जवान लड़की – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Mon, 19 Mar 2018 11:50:19 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2015/10/cropped-mastaram-dot-net-logo-red-32x32.png जवान लड़की – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 भतीजी कोमल को स्कूटी सिखा कर सील तोड़ी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bhatiji-komal-ko-scooty-sikha-kar-seal-toda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bhatiji-komal-ko-scooty-sikha-kar-seal-toda.html#respond Sat, 17 Mar 2018 04:25:49 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12213 भतीजी कोमल को स्कूटी सिखा कर सील तोड़ी, कोमल मुझे हमेशा चाचू कह कर ही बुलाती है! और मैं भी उसे हमेशा अपनी भतीजी ही समझता था! लेकिन एक दिन की दुर्घटना ने सब कुछ बदल के ही रख दिया! एक दिन कोमल स्कूल से वापस आयी और अपनी मॉम से बोली की मैं रोज रोज बस से स्कूल नहीं जाऊँगी मुझे स्कूटी दिलाओ

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हैल्लो मेरा नाम राहुल है! मै उत्तर प्रदेश के लखनऊ से हूँ! ये मेरी पहली कहानी है! बहुत सी कहानियां पढ़ने के बाद मेरा भी दिल किया अपनी कहानी लिखने का! अगर कोई गलती हो जाए तो माँफ़ करएगा!  ये कहानी मेरी और मेरी भतीजी की है! जिसका नाम कोमल है! उसकी उम्र 20 साल है! जो बी. ए. प्रथम वर्ष की छात्रा है!  जिसका फ़िगर कुछ 34,30,38 जैसा होगा! जो मेरे बड़े भाई की इकलौती लड़की है!

जिस वजह से उसे सब काफ़ी प्यार करते थे! उसकी हर ख्वाहिश पूरी की जाती है! हम सब एक ही फैमली में रहते हैं! कोमल के पिताजी यानी के मेरे बड़े भाई अरुण एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं! जिस वजह से उन्हें कम टाईम मिल पाता है!
और ज्यादातर बाहर जाना पड़ता है! घर का ज्यादातर काम जैसे सब्जी लाना, कोमल की फीस या स्कूल मैं जो पैरेंट्स का काम होता है मैं ही करता हूं!

कोमल मुझे हमेशा चाचू कह कर ही बुलाती है! और मैं भी उसे हमेशा अपनी भतीजी ही समझता था! लेकिन एक दिन की दुर्घटना ने सब कुछ बदल के ही रख दिया! एक दिन कोमल स्कूल से वापस आयी और अपनी मॉम से बोली की मैं रोज रोज बस से स्कूल नहीं जाऊँगी मुझे स्कूटी दिलाओ!

तो उसकी मॉम बोली दिला देंगे मगर तुम्हें स्कूटी चलानी तो आती नहीं है! तो कोमल बोली चाचू सिखा देंगे! उसकी मॉम ने अगले दिन मुझे कुछ रूपए देकर कहा कि स्कूटी ले आओ मै जाकर स्कूटी ले आया !

कोमल स्कूल से वापस आयी और स्कूटी देख कर बहुत खुश हुई! और बोली चाचू चलो मुझे स्कूटी सिखाओ चल कर! मैंने कहा कल सन्डे है कल चलना! वो बोली नहीं आज ही मैंने कहा ठीक है! मैंने स्कूटी घर से बाहर निकाली और कोमल को बैठने को कहा! ओर लड़को की तरह थोड़ी मुझसे दूर होकर बैठ गयी!

अभी तक मैं उसे अपनी भतीजी की ही तरह देख रहा था! लेकिन जैसे जैसे थोड़ा आगे चले तो सड़क खराब आयी और स्कूटी उछलने लगी और कई बार मुझे ब्रेक लगानी पड़ी जिस वजह से कोमल बिल्कुल मेरी पीठ से चिपक गयी थी और उसके बूब्स जो काफी टाइट थे मेरी पीठ मे चुभ रहे थे!

उस रगड़ के कारण मेरा मूड चेंज होने लगा था! ओर मेरे लंड मे हरकत होने लगी! ख़ैर थोड़ी देर बाद हम लोग पार्क में प्रवेश कर गए जो काफी सुनसान रहता था!! अब मैंने कोमल से कहा कि तुम आगे बैठो आके ओर हैंडल हाथ में पकड़ो मैं तुम्हें सपोर्ट करूँगा!

कोमल टाइट टी शर्ट और लेगी मे थी! फिर वो बैठ गयी ओर मैं उस से चिपक कर बैठ गया जिसके मैं इन्तेजार मे था! फिर मैंने स्कूटी स्टार्ट की ओर कोमल को बोला स्कूटी चलाओ अब कोमल के हाथ स्कूटी के हैंडल  पे थे! और मेरा एक हाथ कोमल के हाथ से चिपक कर स्कूटी के हैंडल पर था और दूसरा हाथ कोमल की कमर पे था!

कोमल डरर की वजह से मुझसे चिपक कर बेठी थी! जिस कारण मेरा लंड उसकी गांड मे चुभ रहा था! ओर धीरे धीरे वो खड़ा होने लगा! मेरे लंड की चुभन को कोमल अच्छी तरह से महसूस कर रही थी! शायद अब उसे भी अच्छा लगने लगा था! मेरा हाथ अब कमर से हट कर उसके बूब्स के पास पहुंच गया कोमल बोली क्या कर रहे हो चाचू मैंने कहा स्कूटी सिखा रहा हूँ!

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उसके बूब्स एक दम मुलायम थे और शायद 34साइज़ के होने के कारण मेरे हाथ में पूरे नहीं आ रहे थे! अब कोमल ने स्कूटी रोक दी सायद वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी थी! वो पूरी तरह से जवान हो चुकी थी! हम दोनों स्कूटी पर ही बैठे थे ओर मेरे हाथ की हरकतों का कुछ देर विरोध करके कोमल ने विरोध करना बंद कर दिया!

उसका विरोध जैसे रुका तो जैसे मुझे निमंत्रण सा मिल गया! फिर मैंने अपनी भतीजी कोमल को अपनी तरफ घूम कर बिठा लिया! ओर उसके रसीले होंठो पर अपने होंठ रख दिये! शायद वो होंठ ख़ुद बहुत दिन के प्यासे थे! अब कोमल मेरा पूरा साथ देने लगी थी! मेरे हाथ कोमल की लेगी के अंदर पहुंच गए थे! क्या बताऊँ यारों वो फूली हुई गड्गडाई चूत पे जैसे ही मेरा हाथ टच हुआ कोमल तो बेकाबू हो गयी!

मैंने कुछ देर ही चू त को रागड़ा की वो पूरी तरह से गिली हो गई! शायद वो अपनी सील मुझसे तुड़वाने को तैयार हो चुकी थी! फिर मै वही झाड़ियों के पीछे कोमल को अपनी गोद में उठा कर ले गया! और वही पे लिटा दिया! और खींच कर कोमल की लेगी और टी शर्ट उतार दी अब वो सिर्फ ब्लैक ब्रा और पेंटी में थी!

पूरी हुस्न की मल्लिका लग रही थी! मैंने अपना लंड अंडरवियर से निकाला और कोमल के मुँह में दे दिया जिसे कुछ देर चूसने के बाद मैंने कोमल को लिटाया और एक झटके में उसकी पेंटी फाड़ दि और कोमल की चू त मे रख कर ज़ोर लगाया तो कोमल दर्द की वजह से चीख उठी तो मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के मरे कोमल की आंखों में आंसू आने लगे!

कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसके मुँह से हाथ हटा लिया और चोदते हुए पूछा अब केसा लग रहा है वो मुस्कुराई और बोली बहुत अच्छा फिर मै कुछ देर बाद उसकी चूत मैं ही झड़ गया! और उसकी फटी पेंटी से अपना लंड साफ किया और कोमल को कपड़े पहनाकर घर वापस आने के बाद उसकी मॉम बोली सिख आयी स्कूटी वो बोली हाँ थोड़ी चोट लगने की वजह से दर्द हो रहा है मगर चाचू ड्राइविंग बहुत अच्छी तरह से करते हैं!

मेरी पहली कहानी केसी लगी जरूर बताएँ! अगर अच्छा रिस्पॉन्स मिला तो मैं दूसरी कहानी लेकर aunga!
[email protected]  पर बताएँ

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कमलेश सर ने मेरी गान्ड को चोदा | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/kamlesh-sir-ne-meri-gaand-ko-choda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/kamlesh-sir-ne-meri-gaand-ko-choda.html#respond Sat, 17 Mar 2018 02:50:22 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12185 कमलेश सर ने मेरी गान्ड को चोदा, कुछ क्लोज सहेलियां मुझे कहती हैं कि आरती कभी अकेले मत निकलना नहीं तेरा रेप पक्का हो जायेगा, तुझे देख कर कोई मर्द कन्ट्रोल नहीं कर सकता है, खासकर तेरे हिप्स अल्टीमेट हैं आखिर मेरे जीवन में कुछ ऐसा भी हुआ मैं अपनी जीवन के अतीत सच को आज आप बताने जा रही हूं उसके लिए आप पूरी कहानी पढ़े

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आज मैं अपने जीवन की पहली सच्चाई जब मेरे बदन को पहली बार किसी मर्द ने छुआ वो थे मुझे टयुशन पढ़ाने वाले कमलेश सर एक एक शब्द पूरा का पूरा सच है, मैंने ना अपना बदला न अपने सर का न मैं कोई काल्पनिक बात लिखती जो हुआ है उसी को वैसे ही लिख रही हूं। आपको अपने जीवन की सेक्स लाइफ की  सभी पहलुओं को एक एक शब्द जो पूरा सच होगा कहानी के माध्यम से भेजती रहूंगी।

मैं आरती अपनी सच्ची पहली बार की बात आज बता रही हूं उस समय मैं ट्वेल्थ क्लास में जाने वाली थी 11 क्लास जस्ट पास ही किया था। उस समय मेरे हिप्स का साइज़ 34 है और सीना मेरा 30 का जबकि कमर 26 से भी कम रही है, पर मैं जब चलती थी तो सभी लड़के सभी मर्द मेरे बैक के लिए बोलते थे कि क्या जबरदस्त गांड है ऐसी मस्त गांड देखी नहीं है, मेरे चलने का स्टाईल ही ऐसा है कि बैंक मेरा उठ कर निकल जाता है।कुछ क्लोज सहेलियां मुझे कहती हैं कि आरती कभी अकेले मत निकलना नहीं तेरा रेप पक्का हो जायेगा, तुझे देख कर कोई मर्द कन्ट्रोल नहीं कर सकता है, खासकर तेरे हिप्स अल्टीमेट हैं।

मैं अपनी जीवन के अमिट सच को आज आप बताने जा रही हूं। मैंने इलेवन क्लास पास किया रिजल्ट के बाद पापा मम्मी बोली कि ट्वेल्थ बोर्ड है, इसलिए आरती के लिए अभी मई से ही टयुसन कर देते हैं और पापा कमलेश सर जो कि फिजिक्स केमिस्ट्री पढ़ायेंगे उन्हें कर दिया। वो घर मेरे आने लगे टयुसन आराम से चल रहा था सब ठीक-ठाक, एक दिन अचानक एक काक्रोच मेरे बैग में आ गया मैं खड़ी हो गई, काक्रोच से मुझे बहुत डर लगता है, सर ने उसे उलटाया ना जाने कैसे वो उछल मेरे सलवार में अंदर पैरों तरफ से, मैं चिल्ला उठी और तुरंत वहीं सलवार खोल के उतार दी ये भी ध्यान नहीं रहा कि सर यंही है, जैसे काक्रोच गिरा सलवार से और भाग गया मुझे ध्यान आया कि मैं पैंटी में सर के सामने खड़ी हूं सर बिल्कुल एक टक पैंटी के ऊपर फूले हुए जगह को घूरे जा रहे थे।

मैं तुरंत सलवार लेकर अंदर भाग गई और पहन कर सर के सामने आ गई और पढ़ने बैठ गई। लेकिन सर अब बस मेरी तरफ देख रहे थे मैं सरमा के नीचे आंखें कर ली, फिर जब देखी उपर तो सर मेरे सीने को देख रहे थे, मैंने अपना दुपट्टा सही किया और फिर बोली सर कुछ गलत हुआ क्या। सर बोले आरती कुछ गलत कभी नहीं होता, जो होता है अच्छे के लिए होता है,आज बहुत अच्छा हुआ तुम से एक पर्सनल बात करूं अगर किसी को बताना ना हो तुम्हें मैं कुछ पढ़ने का लाकर दूंगा उसे पढ़ना, तुम्हें आरती अब उस पढ़ाई की जरूरत है इसलिए तुम इंतजार करो मैं ला रहा हूं बताओ मैं यह करूं, यह बात सिर्फ मेरे और तुम्हारे बीच रहेगी वादा करो तो ही लाऊंगा.

मैं बिना जाने ही सर से वादा कर दिया सर प्रॉमिस मैं किसी से नहीं बताऊंगी आप जो पढ़ाएंगे मैं पढ़ लूंगी, सर ने मुझे थैंक्यू बोला और वह बुक लाने चले गए मैं उनका इंतजार करने लगी वह करीब एक घंटे में वापस आये। मेरे हाथ में करीब बीस प्रिंट कम्प्यूटर से निकले सर ने दिए और बोले इन्हें आज पढ़ना, और कोई देख ना पाए ऐसे संभाल के रखना, यह कहकर चले गए तभी मैं भी चली गई, और जाते से ही जो सर दे गए थे उसे पढ़ने लगी तभी मेरे शरीर में पहली बार बहुत रोमांच सा होने लगा, वह कागज में जो सर दे गए थे उनमें सिर्फ सेक्स की कहानियां थी जो ट्यूशन मास्टर और छात्रा के बीच रिश्ता बनता है, ट्यूशन के बहाने कैसे सर और पढ़ने वाली लड़की सेक्स करते हैं यही सभी कहानियों में था। एक कहानी में एक छात्रा का ट्यूशन वाले सर बूब्स दबाते हैं और वह बहुत गर्म  हो जाती है और उन सर का लंड चूसने लगती है.

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इसी तरह एक-दो दिन में वह सर के साथ पूरी तरह खुल गई और फिर वह गर्ल अपनी चूत में सर का लंड लेती है फिर बहुत चोदते हैं यह कहानी मेरे
दिमाग में चलने लगती है। पहली बार मेरे नीचे चूत में कुछ नहीं, बहुत कुछ होने लगा अब सारी पढ़ाई भूल कर मैं पूरी रात बार-बार वही कहानियां
पढ़ती रही, और जाने क्यों मुझे बहुत अच्छी लगी। पूरी रात उन कहानियों में खुद को और सर के रूप में कमलेस सर को इमेजिन करने लगी। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़े मेरे दिमाग में कमलेश सर और मैं एक दूसरे को सेक्स कर रहे हैं, यही चलने लगा यही सोचते सोचते पता नहीं कब नींद आ गई सुबह के समय मैं सो गई सोते ही मेरे सपने में कमलेश सर आके मेरी पैंटी खींच कर अपने लंड को मेरे मुंह में डाल दिया और मेरी चूंत चाटने लगे फिर मेरे हाथ पकड़ कर दोनों ऊपर बांध दिये और मेरा टाप उतार कर मेरी ब्रा को फाड़ दिये.

अब सर दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगे और मेरी चूचियों को पकड़ कर अपने मुंह में लेकर चूसने लगे फिर मेरी गान्ड को चूमने लगे और चाटने लगे और बोले आरती तेरी गांड के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं। फिर सीधा करके टांगे फैला कर अपनी जीभ से मेरी चूंत को चाट चाट कर  बिल्कुल पागल कर दिया फिर सर बोलने लगे कि अब मेरा लौड़ा चाटो आरती और मेरे मुंह में डाल दिया अपना मस्त लंड, मै पूरा लंड चूस चूस कर चाटी अब सर मेरे बालों को पकड़ कर बोले आरती मैं तुम्हें चोदू, मैं बोली हां सर अपनी स्टुडेंट को चोदो ताकि पागल हो जाऊं, इतना चोदिये कि
मैं पागल होके जन्नत का मजा ले लूं। सर बोले ओके आरती मैं तुम्हें आज छिनाल की तरह चोदूंगा, मैंने कहा थैंक यू सर, तभी सर ने मेरी टांगें
फैला कर चौड़ी कर दी और अपना लंड मेरी चूत में रख दिया और टांगे ऊपर कर दी और एक झटके में पूरा लौड़ा अन्दर मेरी चूत में डाल दिया जोर से, मैं चिल्ला उठी बोली सर बहुत दर्द हो रहा है बाहर निकालो, सर बोले 5 मिनट रुको और फिर देखना, मैं दर्द से तड़प रही थी और सर अब अपना लंड अंदर बाहर मेरी चूत में डाल कर मुझे मसल रहे थे।

सर मुझे जमके चोदते हुए बोले अब दर्द कैसा है आरती, मैं बिल्कुल ठीक हो गई दर्द नहीं रहा और एकदम से मैं सर से लिपट गई उनके होठों को चूमने लगी और बोली सर और डालो चोदो मुझे, चोदो सर बहुत मस्त मजा आ रहा है। मैं मस्त सपना देख ही रही थी कि तभी मम्मी रूम में आकर चिल्ला रही थी आरती देख सुबह के 10:00 बज गए और अभी भी सो रही है। उठ और उठा दिया मेरा सपना वहीं टूट गया क्या मस्त सपना देख रही थी। उठते से मेरे दिमाक में वही सपना चलने लगा कि सपने में किस तरह से कमलेश सर ने मुझे चोदा और सोच सोच कर मेरी पुसी गीली हो जा रही थी। मेरी हालत अब बिल्कुल मदहोश सी होने लगी,सारा दिन यही सोचते हुए निकल गया कि शाम को 6:30 बजे कमलेश सर के आने का टाइम हो गया तभी मैं तैयार होकर गई आज सर से आंखें नहीं मिला पा रहे थी बहुत शर्म आ रही थी, पर सर एकदम से मुझसे पूछे कि जो मैं दे गया था उन सभी कहानियों को पढ़ लिया.

