रिश्तों में चुदाई – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Mon, 01 Apr 2019 14:49:56 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2018/10/MSI-FEVICON-3-150x150.png रिश्तों में चुदाई – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 भतीजे के छोटे लंड से मेरी मोटी चुत की चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bhatije-ke-chhote-lund-se-meri-moti-chut-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bhatije-ke-chhote-lund-se-meri-moti-chut-ki-chudai.html#respond Mon, 01 Apr 2019 11:45:28 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14544 चुदाई के बाद वो पहली बार झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने अंत में मेरी एक बार गांड भी मारी और उस दिन के बाद कई बार हम दोनों ने चुदाई की। में उसकी चुदाई से बहुत खुश थी।

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हैल्लो दोस्तों.. में आज आप लोगों से अपनी कहानी शेयर कर रही हूँ जो मेरे साथ अभी कुछ समय पहले हुई एक सच्ची घटना है। मेरा नाम रश्मी है और मेरी उम्र 34 साल है.. लेकिन में अपने चहरे से लगती नहीं कि मेरी उम्र इतनी है। में बहुत खूबसूरत और सेक्सी औरत हूँ और मेरा बहुत अच्छा फिगर है। मेरे बूब्स बहुत बड़े बड़े है और जब भी मेरे पति को समय मिलता है.. वो हमेशा मुझे चोदते है और मेरे बूब्स से तो वो रोज़ ही खेलते है। जब भी मेरे पति घर पर रहते है.. तो मेरे बूब्स हमेशा व्यस्त रहते है। मेरे दो बच्चे है.. एक बेटी और एक बेटा, उनकी उम्र 6 और 12 साल है और हम पटना के रहने वाले है।

एक दिन हमारे घर मेरे पति का भतीजा रहने आ गया.. वो हमारे घर अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए गावं से आया.. क्योंकि गावं के आस पास में कोई भी अच्छा कॉलेज नहीं था और था तो बहुत दूरी पर था। उसका नाम रूपेश है वो करीब 20 साल का है.. लेकिन मेरे पास वो पहले भी रह चुका है। जब हम गावं में अपने घर पर रहते थे.. लेकिन तब रूपेश बहुत छोटा था और उसकी उम्र लगभग 15-16 साल की थी और हमेशा वो मुझे घूरता रहता था। फिर जब में मेरी बेटी को दूध पिलाती तो उसकी नज़रे मेरे बूब्स से नहीं हटती थी.. उसने कई बार मेरे नंगे बदन को देखा है। हमारे घर में एक कमरा खाली है.. हमने उसे वहां पर रख लिया।

रूपेश मुझसे ज़्यादा बात नहीं करता था.. लेकिन उसकी नज़रे हमेशा मेरे बूब्स पर ही रहती थी। मुझे ज़्यादातर बिना कपड़ो के रहने की आदत थी और में घर पर पेटिकोट ही पहनती हूँ। रूपेश ज़्यादातर घर पर ही रहता था.. क्योंकि उनकी ज़्यादा क्लासेज नहीं होती थी और वो एक सप्ताह में दो, तीन दिन ही कॉलेज जाता था और दिन के वक़्त बस हम दोनों ही घर पर रहते है। वो गर्मियों के दिनों में हमेशा बिना टी-शर्ट के रहता था और में उसका नंगा बदन देखती थी। एक बार में नहाने के बाद बाथरूम से निकली और मैंने अपने बूब्स पर सिर्फ टावल बांध रखा था और नीचे सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था।

जब मैंने बाहर देखा तो रूपेश मेरे बेटे के साथ खेल रहा था और जब में उन लोगों की तरफ से गुज़री तभी अचानक मेरे बेटे ने मेरा पेटीकोट नीचे खींच दिया और पेटीकोट को बचाने के चक्कर में मेरा टावल भी नीचे जमीन पर गिर गया और मेरा पूरा शरीर साफ साफ दिखने लगा। तभी मेरी नज़रे रूपेश की तरफ गयी और मैंने देखा कि उसकी आँखें मेरे बूब्स से हट ही नहीं रही थी.. क्योंकि मेरे बूब्स अब हवा में झूलने लगे थे और वो नीची निगाह से मेरी चूत के दर्शन भी कर रहा था और घूर रहा था और फिर मैंने पेटिकोट ऊपर खींच लिया।

तभी अचानक मैंने रूपेश के लंड की तरफ देखा.. उसका लंड मेरे नंगे जिस्म को देखकर खड़ा हो गया था और उसकी पेंट के ऊपर उसके लंड का आकार उभर आया था और में कुछ नहीं बोली और अपने रूम में चली आई। फिर एक रात रूपेश में और मेरे दोनों बच्चे टीवी देख रहे थे और तभी मेरा बेटा मेरी गोद में आ गया और वो मेरे बूब्स को दबा रहा था और उनसे खेल रहा था। फिर धीरे से उसने मेरे ब्लाउज को खोल दिया और मेरे बूब्स पूरे नंगे हो गए और वो मेरे नंगे बूब्स को मसल रहा था.. लेकिन मैंने उसे नहीं रोका।

फिर मैंने देखा कि रूपेश की आँखें टीवी पर नहीं मेरे बूब्स पर है। तो मैंने अपने बेटे से कहा कि अब बस कर देख तेरे भैया मेरे बूब्स घूर घूरकर देख रहे है.. तभी अचानक मेरा बेटा रूपेश से बोला कि भैया क्या आपने कभी इनका बूब्स दबाया है यह बहुत मज़ेदार है.. लेकिन रूपेश कुछ नहीं बोला बस चुप था और थोड़ी देर बैठकर अपने रूम में चला गया। फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था। सिवाए मेरे और रूपेश के.. में उस वक़्त सोकर उठी थी और में रूपेश के रूम में गयी.. उसके रूम का दरवाज़ा खुला था और जब मैंने अंदर जाकर देखा तो रूपेश मुठ मार रहा था। वो अपने लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और पहली बार मैंने उसका लंड देखा.. वो बहुत बड़ा था और फिर रूपेश ने भी मुझे देख लिया और मेरी नज़रे बस उसके लंड पर ही थी.. लेकिन उसने झट से अपनी अंडरवियर में लंड को डाल लिया और में उससे कुछ ना कह सकी बस चुपचाप चली आई।

फिर एक बार मैंने ध्यान दिया कि बाथरूम से कई बार मेरी ब्रा पेंटी गायब रहती है और मेरा शक सीधे रूपेश पर ही था और एक बार मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया.. वो मेरी ब्रा को तकिये पर पहना के उसके ऊपर से दबा रहा था और साथ में मुठ मार रहा था। तो में सीधे अंदर गयी और उसे बहुत डांटा.. लेकिन उसने अचानक मेरे बूब्स को मेरे ब्लाउज के ऊपर से दबाया और मुझे अपने बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर खुद चड़ गया और उसने अपना लंड मेरी नाक में सुंघाया। तो मैंने उसे पीछे धकेला और चिल्लाने लगी.. तभी वो मुझसे आग्रह करने लगा कि वो मुझे एक बार चोदना चाहता है और में उसकी बात मान जाऊँ.. लेकिन में नहीं मानी और में वहाँ से चली गई। फिर कुछ देर बाद वो मेरे रूम में आया और फिर आग्रह करने लगा। तब मैंने यह सब बातें उसके चाचा को बताने की धमकी दी और वो फिर से माफी माँगने लगा और चला गया।

उस दिन के बाद से हम दोनों की थोड़ी भी बात नहीं होती थी। फिर एक रात मुझे सपना आया जिस में वो मुझे बहुत चोद रहा था। उसके बाद कई बार वो मेरे सपनों में आने लगा.. उसके लंड की तस्वीर मेरे मन में बस गयी थी और में उसके लंड को देखना चाहती थी.. लेकिन में उससे बोल नहीं पा रही थी। फिर एक दिन में उसके रूम में गयी और उससे अपने रूम को साफ करने में मदद माँगी.. तो वो झट से मेरे रूम में आ गया।

उस दिन घर पर कोई भी नहीं था.. फिर कुछ ही मिनट साफ सफाई का काम करके मैंने अपना ब्लाउज उतार दिया और मेरे बूब्स उसके सामने लटकते हुए दिखने लगे। मैंने अपनी ब्रा पहनी और टावल लपेटा और पेटीकोट पहन लिया और अब उसकी नज़रे मुझ पर ही टिकी थी.. तो मैंने उसे एक स्माईल दी और अब शायद वो समझ गया था कि में उससे क्या कहना चाहती हूँ। तो उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और मेरे होठों को चूमने लगा और मैंने भी उसे जवाब दिया..

मैंने उससे कहा कि में तेरे लंड की दीवानी हो गयी हूँ। तो उसने मेरी ब्रा उतारी और दूर फेंक दी और मेरे बूब्स को चूसने लगा.. बिल्कुल अपने चाचा की तरह वो भी मेरे बूब्स से खेल रहा था और उसने मेरे बूब्स को बहुत दबाया और अपने लंड को निकालकर मेरे चेहरे के सामने रख दिया। तो मैंने उसके लंड को बहुत देर तक देखा और फिर वो बोला कि चूसो मेरे लंड को। मैंने उसके लंड को अपने मुहं में लिया और बहुत देर तक चूसा.. उसके बॉल्स तक को नहीं छोड़ा।

फिर वो मज़े लेते हुए बोला कि वो मुझे बचपन से चोदना चाहता था और उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और अपना मुहं चूत तक ले गया और चूत चाटने लगा। उसने जैसे ही मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी.. मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और में सिसकियाँ भरने लगी। फिर उसने चाट चाटकर मेरी चूत को गीला कर दिया और करीब दस मिनट के बाद में झड़ गई और वो मेरा सारा रस चाट गया। फिर वो एकदम से उठा और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा और फिर उसने लंड को चूत पर रखा और एक ही धक्का देकर चूत में लंड डाल दिया और उसने मुझे बहुत देर तक ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा।

में उसके नीचे बेबस पड़ी थी। वो मेरी आँखों में आँखें डालकर चोद रहा था और में उससे आँखें नहीं मिला पा रही थी और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद वो पहली बार झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने अंत में मेरी एक बार गांड भी मारी और उस दिन के बाद कई बार हम दोनों ने चुदाई की। में उसकी चुदाई से बहुत खुश थी। मुझे अब दो दो लंड मिल रहे थे.. कभी रात में मेरे पति का तो कभी दिन दोपहर में उसका .. लेकिन उनकी पढ़ाई खत्म होने के बाद वो मेरे पास से चला गया और में फिर से प्यासी रह गयी.. लेकिन उसके एक साल बाद एक पंजाबी मास्टर को हमने हमारे घर पर अपने बेटे की पढ़ाई के लिए बुला लिया।

उसकी उम्र करीब 28 या 30 साल की थी और वो लंबा और दाढ़ी वाला था.. वो शायद शुरू से ही मेरी सुन्दरता पर फिदा हो गया। फिर जब भी दिन को दो बजे वो मेरे बेटे को पढ़ाने आता तो किसी ना किसी तरह मुझसे बात करता था। फिर क्या कुछ दिनों के बाद पढ़ाई कम और हम दोनों की बातें ज़्यादा होने लगी और अब वो मुझसे मज़ाक भी करने लगा था। वो शादीशुदा नहीं था और वो मेरी बहुत तारीफ किया करता था और वो कहता था कि में बहुत सेक्सी हूँ। काश उसे भी मेरे जैसी बीवी मिले।

फिर कुछ दिन बाद वो हमेशा एक घंटा पहले घर आने लगा.. लेकिन जब तक मेरा बेटा स्कूल से ही वापस नहीं आता था और मुझे भी वो अब अच्छा लगने लगा था.. लेकिन वो कुछ दिनों के लिए गायब हो गया और में उसे बहुत याद करने लगी। तो मैंने अपने पति से अपने बेटे की पढ़ाई का बहाना बनाकर उसके नंबर लिए और उसे कॉल किया। मैंने उससे पूछा कि कहा हो आप और घर क्यों नहीं आते? तो उसने कहा कि में कुछ जरूरी काम से बाहर गया था और में कल से आ जाऊंगा।

तो अगले दिन से वो आया और मैंने उसका हाल पूछा तो उसने मुझे फ्लर्टी अंदाज़ में जवाब दिया कि क्या मेरी याद आ रही थी? फिर मैंने भी उसे सीधा सीधा जवाब दिया कि हाँ आ रही थी.. इसलिए तो पूछ रही हूँ। दूसरे दिन वो दो घंटे पहले आया और करीब आधा घंटा साथ बैठने के बाद उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.. लेकिन में कुछ नहीं बोली और उसने मेरा इशारा पाकर मेरे होठों को सीधा किस किया.. उस समय घर पर दिन में कोई भी नहीं था और फिर मैंने उससे पूछा कि आप यह क्या कर रहे हो? तो वो मुझसे सॉरी बोला और फिर बातों बातों में मुझे मना ही लिया।

