चे अपनी सारी क्लास पूरी कर कर घर जाने लगे थे। तो मेरी लड़की उस लड़की को अपने साथ मेरे ऑफिस पर ले आई।

कहने लगी क्या मैं अंदर आ सकती हूं मैंने कहा आओ अंदर आओ क्या काम है बोलो वह बोलने लगी पापा मैं आपको अपनी सबसे अच्छी दोस्त वैदिता से मिलाती हूं। मुझे उसको देख कर अच्छा लगने लगा। उसने टी-शर्ट और जींस पहना हुआ था जिसमें साफ-साफ उसके बूब्स के उभार दिखाई पड़ रहे थे। मैं उन दोनों से बात भी कर रहा था। उसके स्तनों को निहार भी रहा था। मेरे अंदर का शैतान अभी भी जिंदा है। उसके बूब्स 32 के और गांड 34 की होगी। देखकर मजा आ रहा था उसको उसके बाद वह चले गए मैंने कहा ठीक है तुम लोग जाओ मैं कुछ काम करके घर आता हूं।

उसके बाद मैं बाथरुम में गया और वहां पर मुठ मारी वैदिता की नाम की मुझे बहुत टाइम बाद किसी को देख कर अच्छा महसूस हो रहा था। मेरे अंदर का पुराना इंसान जाग गया था। अब मैं जब शाम को घर गया तो मेरी बेटी मुझसे बोलने लगी पापा आपसे कुछ बात करनी है। मैंने कहा हां बोलो क्या बोलना है। अब वह बोलने लगी वैदिता के माता-पिता चाहते हैं। आप उसे घर पर ही ट्यूशन दें क्योंकि वह दोनों जॉब पर जाते हैं। तो इस कारण उसको छोड़ने में उन्हें परेशानी होती है। मैं क्या चाहता था जैसे मानो मेरी मुराद पूरी हो गई हो गई हो। सही में यार ऐसा बहुत कम होता है जब मेरे दिल की बात पूरी हो जाए। मेरी बेटी बोली कल उसके माता-पिता आपसे मिलने आपके ऑफिस में आएंगे मैंने कहा ठीक है। उन्हें बोल देना आने को फिर मैंने हाथ मत हो या और खाना खा कर आराम करने लगा। इस बात से मैं इतना खुश था कि आज मैंने बहुत समय बाद अपनी पत्नी को चोदा था। क्योंकि मेरे अंदर का वीर्य को बाहर निकालना आवश्यक था नहीं तो वह अपने आप ही बाहर निकल जाता।

अब अगले दिन हमेशा की तरह में तैयार होकर अपने ट्यूशन सेंटर के लिए निकल पड़ा ।कुछ समय बाद जब मैं अपने केबिन में बैठा हुआ था। तो एक महिला और पुरुष मेरे ऑफिस में आए और पूछने लगे क्या हम अंदर आ सकते हैं। आप ही का नाम शर्मा जी है। मैंने कहा हां जी मैं ही हूं आइए आप बैठिए। उन्होंने अपना परिचय दिया और कहा हम वैदिता के माता-पिता हैं। मैंने बोला हां हां बोलिए बोलिए जी उन्होंने मुझसे अपनी समस्या बताई और बोलने लगे हमारा घर थोड़ा दूर है। उसको लाने ले जाने में परेशानी होती है। इस कारण आप यदि हमारे घर पर ही उसे पढ़ाऐ तो अच्छा रहेगा मैंने कहा ठीक है मैं वैदिता को घर पर ही पढ़ा दूंगा। यह देख कर बहुत खुश हो गए और मेरी तारीफ करने लगे कहने लगे आप बड़े ही सज्जन व्यक्ति हैं। आप पर हमें पूर्ण रुप से भरोसा है। लेकिन उन्हें क्या पता था मेरे अंदर क्या चल रहा है।