मैंने सर झुका कर सर से बोली जी सर, मुझसे पूछे आरती कैसी लगी मैंने कहा सर अच्छी, तुम घबरा रही हो मैं बोला नहीं सर, बोला और पढ़ोगी मैंने कुछ नहीं बोला उन्होंने हाथ पकड़ कर कुछ और उसी तरह के प्रिंट मुझे हाथ में दिए, और साथ में बोला तुम्हारे यहां डीवीडी है, मैंने बोला जी सर, सर बोले कुछ सीडी हैं इन्हें अकेले में देखना, और फिर किताब खोल कर बहाने से मुझे देखते रहे, इसी तरह आज की पढ़ाई पूरी हो गई, जाते समय बोल गए कि तुम्हारी हालत ठीक नहीं है आरती, यह इसी के लिए है कि तुम पढ़ाई के साथ लाइफ भी इंजवाय करो, तुम आज CD में पिक्चर देख लेना, फिर अगर पसंद आएगी फिल्म तो अपन कल प्रैक्टिकल करेंगे। मैं बोली यस सर।

सर चले गए मैं डीवीडी टीवी में सेट की तभी मम्मी बोली क्या कर रही है आरती, कुछ प्रेजेंटेशन कि CD है उसे देखना है तब मैंने गेट बंद कर लिया और वह फिल्म लगा दी, जैसे ही लगाया उसमे एक लड़की को चार मर्द पूरा कपड़े खोलकर बहुत भारी भारी बड़े-बड़े लोग उसके चूत को चाट रहे थे और उनमें से सभी के बहुत बड़े-बड़े लंड अपने मुंह से चूस रही थी, तभी 2 लोग उसकी चूत को जोर-जोर से चाटने लगे और फिर सभी अपना लंड निकालकर उसे चोदने के लिए डालने लगे, 1 पीछे डाल दिया तभी लड़की बोली फक मी फक मी हार्ड, इतने में एक मर्द लड़की के दोनों बूब्स के बीच में अपना लंड डाल दिया और 1 मिनट में चारों लंड से वह चुदवाने लगी, और बहुत जोर-जोर से आवाज निकालने लगी। यह देखते हुए मेरी हालत बहुत खराब हो गई और अपने आप मेरा हाथ पैंटी के नीचे घुस गया और मैं भी वहां अपना हाथ अपनी चूत में चलाने लगी।

अब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं जा रहा था तभी मैं अपने हाथ से पहली बार अपने बूब्स दबाने लगी और मैं वह फिल्म बार-बार देख रही थी करीब दो घंटे तक वो मुवी देखती रही। जब मम्मी आके चिल्लाई तब मैंने जल्दी जल्दी से फिल्म बंद की और CD छुपा दी। थोड़ा खाना खाई खाने में मन ही नहीं लग रहा था, फिर जो आज प्रिंट दिए थे उसे पढ़ने लगी और उसमें भी वही ट्यूशन सर और ट्यूशन पढ़ने वाली लड़की की चुदाई की कहानी थी, मैंने पूरी पढ़ी और फिर जब नींद आई तो आज भी कमलेश सर सपने में आ गए और मुझे रात में सपनों में चोदे उन्होंने मेरे मुंह में अपना रस डालकर पिलाया सपने में अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैं दिन भर सोचती रही। कि सर कब आएंगे और प्रेक्टिकल करेंगे मैं सर के आने के  इंतजार में बैठी रही। जैसे ही 4:00 बजे सर आ गये, सर समय से एक घंटे पहले आ गए। इत्तेफाक की बात थी की मम्मी दोपहर को ही यह कहकर कि मैं छोटे वाले मामा के घर जा रही हूं रात में 8:00 बजे तक आऊंगी पापा को बता देना । सर आज 1 घंटे पहले आ गए और आते ही मुझसे बोले मम्मी को बुलाओ मैं बोली मम्मी घर में नहीं है। सर बोले पापा को बुलाओ मैं बोली पापा भी नहीं है, सर बोले मतलब आरती तुम अकेली हो क्या?

मैंने कहा जी सर, तो फिर आरती तुम अंदर से गेट बंद कर दो मैं बोली ठीक है, मैं जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर ली, और सर को बोली कि सर
आज क्या पढ़ाएंगे? सर बोले कि ऐसा करो कि पहले यह बताओ कि तुम्हें फिल्म कैसी लगी ? मैं कुछ ना बोली शर्म के मारे कमलेश सर ने फिर से
पूछे कि बताओ कैसी लगी, जवाब नहीं दोगी तो मैं जाता हूं वापस, मैं बोली देखी हूं सर अच्छी थी, बोले तुम्हारा DVD कहां है मैं बोली अंदर, बोले
चल कर दिखाओ, मैं सर को टीवी वाले रूम में लेकर गई, टीवी वाले रूम में सर ने कहा चालू करो मैंने स्टार्ट किया वह जेब से एक CD और निकालें और उसे इंसर्ट कर दिया। और बोले आरती मेरे साथ देखोगी फिल्म मैं बोली नहीं सर, तो बोले ठीक है तुम अकेले देखो इसे बहुत जरूरी है इसके बाद पढ़ाई कराता हूं, तब तक मैं बाहर वेट करता हूं। तुम्हें देखना ही है मैं उनकी बात मान गई, और अंदर DVD में फिल्म देखने लगी।

जैसे ही फिल्म शुरू हुई उस फिल्म में एक इंडियन लड़की को 3 विदेशी उसके सलवार सूट का नाड़ा खोलकर और उस लड़की की सीधे चूत चाटने लगे और टेबल पर लिटा कर सबसे पहले गांड पर लंड डाल दिया। यह फिल्म देखते हुए मैं एकदम से पागल होने लगी बहुत एक्साइटेड हो गई और मुझे ध्यान भी नहीं रहा कि सर बाहर बैठे हैं। मैं अपनी सलवार का नाड़ा खोलकर पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया और धीरे-धीरे चलाने लगी, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था उधर TV में एक लंड मुंह में और एक गांड में एक चूत में घुसा था और लड़की जोर जोर से आवाज कर रही थी, ऊं हहह वोहहहहह आहहहह मैं हाथ चला रही थी अपने चूत में, मुझे पता नहीं चला कमलेश सर कब अंदर आ गए, अंदर आते ही मेरे पीछे से सर मेरे हाथ के बगल से अंदर मेरी पैंटी में हाथ डाल दिए, बोले अपना हाथ निकालो आरती मैं हेल्प करता हूं।

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मैं उनकी तरफ मुड़ी जैसे ही तभी सर ने मेरे होठों को अपने होठों से चूम लिया और मेरे होंठ चाटने लगे और अपनी उंगली पैंटी के नीचे से ही मेरी चूत में डाल दिया, सच बता रही हूं मुझे पहली बार किसी मर्द ने छुआ वह भी एकदम से इस तरह से, मैं कुछ बोल नहीं पाई, लेकिन सर के हाथों के टच से मेरा रोम रोम सिहर गया, मैं बोली सर यह ठीक नहीं, कुछ हो जाएगा तो मैं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी। सर प्लीज मुझे छोड़ दीजिए, मेरे साथ ये सब मत करिए प्लीज, सर मुझसे बोले आरती आई लव यू, तुम मुझे बहुत पसंद हो,  जिस दिन से मैंने तुम्हें पैंटी में देखा था तुम्हारी फूली हुई मस्त चूत पतली सी कमर और मस्त बूब्स यार आरती पागल हो गया उस दिन से तुम्हें पाने के लिए, आज मैं जानता हूं कि तुम बहुत गर्म हो मैं जब से आया हूं तब से तुम सिर्फ मेरे पैंट की जिप पर देख रही हो, लगता है तुम्हारी चूत को बहुत खुजली है, आरती मुझे प्यार करने दो, तुम्हारी गांड बहुत मस्त है मुझे सिर्फ तुम्हारी गांड चोदना है, जब तुम पीछे मुड़ती हो मस्त बाहर निकली हुई गांड, कोई कंट्रोल नहीं कर सकता, मुझसे रहा नहीं जाता आरती 5 दिन से मेरा लन्ड बैठा नहीं, 10 से 15 बार तुम्हें चोदते हुए सोचकर मुट्ठ मार चुका हूं।

ऐसे कहते हुए सर ने मेरे कुर्ता के ऊपर से मेरे दोनों बूब्स दबाने लगे और मेरे होठों को फिर से किस करने लगे, उनके होठों की छुअन से मेरे होंठ जलने लगे मेरा पहला अहसास था, सर के बदन की खुशबू मुझे बहुत अच्छी लगने लगी। सर इतनी ओपेन गन्दी गन्दी बातें मुझे बोल रहे थे कि मैं सोच भी नहीं सकती थी। मैं कुछ ना बोली पर सर की जो ऊगली मेरी चूत में घुसी हुई थी उसे सर ने और थोड़ा अंदर डालने लगे, अब सर बिल्कुल सामने आ गए और अपना पेंट खोलकर नीचे कर दिया सिर्फ अंडरवियर में हो गये और अपना टी शर्ट भी उतार दिया। उनका गठीला बदन बनियान नहीं पहने थे इसलिए पूरी नंगी छाती सर की मेरे सामने थी, पहली बार अपनी लाइफ में किसी मर्द से ऐसे मिल रही थी मुझे कुछ पता नहीं था, ना कोई एक्सपीरियंस अब मेरे बस में कुछ नहीं था, मैंने सर को बोला सर किसी को पता चल गया या कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगी किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी।

सर ने बोला अगर तुम्हारी शादी हुई होती आरती तो तुम्हारे दो तीन बच्चे होते तुम पूरी मैच्योर हो चुकी हो। तुम फुल चुदवाने लायक हो आरती। कोई टेंशन मत लो मेरी जान, आरती अब मुझे माफ करना आज अब मैं बहुत गंदी बात करूंगा और सेक्स भी, तुम भी जितना खुलोगी उतना इन्जवाय करोगी और उतना मजा आयेगा। जैसे अभी फिल्म में देखा है वैसा ही तुम्हें करना है और मैं भी वैसा ही करूंगा उन्होंने मुझे अपने हाथों से खड़ा कर लिया और मेरी सलवार को नाड़े से सरका कर के नीचे उतार दिया मेरी सलवार बेड में दूर फेंक दी, और बोले आरती हाथ ऊपर करो और -धीरे मेरे कुर्ते को ऊपर किया जैसे ही मेरा पेट दिखा, कमलेश सर मेरी नाभि को चूमने लगे, मेरी नाभि में जैसे ही होंठ रखे और किस किया जाने मुझे क्या हो गया मैं सी सी आउछ करने लगी थी, मुझे बहुत अजीब सा लगा, सर बोले क्या नाभि है तुम्हारी, ऐसा लगता है कयामत हो आरती, इतनी सेक्सी लड़की मैंने जिंदगी में नहीं देखी.

फिर नाभि को चूमते रहे, धीरे धीरे कुर्ते को ऊपर किया और जैसे ही सीने तक गया, मेरा वाइट कलर का ब्रा उसके अंदर मेरे बूब्स बहुत बड़े नहीं थे, तभी सर बोले यह तुम्हारे मस्त मस्त छोटे-छोटे दूध मैं बहुत बड़े-बड़े कर दूंगा, लोग तरसेंगे देखना इसी महीने तक 1 महीने में अपने दोनों बूब्स का साइज, अभी क्या है साइज़ तुम्हारे बूब्स के, मैं बोली 30 से भी कम सर, बोले इसी महीने 34 से ज्यादा कर दूंगा मैं एकदम हैरान थी, कि ऐसा क्या करेंगे कि बूब्स मेरे बड़े हो जायेंगे और सर मेरे सीने में अपना मुंह रख दिया अब मेरा कुर्ता भी उतार दिया,सर के सामने मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी और सर मेरे सामने सिर्फ़ अंडरवियर में सर मुझे एक टक देखते हुए बोले आरती तुम बला की खूबसूरत हो और मुझसे लिपट गये किसी मर्द के बाहों में जाने से क्या होता है अब पता चला, उनका अंडरवियर में तना हुआ पेनिस मेरी पुसी में रगड़ खा रहा था, तभी सर मेरा हाथ पकड़ कर अपने अंडरवियर में डलवाकर मुझे अपना लंड जैसे ही पकड़ा दिया मैं बता नहीं सकती कैसा लगा, अपनी लाइफ में फर्स्ट टाइम लंड को अपने हाथों में ली वोहहहह तभी सर ने अपनी अंडरवियर नीचे खिसका कर उतार दी अब वो पुरे नंगे बदन मेरे सामने हो गए

मुझे बोले आरती मेरी सेक्सी देखो जैसे फिल्म में चल रहा है वैसा करो, उधर टीवी में जो ब्लू फिल्म चल रही थी उसमें वो उन लोगों के लंड चूस रही थी मुझे बहुत झिझक लगी, पर अंदर से बहुत मन हो रहा था तब सर बोले आरती लड़की का ये ड्रीम होता है, कि वो मर्द का लंड अपने मुंह में लेकर चूसे उसे चाटे और लंड का पानी रस पीये, ये कहते हुए मेरे कंधे पर दबाव देके बैठा दिया अब सर का लंड मेरे आंखों के सामने एक दम फनफना रहा था, मैंने उसे पकड़ लिया और जैसे ही मुंह के पास ले गई एक बहुत अजीब सी खुशबू लंड की आई और मैंने जैसे ही लंड में अपने होंठ रखे मेरे बदन में आग सी लग गई और सर भी कांपने लगे और मेरे बाल पकड़ कर अपना लौड़ा मेरे मुंह में घुसा दिया, अब मैं उसे चूसने लगी अपनी जीभ से चाटने भी लगी, सर बोले आरती ऐसा नहीं लग रहा कि पहली बार तू लंड को मुंह में ली है, तू लंड ऐसे चूस रही है जैसे प्रोफेशनल रंडी चूसती हैं, वोहहहहहभ आहहहहहहह सर चिल्ला रहे थे.

अब मेरी ब्रा भी उतारने लगे जैसे ही ब्रा खोल दी मेरे बूब्स देख कर सर बोले आरती तू बहुत गज़ब की माल है रे, चल अब उठ बिस्तर में लेट मैंने लंड मुंह से निकाल कर खड़ी हुई कि सर मेरे दोनों बूब्स पकड़ कर इतने जोर से दबाने लगे कि मुझे बहुत दर्द हो रहा था, मैं दर्द के मारे कराह उठी तभी सर ने एक एक करके दोनों मेरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगे, जैसे ही बूब्स चूसने लगे मैं पागल हो गई अब जाना की लड़की के बूब्स अगर कोई मर्द चूस ले फिर उसे कुछ भी कर लें, सर मेरे बूब्स करीब पन्द्रह मिनट तक जबरदस्त चूसे मैं उहहह अहहहह सर आप बहुत मस्त है ऐसे चिल्ला रही थी, और मेरा हाथ अपने आप सर के लंड में चला गया था मैं सर का लंड अपने हाथों से पकड़ कर रगड़ कर उपर नीचे करने लगी थी।

अब पता नहीं मैं कौन सी दुनिया में थी, सर ने मुंह से बूब्स निकालकर मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया और बोले आरती अब प्लीज तुम्हें भी बोलना पड़ेगा, जैसे तुमने उन कहानियों में पढ़ी हो अंदर जो भी फील हो गंदी बाते सब बोलो गाली दो ऐसा करने से जोश और मजा लाख गुना ज्यादा बढ़ जाता है, नहीं बोलोगी मैं चला जाऊंगा, मैं बोली सर बोलूं सर बोले हां डार्लिंग मैं बोली सर हम लड़कियां आपस में बहुत गंदी बातें करते हैं, और गालियां भी देती हैं। आप बुरा मत मानना, सर बोले इन पलों में वाइल्ड लाइफ मिन्स जानवर बन जाना चाहिए आरती, मैं बोली पक्का सर, सर बोले हां आरती, मुझे गालियां बहुत आती है, मैं गालियां देती भी बहुत हूं सर, मैनें पहली गाली सर को जो दी वो यह है, मैंने कहा सर तू बहुत मादरचोद है, सर बोले गुड आरती ऐसे ही, और बोलो मैं बोली कमलेश तु मुझे रंडी बनायेगा क्या?

जैसे ये बोला सर ने पैंटी पकड़ी और उतार ने लगे धीरे धीरे जैसे ही खिसका कर पैंटी मेरी उतारी सर पागल हो गए बोले आरती क्या मस्त पिंक
कलर की चूत है, वो भी फ्रेश अनटच देखने से ही लगती है और मेरी चूंत को चूमने लगे, मेरी जांघों को भी सहलाने लगे और चूमने लगे मुझे अजीब सा नसा चढ़ने लगा मेरे पैर के अंगूठे से चूमना शुरू किया और मांथे तक चूमे, मेरे पैर जांघ पीठ, गांड में उंगली डाल कर उसको चूमने लगे चाटते रहे, बोले आज तेरी गांड जरूर चोदूंगा आरती क्या मस्त उठान लिए तेरी गांड है, मेरी पीठ को चूमने लगे फिर नाभि को चूम लिया और पेट को चाट चाट के नाभि में जीभ डाल दी मैं पागल हो गई, ओहहहहह अब मेरे सीने को चूमने लगे और बूब्स को फिर से दबाने लगे चूसने लगे, मैं ऊं हहह वोहहहहह आहहहह करती रही तभी सर मेरे होंठों को चूसने लगे मुझे अब बिल्कुल होशो-हवास न था, तभी सर बोले आरती एक साथ अब करेंगे..