फिर वो दूसरे दिन करीब एक घंटा पहले आया.. उस वक़्त में बाथरूम से टावल पहनकर निकली थी। उसने मुझे देखा और फिर मुझसे बोला कि तुम बहुत सेक्सी हो और वो मेरे थोड़ा करीब आया और फिर मुझे किस किया। इस बार मैंने भी उसके किस का जवाब दिया और फिर हम दोनों ने बहुत देर तक किस किया। तो मैंने उससे बोला कि बस और अपने रूम में चली आई।

जैसे ही मैंने अपना टावल हटाया और ब्रा पहनी तो वो वहां पर आ गया और मुझे अपनी और खींचा और मेरे बूब्स दबाने लगा.. अब मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैंने उससे कुछ नहीं कहा और उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे निप्पल को चूसने लगा। उसने मेरी गांड पर बहुत थप्पड़ मारे और अपना लंड बाहर निकाला। तभी उसका लंड देखकर तो में हैरान रह गई.. बाप रे इतना बड़ा लंड.. मेरे पति से डबल साइज़ और में कामुक होकर उसके लंड को चूसने लगी और तभी इतने में मेरा बेटा स्कूल से घर आ गया और हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और उसने मेरे बेटे को कहा कि बेटा आज पढ़ाई नहीं होगी.. तुम अपने दोस्त के यहाँ पर खेलने चले जाओ। फिर क्या मेरा बेटा बहुत खुश होकर कुछ समय बाद अपने एक पड़ोस वाले दोस्त के घर पर चला गया और हम फिर से शुरू हो गये।

फिर मैंने उसका लंड चूसा.. मुझे उसका लंड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था और में उसके सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी और वो मुझ पर कोई रहम नहीं कर रहा था और वो मुझे गालियां भी देने लगा.. साली रांड तेरे बेटे के सामने तुझे चोदने का मन कर रहा था.. लेकिन में बहुत मजबूर था। आज में तेरी चूत फाड़ दूँगा और तुझे मेरी रंडी बनाऊंगा.. साली दो बच्चो की माँ होकर चुदवाती है। रुक आज में तेरी चूत ठंडी करता हूँ।

फिर उसने मुझे लेटाया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर घुसा दिया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. क्योंकि पहली बार इतना बड़ा लंड मेरी चूत में घुस रहा था। फिर उसने मेरी बहुत चुदाई की और थोड़ी देर बाद में उसके लंड को सहन ना कर सकी तो में रोई बहुत चिल्लाई उससे भीख माँगी.. लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी और मेरी बहुत देर तक चुदाई हुई और उसने ठंडा होकर मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया। दूसरे दिन फिर वो आया..

लेकिन मैंने उसे चुदाई के लिए साफ मना कर दिया.. लेकिन उसने मुझे जबरदस्ती गोद में उठाया और मुझे मेरे रूम में ले जाकर पूरा नंगा किया और चोदने लगा। फिर कुछ देर बाद में भी चुदाई के मजे लेने लगी। दोस्तों उसके बाद उसने मुझे हर दिन चोदा और में उसके लंड की प्यासी हो गई। मुझे उसका लंड अच्छा लगने लगा और उसने मुझे बहुत दिनों तक चोदा ।।

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बहन के देवर से चुदवाकर निहाल हुई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ke-devar-se-chudwakar-nihal-hui.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/bahan-ke-devar-se-chudwakar-nihal-hui.html#respond Sat, 30 Mar 2019 09:24:47 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14538 उसने मेरी होठो को अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने लगा तो मेरे जिस्म के एक अजीब सा झटका लगा और मैं भी उसकी होठो को चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने के साथ मेरे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा |

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम कल्पना है और मेरी उम्र 20 साल है | मैं आज एक कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रही हूँ | ये कहानी 1 साल पहले की है | मैं जो आज कहानी पेश करने जा रही हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची कहानी है और मेरी पहली चुदाई | दोस्तों मैं सेक्स के बारे में इस चुदाई के बाद जान पाई हूँ और मैं इससे पहले बहुत ही भोली लड़की थी | मेरी उम्र तो तब 18 साल हो गयी थी पर मैं 10 साल की भोली लड़की थी | मुझे सेक्स चुदाई के बारे में कुछ भी नही पता था और मुझे तो ये भी नही पता था की कोई लंड नाम की भी चीज होती है जो बहुत मज़ा देता हैं | पर मेरी दीदी के देवर ने मुझे ये सब सिखा दिया और अब मुझे अपनी चूत में लंड लेने में बहुत मज़ा आता है | मैं अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय देना चाहूंगी |

मैं रहने वाली आसाम से हूँ | मैं बचपन से ही बहुत सुन्दर लड़की थी और जब मेरी उम्र बढती गयी तो उम्र के साथ मेरा जिस्म भी भरता गया | जब मेरी उम्र 18 साल हुई थी मैं उस टाइम बहुत ज्यादा सुन्दर लगने लगी थी और मेरा फिगर बहुत सेक्सी हो गया था | उस टाइम मेरी चढ़ती जवानी थी और मेरी बूब्स काफी उभर गए थे जो ऊपर की और निकल आये थे | मेरी गांड भी बहुत मस्त हो गयी थी और मुझे सब लोग घुर घुर कर देखा करते थे | मैं उस टाइम ये सब नही समझती थी की लोग मुझे इतना क्यूँ देखते हैं | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करती हूँ और साथ में बताती हुई चलती हूँ|

एक बार की बात है जब मैं अपने कमरे में लेती थी और मुझे उस दिन प्यास लगी और मैं पानी पीकर वापस लेटने के लिए आ रही थी | दोस्तों तभी मुझे पापा के रूम से मम्मी की चीखने की आवाज आई और उसके बाद वो अहह अहह अहह..हाँ हाँ हाँ हाँ… हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई……. की आवाजे आती हुई सुनाई दी | मैं पहले तो खड़ी होकर सोचने लगी ये कैसे आवाजे आ रही है | फिर मेरा मन हुआ की देखती हूँ तो मैंने पहले तो दरवाजा खटखटाने जा रही थी पर मुझे खिड़की खोली दिखी तो मैं खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गयी और देखने लगी | मैंने देख की पापा मम्मी की पेसब करने वाली जगह में अपनी जीभ को घुसा कर चाट रहे थे और मम्मी ऊऊऊ ऊ…हाँ हाँ हाँ….उई उई हाँ हाँ उई उई….अहह अहह अहह…की आवाजे कर रही थी |

मैंने सोचा की जाकर मम्मी से पूछो की पापा क्या कर रहे हैं | फिर मैं थोड़ी देर बाद जाने के लिए चली तभी देखा की मेरे पापा अपने कपडे निकालने लगे | जब पापा कपडे निकालने लगे तो मैं पापा को देखने लगी और कुछ ही देर में पापा ने कपडे निकाल दिए और एक लोहे जैसी चीख को हाथ में पकड कर हिलाते हुए मम्मी की तरफ बढे | मैं पापा के उस चीख को हाथ में पकड कर आगे पीछे करती हुई मुंह में रख लिया और चूसने लगी | दोस्तों मैं ये सब देख कर बहुत हेरान थी और उस टाइम यही सोच रही थी की ये क्या कर रहे हैं | फिर कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की पेसब करने की जगह में लोहे जैसी चीख घुसा दी | मम्मी की उस छोटी सी जगह में वो बड़ा और मोटी चीज जैसे घुसी तो मम्मी के मुंह से जोरदार चीख निकल गयी |

मैं ये सब कुछ देर तक देखने के बाद अपने रूम में चली गयी और उस रात यही सब सोचती रही | मैं अब रोज ही पापा के उस लोहे जैसे चीज के बारे में सोचती थी और ये भी सोचती की वो मम्मी की छोटी जगह में कैसे घुस गया था | अब मेरे मन में इच्छा थी की मैं किसी और क पास ये देखूं और पता करूँ की क्या हैं | उसके कुछ दिन की बात है जब मेरे घर मेरी दीदी का देवर आया था | उस दिन वो मुझे बहुत घुर घुर कर देख रहा था और मैं ये सोच रही थी की इसके पास ही देख लेती हूँ की वो क्या चीख थी | फिर उसके दुसरे दिन की बात है जब मम्मी नाश्ता तैयार कर रही थी और मेरे पापा अपने रूम में सो रहे थे | दीदी का देवर छत वाले रूम में सो रहा था | मेरी दीदी के देवर का नाम प्रदीप है | मैं छत पर गयी तो मैंने देखा की वो चादर ओढ़ कर सोया है |

मैं गयी और उसकी चादर को हटा दिया तो मैंने देखा की वो अंडरवियर और बनियान में लेटा था | मैंने उसकी अंडरवियर को हटा दिया तो मैंने देख की उसके पास भी वहीँ चीख है पर उसका तो बहुत छोटा है | तब मेरे मन में हाथ लगा कर देखने की इच्छा हुई और मैंने जब हाथ लगाया तो मुझे बहुत सॉफ्ट लगा | मैं उसके उस चीख को मम्मी की तरह हाथ में पकड कर हिलाने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गयी | वो मुझे ऐसे करते देकर बोला या क्या कर रही हो तो मैंने कहा की मैं देख रही थी की ये क्या है |

प्रदीप – तुम्हे नही पता ये क्या हैं |
मैं – हाँ मुझे नही पता ये कहा मैंने कुछ दिन पहले पापा के इस चीज को मम्मी को खेलते हुए देखी थी |प्रदीप – कल्पना इसे लंड कहते हैं और ये बहुत मज़ा देता है |
मैं – वो कैसे ?
प्रदीप – जब तुम इसको अपनी चूत में लोगी तो बहुत मज़ा आएगा |

दोस्तों मैंने उस टाइम चूत से पेसाब करने के सिवा और कोई काम नही किया था | फिर मैंने उससे कहा की तुम्हरा इतना छोटा और सॉफ्ट है पापा के तो लोहे की तरह था | वो बोला की रात में तुम्हे इसके बारे में बताऊंगा और मैं प्रदीप नीचे चले गए | फिर उस रात को मैंने लंड के बारे में जानने के लिए उसके पास गयी | वो बैठा था और मैं जाकर उससे बोली बताओ तो वो अपने कपडे निकाल कर मुझे लंड से खेलने को कहा और मैं वैसे ही करने लगी जैसे मम्मी को करते देखा था | मैं जब उसके लंड को हाथ में पकड कर हिलने लगी तो मेरे हाथ के स्पर्स से उसका लंड पापा के लंड की तरह खड़ा हो गया | मैं ये देख कर बहुत खुश हुई और उसके लंड से खेलने लगी |

तब उसने मेरी होठो को अपने मुंह में रख लिया और चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने लगा तो मेरे जिस्म के एक अजीब सा झटका लगा और मैं भी उसकी होठो को चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने के साथ मेरे बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | जब वो मेरे लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था | वो मेरे साथ कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरे कपडे निकाल कर मुझे नंगा कर दिया | वो मुझे बिना कपड़ो के देख कर बहुत खुश हुआ और मेरे दोनों बूब्स को हाथ में पकड कर मसलते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा | जब मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूस रहा था तो मेरी सांसे अपने आप तेज हो गयी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मेरी चूत में ऊँगली घुसा दी | दोस्तों जैसे ही उसने मेरी चूत में ऊँगली घुसाई तो मेरे मुंह से मम्मी वाली आवाजे निकल गयी | तब मुझे समझ आ गया की मम्मी इसलिए ये आवाजे कर रही थी |

दोस्तों वो मेरी चूत में ऊँगली घुसाने के साथ अपनी जीभ को घुसा कर चाटने लगा | वो मेरी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक करता रहा और मैं अह अह अह… हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ….. उई माँ उई माँ उई माँ…. की सिसकियाँ लेने लगी | फिर उसने लंड जैसी चीज को मेरे मुंह में घुसा दिया | पहले तो मुझे बहुत ख़राब लगा फिर मस्ती के साथ अन्दर बहर करती हुई चूसने लगी | अब मुझे ये सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी होने लगी थी | वो कुछ देर तक चुसाने के बाद मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी टांगो को फैला दिया |

फिर वो मेरी चूत में अपने लंड को घुसाने लगा | मेरी चूत में जब थोडा लंड घुसा तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जैसे ही उसने मेरी चूत में जोरदार धक्का मारा और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ते हुए अन्दर चला गया | जैसे ही उसका लंड मेरी चूत में अन्दर गया और मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा | उस टाइम मुझे ऐसा लग रहा था की मैं अब मर जाउंगी और मेरे मुंह से कोई भी आवाज बाहर नही निकल रही थी | मैं सोच रही थी की ये मेरी चूत से लंड नाम की चीज को बाहर निकाल ले और कुछ ही देर में जब उसने अन्दर बाहर करने लगा तो मुझे फिर से मज़ा आने लगा था | वो मेरी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर कर रहा था और मैं मज़े लेती हुई उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ….. उई माँ उई माँ उई माँ…. कर रही थी |

अब मैं उसके हर एक धक्के का मज़ा ले रही थी और वो मेरे बड़े और चिकने बूब्स को पकड कर जोरदार धक्के मार रहा था | वो जितने जोर से धक्के मरता मैं उतने ही जोर से मज़े लेती हुई चुदती| फिर वो मेरी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक धक्के मारने के बाद झड़ गया और उसके लंड से कुछ सफ़ेद रंग का निकला था |

मैंने उससे पूछा ये क्या हैं तो उसने बताया की इसे वीर्य कहते हैं और इसे जब चूत में निकाल देते हैं तो औरत माँ बन जाती है | उसके बाद उसने मेरी चूत में अपनी उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से हिलाने लगा जिससे मेरी चूत से पानी की धार निकल गयी | वो पानी जब निकल रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | उसके बाद हम दोनों ने कपडे पहन लिया और मैं अपने कमरे में नीचे चली गयी | उस चुदाई के बाद मैं बहुत बार चुदी हूँ | धन्यवाद दोस्तों॥

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भाभी की कुए पर चूत चदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-kuye-par-chut-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ki-kuye-par-chut-chudai.html#respond Wed, 27 Mar 2019 11:41:59 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14530 मेरे लंड का पूरा प्रवेश हो गया इस सुनामी वाले हमले से भाभी का जिस्म सिहर गया और उनकी दबी हुई वासना बाहर आने लगी अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी वो मादक सिसकारी लेते हुए चिल्लाये जा रही थी चोदो मुझे और जोर से चोदो उसने मेरे को चूमना शुरू कर दिया.