आज में वैदिता के घर पहले दिन गया था।तो उसके माता-पिता घर पर ही थे। उन्होंने मुझे सबकुछ समझा दिया था। कुछ भी परेशानी हो तो यहां पर यह सामान रखा हुआ है। उन्होंने मुझे सब कुछ दिखा दिया था अब मैंने वैदिता को पढ़ाना शुरू किया आज पहला दिन था। तो इसलिए मैंने कुछ नहीं किया क्योंकि उसके माता पिता भी घर पर ही थे। परंतु मैंने उसके बूब्स पर हल्का सा एक हाथ रख ही दिया था। जाते वक्त मैं उनसे मिला और वह बोलने लगे शर्मा जी हमें आप पर पूरा भरोसा है। कल से आप इसे देख लेना यह कहते हुए मैं वहां से चला गया।

जिस तरह से वैदिता के माता-पिता को पूरा भरोसा हो गया था। उसी प्रकार वैदिता भी मुझ पर भरोसा करती थी। मैंने वैदिता को पढ़ाते पढ़ाते अचानक से उसकी जांघों पर अपने हाथों से उसको सहलाने लगा। मैंने जैसे ही यह किया उसने मेरे हाथों को हटा दिया। क्योंकि वह नई-नई चूत थी। इस वजह से को थोड़ा घबराहट हो रही थी। धीरे-धीरे मैंने उस को अपने काबू में कर ही लिया और हल्के से उसकी जींस का बटन खोल कर उसकी जींस को उतार दिया। उसकी जांघ बहुत मुलायम जी क्योंकि उसकी उम्र महज 17 वर्ष थी। इस उम्र में सेक्स कुछ ज्यादा ही तीव्र गति से होता है। अब वैदिता की चूत से भी वैदिता आने लगी थी। उसकी चूत पूर्ण रुप से गीली हो चुकी थी। फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चड्डी के अंदर से अपनी उंगलियों को उसकी चूत पर लगाने लगा। आप हो पूरे सवाब में आ चुकी थी।

उसने मेरी बड़ी तेजी से अपने हाथ को मेरे लंड पर रख दिया और बहुत तेज दबाने लगी। जिससे मुझे अपने पुराने दिन याद आ गए। कसम से क्या देखते हो मुझे शीला परमिला आशा सब याद आने लगी। अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसकी नरम चूत पर अपना लंड सटा दिया। और धीरे-धीरे धक्का मारना शुरू किया लेकिन मेरा लंड अंदर ही नहीं गया। क्योंकि बहुत सील पैक थी। मैंने दो तीन प्रयास किए लेकिन उसको दर्द होता था तो वह हो झटपटा कर हट जाती थी।

फिर तीसरे प्रयास के बाद मैंने अपने लोड़े का टोपा उसकी योनि में प्रवेश करवा ही दिया जैसे जैसे वह धीरे-धीरे अंदर जा रहा था वहां से खून निकलने लगा था। वैदिता बहुत तेज चिल्लाने लगी थी मुझे लगा कहीं बेहोश ना हो जाए किंतु मैंने उसे दबोच कर रखा। इस प्रयास में मैंने अपना लंड उसकी योनि में पूरा सटा दिया था। आप बहुत थोड़ा चूक हुई लेकिन जैसे-जैसे मैंने अंदर बाहर करना शुरू किया तो खून के छींटे पूरे लंड पर लग चुके थे। उसकी योनि बहुत ज्यादा ही टाइट थी तो ज्यादा देर तक मैं कर ना सका और मेरा भी झड़ गया। मैंने उसकी जीवनी में ही अपने वीर्य को गिरा दिया। अब हमने पूरे खून को साफ किया। मुझे वैदिता बोलने लगी कुछ होगा तो नहीं मैंने कहा कुछ नहीं होगा। डरने की कोई बात नहीं है इस प्रकार से मैंने एक और सील अपने जीवन में तोड़ी।

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