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मैं बोली क्या सर, सर बोले तू मेरा लन्ड चूसना मैं तेरी चूत चाटूंगा, मैं बोली सर अब मैं सब में तैयार हूं, तभी सर अपने पैर मेरे मुंह तरफ किये और सर का लंड मेरे मुंह में आ गया मैंने तुरंत उसे अपनी जीभ से चाटने लगी और चूसने लगी, सरअंकड़ गये बोले आरती मेरी रंडी आज तू मुझे पागल कर रही है, और मेरी टांगें फैला कर अपनी जीभ मेरे चूत में घुसा दिया मैं उनकी चूत चाटने से बिल्कुल पागल होने लगी और मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा था, पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा था, मै जोश- जोश में पूरा लौड़ा मुंह में अंदर बाहर करने लगी जैसे मुंह की चुदाई हो रही हो, आहहहह तभी सर ने मेरी चूंत को खाने लगे बोले बहुत ही मस्त टेस्ट वाली चूत है तेरी क्या खुशबू है, आरती उहहहहह ओहहहहह हमेशा मेरे मुंह में इसे रखे रहना, मैं पूरी लाइफ तेरी चूत चाट कर गुजार दूंगा वोहहहह मेरी रंडी आरती।

सर के इस तरह चूंत चाटने से मैं बिल्कुल तड़प उठी, और बोली सर अब अपनी रंडी आरती को इस तरह मत तड़पाओ मैं नहीं रह पा रही मुझे कुछ करिये जिससे ये आग मेरे अंदर की बुझे। ये मेरा फर्स्ट टाइम था इसलिए मुझे यह भी नहीं पता था कि ये प्यास ये तड़प कैसे मिटेगी। सर बोले रुक आरती मैं भी इतना पागल आज तक नहीं हुआ, करीब बीसों स्टूडेंट्स को चोदा और इतनी ही काल गर्ल को ठोका मेरी बीवी भी बहुत सेक्सी है, बहुत चुदवाती है। परन्तु तेरे में जो सेक्स की इच्छा है जो तेरी चूत की खुशबू है, उठी हुई तेरी लाजवाब गांड वोहहहह तुने मेरी लाइफ का सबसे सेक्सी पल दे दिया, तेरे जैसे लंड कोई नहीं चूसता अब चल आरती तेरी पहले गांड मारता हूं वोहहह तेरी प्यास बुझाता हूं।और बोले उठ आरती कुतिया की तरह चोदूंगा तेरी गांड, मैं बोली हां कमलेश कुतिया से भी बेकार चोद मैं मरी जा रही हूं। सर बोले कुतिया बन मैं उठ कर एकदम कुतिया बन गई सर बोले तू तो बड़ी एक्सपर्ट हैं पहले भी गांड़ मरवाती थी क्या?

मैं बोली आज तक किसी ने खुली गांड मेरी देखी नहीं छुआ नहीं तो मारने का सवाल ही नहीं उठता सर, आरती मैं बहु लकी हूं कि तुम्हारी गांड आ  जबरदस्त चोदूंगा और ऐसे कहते हुए सर ने मेरे गांड को चूमने लगे और अपनी जीभ मेरी गांड में डाल दी, आरती सच में पागलपन है तेरी गांड आज तुम्हारी गांड की प्यास बुझाऊंगा इस तरह सर ने मेरे उपर कुत्ते की तरह चढ़ गए, और मेरे गांड में अपना लौड़ा रख दिया पीछे से दूध पकड़ कर बोले आरती अब डाल दूं अपना लंड तेरी गांड में, मैं बोली सर अभी घुसा दो पुरे जोर से रगड़ना मेरी गान्ड मुझसे रहा नहीं जा रहा, अब बस चोदो या कुछ भी करो मेरी आग मेरे अंदर की प्यास बुझनी चाहिए.

सर ने कहा प्यास तेरी बुझ जाएगी पर दर्द बहुत होगा सह लेगी, मै बोली चाहे जितना भी दर्द हो आप बिल्कुल चिंता नहीं करो सर बोले फिर ले और सर ने बहुत सारा थूंक मेरी गान्ड में लगाया और अपने लन्ड में भी साली कुतिया रंडी आरती, तभी सर ने थूंक लगाया मेरी गान्ड में और जोर से अपना लंड घुसाने लगे, अंदर बिल्कुल नहीं घुसा तभी एक बहुत जोर का धक्का पूरी ताकत से ऐसा लगाया कि आधा लन्ड चररर की आवाज आई और घुसा पर इतना दर्द हुआ कि लगा मैं मर गई, मैं दर्द के मारे बेहोश हो गई, सर घबरा गये वहीं बाटल में पानी रखा था उससे मेरे चेहरे पर पानी के छीटें मारने लगे, मैं होश में आई उन्होंने पर अपना लन्ड बाहर गांड से निकाला नहीं था, इतना दर्द कभी नहीं हुआ मैं जोर से चिल्लाई बचाओ, छोड़ दो सर प्लीज छोड़ दो , मैं मर जाऊंगी निकाल अपना लं  मादरचोद मैं गाली भी देने लगी और बहुत जोर जोर से चिल्लाई बचाओ कोई, मार डाला इस हरामी ने निकाल अपना लंड कुत्ते, मम्मी बचाओ, पापा बचाओ, मुझे छोड़ दो सर हांथ जोड़ती हूं, मेरी गान्ड में मैंने हाथ लगाया तो मेरे हाथ में खून लगा हुआ था मैं अब जोर जोर से रोने लगी खून देखकर पर सर को कोई फर्क नहीं पड़ा, और उन्होंने एक और जोर का धक्का लगा दिया और पूरा लन्ड मेरी गान्ड के अंदर घुस गया और पूरा लौड़ा अन्दर घुसा कर अब अपने लन्ड को गांड़ के अंदर बाहर करने लगे, मेरी गान्ड को अब सर चोदने लगे और मैं बहुत जोर-जोर से रोये जा रही थी, बहुत दर्द हो रहा था, तभी सर अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगे.

बोले आरती साली रण्डी क्या जबरदस्त तेरी गांड है आज तेरी गांड की सुहागरात है आरती आज मैंने तेरी जबरदस्त गांड की शील तोड़ दी। मेरे से किस्मत वाला कोई नहीं ।सर अब जोर-जोर से मुझे चोदने लगे पूरा लंड मेरी गांड में अंदर करते थे फिर बाहर निकालते इस तरह जबरदस्त मेरी गांड की चुदाई करने लगे, पता नहीं कैसे कब मेरा पूरा दर्द अब कहां गायब हो गया, ये मुझे समझ नहीं आया इतना असहनीय दर्द कैसे खत्म हो गया, ये क्या मैजिक है कि दर्द की जगह अब मुझे एक दम से बहुत जोश आ गया। मैं सर से बोली ओहहहहह मेरे राजा क्या किया अपनी आरती को की दर्द भी खत्म और जबरदस्त मजा ला दिया, वोहहहहह कुत्ते कमलेश चोद अब मेरी गान्ड को जितना चोदना हो, जोर से मेरी गांड में डालो पूरा लंड मुझे बहुत मजा आ रहा है, हमेशा मेरी गान्ड चोदते रहना ऐसे ही मस्त, और डालो कमलेश तेरी आरती तेरे लिए कुछ भी करेगी, बस मुझे अपनी रंडी बना कर ऐसे ही चौबीस घंटे मेरी गान्ड चोदते रहना।

मैं कसम खाती हूं जो बोलोगे करूंगी, और चोदो जोर जोर से तभी सर ने फुल स्पीड से पूरा लौड़ा अंदर बाहर बहुत मस्त करने लगे, मैं पागल हो रही थी करीब 40 मिनट तक ऐसे ही मेरी गान्ड को चोदते रहे, सर बोले सोच आरती तेरे दो दो लंड घुसे हैं एक तेरी चूत में इमेजिन कर और फिर से अपनी तीन ऊंगली मेरी चूत में घुसा दिया। सर बोले ये उंगली नहीं है सोच किसी का लंड है। सर का लंड गुदामैथुन यानि गांड को चोदने में लगा है। और एक लन्ड मेरी चूंत को चोद रहा है, मैं सच में वही सोचने लगी कि एक लंड मेरी चूंत को  चोद रहा है और एक मेरी गान्ड को अब मेरा जोश हजार गुना बढ़ गया। मैं बोली सर मेरी चूत को जोर से चोदो बहुत जोर से ऊंगली रूपी लंड चलाओ और मेरी गांड को तो तूने आज फाड़ ही दिया है।

अब आरती को अपनी बीवी समझ कर चोदो आज मेरी पहली सुहागरात है सर, और चोदो तभी मेरे चूत से  बहुत तेजी से गरम गरम पानी निकलने लगा मैं अकड़ गई, सर बोले आरती तू तो झड़ गई तेरी चूत तो बह चली जोर से, सर ने बोला आरती अपनी गान्ड और ऊपर उठा मैं एक बार पूरा लन्ड तेरी गांड की जड़ तक अन्दर घुसा दूं, मैंने तुरंत अपनी गान्ड ऊपर उठा दी और बोली हां सर पूरा पेल दो अपना लौड़ा वोहहहह, और सर ने फचाक से अंदर कर दिया मैं चींख उठी ओहहहहह मेरे कुत्ते तुमने आज मुझे जन्नत का मजा दे दिया है।

आज से हमेशा मुझे ऐसे ही चोदना आप अपना लौड़ा मेरी चूत में भी डाल दो, तभी सर जोर-जोर से हांफने लगे और बोले मेरी रंडी आरती मेरा लन्ड रस तेरी गांड में जा रहा है, और सर अकड़ के मेरे दोनों दूध जोर से दबाते हुए पूरा फच फच अपना लंड मेरी गांड में जड़ तक पूरा घुसा दिया। और अपने लन्ड का गरम-गरम रस को मेरी गांड में भर दिया। अब जाके मेरी प्यास बुझने लगी मैं तड़प रही थी इसी पल के लिए शायद। सर ले आरती आज तक तुम कच्ची कली थी आज से तू छिनाल बन गई है। और पूरा लंड अंदर तक मेरी गान्ड में घुसेड़ कर लंड रस भर दिया और फिर मुझे सामने लिटा कर के मेरी टांगे फैलाकर मेरी चूंत का बहता हुआ रस चूसने लगे, मुझे बहुत मजा आया मैं बोली सर आप बेस्ट हो, पर मुझे पेशाब है, सर बोले कर दो आरती प्लीज कर दो मुझे पीना है तुम्हारी चूंत से निकली मस्त पेशाब, मैं बोली छि छि नहीं सर, सर बोले नहीं बहुत मस्त होता है.

आरती प्लीज करो पेशाब मेरे मुंह में और मैं वही करने लगी, सर ने मेरी चूत से निकली हुई पेशाब को बड़े मस्त तरीके से पीने लगे, एक एक बूंद
मेरी पेशाब का पी लिया और चाट-चाट के मेरी चूत को भी साफ कर दिया । फिर सर ने उठकर अपनी रूमाल से मेरी गान्ड को साफ किया। सर बोले थोड़ी देर बाद पीछे गांड में दर्द होगा, उसके लिए मैं ये टेबलेट लाया हूं, आरती हल्की तेरी गांड में ब्लाडिंग हुई है इसलिए इसे गांड की होल में लगा लेना ऐसा बता करने एक ट्यूब और कुछ टेबलेट दिये। सर ने बोला आरती चिंता नहीं करनी है। सब दर्द दो तीन दिन में गायब हो जायेगा, और अब लाइफ में दोबारा कितना भी गांड़ चुदाई करवाती रहोगी दर्द नहीं होगा, सिर्फ मजा आयेगा। सर अपने कपड़े पहने और मै भी अपने कपड़े पहन ली, और फिर सर मेरे होंठों को चूमने लगे और बोले तुम्हारी चूंत अभी भी वर्जिन है।

अब तीन चार दिन नहीं आऊंगा। सच में चार पांच दिन मुझे बहुत दर्द हुआ फिर सब ठीक हो गया। ये मेरे साथ मेरे जीवन का पहला सेक्स था वो भी पीछे ही हुआ। एक एक शब्द मैंने पुरा सच लिखा है भरोसा करियेगा एक शब्द भी बनावटी या मनगढ़ंत नहीं है। आने वाले समय में कैसे कैसे किन किन लोगों से चुदवाया बताती रहूंगी लेखनी के माध्यम से। कैसे लगी मेरी सत्य कहानी मेरे मेल आईडी में बताईये,आप अपनी राय और मैं आपके लिए क्या कर सकती हूं। मुझे मेरे मेल द्वारा बता सकते हैं।

मेल – [email protected]

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हेल्लो दोस्तों मेरी ये पहली कहानी मस्ताराम को भेज रहा हूँ और मैं चाहता हूँ की वो अपने अंदाज में मेरी कहानी को पब्लिश करे. दोस्तों मेरा नाम तनिष है, हमारा गाँव छोटा सा है. मेरे घर के सामने दीक्षा नाम की एक लड़की रहती है. बड़ी कमाल की है वो चिड़िया. चलते समय उसकी गांड बहुत सेक्सी ऊपर नीचे होती है. उसका सीना देखते ही मेरे तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. वो लगभग पांच फीट ऊँची होगी. मैं तो उसका आँखों से ही चोदन करता रहता हूँ. उसको बिस्तर में इस्तेमाल करने की बड़ी आस मन में हमेशा से थी, है, और रहेगी.

इन दिनों में गाँव को तीन दिन में एक बार ही नल पे पानी मिलता है. तो बावड़ी से पानी खींचते वक्त मेरा हाथ उसके सीने के नीचे वाले भाग को लग गया. वो तो गुस्सा हो गई, कहने लगी कि जानबूझ कर मैंने उसे हाथ लगाया. मन में मैंने कहा कि हाथ तो क्या, मैं तुझे चोदना चाहता हूँ.
मन में कहने से क्या होता है भला!

एक बात तो बताना भूल ही गया, उसकी छोटी बहन विशाखा जो अभी पढ़ती है. वो तो एटम बम है. छोटी सी है पर वो भी कमाल है. मैंने अभी तक किसी भी लड़की को चोदा नहीं है, ना ही किस किया था
दीक्षा अभी पेपरों की तैयारी कर रही है. परसों रात की बात है. रात के 11:30 बजे पर मैं मूतने के लिए बाहर आया तो उसके घर की लाईट जल रही थी. मैंने पास जाकर देखा कि वो पढ़ाई कर रही है.
मैंने उसे कहा- थक गई होगी, सो जाओ अब!
उसने कहा- तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
“तुझे देख रहा हूँ.”

मेरे सीने मैं धक धक हो रही थी कि अगर वो चिल्लाएगी तो मेरे इज्जत का तो फालूदा निकल जायेगा.
मैं उसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए वहीं खड़ा रहा तो वो बड़े गुस्से से मुझे देख रही थी. वो चिल्लाई नहीं तो मेरा हौसला और भी बढ़ गया.
मैंने कहा- ये गुस्सा बिस्तर पे दिखा तो मैं जानू!
वो खिड़की बंद करने लगी तो मैंने कहा- सोच कर देखो एक बात, मैं तो घर का ही हूँ… बाहर बात नहीं जायेगी.
तो उसने बड़ी जोर से खिड़की बंद कर ली.
मैं तो सोने चला गया.

अगली सुबह मैंने देखा कि वो और उसकी माँ (वो भी सेक्सी) जा रही थी, तो मैंने पूछा- मामी जी कहाँ जा रहे हो?
“डॉक्टर के पास!” उनका जवाब आया.
मैंने कहा- ज्यादा पढ़ाई हो गई है, इसे तो अब इंजेक्शन की जरूरत है.
दीक्षा तो मुझे गुस्से से देख रही थी क्योंकि मेरी बात सिर्फ वो ही समझी और कोई नहीं.

उस रात फिर से मैंने देखा कि खिड़की फिर से खुली है. मैं समझ गया कि कल की बात उसे पसंद आ गयी है, आज थोड़ा सा घी डालना है बस… और मेरे बाबू राव को वो पहला सुख मिल जाएगा.
मैं खिड़की के पास गया और पूछा- मेरे बारे में क्या सोचा है?
पहले तो उसने ऊपर ही नहीं देखा… कुछ भी नहीं बोली… तो थोड़ा सा धीरज करके मैंने कहा- पढ़ाई कर के थक गई होगी तो मुझसे मालिश ही करवा लो!
तो उसने ऊपर देखा तो उसकी आँखों में आंसू थे.
मैं डर गया और वहाँ से भाग गया.

अगली सुबह उनके घर के सामने एक गाड़ी खड़ी हुई और दीक्षा के माँ बाप और सेक्सी बहन बैठ कर चले गए.
शायद दीक्षा पढ़ाई के वजह से नहीं गयी ऐसा मैंने सोचा. और मैं अपने काम पर चला गया.