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नमस्कार दोस्तो मेरा नाम दीपक है। यह कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की घटना है। मेरे परिवार में मेरे बडा भाई और मेरी भाभी और मेरे मा बाप थे । मेरी भाभी का नाम रसिका है। जब मेरे भाई की शादी हुई थी मैं तभी से भाभी का दीवाना था ।
मेरी भाभी दिखने में सुदंर मासल बदन की थी। उसके बड़े – बड़े मौसमी जैसे बूबे थे।कमर से पतली मोटे-मोटे चूतड थे।उसे देखकर मेरे बदन में आग लग जाती थी। वो जब चलती थी तो दोनों चूतड ऐसे हिलाती थी कि मन करता कि उसको पीछे से पकङ कर खा जाँऊ उसे कि उसे उसकी नानी याद आ जाये पर उससे डर भी लगता था कि वो किसी को बोल देगी।             

समय गुजरता रहा और मेरी उसको चोदने की चाहत बढ़ती ही रही। एक रात को मैं पेशाब करने के लिये उठा पेशाब करके लौट ही रहा थी कि भाभी के कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दी मैं दबे पांव गया और खिड़की के पास खड़ा होकर देखने लगा कि क्या हो रहा है। अंदर भैया भाभी के ऊपर चडकर भाभी को चोद रहे थे कुछ ही देर में भैया ने पानी छोड़ दिया और बिस्तर पर गिर गये ।
भाभी अपने कपड़े संभालते बैठी और भैया को कहने लगी जब ठीक से चोद नही सकते तो चढ़ते क्यों हो खुद तो पानी निकाल कर गिर जाते हो और मैं प्यासी की प्यासी रह जाती हूं । यह सुनकर मुझे अचरज हुआ कि भैया भाभी को ठीक से चोद भी  नहीं पाते वो प्यासी की प्यासी रह जाती हैं यह सब देखकर मैंने ठान लिया कि भाभी की प्यास मैं बुझाकर रहूँगा ।

अब बस इंतजार था तो बस एक अच्छे मौके का जो मुझे मिल ही गया हुआ ये कि मैं और भाभी एक दिन खेत पर अकेले थे गेहूं कटने का समय था गर्मी बहुत थी सुबह से काम करने की वजह से हम दोंनों थक गये थे तो सोचा थोड़ा पानी पीकर आराम कर लें । हमारे खेत पर एक कुआँ है जिसके आस पास घने पेड़ हैं उस कुए से हम खेती के लिये पानी लेते हैं । मैं और भाभी कुए की तरफ चल दिये कुए पर पहुँचकर हम हाथ मुँह धोने लगे कि तभी भाभी का पैर फिसल गया और वो कुए मैं जा गिरी उनको बचाने के लिये मैं भी कुए में कूद गया ।

अब हम दोंनो कुए में थे भाभी ङर के मारे मुझसे चिपक गयी मैंने भाभी को संभाला अब हम कुए में गिर तो गये पर समस्या ये थी कि बाहर कैसे निकलें क्योंकि रस्सी पास में थी नहीं और आसपास कोई था नहीं जिससे मदद माँग सकें तभी मुझे कुछ सूझा और मैंने सोचा ये अच्छा मौक़ा है इसका फायदा उठाकर मैं भाभी को चोद सकता हूँ। मैंने भाभी से कहा कि अब हम कुए में गिर गये हैं और हमारे पास बाहर रस्सी भी  नहीं है तो हमें अपने कपङो से रस्सी बनानी होगी इसलिये आपको अपने कपड़े उतारने होगें वो बोली ये क्या बत्तमीजी है मैं तुम्हारे सामने अपने कपड़े कैसे उतार सकती हू्ँ मैंने कहा ठीक है मत उतारो कुए में पडी रहो जिंदगी भर वो डर गयी और बोली ठीक है देती हूँ यह कहकर वो साड़ी निकालने लगी मैंने भी अपने कपङे निकाल दिये अब मैं अंडरवियर में और भाभी पेटीकोट ब्लाउज में थी.

मैंने साड़ी और कपडों को इस तरह से बांधकर रस्सी बनाई कि वो छोटी पड जाये मैं भाभी को बोला भाभी रस्सी छोटी है ऊपर तक नहीं जायेगी इसलिये हमें बाक़ी के कपड़े भी निकालने होगें यह कहकर मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया और भाभी को बोला अब आपकी बारी वो रोने लगी मुझे उसको रोता देख गुस्सा आ गया मैंने उसे बोला तुम कपड़े निकाल रही हो या मैं निकालू वो मेरे गुस्से से डर गयी और कपड़े निकालने लगी सबसे पहले उसने ब्लाउज खोला क्या द्रश्य था वो उसके नारंगी जैसे बूब्स ब्रा में कसे हुए बाहर आ गये यह देखकर मेरा नौ इंच का लंङ फुफकार ने लगा अब उसने अपना पेटीकोट को नाडा भी  खोल दिया उसकी गोल मटोल गाँड लाल पैंटी में कसी हुई बाहर आ गयी मेरी जीभ येदेखकर ललचाने लगी मैंने उसे बोला जल्दी से बाक़ी कपङे भी निकालो वो बोली नहीं ।

मैंने उसे धमकाकर बोला निकाल रही है या नहीं वो बोली निकाल रही हूँ उसने अपने बाकी के कपड़े भी निकाल दिये अब हम दोंनों पूरी तरह से नंगे खडे थे उसको पहली बार नंगा देखा था क्या बदन था उसका मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया मेरा लंड देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी मैंने बाक़ी कपडों को जोङ दिया और फंदा बनाकर ऊपर फेंका फंदा पेड़ की टहनी में अटक गया अब हम ऊपर जा सकते थे अब मेरे दिमाग में एक शैतानी सूझी मैंनै भाभी को बोला कि अगर तुम ऊपर जाना चाहती हो तो तुम्हें मुझसे कसकर लिपटना होगा ताकि हम रस्सी पकडकर ऊपर जा सकें उसके पास कोई और चारा नहीं था तो वो मुझसे लिपट गयी मैंनै उसे कसकर बाहों में भर लिया ऐसा करने से उसके बूब्स मेरी छाती पर गढने लगे।

अब मैं रस्सी पकडकर उपर चढने लगा मैंने अपने पैर भी उसकी कमर के चारों ओर कसकर फैला दिये अब मेरा लंड भी  उसकी चूत के सामने आ गया और चूत पर ठोकर मारने लगा ऐसा करने से उसके मुँह से हल्की चीख निकल गयी अब हम रस्सी पकडकर जैसे तैसे ऊपर आ गये वो उठकर भागने लगी लेकिन मैने उसको पकड़ लिया और उसको जमीन पर लिटाकर  उसके ऊपर चढ गया वो बोली मुझे जाने दो मैं बोला ऐसे कैसे जाने दूँ बहुत दिनों से तङप रहा हूँ तेरे लिये आज तो तुझे चोदकर ही रहूँगा यह बोलकर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रखकर उन्हें चूसना चालू कर दिया क्या होंठ थे उसके मजा आ गया । 

करीब आधा घंटे तक उसके होंठ तो कभी गर्दन को चूसता रहा अब मैं नीचे की तरफ बङा और उसके बूब्स को मुँह में भर लिया कभी ये तो कभी वो दोंनों बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया अब नाभि की बारी थी जैसै ह मैंने वहाँ जीभ लगायी वो चिहुक उठी थोड़ी देर नाभि चूसने के बाद मैं चूत की तरफ बढ गया अब मैंने उसकी चूत को जीभ लगा कर चूसना चालू कर दिया उसकी चूत गर्म भट्टी की तरह तप रही थी मैंने उसे चूस-चूस कर पानी निकाल दिया क्या स्वाद था उस योनरस का मैं पहली बार किसी लड़की की चूत का रस पिया था .

अब भाभी भी गर्म हो चुकी थी और चिल्लाने लगी प्लीजअब मुझे चोद दो अपने लंड से मेरी चूत की प्यास बुझा दो मेरा लंड भी अब बेकाबू हो गया मैंने सुपाडे को चूत के छेद पर रखकर धक्का लगाया और करीब तीन इंच तक लंड अंदर चला गया भाभी रोने लगी मर गयी उई माँ मर गयी प्लीज निकाल लो इसे मैं मर जाऊंगी मेरी गयी फट  आह आह आह आह आह वो कराहने लगी।

फिर मैंने उनकी कोई बात नहीं मानी अब मैंने दूसरा धक्का लगाया जो कि बड़ा जोरदार था, हम दोनों पूरे गीले होने की वजह से मुझे पता था कि बिना ज़्यादा दर्द के इस बार मेरे लंड का पूरा प्रवेश हो गया इस सुनामी वाले हमले से भाभी का जिस्म सिहर गया और उनकी दबी हुई वासना बाहर आने लगी अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी वो मादक सिसकारी लेते हुए चिल्लाये जा रही थी चोदो मुझे और जोर से चोदो उसने मेरे को चूमना शुरू कर दिया.

फिर उसने अपनी जांघों को मेरी कमर पर लपेट लिया और वो मेरे हर झटके का जवाब अपनी गांड को उछाल-उछाल कर देने लगी. उसकी इस हरकत ने मेरी उत्तेजना और बढ़ा दी और में जोर जोर से चोदने लगा करीब एक घंटे तक मैं उसकी चूत और गाँड दोंनों को बारी -बारी से चोदता रहा अब मैं भाभी को और तेजी से चोदने लगा और जोरदार झटके साथ झड गया. मैंने पूरा मूठ उसकी चूत में गिरा दिया अब मैं भाभी को रोज चोदता हूँ वो मा भी बनने वाली है. हमारी चुदाई की बात भैया को पता है पर वो नामर्द मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता मैं उसके सामने ही भाभी को चोदता हूँ।आपको भाभी की कुए पर चूत चुदाई स्टोरी कैसी लगी.. नीचे दिये गए कमेंट बॉक्स मे कमेंट कर बताए। आप मुझे मेल भी कर सकते है.[email protected]

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भाभी के बेड़े बडे चूतड़ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ke-bade-bade-chutad.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bhabhi-ke-bade-bade-chutad.html#respond Tue, 26 Mar 2019 09:00:37 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14524 अब भाभी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी चूत से ज्यादा भाभी की गांड मारने में मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गई. मेने भी लैंड की स्पीड बाढ़ा दी और उनकी गंड में ही झड़ गया. फिर 2 मिनट तक ऐसे ही भाभी की गंड में लैंड डाले पड़ा रहा.

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हलो दोस्तों मेरा नाम अनुज हैं और में बीएससी फाइनल का स्टूडेंट हु मेरे घर मे मोम डैड भैया और भाभी हैं भाभी एक दम पटाका माल हैं. उनके बड़े बड़े खरबूजे जैसे बूब्स और उनकी उभरी गांड और उनके बड़े बड़े चूतड़ जब वो चलती हैं ना यार क़यामत ढा देती हैं मे उनको चोदने का ख्वाब देखा करता था. उनके नाम की मुट्ठ मारता था और सोचता था काश मुझे भाभी की चुदाई करने का एक मौका मिले हमेशा में उन्हें छूने की कोशिश करता. उनकी गांड को तिरछी नजर से देखता. जब वो रूम में झाड़ू लगती तो जान बूझकर रूम में पढ़ने बैठ जाता और उनके बूब्स के दर्शन करता उनके बूब्स हमेशा ब्लाऊज में से उभरे रहते बड़े बडे बूब्स हमेशा ब्लाऊज से बाहर निकलने को तैयार रहते. यू ही रोज़ का मेरा काम हो गया. उनके नाम की मुट्ठ मरना।

एक दिन में बेड पर मोबाइल में पोर्न देख रहा था और मुट्ठ मार रहा था मेरा माल निकलने वाला था तो में कच्छे में ही अपना माल छोड़ दिया. अब में कच्छे को धोने के लिए बाथरूम गया. भाभी आगन में लेटी थी मेरा बाथरूम आगाँन के पास ही बना था. मेने सोचा अगर गेट लगाऊँगा तो भाभी को शक हो जाएगा इसलिए में गेट खोल कर अपना माल साफ करने लगा. मुझे 5 मिनट हो गए साफ करते करते मैनेें जैसे ही मूड कर पीछे देखा सामने वाले रूम के जांगले से भाभी सब देख रही थी में एक दम से चौक गया। भाभी भी तुरंत वहा से हट गईं में बाथरूम से बाहर आया और अपने रूम में चला गया.

तभी भाभी बाथरूम में गई मुझे बहुत गिल्टी फील हो रहा था तो में स्कूल चला गया उस समय मे 12वी क्लास में था मुझे स्कूल में भी गिल्टी फील हो रहा था. अब में स्कूल से घर आया में भाभी से नजरे नही मिला पा रहा था. एक दो दिन तक मेने भाभी से बात नही की फिर भाभी ने ही आकर बात की क्या हुआ तुम्हे ये सब नार्मल बाते हैं तुम्हारे ऐज के लडको में मैने सिर हम्म कहा और अपने रूम में आ गया. एक दिन हमारी रिलेशन में शादी थी तो सभी लोग वहा चले गए मेरे बोर्ड एग्जाम होने के कारण मैं ना जा सका और खाना बनाने के लिए भाभी भी घर पर रुक गई. मुझे खाना बनाना नही आता इसलिए में और भाभी ही अकेले घर मे रह गए. सब लोग 3 दिन बाद आने वाले थे तो में भाभी को चोदने का मौका ढूढंने लगा कैसे पटाया जाय भाभी को दुपहर को स्टडी करते करते में थक गया सोचा तोड़ा मोबाइल चला लू लेकिन मेरा मोबाइल का डेटा खत्म हो गया था तो में भाभी का मोबाइल ले आया.

मेंने चुदाई की कहानी पढने लगा. देवर भाभी की कहानी पढ़ कर मुट्ठ मार कर में वेब हिस्टरी में गया और हिस्टरी डिलीट करने लगा मेने देखा वह पहले से ही बहुत सारी वेब हिस्ट्री थी. जिसमे चुदाई की कहानिया और पोर्न साइट थी में समझ गया भाभी भी पोर्न देखती है. मेरे दिमाग मे भाभी को चोदने के लिए एक आईडिया आया में शाम को एक कोला की बोतल और मेडिकल से vigra mg100 ले आया। में घर पहुचा भाभी मोबाइल चला रही थी. में किचन से दो गिलास ले आया और एक गिलास में कोला के साथ vigra की गोली मिला दी. फिर मेने भाभी को बुलाया वो आई और बोली अरे वा!देवर जी आज तो भाभी को बहुत खयाल रख रहे हो मेने एक स्माइल दे दी. इसके बाद मेने उनको गोली मिला वाला गिलास दे दिया वो पूरा गिलास कोला पी गई वो भी इसका टेस्ट कुछ अलग है में बोला भाभी अब नई कोला आया हैं तो टेस्ट तो अलग होगा ही और वो एक स्माइल देकर अपने रूम में चली गई में जनता था गोली के नशे में भाभी चुदाई के लिए तड़पेगी। तोड़ी देर के बाद में भाभी के रूम में झाँककर देखा ।

अंदर का नजारा देख कर मेरे तो होस ही उड़ गए. भाभी अपनि चूत में बेगन डाल रही थी में मौके का फायदा उठाते हुए सीदे भाभी के रूम में घुस गया मुझे देखकर भाभी ने बेगन छुपा लिया मेने कहा भाभी जी मेने सब देख लिया हैं और सीधे बेड पर जा कर भाभी के होठो में अपने होठ रख दिये omg क्या एहसास था वो मुलायाम मुलायम होठो को राबड़ी की तरह चूस रहा था. भाभी ने मेरा बिल्कुल भी विरोध नही किया बाल्कि वो भी जोर जोर से kiss करने लगी. मेने भाभी के ब्लाऊज को खोल दिया उनकी ब्रा एक दम टाइट थी. मेने ब्रा को तुरंत खोल के फेक दिया इतने बड़े बड़े बूब्स मेने पॉर्न में ही देखे थे में तेजी से बूब्स को दबाने लगा वो आहहहहहहहहह आहहहहहहहह की आवाजें निकलने लगी. मेने देर न करते हुए निप्पल को अपने मुह में ले लिया और चूसने लगा भूखे शेर की तरह में उनके बूब्स को चूस रहा था वो बोली प्लीज चोद दो देवर जी अपनी प्यारी भाभी को मैने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.

उन्होंने पैंटी नही पहनी थी शायद बेगन डालने के लिए पहले ही उतर दी थी. मेने चूत पर सीधे अपने हाथ रख दिये भाभी तङप उठी बोली प्लीज अब रहा नही जाता अपना लंड डाल तो फाड़ दो भाभी की चूत में जोश में आ गया और अपने लंड का सूपड़ा उनके चूत के छेद पर रखा और एक धक्का लगाया. मेरे लंड में दर्द होने लगा तो मैने लंड चूत से निकल लिया. भाभी चिल्ला के बोली क्यों निकल लिया में बोला दर्द हो रहा हैं बहुत तेज भाभी ने मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपने चूत के छेद में रख कर तेजी से लैंड पे बैठ गई मेरी तो जान ही निकल गई हो.

मेरे लैंड में बहुत तेज़ दर्द होने लगा भाभी के चूत से खून निकालने लगा. भाभी बोली तेरी सील टूट गई. देवर जी और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगी अब मुझे भी मजा आने लगा भाभी बहुत तेज़ अहहहहहहहहहहहह आहहहहहह करने लगी पूरे कमरे मर फचा फच की आवाजें आने लगी. भाभी बोल रही थी फाड़ दे भाभी की चूत बना दे मुझे अपने बच्चे की माँ 10 मिनट चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था भाभी इस दौरान 2 बार झड़ चुकी थी तो मैने भाभी से कहा में झड़ने वाला हु भाभी ने मुह मेरा लैंड निकल कर मुह में ले लिया और मेरा सारा बीर्य पी गई. फिर बोली ये सब गलत किया तुमने मुझे पता न तुमने कुछ मिलाया था कोला में। ये बात किसी को नही बाताना ये हम दोनों के बीच ही रहेगी बात में बोला हा भाभी.

फिर मेने उनके चूतड़ पर एक हाथ मार कर कहा मुझे आपकी गांड मारना है वो बोली तू भी तेरे भी जैसा ही गांड का दीवाना हैं और मेरे पेंट को खोल कर मेरा लैंड चुसने लगी वो लॉलीपॉप की तरफ मेरे लैंड को चूसे जा रही थी. मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा. फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और में उनकी चूत और वो मेरा लंड चाटने लगी. फिर उन्होंने अपने गंड मेरे मुह में रख दी में किसी कुत्ते की तरह उनकी गंड के छेद में जीभ डालने लगा. भाभी अपने बूब्स दबाने लगी. फिर मेने भाभी के चुतड़ पर जीभ फेरना सुरु किया.

अब मेने देर न करते हुए लैंड का सूपड़ा भाभी की गांड के ग़ुलाबी छेद पर रखा एक धक्का दिया आद्दा लंड गांड में घुस गया. भाभी में मुह से उफ्फ्फ निकल गई तबि मेने एक औऱ झटका दिया पूरा लैंड भाभी की गांड में भाभी अअअअअ आआआआआ की आवाजें करनें लगी बोली निकलो बहुत दर्द हो रहा हैं. मेने 2 मिनट रुक कर धीरे धीरे धक्के देना सुरु कर दिया. अब भाभी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी चूत से ज्यादा भाभी की गंड मारने में मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद भाभी झड़ गई. मेने भी लैंड की स्पीड बाढ़ा दी और उनकी गांड में ही झाड़ गया. फिर 2 मिनट तक ऐसे ही भाभी की गांड में लैंड डाले पड़ा रहा. जब मैने लंड भाभी की गांड से निकला तो गांड से वीर्य बाहर आने लगा उस रात हमने 4 बार चुदाई की ।जब भी मौका मिलता है में भाभी को चौद देता हूं ।

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शराफत की देवी मेरी बहन- 11 | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/sharafat-ki-devi-meri-bahan-11.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/sharafat-ki-devi-meri-bahan-11.html#respond Tue, 26 Mar 2019 06:56:50 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14520 बहन ने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी और कहने लगी आज आप दूबाारा अपना खड़ा करिए और मा के चूत को अपने महान लंड द्वारा धन्य कर दो मेेे लन्ड इतना मां को चोदने के लिए बेताब था कि दोबारा खड़ा होने में देरी न किया

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शराफत की देवी मेरी बहन- 10

दोस्तों मैं सूरज कुमार अपनी कहानी के उस पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां से जिंदगी में भूचाल आना पक्का है, अब मुझको घर के चूत कि इतनी आदत पड़ गई थी कि मुझे अब यह फर्क नहीं पड़ता था कि चूत किसकी है, जवान चूत से लेकर बुजुर्ग महिला चूत में अब मुझको कोई फर्क नहीं पड़ता पहले तो सीमा के साथ खुुब चोदाई की और उसी दौरान बहन ने उंगली करने लगी और मैका ऐसा बना दिया भगवान ने जो चीज सबसे असम्भव होती है इस दुनिया में उस चीज को भी मै पा लिया जो मेरी प्यारी बहना और बहना ने तो मुझसे भी दो कदम आगे निकली उसने तो पृथ्वी की सबसे भाग्यशाली वस्तु मां के चूूत को भाई के लंड का पानी अंदर तक घुस दिया अपने भाई के रिश्ते को उस मुकाम पर पहुंचा दिया .

जिसको लोग कल्पना करते हैं मुझे भी यह कल्पना ही लगता था बहन अगर न होती तो शायद ही कभी ऐसा भी हो पाता, मैं अपने चुदाई से बहुत खुश था मैं सोचता था कि जब तक बहन की शादी नहीं होती है तब तक मैं बहन के साथ नाजायज संबंध में रहूंगा लेकिन यह मेरी सोच से उल्टा हुआ जिसके बारे में मैं कभी सोचा भी नहीं था बहन के डर से या मेरी कमर उम्र के कारण मैं उस समय बस चोदाई से ही मतलब रखता था , मैं हमेशा यही सोचकर बहन को चोदा और शादी की जब तक बहन की शादी नहीं हुई है मैं शादी भी कर लूूंगा तो उसके बाद बहन की शादी होने पर भी वह मुझसे चोोदाई करती रहें ..

ओ यह भी बात सही है कि मैं भी बहन से प्यार करने लगा था मुझे भी अब समाज के डर से कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन जब मेरी उम्र बढ़ने लगी मैं बाहर गया तब मेरा दिमाग अब ऐसा करने की गवाही नहीं दे रहा था लेकिन मैं बहन को रोता नहीं देेख सकता था मैं बहुत परेशान रहने लगा था, अब जब हवस चढ़ती थी तो मां को चोदने का मन करता था और मैं हमेशा बहन को यह कह कर की अब तो हम दोनों कुछ दिन ही यहां रहेगें, बहन मेेे साथ देती थी.

अब बहन के रिश्ते की बात बहुत तेजी से चलने लगी थी बहन मुझे पेसर देती थी चिल्लाने लगती थी मैं क्या कह के समझाऊं मैंने उससे बहुत वादा किया था और शादी भी कर लिया था मैं पैसे की इंतजाम कर रहा हूं कर के बात को किसी तरह घुमा देता था लेकिन कब तक बहुत परेशान रहने लगा.

कभी कभी मन करता था कि लेकर भाग जाऊं फिर घर की इज्ज़त के डर से हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, अब बहन से पहले जैसा बातें और रात में सोने का मौका भी कम मिलता था बहन के साथ उस दिन करवाचौथ के दिन के बाद से, मैं इतना परेशाान हो गया था किया पीने लगा था और रात में बहर सोने लगा ‌.
बहन एक दिन दोपहर को जब मां खेत में गई थी बहन ने दरवाजा बंद कर दिया औरत मुझे पकड़ कर रोने लगी आप मुझसे प्यार नहीं करते हैं आप मेरे बिना जिंदा रह सकते हैं, मैं बहन को अपनी बाहों में भर लिया और कहा कि बस एक महीना का मौका दो हम दोनों लोग अपना घर कही और जा कर बनायेंगे,अब मैं भी बहन के आंसू नहीं देख पा रहा था.

मैंं अब सारे टेंशन को छोड़ कर यह माान लिया था जो होगा अब देखा जायेगा, बहन को बाहों में भर कर ओंठ चूसना शुरू कर दिया कहा रानी आज के बाद से तुम्हारा टेंशन अब खत्म है अब मुझे जो करना है मैं करूंगा.