उसी रात गांव में चोर आ गये, बड़ा हल्ला गुल्ला हुआ और दीक्षा अकेली थी तो वो डर गई. उसने मेरी मम्मी को कहा- चाची, आप मेरे साथ मेरे घर में सो जाऊ, मुझे डर लग रहा है.
तो मम्मी ने मुझ से कहा- तू चला जा इसके साथ!

मैं तो यहीं चाहता था पर मैंने कहा- मुझे मेरे थोड़ा सा काम है, आप ही जाओ.
तो मम्मी ने कहा- बेटा, हम औरतें, अगर वहाँ चोर आयेंगे तो क्या कर लेंगी? कोई तो पुरुष होना जरूरी है.
मैंने कहा- फिर आप भी चलो हमारे साथ!
तो उन्होंने कहा- बेटा, बहाने मत बना, जा जल्दी!
तो मुझे जाना पड़ा.

उनका घर दो मंजिला था. जब मैं घर गया तो उसने कहा- ऐसी वैसी बातें मत करना, मुझे पढ़ाई करनी है.
मैं कुछ नहीं बोला क्योंकि मुझे रात 11.30 का इंतजार था. जब सारा गाँव सो जाता है.

मैं भी वहाँ सोफे पर सो गया. 11.30 बज गए पौने बारह भी बज गए, तो उसने किताब बंद की और सोने को चल दी.
मैंने अब उससे कहा- क्या सोचा है मेरे बारे में? बात सिर्फ आपस में ही रहेगी.
तो उसने कहा- मेरा एक लड़के के साथ चक्कर है और हमारा सब कुछ हो गया है.
मेरे मूड थोड़ा ख़राब हो गया, फिर मैंने सोचा कि पहला चान्स आया है, क्यों छोड़ूँ, मैंने कहा- कोई बात नहीं जी, हमसे मालिश तो करवाइये!

उसने तरस खा के पूछा- आखिर तुम्हें चाहिए क्या?
“तुम्हें चोदना…”
यह सुन कर तो उसकी आँखें खुली की खुली है रह गई. उसने कुछ नहीं कहा और वो ऊपरी मंजिल पर सोने चली गई. मैंने भी सारी लाईट दरवाजे बंद कर लिए और ऊपर गया. तो उसने कमरा अन्दर से बंद कर रखा था.
12 अभी तक नहीं बजे थे, अभी कुछ मिनट बाकी थे, मैंने दरवाजे पर टिक टिक की और बोला- प्लीज दीक्षा, मुझे तेरी रिक्शा में बैठने दो ना!!!
तो भी उसने दरवाजा नहीं खोला.

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मैंने भी ठान ली है कि आज उसको चोद कर ही रहूँगा. यही नहीं, उसकी बड़ी गांड में मेरा सारा माल डाल दूंगा. बहुत तरसाया है साली ने…
लगभग 10 मिनट मैं उसका दरवजा बजाता रहा. तभी उसने दरवाजा खोल दिया. देखा तो मैं देखता ही रह गया… उसने अपनी पहले पहनी हुई ड्रेस उतार दी थी और पतली सी झिरिमिरी की नाईट गाउन पहने खड़ी थी.
उसने मुँह टेढ़ा करके कहा- मुझे तेरे साथ नहीं सोना है.
“पर मुझे तो तेरे साथ सोना है ना… प्लीज… ना मत कर…” मैं आगे हुआ और उसके हाथ को चूमा और कहा- एक चान्स दे दो प्लीज… तुम्हें नाराज नहीं करूँगा.
वो कुछ भी नहीं बोली.

मैंने उसके हाथों को सहलाना शुरू कर दिया.
“उसका नाम क्या है?” मैंने पूछा.
“किसका?” वो बोली.
“जिसके साथ तुम्हारा चक्कर है… उसका!”
“नहीं यार, तुमसे छुटकारा पाने के लिए मैंने ऐसे ही झूठ कहा था.” वो बोली.

“अभी तक तुम वर्जिन हो?” मैंने पूछा.
“हाँ…”
मेरे मन में तो लड्डू फूटे… आहिस्ता आहिस्ता मैंने उसकी गर्दन को चूमना चालू कर दिया. हाथ अपना काम कर रहे थे.
वो धीरे धीरे तप रही थी.

गर्दन चूमने के बाद मैंने उसके गालों को चूमना चालू कर दिया. धीरे धीरे मैंने उसके ओठों के रसपान का बड़ा मजा उठाया. उसके गर्म गर्म श्वास मुझे और भी बेचैन कर रहे थे.
मैंने कहा- मैं तुम्हारे स्तन देख सकता हूँ?
“ना कहोगे तो नहीं देखोगे क्या?” उसने पलट सवाल किया.

तो मैंने गर्दन के पास सहलाना शुरू कर दिया और एक हाथ उसके बड़े बड़े स्तनों अन्दर से घुमने लगा दूसरा हाथ उसके गाउन के क्लिप खोलने में लग गए.
वो तो सिर्फ बेड पर बैठी थी… गाउन के क्लिप खुल गए… मैंने उसका गाउन उतार फेक दिया… वो सिर्फ पेटीकोट और निकर पर ही थी.
मैंने कहा- तुम ब्रेसिअर नहीं पहनती?
उसने कहा- नहीं…
“कल से पहननी पड़ेगी!” मैंने कहा.
वो शर्मा गई.

मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया और देखा कि उसका पेट थोड़ा सा बाहर था, तो मैंने मजाक से पूछा- कौन सा महीना चालू है?
वो सिर्फ नीचे सर झुकाए खड़ी थी. मैं उसको देखता रहा. क्या गांड थी उसकी… वाह आज तो म़जा आएगा.

खड़े खड़े मैं उसको चूमने लगा. चूमते वक्त दोनों हाथों से उसकी गांड दबाने लगा. धीरे धीरे एक हाथ उसके निकर में गया तो झट से उसने उसे बाहर निकाला.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- मुझे नहीं पसंद…
मैंने कहा- कुछ भी करना था लेकिन तनिष का इगो हर्ट नहीं करना था.

मैंने उसको उसी के बेड पर पीठ के बल लिटाया, उसकी टांगों को सहलाने लगा. मैं ऊपर खिसकता गया, दोनों हाथ निकर पर आ गए, मैंने निकर पकड़ी और खींच ली. नीचे उसकी योनि बाहर से थोड़ी काली थी… मैंने सीधे उंगली करनी चालू कर दी तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर निकाल दिया तो मैंने कुछ सोचा और फिर से उसके ऊपर किसिंग के लिए आ गया.

पांच दस मिनट किस कर कर मैंने उसे कहा- अब तुम्हारी बारी, मुझे किस करो…
वो भी मुझे किस करने लगी.
फिर मैंने उसके स्तन चूसने का काम चालू कर दिया. वो तो बहुत तप गई. मैंने अपने कपड़े उतारे लेकिन अंडरवीयर नहीं निकाली और बेड पर पीठ के ब़ल लेट गयाम उसे कहा- मेरी अंडरवीयर खींच ले… और देख तुझे कौन चोदने वाला है.
वो पहले शरमाई… “मैं नहीं करुँगी.” ये कहा.

मैंने पूछा- क्या नहीं करोगी?
“अभी जो कर रहे हैं, वो…”
मैंने कहा- अब तुम्हारा बाप भी आएगा तो तुम्हें चुदने से नहीं रोक सकता… अगर दर्द नहीं चाहती हो तो मेरी अंडरवीयर निकालो और मैं जैसा कहता हूँ वैसा करो.
फिर वो मेरे पास आ गई घबराते घबराते… उसने मेरी अंडरवीयर पकड़ी और खींच ली.
अब तक मेरी अंडरवीयर एक बार गीली हो चुकी थी.

उसने आँखें बंद कर ली थी… मैंने उसका हाथ लिया और कहा- अपने यार को नहीं देखोगी?
और उसका हाथ मेरे लंड पर रख दिया तो उसने झट से पीछे खींच लिया… तो मैंने उसको उसी के बेड के पास बैठा दया और उसके मुँह के पास मेरा लंड ले गया, उसे कहा- अब तो आँखें खोलो. और चूसो.
“चूसो…” यह सुनते ही “मुझे ये पसंद नहीं…” उसने कहा.

मैंने उसे कहा- क्यों इन्कार करती हो? तुम जानती हो कि मैं जो चाहता हूँ वो करता हूँ… तो चूसो… चलो!
वो कुछ भी नहीं बोली.
मैंने कहा- मुँह खोलो!
उसने आँखें बंद ही रखी और मुख खोल दिया… मैंने उसके मुँह में मेरा लंड सरका दिया और उसके हाथ से लंड को आगे पीछे करने को कहा. वो धीरे धीरे कर रही थी… मेरे लम्बे और मोटे लंड के माप को भाम्प कर वो… शायद वो घबरा गयी… उसके हाथ कांपने लगे.

मैंने उसे उठाया, बेड पर बिठाया… उसे कहा- आंखें खोलो और देखो बहाने मत करो!
जबरदस्ती से मैंने उसे देखने के लिए मजबूर किया. मैंने उसे लिटा दिया और उसकी ओढ़नी से उसके हाथों को बेड से बाँध दिया और उसकी बुर में उंगली करनी चालू कर दिया. वो तड़पने लगी… पर मैं नहीं रुका, मैं उसके ऊपर हो गया और उसे कहा- अब तुम आखिरी बार अपनी कुंवारी बुर को देख लो, मैं तुम्हें ठोकने जा रहा हूँ.

मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रगड़ना चालू कर दिया.
उसने कहा- धीरे से करना.
शायद मैंने यह नहीं सुना, लंड का आगे का सिरा उसकी बुर पर दबा दिया तो वो चिल्लाई.
मैंने कहा- अभी शुरूआत भी नहीं हुई और तुम…
फिर लंड को उसकी बुर पर जोर से दबा दिया और दोनों हाथों से उसकी कमर को मैंने पकड़ा हुआ था ताकि वो ऊपर ना खिसके.

मेरे लंड का मुख उसकी बुर के अंदर था और मैंने हल्का सा झटका दिया तो वो रोने लगी.
मैंने कहा- क्या हुआ?
उसने कहा- बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैं उसे किस करता रहा… अचानक एक जोर का झटका दिया और वो जोर से चिल्ला उठी.
मैंने बिन रुके एक और झटका दिया तो मेरा लौड़ा पूरा का पूरा उसकी बुर के अंदर जा चुका था.
मैं आहिस्ता आहिस्ता उसे चोदने लगा।

पांच मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और देखा कि बुर से थोड़ा खून आ रहा है.
मैंने उसे कहा- मुबारक हो… अब तुब वर्जिन नहीं रही हो.
फिर मैंने कंडोम चढ़ाया और फिर मैं फिर से अंदर डालने लागा.
वो चिल्ला रही थी… मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख कर उसका मुँह बंद कर दिया और नीचे से लंड अंदर डालने लगा. ये तो अच्छा हुआ कि मैंने उसके हाथों को बाँध कर रखा था…मेरा लंबा मोटा लंड पूरा अंदर घुसेड़ दिया था मैंने!

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फिर मैंने कहा- पहली बार में दर्द होता ही है… सह लो थोड़ा सा…
उसी की निक्कर उसके मुँह में डाली और धीरे धीरे शॉट लगाना चालू कर दिया.
मेरा अंदाजा गलत निकला था कि उसकी डील डौल के हिसाब से उसे तकलीफ कम होगी. वो रो रही थी… मेरे धक्के चालू थे, मैं पूरी तरह हे उस पर हावी था. उसने उसका बदन सीधा कर
लिया और वो झड़ गयी थी पर मैं नहीं झड़ा था, मेरे धक्के चालू थे. मेरा इंजिन बहुत तेज हो गया था. मेरे धक्कों से उसके कबूतर जोर हिल रहे थे, जैसे वो हिल रहे थे, वैसे मेरी स्पीड और बढ़ती जाती… नीचे उसकी बुर की पूरी तरह से मैंने वाट लगा दी थी.

उसके बिस्तर की सफ़ेद चादर पर बहुत खून गिर गया था पर मैंने चोदना शुरू ही रखा. फिर मैं एक बार झड़ गया. उसे पूरी तरह से चोद कर मैंने अपनी हवस बुझाने की कोशिश की. लंड बाहर निकला तो बुर से खून आ रहा था. मैंने उसी के तौलिये से उसे साफ़ किया, उसके हाथ खोल दिए और उसी के पास लेटा रहां.

वो उठी, बाथरूम गई, अपनी बुर को धोया और बाहर आकर कपड़े पहनने लगी.
मैंने कहा- अभी मत पहनो… काम अधूरा मत छोड़ो, अभी बहुत कुछ बाकी है… तुम्हारी गांड मारनी है, आ जाओ बैठो!
ऐसा कह कर उसे इशारा किया अपने लंड के तरफ.

फिर भी वो कपड़े पहने लगी तो मैं उसे कबूतरों को मसलने लागा. अभी तो सिर्फ 12.50 हुए थे, सारी रात अभी बाकी थी.

थोड़ी देर बाद कुतिया की तरह बेड पर उससे पोज बनवाया और उसकी गांड पर लंड रख दिया और मैंने कहा- अपना मुँह बंद रखना क्यूंकि आगे जितना दर्द नहीं हुआ, उससे कई गुना दर्द अब होगा.
वो फिर से रो पड़ी… मैंने ध्यान नहीं दिया और अपना हथियार उसकी गांड में ठोकता गया. वो बहुत चिल्लाई… पर मैंने उसका मुँह दबाया और उसकी गांड मारनी चालू कर दी.
थोड़ी ही देर में मैं उसकी गांड में झड़ गया. गांड मारते समय मैंने कंडोम नहीं लगाया था. उसकी गांड में लंड था, वो रही रही थी.
तब मैंने उसे बताया कि मुझे विशाखा को भी चोदना है… तुम मेरी सहायता करोगी?
उसने कहा- अभी वो नादान है…
मैंने कुछ नहीं कहा पर उसकी गांड जवाब दे रही थी. उसने कहा- ठीक है, मैं उसे पूछ कर बताऊँगी.

उसकी गांड और जोर से जवाब देने लगी- ठीक तुम जैसा चाहोगे!
उस रात मैंने दो बार उसकी बुर को और चोदा.

सुबह के 3.30 बजे वो सोने की जिद करने लगी… मैंने कहा- ठीक है, नंगे ही सोयेंगे.
वो तैयार हो गयी… हम सो गए.
उसके कबूतर दबा दबा कर लाल लाल हो गए थे.

सुबह सात बजे दूध वाला आया तो मेरी नींद खुली, देखा क्या… कि दीक्षा बिस्तर पर नहीं थी.
नीचे जाकर देखा तो दूध लेकर वो कॉफ़ी बना रही थी… उसकी चाल कुछ अकड़ी अकड़ी सी थी तो मैंने पूछा- तुम ऐसी क्यों चल रही हो?
“तुम्हारी वजह से!!”
मैंने कहा- मैंने क्या किया?
“आगे इतना नहीं… पर पीछे से बहुत दर्द हो रहा है.”
मैंने कहा- फिर एक बार इंजेक्शन देना पड़ेगा पीछे से…
वो मुस्कुरा कर मुझे मुक्का दिखाने लगी.

अब तो सिर्फ विशाखा का इंतजार है… छोटा एटम बम है, पर आवाज बड़ी करेगा. विशाखा एकदम पतली है, दीक्षा से थोड़ी सी हाईट ज्यादा होगी. पर आयटम एकदम झकास है.
एक दिन उसे भी चोद के रहूँगा वो भी वर्जिन!

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इंडियन मॉडल सेक्सी हसीना की चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/indian-model-sexy-hasina-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/indian-model-sexy-hasina-ki-chudai.html#respond Fri, 09 Mar 2018 05:04:37 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12160 इंडियन मॉडल सेक्सी हसीना की चुदाई करने का मौका मिला मुझे मैंने उसे मैं इस कहानी में बताऊंगा मैंने उसकी चुत, बूब्स और और पूरी बॉडी को खूब चूमा चूसा और छठा आगे की कहानी जानने के लिए पूरी स्टोरी पढ़े

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सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। मस्ताराम डॉट नेट के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

ही, मेरा नाम सोनू है और मेरी उमर 25 साल है. मैं दिखने मे काफ़ी हॅंडसम हूँ. मैं रतलाम शहर मे रहता हूँ और मैं एक फिल्म मेकर हूँ. वैसे तो आप सब लोग जानते ही होंगे की फिल्म मेकर होता कौन है पर फिर भी मैं आपको बता देता हूँ. फिल्म मेकर वो होता है जो अपनी पूरी मेहनत के साथ, अपने दिमाग़ से मूवी बनाता है. जिस तरह एक बीज के बोने पर उसकी सेवा करनी पड़ती है ठीक वैसे ही फिल्म मेकर की ज़िंदगी भी वेसी ही होती है.

चलो ये सब छोड़ो, आपको मेरी लाइफ का भी धीरे-धीरे पता चल जाएगा पर फिलहाल के लिए मैं आपको वो बताने जा रा हूँ जिसके लिए अब मैं आया हूँ. तो दोस्तो बिना कोई देर किए हम कहानी पर चलते है.

दोस्तो मूवी की दुनिया मे ही एक दिन मेरी मुलाकात आराध्या से हुई थी. जब मैने उसको देखा तो बस देखता ही रह गया. उसका रंग गोरा था और उसकी हाइट 5″7 इंच थी. उसका बॉडी फिगर बहुत ही कमाल का था और उसकी बॉडी मे सबसे मस्त उसके होंठ थे और उसके बूब्स थे जो की हर किसी को अपना दीवाना बना रहे थे. और उसके इसी जिस्म का सबसे बड़ा दीवाना मैं बन रा था.