बहन की चूूची सलवार के ऊपर से दबाने लगा और पैंटी में हाथ डालकर चूत में उंगली डाल कर गरम करने लगा, बहन के आंसू बंद हो गया था, चूची को सलवार के ऊपर से नीकाल दिया लेकिन चूची बहुत बड़ी होने के कारण बाहर पूरा नहीं निकाल पा रहा था लेकिन चूची का निप्पल बाहर निकल आया था अपने होठों से उसको दबा कर चूसने लगा और बहन के हाथों को अपने लंड को पकड़ कर हिलाने को कहा, में मेरा लन्ड** पूरा खड़ा हो गया था.

फिर मैं बहन की निप्पल को चूसने के बाद अपना लंड बहन की दिया बहन गर्म हो गई थी अपने हाथ से मेरे पीछे नाखून से चिमटी कटने लगी थी मैं अपना लंड चूत में डाल कर हिलाने लगा और सोचने लगा अब जो होगा भगवान भरोसे छोड़नेे से काम नहीं चलेगा और चूत** मेंं डाल कर लंड** हिला रहा था 15 मिनट बाद मेरा पानी बहन की च** में गिर गया बहन से चिपक कर बगल में सो गया कुछ देर बाद मैं बहन से बोला तुम जाकर मेरे लिए कुछ खाने को लाओ और गेट खोल दो नहीं तो मां आ जाएगी और पूछेगी गेट क्यों बंद है बेवजा के सवाल करेंगी.

मैंं बहन से बोला रानी तुमको मेरी एक बात माननी पड़ेगी अगर तुम मना करती हों तो कोई बात नहीं, अगर तुम मेरी बात मान लेेेती हो तो मुझे खुशी होगी कि तुम मेरे लिए तुम कुछ भी कर सकती हो, बहन बोली आप कहेंगे मैं आप के लिए कुछ भी करना पड़ा चाहें जो भी हो बस आप को छोड़ने के अलावा कोई भी बात हो मैं अपने पति की गुलाम हूं आप बेझिझक बोलिए, मैंं बहन को इमोशनल ब्लैकमेल करके यह बोला जब तक हम दोनों घर से नहीं भागते हैं तब तक तुम मम्मी को चोदने में मेरा हेल्प करोगे, मैं चाहता हूं कि जब तक हम लोग घर पर रहे कुछ यादें अपने साथ ले जाएं अगर तुमको बुरा लगेगा तो मैं नहीं करूंगा मुझे तुम्हारी खुशी से ज्यादा किसी चीज की चाहत नहीं है बहन को इमोशनली ब्लैकमेल कर रहा था बहन मेरे प्यार के आगे झुुुक गई बोली मैं आपके लिए एक 2 महीने के पूरे जीवन कोई भी काम करने को तैयार हूं.

मैं बहन से बोला तो रानी आज रात को कुछ तूफानी तरीके से मजाा लेते हैं आज तुम मम्मी को दवा खिला देना बहन बोली आप तैयार रहेगा रहिए गा आज रात को आपको जन्नत की सैर कर आऊंगी.

मैं रात का इंतज़ार करने लगा आज दिन जैसे कट ही नहीं रहा था अब 11बजे मैं दिन में सो लिया लेकिन आंख खुली तो देखा 5ही बज रहे थे बहन बहुत खुश थी मैं उसको अश्वान दे दिया था, मैं भी आज कि रात को कुछ अलग तरीके से मजा लेना चाहता था रोज नॉर्मल तरीके चुदाई****होने के कारण मैं भी ऊब गया था मुझे आज कुछ नए तरीके से चोदने का मन कर रहा था बहन के सरप्राइज का इंतजार कर रहा था इंतजार के लंंबी घड़ी नहीं हुई समाप्त , आज मम्मी नीचे आराम करने लगी और उनको दवा के कारण नींद आ गई थी और वह ऊपर नहीं आ पाती.

बहन बोली अब क्या करूं मैं बहन के चेहरे को देखकर बोला रानी तुम मेरी खुद सरप्राइज हो तुम ही आ जाओ हम कुछ नए तरीके से मजा लेंगे मैं बहन को नाखुश नहीं करना चाहता था बहन को चोदा खुश होकर मुझे किस करने लगे और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपनी भी कपड़े उतार कर फेक दे और अपनी चूतड़** को मुंह पर लाकर रख दिया और मेेे सिर को बेड से नीचे की तरफ करके मेरे मुंह में अपनी चूत का पानी गिरने लगी मैं नशे में बहन के पानी को पीने लगा , फिर बहन बोली आप भी अपने लंड का पानी मेरे मुंह में डाल दीजिए.

मैं आज आपको कुछ अलग ही आनंद दूंगी मैं अपना पानी बहन के मुंह में छोड़ दिया, फिर बहन मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाने लगी कुछ देर के बाद बहन अपने चूतड को मुंह पर रख कर चूत को चाटने लगी मैं भी बहन के चूत को चाटने लगा हम दोनों लोग एक दूसरे के हथियार को चाटने के बाद बहन के चूत में अपना लंड डाल दिया और बहन को ऊपर कर दिया बहन ऊपर से उछल उछल कर चोद रहीं थीं मैं भी नीचे से झटके मार रहा था हम दोनों लोग एक साथ झड़ गए, दोनों बिना कपड़े के ही सो गए, सुबह बहन मुझे उठा कर कपड़े पहनने बोली मैं एक बार फिर चोदा.

अब आज के दिन का इंतजार करने लगा देखो क्या होता है लेकिन आज मम्मी छत पर ही खाना मंगाकर खाई बहन अपना काम कर दिया था 10बजते ही मां सो गयी बहन मेरे पास आकर बोली कााम हो गया है मैं बोला ठीक से चेेक कर लो वह बोली मैं दो टिकिया खिलाायी हू, और मैं हििा कर देख लिया है मैं बहन के साथ मां के पास गया पहले मैं मां को इधर उधर करके देखा मां को कोई असर नहीं पड़ा फिर मैं मां के विशालकाय चूचियों को पकड़ कर हिलाने लगा बहन मम्मी के साड़ी उठाकर ऊपर कर दिया फिर दोनों पैरों को फैला दिया फिर शहद लेकर आयी.

मैं समझ गया कि आज ये मां के चूतड़ को लाल करवा देगी, मम्मी के चूत में बहुत बााल लेकिन नशें में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था बहन मम्मी के चूत में शहद लगा दिया कहा पतिदेव मां के चूूतपाान का रसपान किजिए मैं अपने जीभ को मम्मी के चूत पर रख कर चूसने लगी मैं मम्मी के चूत को आज चााट कर चूत के अंदर घुस जाना चाहता था. मैं पागल सा हो गया था मानो यह चूत नहीं कोई आइसक्रीम हो, मैं मम्मी के चूत को चाटने के बाद उनके विशालकाय चूचियों पर आ गया बहन बोली तुम मम्मी के विशालकाय चूचियों को ज्यादा पसंद करते हो मैं बोला यहीं तो लंड खड़ा करता है.

मैं बहन से बोला अब तुम मां के चूूतपान करो मैं मां के चूत में शहद लगा दिया बहन से कहा लंड का स्वाद तो बहुत लिया है लेकिन चूत का स्वाद क्या होता है वह भी लो तब मजा आएगा। चूत का गंद कितनी मोहक और स्वाद रहित होती है बहन जीभ को मांं की चूत* पर चाटने लगी ध इधर में मां के विशालतम चुचियों से खेलने लगा आधा घंटा खेलने के बाद मैं अपना लौड़ा मां के चूतड़ मेेंडाल दिया और चोदने लगा मैं 20मिनट में अपना पानी छोड़ दिया.

बहन ने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी और कहने लगी आज आप दूबाारा अपना खड़ा करिए और मा के चूत को अपने महान लंड द्वारा धन्य कर दो मेेे लन्ड इतना मां को चोदने के लिए बेताब था कि दोबारा खड़ा होने में देरी न किया, में दूबाारा अपना लौड़ा मां के चूतड़ में डाल दिया और झटके देने लगा बीच बीच में मां कुछ नींद में आवाज निकाल रही थी मैं डर के धीरे धीरे झटके देने लगा और दूबाारा अपना पानी छोड़ दिया और बहन से कहा मां को सही कर दो.

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पहली बार चुदवाना घर से शुरू हुआ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/bhai-bahan/pahali-baar-chudwana-ghar-se-shuru-hua.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/bhai-bahan/pahali-baar-chudwana-ghar-se-shuru-hua.html#respond Wed, 20 Mar 2019 04:45:35 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14492 जब उसका लंड अच्छे से टाइट हो गया तो मैंने उसको अपने मुंह में ले के चूसने लगी | उसे बहुत अच्छा लग रहा था मेरा ऐसा करना | मैंने उसका लंड 20 मिनट तक चूसा था फिर मैं नंगी हो गयी | और उसे कहा कि तू मेरे दूध पी जैसे तू मम्मी के दूध पीता है |

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हैलो दोस्तों, मेरा नाम निकिता है, और मैं कानपुर की रहने वाली हूँ | मैं कॉलेज स्टूडेंट हूँ पर बस पेपर देने जाती हूँ | मेरे घर में मैं, मेरा एक छोटा भाई है जो स्कूल में पढाई करता है | मम्मी हाउसवाइफ है और पापा बाहर दिल्ली में जॉब करते हैं महीने में 3 बार घर आते हैं | मेरा फिगर काफी अच्छा है ऐसा मेरी सहेलियां बोलती हैं | मेरा बॉयफ्रेंड बनाने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहा शुरू से ही मैं बिंदास थी पर मैंने सोच लिया था कि अगर मैं चुदाई करुँगी तो सिर्फ अपने पति के साथ पर मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ की अपने भाई से ही चुदवाना पड़ा मुझे | आइये बताती हूँ कैसे |

एक दिन की बात है मेरी फ्रेंड ने पिकनिक मनाने का प्लान बनाया हुआ था और उसने मुझसे भी चलने को कहा था तो मैंने हाँ बोल दिया था मैंने मम्मी की भी परमीशन ले ली थी | और फिर अगले दिन हम सब दोस्त निकल गये थे थे अपनी अपनी स्कूटी से | वहाँ पहुँच कर हम सब खूब मस्ती कर रहे थे फिर हम लोगो को भूख लगी थी फिर हम खाना खाने लगे थे | खाना खाने के बाद हम सब बैठ के ऐसे ही बात कर रहे थे तो मेरी एक फ्रेंड है दिशा उसने अपना मोबाइल निकाला और सबको ब्लू फिल्म दिखाने लगी |

उस दिन तक मैंने कभी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी तो मेरा मन भी हुआ कि मैं भी देखूं | तो उसने एक ब्लू फिल्म दिखाई जिसमे एक भाई अपनी बहन को चोदता है | ये देख कर हम सबकी चूत गीली हो गयी थी और ऐसे ही करीब 10-15 ब्लू फिल्म देखी और हम सब की हालत ऐसी हो चुकी थी कि यूँ समझ लो की हम सबको एक एक लंड की जरुरत पड़ गई थी पर मैंने जैसे तैसे अपने आपको कंट्रोल किया क्यूंकि उनके तो बॉयफ्रेंड थे वो तो उनसे चुदवा लेती पर मैं किससे चुद्वाती ये सोच कर मैंने उस चीज़ को इग्नोर किया फिर हम सब घर आ गए | मैं अपने रूम में जा कर तुरंत नंगी हो कर अपनी चूत शांत करने लगी क्यूंकि अन्दर तो आग ब्लू फिल्म देख के लग ही चुकी थी|

फिर ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और मेरा मन भी किसी से भी चुदवाने का करने लगा | पर मैं ये सोचती थी कि किस्से चुद्वाऊ मैं किसी ऐसे से चुदवाना चाहती थी जिसके बारे में किसी को भी न पता चले | पर मुझे कुछ समझ में नहीं आता था | मैं बस ब्लू फिल्म देख के अपनी चूत में उंगलिया डाल के चूत को शांत करती थी | फिर एक दिन मुझे अपने भाई को लेने स्कूल जाना पड़ा क्यूंकि भाई जिस ऑटो से आता था उस दिन वो नहीं आया था |

जब मैं उसके स्कूल पंहुची तो बारिश होने लगी थी और मैं रेनकोट ले के नहीं गई थी | उस समय मै केवल पतले से टॉप में थी जो पूरे भीग गया था | मेरी ब्रा एक दम साफ साफ दिखने लगी थी मुझे ख़राब लग रहा था और खुद पे गुस्सा भी आ रही थी कि मैं आज ही ये टॉप क्यूँ पहनी हूँ ?

फिर उसके बाद मैं आपने भाई को स्कूटी के पीछे बैठा कर चलने लगी मेरा भाई भी भीग गया था | वो मेरी कमर पकड के बैठा हुआ था और मुझसे एक दम चिपका हुआ था | मुझे वैसी कोई भी फीलिंग नहीं आई थी कि मुझे कुछ अच्छा लगता | फिर हम घर पंहुचे तो मम्मी बोली की एक काम करो निकिता तुम भी कपडे बदल लो और अंश के भी कपडे बदल देना और खाना तैयार् है तो लंच भी कर लेना | मैंने ओके कहा ओके और मैं उसे अपने कमरे में ले गई और वो मेरे बाजु में ही सोता है तो उसके कपडे भी मेरे ही रूम में थे |

मैंने सबसे पहले अपने कपडे उतारे और चेंज कर लिए उसी के सामने, वो छोटा था इसलिए मुझे उसके सामने कपडे बदलने में कोई दिक्कत नही होनी थी | फिर मैंने पूरी नंगी हो कर उसके सामने कपडे बदले और वो मुझे घूर घूर कर देखे जा रहा था और मैं उसे देख कर हंस रही थी | फिर मैंने उसे नंगा किया और उसके कपडे निकाले और फिर मैं उसे पहनाने लगी उसका छोटा लंड था | जब मैं उसे पेंट पहनाने लगी तो उसकी चेन में उसका लंड फंस गया और उसकी चीख निकल गई | मैं डर गई थी की मम्मी को पता चलेगा तो वो मुझे डांटेगी |

मैंने उसे जैसे तैसे चुप कराया क्यूंकि वो रोने लगा था | फिर मैंने दवा निकाली अपने फर्स्ट ऐड से फिर उसे वैसे ही नंगे में उसके लंड में अपने हाँथ से दवा लगाने लगी | दवा लगाते समय उसका लंड बड़ा होने लगा था और सख्त होने लगा था वो कुछ समझ नही रहा था कि ऐसा भी होता है | पर मैं सब जानती थी | दवा लगाने के बाद मैं उसे नीचे ले कर आ गयी और फिर हम खाना खाने लगे | खाना खाने के बाद मैं 3 बजे अपनी कोचिंग क्लास चली गई थी | फिर वहां से आ कर मैंने कुछ घर का काम किया और फिर मम्मी की खाना बनाने में मदद करने लगी | यही काम करते करते रात के 9 बज गए थे | फिर हम लोगों ने खाना खाया और फिर सोने चले गए थे |

मैं रात में सोच रही थी कि क्यूँ न मैं अपने भाई से ही चुदवा लूं ? किसी को पता भी नहीं चलेगा और घर की बात घर में रह जायगी | बस प्रॉब्लम ये थी की वो किसी को ना बताये ? अंश पढाई कर रहा था तो मैंने उसे बुलाया अंश बेटा आना जरा यहाँ और वो बोला कि हाँ दीदी आ रहा हूँ फिर वो मेरे पास आ गया उस समय मम्मी सो चुकी थी | फिर मैंने उससे कहा कि तुझे वहाँ दर्द तो नहीं हो रहा हैं न तो उसने कहा कि नहीं दीदी अब दर्द नहीं हो रहा है |

तो मैंने कहा कि अच्छा चल दिखा तो वो शर्माने लगा तो मैंने उसे कहा अरे पागल ! अपनी दीदी से ही शरमायगा क्या ? फिर वो आया मेरे पास और अपना लंड मुझे दिखाया | तो मैंने उसका लंड पकड के उसे अच्छे से देखने लगी और फिर थोडा सा हिलाया तो तो लंड खड़ा हो गया | तो मैंने उससे पूछा की डेरी मिल्क खायगा तो उसने कहा कि हाँ दीदी खाऊंगा | फिर मैंने उसे कहा तू किसी को बताना मत मेरी कोई भी बात अगर तू ऐसा करेगा तो मैं तुझे रोज डेरी मिल्क खिलाऊँगी | तो उसने हाँ में सिर हिला दिया फिर मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया | और खुद जमीन पर बैठ कर उसका पूरा पेंट उतार दिया और उसका लंड अपने हाँथ में ले कर हिलाने लगी और वो छोटा था उसका मुठ तो बनता नहीं था तो इस बात का मुझे डर नहीं था |

फिर जब उसका लंड अच्छे से टाइट हो गया तो मैंने उसको अपने मुंह में ले के चूसने लगी | उसे बहुत अच्छा लग रहा था मेरा ऐसा करना | मैंने उसका लंड 20 मिनट तक चूसा था फिर मैं नंगी हो गयी | और उसे कहा कि तू मेरे दूध पी जैसे तू मम्मी के दूध पीता है | फिर वो मेरे दूध बहुत जोर से पीने लगा और काटने लगा मुझे दर्द होने लगा था तो मैंने कहा कि अरे आराम से कर | फिर वो धीरे धीरे मेरे दूध पीने लग और मैं हलकी हलकी सिस्कारियां भर रही थी अहहहहहा आहाहह्हा बाहाहह्हाहा आहाहह्हहा अहहहः अहहहाहाआ अहहहा अहहहाआआ अहहहः अआहहाहा अहाहाहा अहहाहः आहाहहाह |

फिर उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी चूत में डाल लिया और उसे अन्दर बाहर करने को कहा | फिर वो वैसा ही करने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं अहहहहाआ अहहहाआ अहहहा अहहहाआ अहहह्हा अहहहः अहहहा करके उससे चुदवा रही थी |

फिर वो थक गया तो मैंने उसे कहा की अच्छा तू बैठ फिर मैंने लंड पीना फिर से चालू कर दिया जब तक वो अच्छे से आराम कर रहा था | उसके बाद मैंने उससे फिर से चोदने को कहा तो वो फिर से मुझे चोदने लगा ऐसे ही चुदाई के बाद मैं झड गई थी और फिर वो थक गया था और वहीँ लेट गया और सोने लगा |

दोस्तों उसके बाद मैं उससे चुदवाने लगी रोज अब तो उसे भी मजा आने लगा और हम दोनों बिना किसी को बताये बड़े आराम से चुदाई करते हैं | और किसी को कानोकान खबर नहीं होती | तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी कैसी लगी आप सभी को उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी ये स्टोरी पसंद आई होगी | मैं ऐसे ही आपके मनोरंजन के लिए रोज स्टोरी लिखा करुँगी | आप सभी का मेरी स्टोरी पढने के लिए धन्यवाद और इंतज़ार करियेगा मेरी अगली मदमस्त कहानी का क्यूंकि मुझे चुदना पसंद है |

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मौसी की चुत से पानी की धार | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/mausi-ki-chut-se-pani-ki-dhar.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/rishto-me-chudai/mausi-ki-chut-se-pani-ki-dhar.html#respond Tue, 19 Mar 2019 08:58:33 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14490 मैं उनके होठों को अपने होठों से चूम रहा था और अपना हाथ उनके शरीर पर इधर से उधर घुमा रहा था | मामी पुरे जोश में मेरा साथ देती हुई अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थीं | अब मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया |

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हेल्लो दोस्तों, कैसे हैं आप लोग ? आशा करता हूँ की आप लोग मस्त होंगे और चुदाई का मजा ले रहे होंगे | दोस्तों मेरा नाम पुनीत है और मैं लखीमपुर का रहने वाला हूँ | आप लोगों की तरह मैं भी का पुराना पाठक हूँ और आज पहली बार अपनी सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ | आशा है की आप लोगों को ये कहानी पसंद आएगी | चलिए अब ज्यादा टाइम न खराब करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ |

ये घटना पिछले साल की है जब मैं अपने चचेरे मामा यानि की मेरी चाची के भाई के घर उन्नाव के पास एक गाँव गया हुआ था | मेरे चचेरे मामा की बीवी यानि की मेरी मामी का नाम रुची है और उनकी उम्र लगभग 27 साल है | दिखने में वो मस्त लगती हैं क्यूंकि गाँव में रहने के बावजूद उन्होंने खुद को फिट रखा हुआ है | उनका फिगर भी मस्त है और बूब्स मध्यम साइज़ के और गांड थोड़ी उठी हुई है | दोस्तों जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तभी से मेरा मन उनको चोदने को करने लगा था लेकिन कभी सोच भी नही सकता था की ये बात एक दिन सच हो जाएगी |

खैर, एक दिन की बात है जब मैं थोड़ी देर से उठा | मामी अकली दिखी तो मैंने उनसे पूछा की मामा कहाँ हैं ? उन्होंने बताया की वो खेती के काम से बाहर गये हैं और शाम तक ही लौटेंगे | मैंने बोला मामी, फिर तो मैं आज ढंग का बोर होऊंगा | वो बोलीं की टीवी तक लो | मुझे टीवी देखने का शौक नही है लेकिन मज़बूरी जो न कराए | मैंने टीवी देखने लग गया |

थोड़ी देर बाद मामी ने बोला की मैं नहाने जा रही हूँ इसीलिए आँगन में मत आना | दोस्तों वहां ढंग का बाथरूम नही था और आँगन में ही एक नल था | तो मामी ने मेन दरवाजा अन्दर से बंद किया और जिस कमरे में मैं था उसका दरवाजा बस उढ़का दिया लेकिन कुण्डी नही लगाई | मैंने बोला ठीक है मामी और मैं टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख ही रहा था की अचानक से मामी की आवाज़ आई पुनीत, मेरी आँख में साबुन चला गया और मुझे बहुत दर्द हो रहा है, जल्दी से इधर आओ | मैंने मन ही मन सोचा की पता नही मामी किन कपड़ों में हों | मैंने बोला मामी नल चला लो | वो बोलीं मुझे नल भी दिखाई नही दे रहा तभी तो बोल रही हूँ | मैंने बोला ठीक है, मैं आ रहा हूँ |

मैं आँगन में आया तो देखा मामी नल के पास पेटीकोट को अबे बूब्स तब बांधे हुए बैठी हैं और उनकी आँखों में साबुन गया हुआ है और चेहरे पर भी साबुन लगा हुआ है | मैंने नल चलाया और उनकी आँखों से साबुन साफ़ किया | उनकी आँखों में अभी भी दर्द हो रहा था | मैंने और पानी डाला और बोला की मामी, अभी आप थोडा आराम कर लो | वो बोलीं एक काम कर, जल्दी से मेरे शरीर पर पानी डाल दे ताकि साबुन निकल जाये | मैंने बोला ठीक है | फिर मैंने बाल्टी भरी और उनके शरीर पर डालने लगा | वो अभी भी आँखें मल रही थीं इसीलिए साबुन जहाँ सिर्फ पानी से नही छुट रहा था वहां मुझे हाथ भी लगाना पड़ रहा था |

साबुन छुड़ाने के लिए ऐसे ही एक बार मैंने उनकी गर्दन के थोडा नीच हाथ लगाया की उनके पेटीकोट की डोरी खुल गयी और उनका पेटीकोट खुल गया और पूरा निचे सरक गया | मामी ने पैंटी भी नही पहन रखी थी इसीलिए मुझे उनका पूरा बदन नंगा दिख गया | मामी के बूब्स बड़े थे और निप्पल भूरे रंग के थे | मामी की चूत बहुत ढीली नही थी और झांटों भरी थी | मामी शरमा गयीं | अब उन्होंने एक हाथ से पेटीकोट संभाला और एक हाथ से अपनी आँखें साफ़ करने लगीं | मैंने मन ही मन बोला की मामी आपकी झांटे काफी बड़ी हैं लेकिन मुझे खुद पता नही चला की कब मेरे मुंह से सच में आवाज़ निकल गयी और मामी ने सुन भी लिया | मामी बोलीं मेरे पास ट्रिमर थोड़ी है तेरी तरह की हमेशा साफ़ रखूं | मैंने बोला की आप मेरा ट्रिमर यूज़ कर लो | वो बोलीं तू खुद ही कर दे | मैं मान गया |

मैं कमरे में गया और अपना ट्रिमर लेकर आया | मैंने मामी ने बोला की आप अपने पैर फैलाओ | उन्होंने एक टांग दीवार के सहारे रखकर पैर फैला दिए | अब मैंने उनकी झांटे साफ़ करनी शुर कर दी | दोस्तों जब उनकी झांटे साफ़ हो गयी तो उनकी चूत से एक बहुत अच्छी सी खुशबू सी आने लगी और उनकी चूत बहुत ही प्यारी लगने लगी | चूत के दोनों साइड तितली के पंखों की तरह वो आकृतियाँ मुझे आज भी याद हैं |

ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा होना सीधी सी बात है | मैं कुछ बोलता इससे पहले मामी खुद ही बोल पड़ीं की तू भी तो दिखा दे अपना बिना झांटों वाला लंड | मैंने बिना शर्माए अपनी पैंट निकाल दी और अपना लौड़ा उनको दिखाने लगा | वो मेरे गोरे और बड़े लंड को देखकर खुश हो गयीं | उनसे रहा नही गया और उन्होंने उसे हाथ में ले लिया | मैंने बोला मामी, अब कमरे में चलें या सारा काम यहीं करना है ? वो शरमा गयीं और हंस दी | फिर हम दोनों कमरे में आ गये | कमरे में पहुँचते ही मैंने उनको बेड पर धकेला और उनके ऊपर आ गया | मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और पैंट और अंडरवियर भी उतार दी | मामी के कपडे पहले ही उतर चुके थे | मैंने सीधा किस करना शुरू कर दिया | वो भी मेरा साथ देने लगीं |