और फिर ऐसे ही हम मिलते रहे, हम एक साथ शूट भी करने लगे तभी मेरी उससे पहली बार बात भी हुई. मैने उसे हेलो बोला और फिर उसने भी मुझे हेलो का जवाब ही मे दिया और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी पर धीरे-धीरे करके हमारी बात शुरू होने लग गयी. मुझे ये सब बहुत अछा लगने लग गया था.

अब ऐसे ही हम मिल कर काम करने लग गये थे और हमने फिर एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करना भी शुरू कर दिया था. मुझे उसके साथ बहुत ही ज़्यादा अछा लगता था और शायद उसे भी ठीक यही फीलिंग आती थी जो की मैं महसूस कर रा था.

ऐसे ही हम मूवी के बाद कॉफी पीने के लिए कही बाहर भी चले जया करते थे और हम ऐसे ही एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड किया करते थे. वो और मैं बहुत ही क्लोज़ आने लग गये थे और फिर हमारी बात धीरे धीरे फोन पर भी होने लग गयी थी जिससे की मैं उससे खुल कर बात भी कर लिया करता था. और वो भी अब मेरे काफ़ी क्लोज़ होने लग गयी थी. हम कई बार एक दूसरे के जिस्म को टच भी कर लिया करते थे जिसका वो कभी बुरा न्ही मानती थी और ऐसे ही सब अछा अछा चलने लग गया था.

फिर एक दिन आराध्या ने मुझसे मूवी देखने को कहा तो मैने भी उसे हाँ करदी और फिर हम मूवी देखने भी चले गये और वहाँ पर वो मेरे इतना क्लोज़ बैठी थी जिससे मैं पागल हुए जरा था और मेरा लंड तो और भी ज़्यादा पागल हो रा था.

अब हम मूवी देखने के बाद किसी बार मे चले गये और फिर हम वहाँ पर बैठ कर बाते करने लग गये. बाते करते हुए मैने उसे ड्रिंक ऑफर करी पर उसने माना कर दिया. पर बाद मे उसने मेरी ज़िद के आगे उसे झुकना पड़ा और फिर उसके बाद उसने भी एक पेग पी ही लिया.

उधर म्यूज़िक लाउड होने की वजह से उसके पैर थिरकने लग गये और उसके बाद वो मुझे डॅन्स फ्लोर पर जाने को कहने लग गयी. तब मैने भी उसकी बात मान ली और फिर उसके साथ डॅन्स फ्लोर पर चला गया और हम डॅन्स करने लग गये. हमे एक दूसरे से बात करने मे भी बहुत करीब होना पड़ रा था इसलिए वो मेरे कानो मे आ कर बोलती थी जिससे उसकी गरम साँसे मुझे पागल कर रही थी और मैं आउट ऑफ कंट्रोल हुए जा रा था.

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मुझे उसके जिस्म की खुश्बू भी बहुत अच्छी लग रही थी और फिर हम कपल डॅन्स करने लग गये थे. वहाँ पर इतना अंधेरा था सबकी सिर्फ़ शॅडो ही नज़र आ रही थी.

तब मैने उसकी कमर पर हाथ रख रखा था और फिर ऐसे ही आउट ऑफ कंट्रोल होते हुए मैने उसके होंठो पर किस कर डाला जिससे की वो भी मुझे कुछ न्ही कह पाई और फिर थोड़ी देर और डॅन्स करके हम बाहर आ गये और उसी कार मे आ कर बैठ गये.

कार आराध्या चला रही थी और मैं उसके साथ बैठा उसे ही देखा जा रा था. उसके बूब्स सीट बेल्ट की वजह से दब रहे थे जो की बहुत अच्छे लग रहे थे. उधर वो भी गरम हो रखी थी तो मैने उससे किस का सीन याद दिलाया जिससे की वो मुस्कुरा पड़ी और फिर मैने उसे किस कर डाली.

थोड़ी देर किस करने के बाद हम पिछली सीट पर आ गये. हल्की बारिश हो रही थी जिस वजह से मौसम बहुत अछा बना हुआ था. हम दोनो अब भी बहुत गरम हो चुके थे. मैने बड़े प्यार से आराध्या का वन पीस थोड़ा सा उपर किया और उसकी पेंटी को उतार दिया.

उसकी पेंटी मैने उसके सिर के पास ही रख दी थी. पेंटी उसकी चूत के पानी से पूरी तरह से भीग चुकी थी. मैं उसके उपर आया तो आराध्या ने धीरे से मुझसे पूछा की कॉंडम है ना तुम्हारे पास. कॉंडम तो मैं हरदम अपने पास ही रखता हूँ मैने उसे झट से हा कह दिया.

और अपने लंड पर कॉंडम चड़ा कर मैने अपना लंड उसकी गीली चूत पर सेट कर दिया. और जोरदार धक्के से उसकी चूत मे अपना पूरा लंड उतार दिया. उसके मूह से आहह आहह की आवाज़ निकली और फिर धीरे धीरे धक्के मारना मैने शुरू कर दिया. हम दोनो की गरम सांसो ने पूरी कार को अंदर से गरम कर दिया था. उसके बाद मुझे उसकी पानटी मे लगे चूत के पानी ने पागल बना दिया.

तभी आराध्या पूरी की पूरी अकड़ गयी और उसने अपनी चूत का सारा पानी निकाल दिया. मैने भी फिर अगले 5 मिनिट बाद अपने लंड का पानी निकाल दिया. फिर कुछ देर मैं उसके उपर लेटा रहा और फिर हम दोनो उठकर अगली सीट पर बैठ गये. आराध्या ने मुझे किस किया और पूछा की क्या तुम मेरे घर चलोगे. मैं झट से हन कह दिया और फिर उसने कार स्टार्ट करी और सीधा मुझे अपने घर ले गयी. घर मे जाते ही वो किचन मे टी बनाने लग गयी.

मैं उसके पीछे खड़ा था मुझे उसकी ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ सॉफ दिख रही थी. मैने उसको पीछे से उसके नंगे कंधो और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. उसकी आँखें बंद हो गयी और गरम गरम साँसे चलना शुरू हो गया. फिर वो झट से पीछे की और मूडी और उसने मेरी शर्ट को उतार दिया. और छाती के निपल्स को अपनी जीब से चाटने लग गयी.

अब मुझसे और कंट्रोल न्ही हो रा था. इसलिए मैं गॅस को बंद किया और उसे अपनी गोध मे उठा कर बेडरूम मे ले गया. बेड पर उसे लिटा कर मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए. और साथ ही अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए उसके बाद मैं उसके उपर आ गया. और आराध्या के होंठो को चूसने लग गया. मेरे दोनो हाथो मे उसके बूब्स थे जिसे मैं पागलो की तरह मसल रा था.

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मैं उसके होंठो को चूस्ता हुआ सीधा नीचे उसके बूब्स के पास आ गया और उसके दोनो बूब्स को पागलो की तरह चूसने लग गये. बीच बीच मे मैं अपने दांतो से उसके बूब्स के निपल्स को काट रा था. जिससे उसे काफ़ी दर्द हो रा था और दर्द की वजह से वो मेरे नीचे मछली की तरह तड़प रही थी.

कुछ देर बूब्स अच्छे से चूसने के बाद मैं नीचे सीधा आराध्या की चूत पर चला गया. मैने बड़े प्यार से उसकी दोनो टाँगे खोली और उसकी गुलाबी चूत देखने लग गया. उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे जो उसने ट्रिम किए थे.

सच मे काफ़ी सेक्सी चूत लग रही थी मैने अपनी जीब झट से उसकी चूत पर रखी और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत अच्छे से चाटने लग गया. मेरी जीब उसकी चूत को नीचे से उपर की और चाट रही थी. जिससे मुझे एक अलग ही मज़ा आ रा था. और मैं लेटे हुए बहुत ही मज़े मे उसकी चूत को बहुत ही अच्छे से चाट रा था. उसकी चूत मे से थोड़ा थोड़ा पानी बाहर आने लग गया था जिसे मैं अपनी जीब से चाटने लग गया था.

कुछ ही देर बाद उसका शरीर पूरी तरह से आकड़ा और उसने अपने दोनो हाथो से मेरा सिर अपनी चूत मे दबा दिया. मैने अपनी जीब उसकी चूत मे डाल दी जिससे वो और भी ज़्यादा मचलने लग गयी. और कुछ ही देर बाद मेरी जीब पर उसकी चूत का काफ़ी सारा पानी आ गया जिसे मैं चाट चाट कर सारा का सारा पी गया. अब मैने उसकी चूत को अच्छे से चाटा और उसकी पूरी चूत को अपनी जीब से ही चाट चाट कर अच्छे से सॉफ कर दिया.

मैने अपना अंडरवेर भी उतार दिया और अपने लंड पर कॉंडम लगाने लगा तो उसने मुझे मना कर दिया. मैं काफ़ी खुश हो गया और खुशी के मारे मैं उसके उपर खूद कर आ गया. और उसकी दोनो टाँगे उठा कर अपने कंधो पर रखा और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का लगाया. जिससे लंड एक दम काफ़ी अंदर तक उसकी चूत मे चला गया. उसकी छींक निकल गयी सच मे उसे दर्द हुआ था. क्योकि उसकी आँखो से आँसू भी अब बाहर आ गये थे.

पर मैने उस पर अब कोई रहम न्ही किया और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चोदने लग गया. मैं थोड़ा नीचे हुआ चोदने के साथ साथ अब मैं उसके बूब्स भी चूस रा था. इस सब मे सच मे काफ़ी ज़्यादा मज़ा आ रा था. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला और उसे घोड़ी बनने को कहा. आराध्या ने मेरी बात झट से मान ली और मैने अपना लंड उसकी चूत मे पीछे से डाल दिया. और ज़ोर ज़ोर से अब मैं पीछे से ही उसकी चूत को चोदने लग गया.

काफ़ी देर उसकी चूत मारने के बाद मैने अपना लंड का सारा पानी उसकी चूत मे ही निकाल दिया. और मैं उसके उपर ही लेट गया. करीब 30 मिनिट रेस्ट के बाद मैने उसे फिर से जम कर चोदा. उस चुदाई के बाद वो मेरी फ़ान हो गयी और अब हर हफ्ते मैं उसे उसके ही घर पर चोदने जाता हूँ.

 

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हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी एकदम खुलकर बताने जा रही हूँ. मैं आप सभी को बता दूँ मैं बहुत गरीबी में पला बढ़ा हूँ. मैं बचपन से बहुत ही ख़राब माहौल में रहा हूँ। कभी भाग्य ने मेरा साथ ही नहीं दिया. लड़की पटाने या चुदाई के लिए लुक, किस्मत, पैसो, का होना बहुत ही जरुरी है. शारीरिक सुडौलता एक आवश्यक गुण है। इसके लिये मैं हमेशा कठिन योग भी करता हूँ और जिम भी जाता हूँ। मेरा शरीर एक दम चुस्त और वी शेप का है। मैं सुबह सुबह मैदान के चार से पांच चक्कर लगाता हूँ। मेरी चोरी करने के कपड़े भी एकदम बदन से चिपके हुए होते हैं। तो आईये चलते हैं चोरी करने.

मेरे सामने एक मकान है। उसमें एक छोटा सा परिवार रहता है। सिर्फ़ मियां-बीवी और उनकी एक 23 साल की लड़की वहां रहती है। पैसा अच्छा है जो सामने वाले कमरे कि अल्मारी में रखा है। उसकी अलमारी की चाबी मालकिन के पास उसके तकिये के नीचे होती है। रात की शिफ़्ट में मालिक काम करता है। मालिक ड्यूटी पर जा चुका है। मैं मकान के पास, कभी पान की दुकान पर या पास की चाय की दुकान पर मंडरा रहा हूँ।

कमरे की लाईट अभी जल रही है… मैने समय देखा रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे। और अब लाईट बन्द हुई है। मैंने टहलते हुये उस घर का एक चक्कर लगाया… सभी कुछ शान्त था। १२ बज चुके हैं।… मैं घर के पिछ्वाड़े में गया और एक ही छलांग में चाहरदीवारी पार कर गया। बिना कोई आवाज किये बाल्कनी के नीचे आ गया। उछल कर बालकनी में आ गया। थोड़ी देर इन्तजार करके खिड़की को धीरे से धक्का दिया… मेरी आशा के अनुरूप खिड़की खुली मिली… मैने धीरे से कदम अन्दर बढ़ाया। कमरे मे पूरी शान्ति थी। सामने बिस्तर था। मैं दबे पांव वहां पहुँचा। वहां पर, जैसा मैंने सोचा था, घर की मालकिन सो रही थी। मै चाबी निकालने के लिये ज्यों ही झुका…

“मैने दरवाजा खुला रखा था… खिड़की से क्यों आये…” फ़ुसफ़ुसाते हुये मालकिन ने कहा।
मै घबरा गया। पर मेरा दिमाग कंट्रोल में था। …
“बाहर से कोई देख लेता तो…” मैंने हकलाते हुए कहा…
“लेट क्यो आये … इतनी देर कर दी…”
“लाईट जली थी…मैं समझा कि कोई है……” उसने मुझे अपने बिस्तर पर मुझे खींच लिया…
“तुम राकेश के दोस्त हो ना… क्या नाम है तुम्हारा…”
“जी… सोनू… है…”

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“अरे… राकेश तो बबलू को भेजने वाला था… तुम कौन हो…”
” जी… मैं बबलू ही हूँ…सोनू तो मुझे प्यार से कहते हैं…”
“अरे सोनू हो या मोनू … तुम तो बस शुरू हो जाओ… ” उसने मुझे अपनी बांहों मे कस लिया।
मुझे अहसास हुआ वो बिलकुल नन्गी थी। मैं चोरी के बारे में भूल गया। मेरे शरीर मे गर्मी आने लगी। वो किसी का इन्तजार कर रही थी। शायद बबलू का…
“दरवाजा खुला है क्या…?”

“अरे हां…” वो जल्दी से उठी और दरवाजा बन्द करके आ गई। मैने भी अपने कपड़े उतार लिये और नंगा हो गया।
“आपका नाम क्या है …” मैने उसका नाम पूछ ही लिया
“कामिनी… क्यों राकेश ने बताया नहीं क्या…”
मैने कुछ नहीं कहा … उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया… और बेशर्मी से अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिये। मेरे बदन में वासना भड़क उठी। उसका नंगा बदन मुझे रोमान्चित कर रहा था। मेरा लण्ड जाग चुका था। और अपने काम की चीज़ ढूंढ रहा था। फ़ड़फ़ड़ाती चिड़िया को कामिनी ने तुरन्त अपने कब्जे में ले लिया। मेरे लण्ड पर उसके हाथ कस चुके थे और अब उसे मसल रहे थे। मेरे मुख से आह निकल गई… मैंने उसे चूमना जारी रखा… तभी
“बहन के लौड़े… मेरी चूंचियां तो दबा … ” उखड़ती हुई सांस और एक गाली दी… मैं और उत्तेजित हो गया। उसके बोबे बड़े थे… दबा दिये और उन्हें मसलने लगा।
“मेरी जान… जल्दी क्या है … देख तेरी चूत को कैसा चोद कर भोंसड़ा बना दूंगा”
कामिनी मेरे लण्ड की खाल को ऊपर नीचे मुठ मारने जैसी चलाने लगी। मैने जोश में आकर उसके चूतड़ों को दबा डाला।
“हाय रे… मेरी गाण्ड मसल दी … बहन चोद… मेरी गाण्ड मारनी है क्या…” वो वासना में डूब चुकी थी।
“इच्छा है तो कहो… आपका गुलाम हूँ… ” मैने उसकी चमचागिरी की।
“तो चल चोद दे पहले मेरी गाण्ड… फिर मेरा भोंसड़ा चोद देना…” उसकी भाषा … हाय रे… मुझे उत्तेजित कर रही थी। शायद वो बहुतों से चुदा चुकी थी … और उसकी गाली देने की आदत पड़ गई थी। मैंने उसके मस्त चूतड़ दबाने और मसलने चालू कर दिये। उसके मुख से सिसकियाँ निकलने लगी।

वो सीधी लेटी थी। मैंने उसकी चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और गाण्ड ऊंची कर दी। मैने उसकी गाण्ड पर अपना लण्ड टिका दिया और जोर लगाने लगा। मेरे दोनो हाथ फ़्री थे। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड मे उतर गया… मैने उसके बोबे दबाये और और उसकी गाण्ड को चोदना चालू कर दिया। वो मस्त होने लगी। कुछ देर बोबे मसलने के बाद बोबे छोड़ कर उसकी चूत में अपनी अंगुली घुसा दी।
वो चिंहुक उठी। बोली -”हरामी ये तरीका किसने बताया रे…… मस्त स्टाईल है… अब तो चूत में भी मजा आ रहा है…।”
” कामिनी जी … आपकी चूत मस्त है…अगर इसकी मां चुद जाये तो आपको मजा आ जायेगा ना…”
“हाय मेरे सोनू…… तूने ये क्या कह दिया … मां चोद दे मेरी भोसड़ी की…हाय…सच में बहुत प्यासी है रे…”