मैं उनके होठों को अपने होठों से चूम रहा था और अपना हाथ उनके शरीर पर इधर से उधर घुमा रहा था | मामी पुरे जोश में मेरा साथ देती हुई अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थीं | अब मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया | वो मस्ती में आह्ह्ह हह ह हह हह हहू ऊऊ ऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊऊ ऊ की सिसकियाँ लेने लगीं | मैंने अब एक हाथ से उनले बूब्स दबाने शुरू कर दिए | मामी मस्ती में आह्ह्ह ह ह हह ह्ह्ह्ह ह ह ह्ह्ह ह ह ह करने लगीं | मैंने ज्यादा टाइम न लगाते हुए उनके हॉट बूब्स को चुसना सही समझा और थोडा निचे आ गया |

मैं मामी के बूब्स को चूसने लगा | क्या मस्त थे उनके बूब्स | मुझे बहुत मजा आ रहा था | दोस्तों, उनके निप्पलों में जो स्वाद था वो सच में लाजवाब था | मैं लगातार चुसे ही जा रहा था की अचानक गलती से मैंने उनके एक निप्पल को काट लिया | मामी चीख पड़ी औंर जोर से ऊउईइ ईई ईईइ इ ई ईई ई ई ईई ईई ईई इ ईई ईईइ ईई ई ईई इ इ ई इ इ इ इ ईई ई ई ईई इ ईई इ ई इ ईई इ ई इ इ इ इ ईई इ इ ई इ इ ई इ इ ई इ इ इ ई ईई इ इ ईई ईई ई ईई इ इ ईई इ करने लगीं | मैंने सॉरी बोला तो वो बोलीं कोई बात नही लेकिन आराम से चुसो | मैंने बोला ओके और मैंने फिर चुसना शुरू कर दिया |

अब मैंने उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा | वो मस्ती में आआअह्ह हह हह ह ह हह ह्ह्ह ह हह ह ह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह्ह ह ह उम् मम म्मम्म मम म्मम्म मम मम्म मम्म मम्म म्मम्म म मम्म मम म मम्म म मुम्म उम्म्ह्ह ह ह हह ह हह ह हह ह हह हह ह ह हह ह ह हह ह उ उ ऊ इ ईई ई ई ईई इ इ ईई ई ईई ई ईई ईईइ ईईइ ईईइ इ ईई करने लगीं | मेरा लंड अब पूरा खड़ा था | मुझसे रहा नही जा रहा था और शायद मामी से भी | मैंने अब सीधा मामी की टांगें फैलाई और एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड दिया | मामी की हालत खराब ही गयी | वो रो पड़ीं | मैं थोड़ी देर रुका और फिर मैंने चोदना शुरू कर दिया | थोड़ी देर बाद वो भी मजे लेने लगी और मस्ती से आःह्ह हह ह ह ह्ह्ह हह ह ह्ह्ह्ह हू ऊ ऊ उ ऊऊ उ ऊऊ ऊ ऊऊ ई ई ई इ ई इ इ ई इ इ ई ईई इ इ ई इ इ ई करने लगीं |

लगभग आधे घंटे की जोरदार चुदाई के बाद मैं झडने वाला हुआ तो मैं लंड निकाल कर उनके पेट पर सारा माल निकाल दिया | दोस्तों, ये थी मेरी कहानी |

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बहन को चोदने की कहानी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/bhai-bahan/bahan-ko-chodane-ki-kahani.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/bhai-bahan/bahan-ko-chodane-ki-kahani.html#respond Tue, 19 Mar 2019 03:32:13 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14488 मेरी बहन का फिगर मस्त है, उसके बूब्स बड़े और उसकी गांड भी उठी हुई और सेक्सी है | पता नही उस दिन क्या हुआ, मेरा मन डोल गया अपनी बहन के सेक्सी बदन को देखकर | मैंने उसे जगाया नही और ऐसे ही देखता रहा |

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दोस्तों, मैं मस्ताराम डॉट नेट का नियमित पाठक हूँ और यहाँ पर चुदाई की कहानियां पढ़ कर मजे लेता हूँ | मेरा नाम राकेश है और मैं कश्मीर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 20 साल है और मैं दिखने में औसत हूँ | चलिए अब बिना समय बर्बाद करे कहानी पर आता हूँ |

मेरे घर में मेरे पापा, मैं और मेरी छोटी बहन जिसकी उम्र 18 हैं | मेरी माँ तलाक के बाद से अपने मायके में रहती हैं और मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है | दोस्तों, मेरी छोटी बहन का नाम शिफ़ा है और वो 11वीं में पढ़ती है | मेरे पापा उसे पढ़ाई के लिए नही भेज रहे थे लेकिन जब मैंने बहुत कोशिश की तब वो माने | इसी वजह से मेरी छोटी बहन मुझे बहुत मानती है और मेरी कोई भी बात नही टालती है | मैं भी उसे बहुत मानता हूँ |

अभी 1 महीने पहले की बात है | मेरे पापा शादी में किसी रिश्तेदार के घर गये थे 2 दिन के लिए | मैं और मेरी बहन घर में अकेले थे | सुबह मैं सो कर थोडा जल्दी उठ गया | मैंने सोचा की जाकर शिफ़ा को भी जगा दूं | जब मैं उसके कमरे में गया तो वो सो रही थी और हवा की वजह से उसका सूट थोडा ऊपर उठा हुआ था | मुझे उसका गोरा गोरा पेट दिख रहा था और उसके उभार भी कपड़ों के ऊपर से साफ़ नज़र आ रहे थे | उस दिन मैंने जिंदगी में पहली बार अपनी बहन को उस नज़र से देखा | दोस्तों, मेरी बहन का फिगर मस्त है, उसके बूब्स बड़े और उसकी गांड भी उठी हुई और सेक्सी है | पता नही उस दिन क्या हुआ, मेरा मन डोल गया अपनी बहन के सेक्सी बदन को देखकर | मैंने उसे जगाया नही और ऐसे ही देखता रहा | मैं मन ही मन सोच रहा था की कैसे उसे सेक्स के लिए राज़ी करून |

मैं बाहर गया और सोचने लगा | जब कुछ भी समझ में नही आया तो मैं इर अन्दर आया और दरवाजा अंदर से बंद करके सीधा आकृति के बिस्तर पर जाकर लेट गया | वो अभी भी सो रही थी | मैंने धीरे से जाके उससे लिपट गया | उसने नींद में होने की वजह से कुछ नही कहा | मैंने अब अपना हाथ उसके पेट पर फिराना शुरू कर दिया | मुझे लगा की वो शायद जग सकती है लेकिन मैंने अपना हाथ उठाया नही | अब मैं उससे पूरी तरह लिपट गया पीछे से | मेरे लंड और उसकी गांड के बीच में अब सिर्फ कपडे ही थे | अचानक से मुझे लगा की वो जगी हुई है | मैं सोच में पड़ गया की मैं उसे क्या बोलूँगा | तभी उसने आँखें खोल दी | इससे पहले की वो कुछ बोले, मैंने सीधा उसके होठों पर अपने होठ ले जाकर रख दिए | उसने झटका दिया लेकिन शोर नही मचाया |

वो बोली – भाईजान, आप ऐसा कैसे कर सकते हैं ? मैं बहन हूँ आपकी | मैं बोला – आकृति, प्लीज रोको मत मुझे | मैंने भी तो तुम्हारी ख़ुशी के लिए पापा तक से लड़ाई कर ली थी | क्या अब तुम मेरी ख़ुशी के लिए इतना नही कर सकती ? वो चुप हो गयी | इससे पहले की वो कुछ और बोले, मैंने फिर से उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया | वो चुपचाप लेटी रही | जब मैंने गर्दन पर किस किया तो उसको भी थोडा जोश आ गया | अब वो भी मेरा साथ देने लगी | मुझे जोश आ गया | मैंने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए |

पहले मैंने उसका सूट उतारा | ब्रा नही पहनी थी उसने सोते समय | उसके गुलाबी दूध बहुत मस्त लग रहे थे | मैंने बिना देर किये उसकी सलवार भी उतार दी | अब बस उसके बदन पर पैंटी थी | मैंने वो भी उतार दी | अब मेरी बहन मेरे सामने एकदम नंगीं पड़ी थी | मैंने पहले तो उसे जी भर के देखा | उसका भरा हुआ बदन क्या गजब ढा रहा था | मेरा लंड एकदम हार्ड हो चूका था और खडा था | मन तो कर रहा था की वहीँ तुरंत चोद दूं लेकिन थोडा कण्ट्रोल किया मैंने और उसको फिर से किस करना शुरू कर दिया |

वो थोडा झिझकी लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी | किस करते करते मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा | वो मना करने लगी तो मैंने बोला प्लीज न, सब थोडा सा | वो मान गयी | बस फिर क्या था, मैंने उसकी गर्दन पर किस करने के बाद उसके बूब्स को चूमना शुरू कर दिया | वो मस्ती में मेरा सर पकड कर ओने बूब्स चुस्वाने लगी | उसके निप्पलों का स्वाद बहुत अच्छा था | मैंने चुसना जारी रखा और उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा | उसने मेरा हाथ झटक दिया और बोली – भाईजान, वहां नही, बस ऊपर तक ही |

मैंने उसको फिर से किस करना शुरू किया तो वो गर्म होने लगी | उसके बूब्स को चूम के उसे और गर्म करके मैंने फिर सीधा निचे तरफ हाथ घुसेड दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा | उसने फिर से मना करना शुरू कर दिया लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी चूत के अन्दर अपनी एक ऊँगली डाल दी | शायद उसने कभी अपनी चूत चुदवाई नही थी क्यूंकि वो बहुत जोर जोर से सिर्फ एक ऊँगली के घुसने पर ही सिसकियाँ ले रही थी |

थोड़ी देर में उसे अच्छा लगने लगा और वो मजे से आहह हह हह ह ह ओह्ह हह ह हह ह ह हह ह उम् मम म मम म मम म्मम्मम म करने लगी | अब मेरा लौड़ा उसके सामने था | मैंने अपने लंड को उसके हाथ में दिया तो वो मना करने लगी | मैंने थोडा इमोशनल ब्लैकमेल किया और बोला – शिफ़ा, तुम मेरी ख़ुशी के लिए इतना नही कर सकती ? वो अब मना ही कर पाती | अपने कोमल हाथों में उसका मेरे लंड को पकड़ कर सहलाना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | मैंने उसे मेरे टट्टे सहलाने के लिए कहा | वो ऐसे ही करने लगी | मुझे समझ में आ गया की अब वो भी एन्जॉय कर रही है ये सब कुछ |

अब मेरा लंड अपनी पूरी फॉर्म में आ चूका था | मैंने उसकी टांगों को फैला कर अपना लौड़ा उसकी चूत पर टिका दिया | मैंने एक धक्का दिया तो मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया | वो जोर जोर से रोने लगी | मैंने देखा की उसकी चूत से खून निकल आया था | मैं समझ गया की मैंने आज अपनी बहन की कसी गुलाबी चूत की सील तोड़ दी है | मैंने लंड बाहर निकाल लिया और रुमाल से अपने लंड पर लगा खून साफ़ किया | फिर मैंने उसकी चूत में लगा खून भी साफ़ किया और फिर से टिका कर एक जोर का धक्का दिया | इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस चूका था |

वो कराहने लगी तो मैंने उसको किस करना और उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया | थोड़ी देर में वो थोडा नार्मल हो गयी तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए | वो अब भी सिसकियाँ ले रही थी और आह हह ह्ह्ह ह्ह्ह्ह उईइ भाईजान आराम से.. आहह हह हह ह उम् मम म म्मम्म मम ऊऊ उ ई ई ईईइ इ ईई ई कर रही थी | मैंने धीरे धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी और मेरी स्पीड के साथ उसकी सिसकियाँ भी बढ़ गयीं | कोई सुन न ले इसीलिए मैंने उसके मुंह को दबाया और जोर जोर से उसे चोदना शुरू कर दिया |

थोड़ी देर की चुदाई के बाद मेरे लंड से माल निकलने वाला हो गया और उसका भी चुद चुद के बुरा हाल हो चूका था | मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाला और साइड में जमीन पर अपना सारा माल गिरा दिया | मैंने अब उसको फिर से किस किया | मैंने देखा की उसके चेहरे पर एक मुस्कान थी | मैंने समझ गया की वो खुश है | दोस्तों, उस दिन के बाद जब बी हमें मौका मिलता है, हम बड़े प्यार से चुदाई के मजे लेते हैं | घर की बात घर में रहती है और दोनों को मजे मिल जाते हैं |