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मेरा लण्ड अब थोड़ा तेजी पर था। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, उसकी गाण्ड थोड़ी सी टाईट भी थी। मेरे धक्के उसकी गाण्ड में और उसकी चूत में मेरी अंगुलियां तेजी से चल रही थी। वो लगभग चीखती हुई सिसकारियां भर रही थी। उसे डबल मजा जो मिल रहा था। अब मेरा भी लण्ड फूल कर बहुत ही मस्त हो रहा था। मुझे लग रहा था कि ऐसे ही अगर गाण्ड चोदता रहा तो मैं झड़ जाऊंगा। मैने अपना लण्ड अब गाण्ड में से निकाला और उसकी चूत में फ़ंसा दिया। मेरा सुपाड़ा उसकी चूत में फ़क से फ़िट हो गया ।
“हाय्…री… गया अन्दर… चुद गई…रे……” वो मस्त होती हुई सिसकने लगी।

मुझे भी तेज आनन्द की अनुभूति हुई… उसे अपनी चूत में लण्ड उतराता हुआ मह्सूस हो रहा था। मेरे लण्ड की चमड़ी रगड़ खाती हुई तेज मजा दे रही थी। मैने अपने धक्के लगा कर चूत की गहराई तक अपना लण्ड गड़ा दिया। अब मै उसके ऊपर लेट गया और अपने हाथो से शरीर को ऊंचा उठा लिया। मुझे लण्ड और चूत को फ़्री करके तेजी से धक्के लगाना अच्छा लगता है। अब मेरी बारी थी तेजी दिखाने की। जैसे ही मैने अपना पिस्टन चलाना चालू किया वो भी बड़े जोश से उतनी ही तेजी से अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर साथ देने लगी।
“तू तो गजब का चोदता है रे… मुझे तू ही रोज़ चोद जाया कर…”

“मत बोलो कुछ भी…… मुझे बस चोदने दो… हाय रे…कितना मजा आ रहा है…”
“मादरचोद…रुक जा…झड़ना मत……वर्ना मेरी चूत को फिर कौन चोदेगा…”
“चुप रहो … छिनाल… अभी तो चुद ले… झड़े तेरी मां… कुतिया…”
मेरे धक्के बढ़ते गये। उसकी सिसकारियां भी बढ़ती गई…उसकी गालियां भी बढ़ती गई… अचानक ही गालियों की बौछार बढ़ गई………
“हरामी … चोद दे……मेरी भोसड़ी फ़ाड़ डाल…… मेरी बहन चोद दे… कुत्ते… मार लण्ड चूत पर… हाय रे मेरी मां…”
मैं समझ गया कि अब कामिनी चरमसीमा पर पहुंच रही है। मैंने भी अपने आप को अब फ़्री छोड़ दिया झड़ने के लिये।
“मर गई रे…… भोंसड़ी के… लगा… दे धक्के… निकाल दे मेरा पानी… मादरचोद रे…अरे…गई… निकला रे……हाऽऽऽऽय री मां…”
और वो झड़ने लगी। मैने भी लण्ड अब उसके भोंसड़े में जोर से गड़ा दिया। और जोर लगाता रहा…दबाव से मेरे लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मेरा लण्ड झटके मार मार कर वीर्य उसके चूत में छोड़ रहा था। कामिनी ने मुझे अपनी टांगों के बीच मुझे जकड़ लिया था। दोनो का रस एक साथ ही निकल रहा था। हम आपस में चिपके रहे। अब मैं बिस्तर से नीचे उतर गया था।
“बस कामिनी जी… आपने तो मेरा पूरा रस निकाल दिया…”
“……ये लो… कल दरवाजे से आना……” कामिनी ने मुझे ५०० का एक नोट दिया…”तुम बहुत अच्छा चोदते हो…अब मुझे किसी दूसरे की जरूरत नहीं है…”
मैने झिझकते हुए रुपये ले लिये और चुपचाप सर झुका कर दरवाजा खोला और बाहर निकल गया।

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बहन की घूँघट में मनी सुहागरात | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ki-ghunghat-me-mani-suhagrat.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ki-ghunghat-me-mani-suhagrat.html#respond Mon, 05 Mar 2018 09:23:10 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12132 बहन की घूँघट में मनी सुहागरात, hindi sex story, new hindi sex story, kamukta.com, chodan, indian sex story, indian girl ki chudai, indian sexy girl, bade chuchiyo vali, xxx video, xxx, fucing video, blue film

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मेरी शादी एक माह पहले ही हुई  है गोरी नाम की सेक्सी लड़की पत्नी के रूप में पाकर मैं अपने आप को धन्य समझ रहा था। दिन रात उसकी बदन से खेलता। मेरी एक बहन है जो मुझ से 5 साल छोटी  है उसकी शादी भी दो माह पहले ही हुई है। वह अभी मायके  में ही आयी हुई  थी। बहन एकदम पटाका माल है। उसकी उम्र अभी 17 साल ही है हमने उसकी शादी जल्दी इसलिये कर दी कि कहीं वह बहक न जाये क्योंकि मोहल्ले से सब लड़के उसके दीवाने थे।

सच पूछो तो मैं भी अपनी छोटी बहन का दीवाना था पर कभी मौका नहीं मिला और इसी दौरान मेरी शादी हो गयी। और बहन की भी शादी हो गयी एक ही शहर में हम दोनो रहते हैं। एक दीन अंधेरे में पत्नी समझ कर मैने अपनी छोटी बहन को पकड़ लिया और उसकके बूब्स दबा दिये वो कसमसा गयी और बोली क्या करते हो भैया पत्नी और बहन में फर्क नहीं समझते और शरमाकर भाग गयी। मैं मुझे अच्छा बहुत अच्छा लगा था जब मैंने बहन की चुच्च्ी दबाई थी एकदम सोफट थे उसके गोरे बूब्स। दरअसल मेरी पत्नी और मेरी बहन दोनो ही घर पर साड़ी पहनती थी और नवविवाहिता होने के कारण दोनो की पायल बजती रहती थी। दोनों की कदकाठी भी एकदम बराबर थी इसलिये मुझसे भूल हो गयी।

ऐसा कई बार हुआ एक बार तो मैने रसोई में खाना बनाते समय पीछे से बहन को पत्नी समझकर पकड़ लिया और अपना खड़ा लंड एकदम से उसकी गांड में घुसा दिया और ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर उसकी चुच्ची मसल दी। वो एकदम से घबरा गयीमेरी तो फट गयी कि अब क्या होगा खैर कुछ नहीं हुआ कई दिन तक हमने कोई बात नहीं की फिर मैंने बहन से सोरी कहा वह बोली भैया इसमें आपकी कोई गलती नहीं है आपने तो मुझ अपनी पत्नी समझा था ना इसलिए ऐसा हो गया।

अगले दिन जीजा जी आ गये हम सब बैठकर हनीमून मनाने का विचार बनाने लगये। तय हुआ कि दोनो कपल साथ में हनीमून पर जायेंगे। और एक ही होटल में अलग अलग कमरों में हनीमूल का मजा लेंगे। हम होटल पहुंच गये नैनीताल में। बाते चल रही थी कि तभी मेरी बहन बोली भैया कोई गेम खेलते हैं। जीजाजी भी कहने लगे कि गेम खेलने से समय भी कट जायेगा और मजा भी आयेगा। फिर मैंने कहा अच्छा बताओ की हम मे से कौन अपनी पत्नी को ज्यादा प्यार करता है। बहन बोली भैया आप करते हो मुझे पता है क्योंकि वह कहना चाहती थी कि मैं बड़ा ही उतावला रहता हूं और हर समय बीवी को चोदना चाहता हूं पर वह आगे नहीं बोली मैं सब समझ गया।

मैंने मजाक में कहा भई जिसकी बीवी इतनी सुन्दर हो तो वह तो ज्यादा प्यार करेगा ही। सब हंसने लगे। फिर खेल का आरम्भ हुआ। तय हुा कि दोनों महिलाएं सुहाग की साड़ी पहनकर घुघट निकाल कर एक जैसे कपड़े पहनकर आयेंगी और हम दोनो को उन्हें बिना देखे पहचानना होगा। जो अपनी पत्नी को पहचन लेगा समझो वो ज्यादा प्यार करता है। और इतना ही नहीं इस खेल में यह भी था कि जो आदमी तिसे उस समय अपनी पत्नी बतायेगा उसे सारी रात उसी के साथ कमरे में रहना पड़ेगा फिर वह उसकी पत्नी हो या नहीं। सब तैयार हो गये।

एक घंटे बाद मेरी बहन और पत्नी दोनों दुल्हन के वेष में सजसंवर कर घंघट निकाल आयी और मरे और जीजाजी के सामने बैठ गयी। हमने मैंने जीजाजी से कहा पहले आप पहचान करो की आपकी पत्नी कौनसी है फिर मैं करूंगा लेकिन जीजा  बोले नहीं पहले तुम करो। खैर मैंने उन दोनों में से एक का हाथ पकड़कर आने पास खींच लिया और बोला ये है मेरी प्यारी पत्नी तभी जीजा जी बोले देखला साले साहब कहीं ऐसा न हो कि ये तुम्हारी बहन हो अच्छे से पहचान कर लेना। फिर वो हंसने लगे। मैंने गौर से मुआयना किया। फिर बोला क्या छू कर देख सकते हैं वो बोले चलो ठीक है लेकिन केवल पेट को ही छू सकते हैं नोवल को देख सकते हैं छू सकते हैं इसके अलावा कुछ और नहीं।

तभी मैंने अपना एक हाथ उस घूघटवाली के पेट पर रख दिया मुझे करंट सा लगा एकदम मखमली पेट था गोल गहरी नाभी देखकर मेरा तो खड़ा हो गया। मैंने तुरन्त कहा यही है मेरी पत्नी और उसे खींचकर आनी गोद में बैठा दिया।। अब जीजा जी के साथ दूसरी महिला बैठ गयी। हम दोनों अपनी अपनी पत्नियों को लेकर अपने अपने रूम में चले गयं जाहं पर सुहागरात जैसे सेज सजी हुई थी फलों की डेकोरेशन थी। मैंने अपनी पत्नी को गोद में उठाया और बैड पर पटक दिया लेकिन तभी मेरी फट गयी जब मैनं देखा यह तो मेरी सगी बहन है। बहन हंसने लगी। बोली अब पूरी रात मेरे साथ ही बितानी पड़ेगी भैया राजा और वो घूघट निकाल कर बैठ गयी हंसने लगी फिर शरमा गयी मैंने कहा ठीक है तो आज अपनी बहन को भी देखते हैं वो कितनी सुन्दर है और यह कहकर मैंने उसका घूंघट उठाया लेकिन वह बोली नहीं भैया ये गलत है आप मेरे सगे भाई हो आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते और फिर तभी हमें आह आह की आवाजे आने लगी मैंने उठकर देश्खा तो जीजाजी मेरी पत्नी के उपर लेट उसकी चुसाई कर रहे थ।

हम भाई बहन यह देखकर दंग रह गये कि सचमुच ही ये दोनों सुहागरात मना रहे हैं। हमने एकदूसरे की आंखों में देखा और फिर करीब आते चले गये मैंने उसकी साड़ी पकड़ कर खींचकर निकाल दी और बहन को अपनी गोद में बैठकर उसे बूब्ब दबाने लगा। बहन बोली भैया बताओ क्या सचमुच आपने मुझे नहीं पहचाना था। या जानबूझकर आप मेरे साथ रहना चाहते थ। मैंने उसे होठो को चूसते हुए कहा मैंने तुझ पहचान लिया था मेरे जेट के पास एक तिल है उसे देखकर मुझे पता चल गया था कि तू है इसीलिये तो मैंने तुझ चुना है। मैं बचपन से तेरी खूबसूरती का दीवाना हूं और तेरे साथ सुहागरात मनाकर तुझे अपने बच्चे की मां बनाउंगा और मैं उसे उपर चढ़ गया और उसका दूध पीने लगा फिर पेटीकोट में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा उंगली करने लग वो एकदम से उत्तेजित हो गयी बोली भैया मुझे भी आपका तगड़े वाला लंड चाहिये भागी रोज कहती है कि आप उन्हें रातभग जगाकर रखते हैं आप मुझ रातभर जगाओ क्यों तुम्हारे जीजा का तो बहुत ही छोटा है मेरी तो अभी सील भी नहीं टॅटी है यह यहकर बहन उदास हो गयी तभी मैने उसका मुंह चूम लिया और बोला आज से मेरी लंग मेरी प्यारी बहन के लिए केवल तेरे लिये है और मैंने उसे चोदने के लिए सीधा लिटा दिया सारे कपड़े उतार दिये फिर एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया वो चिल्लाने लगी छटपटाने लगी लेकिन मैंने तुरन्त ही दूसरा झाटका मारा तो पूरा लंग योनी की गहराई में समा गया थोड़ी देर में बहन उछल उछकर कर चुदने लगी मजा लेने लग उस रात मैंने बहन को सात बार चोटा और वायदा किया कि हमेशा चादता रहूंगा.

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होली में जीजा ने मेरी चुत खोली | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/holi-me-jija-ne-meri-chut-kholi.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/holi-me-jija-ne-meri-chut-kholi.html#respond Thu, 01 Mar 2018 13:01:13 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12103 होली में जीजा ने मेरी चुत खोली, जीजू ने मुझे चोदने के लिए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया. जीजू बोले कि मैं इसी ब्रांड वाले कंडोम से तेरी दीदी को भी चोदता हूँ इसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में लगा दिया और मुझे चोदने को हुए जीजू के पहले धक्के में उनका लंड आधा ही मेरी चूत में गया था कि मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी

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जीजा साली मस्त चुदाई होली में। मेरे प्यारे दोस्तों, मेरा नाम है काजल और मैं गुजरात में रहती हूँ. होली का दिन आ गया तो मुझे मेरी पिछली होली याद आ गई सोची आप सभी से अपनी पिछली होली की कहानी शेयर करू आप सभी को ये कहानी पसंद आएगी ऐसी उम्मीद के साथ मैं आज आप सभी को ये कहानी बताउंगी. मैं दिखने में बहुत ही सेक्सी हूँ और मेरा फिगर 36-30-38 का है. मैं आज आप सबको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ कि कैसे मेरे जीजू ने मुझे चोदा. मेरे जीजू बहुत स्मार्ट हैं और वो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं. हम दोनों के बीच में गंदे मजाक चलते रहते हैं. जब भी दीदी के साथ जीजू मेरे घर आते हैं, तो हम दोनों एक-दूसरे से गंदे मजाक करते हैं. मुझे पता था कि जीजू मुझे चोदना चाहते हैं क्योंकि मैं जब भी बाथरूम में नहाती थी और बाथरूम से बाहर आती थी, तो जीजू बाथरूम में जाकर मेरी ब्रा और पेंटी में मुठ मारते थे और मैं ये बात जानती थी.

जीजू मुझे चुदासी नज़रों से देखते थे. मैं भी अपने जीजू को पसंद करती थी. लेकिन वो तो मुझे चोदना चाहते थे इसलिए वो मेरी चूची और गांड को खूब देखते थे. जीजू जब भी आते थे तो मुझसे गले लगते थे और मेरी चूची को दबा देते थे. ये सब मुझे भी बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन मैं और जीजू एक-दूसरे से मजाक कर रहे थे और उस दिन जीजू ने मुझसे बोला- काजल तुम बहुत सेक्सी हो.
यह कह कर जीजू ने मेरी चूची को दबा दिया. मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं भी गर्म हो गई थी. मेरे विरोध न करने पर तो जैसे जीजू को खुली छूट मिल गई थी. इसके बाद जब भी जीजू को मौका मिलता था, वो मेरी चूची दबा देते थे और मैं अपने जीजू को सेक्सी वाली स्माइल देती थी.

हम दोनों के बीच में अब सेक्स की बातें खुल कर होने लगी थीं. एक दिन मैं अपने कमरे में सो रही थी, तभी जीजू मेरे कमरे में आए और मेरी चूची को दबाने लगे. मैंने उस दिन मैक्सी पहनी हुई थी और इसके अन्दर कुछ नहीं पहनी थी. अन्दर से मैं पूरी नंगी थी. जीजू मैक्सी के ऊपर से मेरी चूची पूरी दम से दबा रहे थे. कुछ पल बाद मेरी चूची दबाते दबाते जीजू ने अपना हाथ मेरी मैक्सी के अन्दर डाल दिया. अब उन्होंने मेरी चूची को अच्छे से पकड़ा और दबाने लगे. इससे मैं बहुत गर्म हो गई थी और मेरी चूत से पानी निकलने लगा था.

तभी जीजू मेरी मैक्सी को ऊपर करने लगे और मेरी चूत को सहलाने लगे. मैं सोने का नाटक कर रही थी, मुझे चुत में उंगली करवाना बहुत अच्छा लग रहा था. मैं कुछ ही देर में एकदम गर्म हो गई थी.
जीजू ने मेरे कान में बोला- काजल उठो, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ.

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चूंकि मैं भी जीजू से चुदवाना चाहती थी. मैं उठ गई तो जीजू ने मेरी मैक्सी निकाल दी.
मैं जीजू से बोली- मुझे नींद आ रही है.
जीजू- अभी चोद लूँ फिर सो जाना रानी.
मैं जीजू के सामने के एकदम नंगी थी, मैं बोली- अगर ये बात दीदी को पता चल गई तो?
जीजू बोले- काजल, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हें चोदना चाहता हूँ, तुम मेरी हो जाओ, मैं तुम्हारी दीदी से ज्यादा तुम्हें प्यार करता हूँ और तुम्हें खुश रखूँगा.

इसके बाद जीजू भी नंगे हो गए और मुझे किस करने लगे. मैं भी जीजू को किस करने लगी. इस वक्त सभी लोग सो रहे थे. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. उसके बाद जीजू मेरी चूची से खेलने लगे और मेरी चूची को दबाने लगे.

कुछ पल बाद जीजू मेरी चूत को चाटने लगे.
मैं जीजू से बोली- जीजू मैं बिना कंडोम के नहीं चुदवाऊंगी.
वो बोले- रानी मैं कंडोम खरीद कर लाया हूँ… तुम्हारी दीदी को भी कंडोम लगाकर ही चोदता हूँ.
मैं कुछ नहीं बोली.

जीजू बोले- काजल तुम अपनी दीदी से भी ज्यादा सेक्सी हो और तुम्हारी चूची और गांड तुम्हारी दीदी से भी ज्यादा बड़ी हैं.
जीजू ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोला तो मैं अपने जीजू का लंड चूसने लगी. अब मेरी कामुकता एकदम चरम पर थी और मुझसे रुका नहीं जा रहा था.

जीजू ने मुझे चोदने के लिए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया. जीजू बोले कि मैं इसी ब्रांड वाले कंडोम से तेरी दीदी को भी चोदता हूँ.
इसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में लगा दिया और मुझे चोदने को हुए. जीजू के पहले धक्के में उनका लंड आधा ही मेरी चूत में गया था कि मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी.
जीजू ने मेरे होंठ बंद किए और मुझे धीरे धीरे चोदने लगे.

मुझे भी जीजू से चुदवाने में मजा आने लगा. जीजू मुझे मस्ती से जल्दी जल्दी चोदने लगे. मैं भी खूब गांड उठा कर जीजू के लंड से अपनी चुत चुदवा रही थी. मुझे जीजू के लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था. जीजू मुझे धकापेल चोद रहे थे और मेरे कमरे में ‘आह आह..’ की आवाजों का शोर भर गया था. मैं कामुक सिसकारियाँ लेकर चुदवा रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह आह जीजू और चोदो आह..’

मैं जीजू से खूब मस्ती से चुदवा रही थी. करीब दस मिनट बाद हम दोनों चुदाई करते-करते झड़ गए.

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उसके बाद जीजू और मैं एक दूसरे को किस करने लगे और नंगे एक दूसरे से गले मिलने लगे. कुछ देर चुम्मा-चाटी के बाद जीजू मेरी चूत को फिर से चाटने लगे. मैं भी फिर से गर्म होने लगी. जीजू मेरी चूत को बहुत अच्छे से चाट रहे थे. मैं पैर फैला कर चुत चुसाई का मजा ले रही थी.

उसके बाद जीजू ने मुझे घोड़ी बना दिया. ये डॉगी स्टाइल मेरे जीजू का सबसे अच्छा स्टाइल है. वो मुझे डॉगी स्टाइल में बहुत मस्त चोदते हैं. मुझे चुदाई में सबसे अच्छा चुत चटवाना लगता है और मैं अपने जीजू से खूब चुत चटवाती हूँ. जब पीछे से मेरी चूत में लंड डाल कर जीजू मुझे चोदने लगे तो मैं एकदम से गनगना गई और अपने जीजू का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवाने लगी.

मुझे पीछे से चुत चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था. जीजू भी अपना लंड मेरी चूत में डालकर मुझे तेजी से चोद रहे थे. साथ ही वे मेरी चूचियां भी मसल रहे थे.
हम दोनों चुदाई करते-करते झड़ गए. उस रात मैंने और जीजू ने दो बार जमकर चुदाई का मजा लिया.

जीजू मुझसे बोले- काजल, तुम्हारी गांड बहुत अच्छी है, तुम्हारी गांड तो तुम्हारी दीदी से भी बड़ी है. अबकी बार जब मैं आऊंगा तो तुम्हारी गांड जरूर मारूँगा.
इसके बाद जीजू ने मुझे सुबह शॉपिंग करवाई.

यह बात दीदी को भी नहीं पता है कि मैं अपने जीजू से चुदवाती हूँ.

मैं और जीजू रात भर एक-दूसरे से बात करते हैं. अब जब भी दीदी कहीं बाहर जाती हैं तो मैं और जीजू एक दूसरे से मोबाइल पर सेक्स चैट करते हैं. जीजू मुझे बहुत प्यार करते हैं और जब भी आते हैं, मेरे लिए कुछ न कुछ लेकर आते हैं.

जब भी जीजू को मौका मिलता है, वो मुझे किस करते हैं और मेरी चूची को दबाते हैं. कभी-कभी तो हम लोग होटल में जाकर चुदाई कर लेते हैं.

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दीदी की सहेली से लंड चुसवाते हुए | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/didi-ki-saheli-se-lund-chuswate-huye.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/didi-ki-saheli-se-lund-chuswate-huye.html#respond Thu, 01 Mar 2018 07:38:58 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12099 दीदी की सहेली से लंड चुसवाते हुए, मीरा मेंरे सोए हुए लंड को हीलाने के लिए उसको वापस चूसने लगी और मैं दीदी के बूब्स चूस रहा था जब थोड़ी देर में लंड वापस खड़ा हुआ तो मीरा बहुत खुश हुई और मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ गई उसका फेस मेरी तरफ था और दीदी मेरे फेस पर चूत रख कर बैठ गई

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मेरा नाम हरीश है और मेरी उम्र 22 साल है. मेरी बहन का नाम विश्वा है उन की उम्र 24 साल है और बहुत ही सेक्सी बदन की मल्लिका है. बात आज से एक साल पहले की है. एक दिन हमारे घर पर दीदी की एक नई दोस्त आई थी जिसका नाम मीरा था और वह दीदी के साथ कॉलेज में पढ़ती थी, और कुछ साल से बाहर रहती थी.

जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया. वह छोटी सी हाईट की लडकी क्यूट थी, लेकिन सुपर सेक्सी लड़की थी. रंग में गोरी और बदन से स्लिम. उसका फिगर 34-32-36 था. उसके बूब्स कमाल के थे जो उसके टॉप में एकदम गजब लग रहे थे.

मेरी नजर उस पर से हट ही नहीं रही थी और उसने भी मुझे उसको घूरते नोटिस किया और एक स्माइल कर दी. उसके बाद मेरी दीदी ने उसको मुझसे इंट्रोडक्शन करवाया और मैं उसे हाथ मिलाते हुए बस उसकी शानदार बूब्स को घुर रहा था, उसने भी नोटिस कर लिया और स्माइल दे कर चली गई.

फिर हम बैठकर तीनो बातें कर रहे थे तो मैं किचन में पानी लेने गया वापस आया तो वह लोग अपने पुराने बॉयफ्रेंड की बातें कर रहे थे कि कैसे मीरा कॉलेज के टाइम से चालू थी और दो तीन बॉयफ्रेंड से एक साथ चुदवाती थी, मुझे पता चला मेरी दीदी भी कम नहीं थी वह भी दो तीन लड़कों का लंड ले चुकी है.

फिर मैं आ गया और दीदी उसके लिए कॉफी बनाने गई तो मैं और निशा बातें कर रहे थे, तो उसने फिर मुझे उसके बूब्स को घूरते पकड़ा और बोली कि अगर अच्छे लगे तो पैक कर दूं. मैं हडबडा गया और समझ गया की लड़की चालू है और मैंने भी कह दिया पहले टेस्ट लेना होगा. तो उसने स्माइल के साथ कहा जब भी टेस्ट करना हो बता देना. टेस्ट और बेस्ट दोनों हो जाएगा. उतने में दीदी आ गई और हम ठीक हो गए.

फिर दीदी ने कहा कि चलो हम लंच करते हैं और हम टेबल पर बैठे, दीदी और मीरा एक साथ बैठे थे और मैं उनके सामने बैठा था. मैं नीचे से मीरा के पैरों पर उंगलियां फेर रहा था कि अचानक मुझे मेरे लंड पर कुछ महसूस हुआ, मैंने देखा तो निशा का पैर था. वो मेरे लंड को दबा रही थी पैरों से. फिर मैंने अपना लंड चुपके से बाहर निकाल लिया और निशा उसको फुट जॉब देने की कोशिश करने लगी.

अचानक से दीदी का कॉल आ गया तो वह कॉल अटेंड करने के लिए बाहर गई और मीरा तुरंत टेबल के नीचे बैठकर मेरा लंड हिलाने लगी, उतने में दीदी आ गई वापस और पूछने लगी मीरा कहां है? तो मैंने कह दिया कि वह बाथरुम गई है. और निचे मीरा मुझे नोटि स्माइल देते हुए मेरे लंड को हिला रही थी, मेरी हालत बहुत खराब थी.

फिर अचानक उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मेरे मुह से जोर से अआह्ह निकली तो दीदी ने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा बस ऐसे ही जरा जुबान दातों में आ गई थी. उधर मीरा लपालप मेरा लंड चूसने में लगी थी और मेरे सामने मेरी बहन थी तो मैं कुछ कर भी नहीं पा रहा था.

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फिर मीरा ने अपने टॉप ऊपर कर के मुझे अपने शानदार बुब के दर्शन करवाएं, फिर वो मेरे लंड को अपने दोनों बूब्स के बीच में रख कर ऊपर नीचे करने लगी. ऊपर से जब लंड ऊपर आता तो उस पर किस कर देती, मेरी हालत और खराब हो गई. अचानक से दीदी का चम्मच नीचे गिरा और वह उसे उठाने नीचे झुकी तो उसने सब देख लिया की मीरा के मुंह में मेरा लंड है.

उसने मुझे और मीरा को खड़े होने को बोला और मैं वहां बिना पैंट के लंड लटकाए खड़ा था और मीरा ऊपर से नंगी थी. दीदी की नजर मेरे लंड पर थी जो मीरा के थूक से चमक रहा था. और फिर दीदी इससे पहले कुछ बोलती दीशा ने दीदी को पकड़कर किस करना शुरू कर दिया, मेरा मुंह तो खुला का खुला ही रह गया यह देख कर.

मेरी दीदी थोड़ा घबरा गयी फिर उसकी नजर किस करते मेरे लंड पर पड़ी, तो उन्होंने कीस का जवाब देना शुरु कर दिया और फिर वह मीरा के बोबे दबाने लगी और मीरा उनके बोबे दबाने लगी. धीरे धीरे दोनों लड़कियां नंगी हो गई और फिर दीदी ने मुझे कहा कि मैं तो तब से तेरा लंड लेना चाहती थी जब से तुझे बाथरूम में हिलाते देखा है, लेकिन कभी कह नहीं पाई.

फिर मैंने भी दीदी के बूब्स को दबाया और कहा कि मैं तो शुरु से ही तुज़े इमेजिन कर के ही हिलाता हूं फिर मैं दीदी को किस करने लगा अब नीचे मीरा मेरा लंड  चूसने लगी. मै नीचे लेट गया और मीरा और दीदी दोनों बारी बारी से मेरा लंड चूसने में बिजी थी, मैं बहुत खुश था कि आज तो दो हुस्न की परीया सेक्सी लड़कियां मेरा लंड चूस रही है.

फिर मैंने मीरा को इशारा किया और वह मेरे मुंह पर अपने बूब्स देकर चुसवाने लगी, और दीदी मेरी गोटियां और लंड चूसती रही. फिर मैंने मीरा को अपने मुंह पर बैठा लिया और उसकी मस्त बिना बालों वाली चूत को चूसने और चाटने लगा, और मीरा उलटी होकर नीचे जुक कर दीदी को किस करने लगी और दीदी मेरा लंड हिला हिला चूस रही थी बीच बीच में.

फिर दोनों ने फिर से मिलकर चुसाई चालू कर दी लंड पर. मेरा निकलने को आया था मैंने दीदी से कहा कि मेरा निकलने वाला है. तो दीदी और मीरा ने उसका सारा पानी पी लिया और एक दूसरे के बूब्स पर थूक कर मसलने लगी. मीरा की चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया जिसको मैं बड़े मजे से चूसने लगा.

फिर मीरा मेरे ऊपर से हटकर मेरा लंड की तरफ गयी और दीदी मेरे पास आकर मुझे किस करने लगी. मीरा मेंरे सोए हुए लंड को हीलाने के लिए उसको वापस चूसने लगी और मैं दीदी के बूब्स चूस रहा था. जब थोड़ी देर में लंड वापस खड़ा हुआ तो मीरा बहुत खुश हुई और मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ गई, उसका फेस मेरी तरफ था और दीदी मेरे फेस पर चूत रख कर बैठ गई.

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फिर मीरा मेंरे लंड पर उछल उछल कर चुदवाने लगी और आऊअ अह्ह्ह औउ अहह एस एस आयी आयी ऐऊ ईई अऊ फह ऊह्ह ओम्म्म ओऊ उईई औउ ईई इसस आवाज करने लगी. इधर मेरी दीदी की चूत में जोर से चूस रहा था, तो दीदी की भी सिसकियां गूंजने लगी आह्ह अहह अय्य्य अहा खाजा मेरे भाई चूत को बहुत हरामी है मेरी चूत खाजा इसको पुरा खाजा और मैं तेजी से चूस रहा था और बोला बहुत टेस्टी है तेरी चूत मेरी रंडी बहन उम्म्म.

फिर वह दोनों रंडीपना दिखाते हुए ऊपर से किस करने लगी एक दूसरे को और बूब्स दबाने लगी. और फिर दीदी नीचे झुक कर मेरे लंड और मीरा की चूत पर थूक कर चाटने लगी, बीच बीच में मेरा लंड निकाल कर उसे चूस कर वापस अंदर डाल लेती.  फिर मीरा का हो गया मुझे मेरे लंड पर गर्म लावा का एहसास हुआ, मीरा उतर गई.

फिर मैंने दीदी को लेटाया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा और उधर दीदी मुझे गाली देते हुए बोलने लगी बहनचोद चोद अब कब से तड़पा रहा है.. डाल अंदर बहन के लोड़े..

फिर मैंने अंदर डाल दिया और दीदी को चोदने लगा और मीरा दीदी के बूब्स चूसने लगी और मैं दीशा की गांड में उंगली डालकर हिलाने लगा. फिर निशा दीदी के मुंह पर अपनी गांड चटाने लगी और दीदी सिसकियो के साथ उसकी गांड चाटने लगी और चिल्लाती रही आह्ह अहह औऊ उएस्स्स चोद साले बहन चोद अपनी रंडी बहन की चूत.. मजा आ गया रे तेरे लंड में दम है. फिर दीशा बोली हां लंड में काफी दम है मजा आ गया आज तो, आज तो गांड भी मरवा कर जाऊंगी.

मैंने भी कहा आज वैसे भी तेरी प्यारी गांड मारे बिना जाने नहीं दूंगा जानेमन. फिर मैं मीरा को किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा और नीचे दीदी को चोद रहा था और दीदी निशा की चूत चाट रही थी.

फिर दीदी और मीरा का हो गया और मैं भी अब झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कहां निकालूं? दोनों ने कहा हमारे बूब पर. मैंने दोनों के बुब पर मलाई थी बारिश कर दी. दोनो रंडियां एक दूसरे के बूब्स से मेरा रस चाट कर खा गई और मेरा लंड अच्छे से चाट कर साफ कर दिया..

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी से प्रेरित होकर चुदवाया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-se-prerit-hokar-chudwaya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-se-prerit-hokar-chudwaya.html#respond Sun, 25 Feb 2018 16:32:46 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12057 इस कहानी में मै आप सभी को बताऊंगा की उस दिन मैंने कैसे पंजाबन लड़की की सील उसके बॉयफ्रेंड के सामने तोड़ी थी उसके बॉयफ्रेंड की इच्छा थी की उसके सामने उसकी गर्लफ्रेंड की सील कोई और तोड़े |

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी से प्रेरित होकर चुदवाया
( Ki Pathika Ne Kahani Se Prerit Hokar Chudwaya )

दोस्तों मै राहुल आज एक सच्ची घटना प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा है आप सभी को पसंद आएगी ये घटना अभी अभी की है ग्वालियर से मेरे पास एक ईमेल आई एक 24ल की लड़की की, नाम था शीतल, परंतु उसने अपना कहानी के लिए नाम रखा था नेहा लिखा था कि राहुल जी आपकी कहानियाँ पढ़ कर मेरी बुर खुजलाने लगती है जैसे अपने , रस बहने लगती है। जिस तरह से आपने रोशनी की बुर की सील तोड़ी, मैं भी आपसे अपनी सील तुड़वाना चाहती हूँ। यह भी चाहती हूँ कि आप मुझे चोद कर हमारी चुदाई की कथा लिखें मेरी बड़ी तमन्ना है कि यह कहानी मैं पढ़ूँ। मुझे विश्वास है कि अपनी खुद की चुदाई का विवरण पढ़ के बेहद आनन्द आएगा।

नेहा कौर के संग आठ दस दिन तक मेल बाज़ी हुई और अंत में आपसी सहमति से मैंने दो दिन का ग्वालियर जाने का प्रोग्राम बना लिया। अब तक मैंने उसे नेहा कौर और उसने मुझे साहबजी कहना शुरू कर दिया था। खूब जम के आपस में गालियाँ बकना और तू तड़ाक से बातें करना चालू हो चुका था। हालाँकि कौर पहले पहले गालियाँ देने में हिचकती थी मगर बहुत जल्दी वो सब गन्दी गालियाँ न सिर्फ सीख गई बल्कि गाली देने में उसकी हिचकिचाहट भी ख़त्म हो गई।

तभी कौर ने एक नई बात कही, वो बोली कि उसका प्रेमी निखिल भी उसकी सील टूटने का दृश्य देखना चाहता है और मेरा शिष्य बन कर चुदाई के खेल में पारंगत होना चाहता है। वो भी चाहता है कि मेरी तरह ज़बरदस्त चोदू बने!

यहाँ निखिल के विषय में मैं यह बता दूँ कि अपनी दूसरी या तीसरी मेल में नेहा कौर ने मुझसे पूछा था कि उसके पीछे चार लड़के पड़े हुये हैं, और चारों ही उसको पसंद हैं, वो समझ नहीं पा रही कि किसको चुने। मैंने उसको चार में से एक को चुनने का एक तरीका बताया था जिसके परिणाम स्वरूप निखिल उसका प्रेमी बन गया था और दोनों ने शादी का फैसला भी कर लिया था।

मैंने उत्तर दिया- ठीक है नेहा कौर, मैं तेरी सील तोडूंगा। निखिल अगर अपनी माशूका को चुदवाते हुए देखना चाहता है मुझे क्या… देखे जी भर के!
वैसे तो यह शर्त भी नेहा कौर ने रखी थी कि वो निखिल को आशिक़ तभी बनाएगी जब वो उसकी सील मेरे से तुड़वाने को राज़ी होगा और शादी के बाद में भी मेरे से नेहा कौर चुदा करेगी जिसमें वो कोई ऐतराज़ नहीं करेगा। इसलिए मैंने नेहा कौर को हामी भर दी कि ठीक है निखिल उसकी नथ खुलने का नज़ारा देख सकता है।

अब आते हैं कहानी पर:

तय किये हुए दिन मैं ग्वालियर जा पहुंचा और बताये होटल में ठहर गया। दोपहर दो बजे के करीब नेहा कौर निखिल के साथ मेरे रूम में आ गई। हरामज़ादी को देख के दिल खुश हो गया, मस्त जवान लौंडिया थी माँ की लौड़ी! हृष्ट पुष्ट सरदारनी, बेहद खूबसूरत, 5 फुट 7 इंच का क़द, छरहरा निखरता हुआ मस्त बदन, तने हुए नुकीले चूचुक और खूब गोरा रंग!

मैंने उसको सर से पांव तक निहारा… साली गज़ब की बुर थी कमीनी, खूबसूरत चेहरा, बेहद हसीन हाथ और सुन्दर सुडौल उंगलियाँ। अच्छे बड़े आयताकार सुन्दर नाख़ून जिन पर बैंगनी नेल पोलिश लगाई हुई थी और वे थोड़े थोड़े बिल्कुल सही सही बढ़े हुए थे मस्त! जैसे फिल्मों में अभिनेत्रियाँ नाख़ून रखती है एकदम वैसे!

लहराते हुए रेशमी बाल, लंबी नाक, बड़ी बड़ी आँखें और हल्की सी मुस्कान लिए छोटे छोटे फ़ौरन ही चूसने लायक होंठ… जब ये होंठ लौड़े को दबाएंगे तो कितना मज़ा आएगा। यह बात मन में आते ही लंड मचल उठा।

उसने पटियाला स्टाइल भड़कीले प्रिंट वाली सलवार और गहरे नीले रंग की शमीज़ पहनी हुई थी। पैरों में जूतियाँ जिनमें उसके गोरे पैरों का ऊपरी भाग दिख रहा था। पांव नहीं दिख रहे थे मगर आशा थी कि ऐसे सुन्दर हाथों वाली लड़की के पैर भी सुन्दर होंगे।

निखिल एक लंबा तगड़ा नवयुवक था, अच्छा स्मार्ट और हैंडसम!
नेहा कौर भी मुझे भली भांति देखते हुए बोली- हाय मिस्टर साहबजी… कैसे हैं आप… आप तो एक प्रोफेसर लगते हैं।
बहनचोद कौर की सेक्सी मीठी आवाज़ सुन कर लगा जैसे कहीं घंटियाँ बज रही हों। लंड तो अकड़ा हुआ था ही, अब फ़ुनफ़ुनाने भी लगा।

तभी निखिल ने कहा- नमस्ते सर जी!
मैंने भी कहा- नमस्ते  निखिल!
और दोनों को आराम कुर्सियों पर बैठ जाने का इशारा किया।

दोनों बैठ गए तो मैंने निखिल से कहा- सुन राज…अब जो तेरी माशूका की नथ खोली जाएगी, उस नज़ारे को तू यहीं चुपचाप बैठे देखते रहना… न कुछ बोलना है और न कुछ करना है… मेरी कौर को तो छूना भी मत… आ गई बात समझ में?
निखिल ने उत्तर दिया- हाँ हाँ सर जी… ऐसा ही होगा… वैसे भी आपकी कौर मुझे छूने कहाँ देती है… अभी तक तो मैंने इसको किस भी नहीं किया… बोलती है जब मैं एक बार साहबजी जी से चुद जाऊँ उसके बाद मैं तेरी… अब तक मैंने इसके सिर्फ पैर चाटे हैं और इसकी सु सु पीने के लिए बुर के नज़दीक मुंह लगाया है… बुर से भी नहीं सिर्फ बुर के पास… बस!

मैंने निखिल को डांटा- सुन बहन के लंड राज… सु सु सिर्फ लड़के करते हैं मादरचोद… लड़कियाँ सु सु नहीं करतीं बल्कि अमृत धारा निकालती हैं… इस धारा को स्वर्ण अमृत या स्वर्ण रस कहा जाता है कमीने… संक्षिप्त में सिर्फ अमृत भी कह सकते हैं… तू किस्मत वाला है बुरिये कि नेहा कौर तुझको अमृत पीने देती है।

निखिल ने फ़ौरन कान पकड़ के कहा- सर जी, भूल हो गई, माफ़ कर दीजिये।
नेहा कौर बोली- और जो तेरी पचासों बार मुट्ठ मारी है उसका भी तो बोल हरामी?
निखिल ने सर हिला हिला कर यह बात मान ली।

मैंने नेहा कौर की ओर बड़े प्यार से देखते हुए कहा- कौर बहुत अकलमंद है कमीने.. चिंता न कर… सबर का फल मीठा होता है… अब तू आराम से बैठ और देख तमाशा…. ज़्यादा ठरक चढ़ जाए तो मुट्ठ मार लियो हरामी के पिल्ले!

इतना कह के मैंने लपक कर नेहा कौर को गोद में उठा लिया और उसको बाँहों में कस के लिपटा लिया। आलिंगन में लिए मैं बिस्तर पर आ गया और कौर को लिटा दिया।
जैसे ही मैं बिस्तर पर चढ़ने को हुआ तो कौर ने खनखनाती हुई शहद सी आवाज़ में कहा- मिस्टर साहबजी… एक बात मानोगे मेरी?

मैं- अरे मेरी जान, एक क्यों एक हज़ार बातें मानूँगा… बोल न क्या कहना चाहती है मादरचोद कुतिया?
कौर- कुछ खास नहीं मैं यह चाहती थी कि आज का खेल मेरे इशारों पर चले… जैसे जैसे मैं डायरेक्शन दूँ, आप वैसा वैसा ही करिये… मंज़ूर मिस्टर साहबजी!

मैंने गर्दन हिला कर हामी भरी और पूछा- और कुछ बदज़ात रण्डी?
नेहा कौर ने इठलाते हुए कहा- दूसरा यह कि आपको चैट पर फोन पर तो खूब गालियाँ दे देती थी मगर फेस टू फेस गाली देने में शर्म आ रही है… थोड़ी गर्म हो जाऊँगी तो शायद शर्म भी खुल जाए मिस्टर साहबजी!

मैंने कहा- ठीक है, मैं ये बात समझता हूँ लेकिन मेरी एक शर्त यह है कि तू मुझे मिस्टर साहबजी बोलना बन्द कर और या तो राजे बोल या बुर निवास या सिर्फ साहबजी!
इस पर कौर ने कहा- मैं तो साहबजी ही कहूँगी बहनचोद!

‘हा हा हा हा हा! बड़ी जल्दी कुतिया की शर्म निकल गई। देने लगी न हरामज़ादी गाली!’
मैंने कहा- आगे क्या हुक्म है मेरी कौर का… कैसे आगे बढ़ना है बताइये कौर जी?

नेहा कौर ने इतराते हुए, बड़े कामुक अंदाज़ में बल खाते हुए धीमे स्वर में कहा- पहले तो राजा मुझे कस के बाँहों में जकड़ ले, जैसे अभी बिस्तर पर लिटाने से पहले जकड़ा था। बहुत आनन्द आया जब तुम्हारी जफ्फी में हड्डियाँ कड़कड़ा गईं… साँसें उखाड़ दो मिस्टर साहबजी… मुझे बाँहों में लिए लिए मेरे होंठों का रस चूसते रहो राजा…

मैंने कौर को बिस्तर से उठाकर फिर से बाहुपाश में बांध लिया और जैसा कौर चाह रही थी, अपने होंठ उसके गुलाब की पंखड़ियों समान लबों से सटा दिए, और लगा उनको हुमक हुमक के चूसने!कौर के मुंह का जूस मेरे मुंह में आ रहा था और मेरा उसके मुंह में, कौर के मुंह का स्वाद और गंध बेहद नशीले थे।
यारो, मस्त हो गया मैं!
लड़कियों के मुखरस और मुखसुगंध कुछ अलग ही होती है, आदमी का लंड तन्ना उठता है… हम्म्म्म… हम्म्म्म… बहनचोद हम्म्म्म.

मैंने उसे इतना ज़ोर से लिपटा रखा था कि बुरी तरह से अकड़ा हुआ लौड़ा उसके पेट में गड़ा जा रहा था और उसके चूचे मेरी छाती में चुभ रहे थे। आप यह हिंदी सेक्स स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मस्ती में चूर हो गए थे हम दोनों!

उसका मुंह गर्म था और उसमें लार बहे जा रही थी, मेरा मुंह भी पनिया गया था, मेरे हाथ उसके नितंबों तक पहुँच चुके थे और मजा ले लेकर उनको सहलाते हुए दबा रहे थे जबकि कौर मेरा लंड पकड़ना चाहती थी लेकिन असफल थी क्यूंकि लंड तो उसके नर्म पेट में गड़ा हुआ था।
कौर ने अपने एक पैर मेरी टांगों से लिपटा लिया था और मेरे बाल पकड़े हुए वो मुझको अपने मादक होंठों का रसपान करवा रही थी।

काफी देर तक एक दूसरे के लबों का जूस चूसने के बाद कौर ने मुंह अलग किया और बोली- पहले तो अपने लौड़े के दर्शन करवा… सबसे पहले आंखें हरी कर लूँ फिर आगे बढ़ूँगी साले साहबजी!

मैंने कहा- पैंट खोल के खुद ही निकाल के दर्शन कर ले हराम की ज़नी… ये लंड मुसंड भी तो पैंट की क़ैद से आज़ाद होने को बेचैन हो रहा है।

कौर ने लपक के मेरी पैंट की बेल्ट खोल दी और पैंट नीचे गिरा दी, उसके बाद कौर ने मेरी टी शर्ट भी उतार डाली, मेरी नंगी बाँहों को चूमते हुए कौर ने बनियान उतार के दूर कहीं फेंक दी। फिर कौर ने मेरे पेट की चुम्मियाँ लीं, मेरी निप्पल्स पर जीभ फिराई और नाभि चाटते हुए उसने मेरा बॉक्सर शॉर्ट भी नीचे खिसका दिया।

अब मैं एकदम मादरजात नंगा खड़ा था, लंड एक गुस्साए हुए नाग की भांति फुन्ना रहा था, साला बार बार तुनक तुनक के उछाल मार रहा था।कौर ने जैसे ही लौड़े को अपने मुलायम हाथों में थामा तो उम्म्ह… अहह… हय… याह… हवस की तेज़ धारा मेरे बदन में दौड़ी।

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करें ..|

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बिना मर्द के अपनी चुदास मिटाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/hand-practice-or-fingering/bina-mard-ke-apni-chudas-mitaai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/hand-practice-or-fingering/bina-mard-ke-apni-chudas-mitaai.html#respond Wed, 07 Feb 2018 16:27:50 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11896 हेल्लो मेरी प्यासी सहेलियों यह बस आप सभी के लिए है कृपा करके लड़के ना पढ़े या बस लडकियों के फायदे के लिए बता रही हूँ जो बिना किसी मर्द के कैसे खुश रहे |

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बिना मर्द के अपनी चुदास मिटाई ( Bina Mard Ke Apani Chudas Mitai )

हेल्लो कैसे है आप सब आशा करती हूँ ठीक ही होंगे आज मै आप सभी को चुदास की भूख कैसे मिटाई मैंने वो भी बिना किसी मर्द के बताने जा रही हूँ आशा है आप सभी को बहुत पसंद आएगी | दोस्तों मै पंजाब से हूँ मेरा नाम जसमीत कौर है | मेरी उम्र 22 इयर है मै अभी LLB की पढाई कर रही हूँ | मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है इसका एक बहुत बड़ा कारन है वो है मेरे पापा और भाई दोनों बहुत ही प्रसिध्द है अपने इलाके में अपने हरामीपन के लिए मेरे पापा और भाई को कोई आख उठा के देखने की जुर्रत नहीं करता है |

यही वजह है की कोई लड़का मुझे पटा नहीं पाया अगर मै कुछ बात करती तो वो पहले ही पीछे हट जाते है और मुझे दीदी बोल देते है दीदी आप तो हमारी दीदी है हम ये काम कैसे कर सकते है | यही सिलसिला बहुत दिनों से चलता आ रहा था मै बहुत परेशान हो चुकि थी मेरी सहेलियों ने दो दो बॉयफ्रेंड बदल लिए और मैंने एक भी नहीं पाया मुझे जलन होती थी | और साथ में मेरी चुत में खुजली भी बढ़ती गयी |

मै अपनी चुत रगड़ रगड़ के परेशांन हो चुकी थी अब मुझे कोई रास्ता नहीं दिख रहा था की मै क्या करू किसे पटाऊ कोई सामने आने का नाम भी नहीं लेता अब मै रात में ब्लू फिल्मे देख कर अपनी चुत रगड़ रगड़ कर अपनी चुत की प्यास बुझाती रही आखिर मिटाऊ भी क्यों ना आप लोग नहीं तो जो लड़कियां मेरी ये कहानी पढ़ रही है उनसे समझ में आ रहा होगा की जब चुदाई की गर्मी चढ़ती है तो कैसा लगता है एसे लगता है की कुछ भी मिल जाए चुत में डाल के झड़ जाऊ | मै मस्ताराम डॉट नेट की कहानी तो बहुत जमाने से पढ़ती आ रही हूँ | जब मै 10th में पढ़ती थी तब से मस्ताराम की कहानियां पढ़ रही हूँ |

मैंने बहुत कहानियां पढ़ पढ़ कर अपनी चुत रगड़ी एक रात की बात है मैंने केले का छिलका निकाल के अपनी चुत में डाली और रगडती रही करीब १५ मिनट के बाद मेरी चुत से पानी निकला पर केला का एक छोटा सा टुकड़ा मेरी चुत में घुस गया मै परेशां हो गयी फिर मैंने बोथ्रूम में जाकर अपनी चुत में थोड़ा सा हाथ घुसाया और फिर जाके केला का टुकड़ा बाहर निकला अब मै डर चुकी थी कही अगर किसी दिन ज्यादा कुछ हो गया तो घर के सारे लोग समझ जायेंगे | यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैंने इन्टरनेट पर ढूढ़ लिया एक चीज जो की मेरी प्यास बुझाने के काम में लेती हूँ वैसे तो विदेशो में इसे डिल्डो कहते है पर अपने इंडिया में जल्दी नहीं मिलता है सो मैंने ख़रीदा जो की ज्यादा कुछ महागा नहीं था | मैंने ऑनलाइन ऑर्डर कर दिया और घर पर पैकेट भाई के हाथ में आया भाई ने पूछा ये क्या है तो मैंने बोल दिया लिखा तो है पढ़ लो खुद ही भाई ने पापा और मम्मी के सामने ही पढ़ा उसपर कही भी का नाम नहीं

लिखा था पैकेट पर लिखा था इतना पढ़ के भाई ने पैकेट मेरे हाथ में दे दिया मै बहुत खुश हो गयी | मैंने रात में अपने बिस्तर के अन्दर ले लिया और उसे चालु किया और अपनी चुत पर जब पहली बार लगाईं एसे लगा जैसे किसी ने मेरी चुत को रगडा मुझे इतना मज़ा आया जितना मेरी पूरी जिंदगी में हाथो से रगड़ के नहीं आया था | उस दिन रात मै करीब 7 बार झड़ी से अपनी चुत की हवस मिटाती हूँ किसी की जरुरत नहीं है | मै तो ये कहूँगी की जो लड़कियां बॉयफ्रेंड नहीं बनाना चाहती वो इसका इस्तेमाल करें ना किसी को पता चलेगा और काम भी हो जाएगा और मै शादी शुदा भाभियों को भी सलाह देना चाहूंगी की अगर आपका पति आपको वो सुख नहीं दे पा रहा है तो आप भी इसे खरीद कर मजे करो जैसे मै बिना शादी किये कर रही हूँ | आप चाहे तो इसे खरीद सकते है |

और हां एक और बात बताना तो भूल ही गयी जो लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को इस वेलेंटाइन पर कुछ गिफ्ट देना चाहते है वो को जरुर गिफ्ट करें आशा करती हूँ अपनी गर्लफ्रेंड को जरुर पसंद आएगा |

अगर आपको मेरी कहानी अच्छी लगी तो इसे शेयर करें ! कमेंट करें ! अपने दोस्तों सहेलियों को भी बाताये इसके बारे में |

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