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शराफत की देवी मेरी बहन- 9 | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/sharafat-ki-devi-meri-bahan-9.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/sharafat-ki-devi-meri-bahan-9.html#respond Sun, 17 Mar 2019 07:47:46 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14484 बहन को चोदने से मेरा लन्ड अपना पानी नहीं छोड़ रहा था मैं , और बहन पूरा गर्म हो गई थी अपनी चूतड़ को जोर जोर झटके दे रही थी और कह रही थी चोदो सैया अपनी बहन को अपने बच्चे की मां बना दो आज इस वंश में एक नया इतिहास रच दो

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शराफत की देवी मेरी बहन- 8

दोस्तों मैं सूरज कुमार अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए आप लोगों का शुक्रिया अदा कर रहा हूं मेेरी कहानी का शीर्षक शराफ़त की देवी मेरी बहन  खूब बैठता है वह मेरे लिए किसी देवी से कम नहीं है, जो उसने मेरे लिए किया, दुनिया में कोई भी इंसान किसी के प्यार में नहीं कर सकता। बहन गुस्से वाली है अगर कोई प्रेम से उसे कोई भी बात मनवा लेंगे लेकिन अगर गुस्से में आकर आप जबरदस्ती करेंगे तो वह कुछ भी ग़लत कर जागेयी, अगर मां प्रेम से अगर बहन को समझाने की कोशिश की होती तो। बहन। शायद मान जाती मां ने बहन को मार कर अब गलत कर बैठी अब बहन को रोक पाना नामुमकिन है, मैं बहन को बहुत समझाया और बहुत प्यार किया था जो बहन आज मेरे साथ कुछ भी करने को तैयार हैं ये वही बहन है जो कभी अपनी इज्जत के लिए मुझसे अपने चूत के अंदर मेरा लन्ड लिया था लेकिन अब मेरेे साथ शराब तक कर ली है

उम्मीद भी मैं ने किया था कि मैं अपनी बहन को चोद पाऊंगा, लेकिन कभी इज्जत के लिए तो कभी प्याार के लिए वही बहन मेरी पत्नी बन गई ,बहन को पागल पन से मुझे डर लगने लगा है, जो बहन कभी इज्जत केखातीर अपने सगे भाई से चुदाई करवा ली थी और वह आज शादी कर के घर से भागकर कहीं भी मेरे साथ रहना चहती है अब उसको इज्जत की परवाह नहीं है, लेकिन मैं सोच रहा था कि बहन के साथ भाग कर मैं मां और पापा को समाज में कैसे मुंह दिखाएंगे , लेकिन बहन को अब इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था वह बस मेेे साथ रहना चहती है और मैं यह मान लिया था कि अगर बहन नहीं मानी तो ही मैं बहन को लेकर।

भागूूंगा जब मेेेर पास कोई रास्ता नहीं बचेगा, मैं बहन को समझाने की कोशिश कर रहा था मां मार के बहुत गलत कर लिया था. उस रात मां को चोदने के बाद मैं अपने कमरे में सोने चला आया। कुछ देर बाद बहन आ गई और बोली मुझे नींद नहीं आ रही है मैं बोला जाओ नहीं तो मां जग जायेगी लेकिन बहन नहीं मानी, आकर मेरे लंड पर हाथ रख दिया मेेा लन्ड छोटा हो गया था बहन न बोलामां की चूदाई करके लंड को ढीला कर लिया हो, तुमको मां को चोदने का मौका मिल गया तुम मां को भी चोद लिया, तुम मां बहन दोनों को चोदने का जो सौभाग्य मिला है वह किसी भी इंसान को नहीं मिल सकता हैबहन बोली।

पतिदेव अब मेरी गर्मी कौन निकालेगा, मेरे लंड पर हाथ रखकर दबाने लगी और कहने लगी , मां के चूत में लंड डालकर चोदने में मज़ा आता है कि अपनी पत्नी को चोदने में, मैं माहौल को देखते हुए बोला रानी तुमसे ज्यादा मजा मुझे किसी के चूत में नहीं आता,लेकिन मुझे मां के चूतड़ और विशालकाय चूचियों के आगे आज बहन के चूत और चूचियों में आज उतना मजा नहीं आ रहा था आज बहन गुस्से में आकर अपनी चूत की अहमियत कम कर ली थी, आज से पहले मैं कभी भी बहन के चूत और पीछे की ओर निकला हुआ चूतड मुझे सबसे ज्यादा मजा देता था,लेकिन मां की चूतड बहन से कहीं ज्यादा निकला हुआ था और विशालकाय चूचियों का तो तुलना ही नहीं हो सकता जो मेरे लंड को दर्शन करने के बाद अब तो मुझे मां को उसी समय दूबारा चोदने का मन कर रहा था लेकिन बहन से कह नहीं सकता था।

अब अगर बहन  से मां को चोदने को कहा तो बहन ये समझेंगी की मैं खुद नहीं घर से बाहर जाना चाहता हूं,अगर जो मां को चोदने का मौका मिलेगा वह भी खत्म हो जाएगा मैं अब इस अवसर को हाथ से नहीं जानें देना चहता था,मैं बहन के होठों को चूमने लगा और धीरे धीरे बहन के चूत में अपनाे ओंठ को लगा दिया बहन के चूत से पानी निकल रहा था और बहन के चूत को चाटने लगा बहन अपने हाथों से मेेेरा सिर चूत में दबाने लगी और कहने लगी भाई तुम मुझे ले चलो मुझे तुम्हारे साथ खुल के जीवन साथी बाद के जीना है ,चूत में मुंह होने की वजह से मैैंबोला नहीं पा रहा था बहन  अह आह आह आह आह आह चाट भाई चाट चूत को बहन भाई को मां कब तक रोकेगी ,मेरा लन्ड पूरा खड़ा हो गया मैं बहन के मुंह में लंड डाल दिया और बहन के मुंह में अंदर तक घुस दिया बस सांसें रुक जाती थी मैं जोंस में सब भूल गया था।

फिर मैंने अपना लन्ड बहन के चूत में डाल दिया चोदने लगा, और भादो से बहन की चूचियों को दबाने लगा बहन अपने मुंह से आवाज निकाल रही थी और बोल रही थी भाई अपनी बहन को मां बना दो जिससे हम दोनों लोग को कोई अलग नहीं कर पाए.

मां को अभी अभी चोद कर आ रहा हूं उसके बाद बहन को चोदने से मेरा लन्ड अपना पानी नहीं छोड़ रहा था मैं , और बहन पूरा गर्म हो गई थी अपनी चूतड़ को जोर जोर झटके दे रही थी और कह रही थी चोदो सैया अपनी बहन को अपने बच्चे की मां बना दो आज इस वंश में एक नया इतिहास रच दो मैं पूरे जोश में बहन की चूत** में झटके मार रहा था बहन भी मेरा चोदने में सहयोग दे रही  थी हम दोनों या भूल गए थे की मां  कहीं जग ना जाए लगभग आधा घंटा कई तरीके सेे चोदने क बाद मैं अपना फनी पानी बहन की चूत** में गिरा दिया।

फिर बहन मां के साथ सोने केे लिए अपने कमरे में चली गई. सुबह हम दोनों टाइम से जाग गए लेकिन मां के  नींद खुली मां को मैं जागा ने गया मां के पैर फैला था. मां की चूची दोनों को देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया था मां के चूत की कल्पना कर के मेरा मन मचल उठा आज से पहले कभी नहीं हुआ था आज न जाने क्या हुआ था मेरी नज़र आज मां के लिए गंदी हो गई थी. मैं मां को पुुुकारते हुए आवाज दी जब मां नहीं बोली तो मैं मां के हाथ को पकड़ कर हिलाया,मेरा तो मन कर रहा था कि चूची को हिलााउं लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई, मुझे कुछ बातें आज अब याद नहीं है लेकिन कुछ घटनाओं को मैं बहुत अच्छे से याद करके लिख रहा हूं।

मम्मी जाग तो गई लेकिन आज से मेेरी नज़र से मम्मी की नहाने य कपड़े चेंज करने के वक्त नजर गडी रहतीं थीं कहानी तो बहुत लोग लिखें लेकिन बहुत कम लोग कि कहानी में सच्चाई मिलती है, मुझे हमेशा लगता है कि लोग इतने आसानी से मां को माना लेते हैं मेेी तो मां को देख कर ही फट जाती है और बोलने की हिम्मत ही नहीं होती, मैं अपनी कहानी में सिर्फ घटना को ही लिखना चाहता था लेकिन कहानी की परम्परा और रोचकता के लिए चुदाई के बारे में लिखा, और मुझे अपने जीवन के अतीत के बारे में आप लोगों की राय जाननी हैआप सभी मुझे अपनी राय जरूर दे.

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बीवी की बुर देख लंड उठने लगता | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bivi-ki-bur-dekh-lund-uthane-lagta.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/bivi-ki-bur-dekh-lund-uthane-lagta.html#respond Sat, 16 Mar 2019 07:08:28 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=14469 मेरा लंड प्यारी बीवी की चुत में जोर से अन्दर बाहर हो रहा था. मेरा वीर्य छूटने का वक्त आ गया था. मैंने एक तेज प्रहार किया और अपना लंड मेरी प्यारी बीवी की चुत में जड़ तक घुसा दिया.

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हाय दोस्तो, मैं नीलेश, मेरी पहली कहानी आज मैं अपनी चुदाई की एक और घटना लेकर आया हूँ. शायद ये चुदाई का किस्सा आपको पसंद आ जाए. हमने मेरा 46 वां जन्मदिन कैसे मनाया, इसकी कहानी लिख रहा हूँ.

जब हमारी शादी हुई थी तब मेरी बीवी को चुदाई कैसे करते हैं, ये मालूम ही नहीं था. लेकिन आज वो पूरी चुदक्कड़ और चुदाई में एक्सपर्ट हो गई है.

सालगिरह वाले दिन मेरी बीवी ने कहा कि आज हम दोनों ये सालगिरह कुछ अलग तरीके से मनाएंगे.
मैंने पूछा- कैसे?
उसने कुछ नहीं कहा.

बहुत पूछने पर भी उसने नहीं बताया कि वो क्या करने वाली है. शाम को हमने केक काटा, सालगिरह को मनाया. हम सबने केक खाया, खाना खाने के बाद कुछ देर हंसी मजाक चलता रहा. फिर बाहर के सब लोगों के जाने के बाद हम दोनों भी सोने के लिए चल दिए.

मैं हर रोज की तरह कपड़े निकाल कर नंगा सो गया. सोते समय मैंने लाईट बंद करके नाईट लैम्प चालू कर दिया. सब काम निपटा कर मेरी बीवी भी सोने के लिए आ गई. लेकिन उसने आते ही लाईट को चालू कर दिया. मैक्सी निकाल कर नंगी हो गई और आकर मुझे कसकर लिपट गई. उसने मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगी. मैं भी उसके होंठ अपने होंठों में लेकर चुसाई करने लगा. पांच मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे. मेरी बीवी होंठ चूसना छोड़कर खड़ी हो गई और उसने टेबल के नीचे से केक निकाला. जो उसने पहले ही उधर रखा हुआ था.

मैंने उससे पूछा- जानेमन, बताओ भी क्या करने का इरादा है?
बोली- बस देखते जाओ.

बीवी ने मुझे मोबाईल लेने के लिए कहा. मैंने मोबाइल ले लिया, उसने मुझसे मोबाईल का वीडियो कैमरा चालू करने के लिए कहा तो मैंने वीडियो कैमरा चालू कर दिया. अब वो केक लेकर मेरे दोनों पैरों के बीच में बैठ गई, उसके मोटे मोटे मम्मे मेरे सामने झूल रहे थे, उंगली से केक की क्रीम को मेरे लंड और आंडों पर लगाने लगी. मैं ये सब देखते हुए शूटिंग कर रहा था. उसने मेरे लंड और आंडों को क्रीम से भर कर बाकी का केक बाजू में रख दिया. मेरा लंड कब से खड़ा होकर झटके दे रहा था.

अब मेरी बीवी लंड पर झुक कर लंड पर लगी क्रीम चाटने लगी. इधर मेरी हालत खराब हुई जा रही थी, कभी वो मेरे लंड को चाटती, तो कभी आंडों को चाटती. बारी बारी से वो लंड और आंडों को चाटकर क्रीम खाने लगी. कभी कभी वो दोनों आंडों को अपने मुँह में भर लेती और क्रीम चाट लेती.

दस मिनट तक वो लंड पर लगी क्रीम चाटती रही. उसका चेहरा खुशी से चमक रहा था. लंड चाटते चाटते उसने सारी क्रीम चाटकर मेरे लंड और आंडों को साफ कर दिया.

अब वो उठकर खड़ी हो गई. उसने मेरी कमर के दोनों बाजू अपने दोनों पैर रख दिए और बैठ गई. फिर उसने अपनी मोटी गांड को थोड़ा सा उठाया, मेरा लंड अपनी मुठ्ठी में पकड़कर अपनी चुत पर सैट किया और उस पर बैठ गई. मेरे लंड का अगला हिस्सा मेरी प्यारी बीवी की चुत में घुस गया. अब उसने अपने हाथ मेरे सीने पे रख दिए और अपनी चुत को मेरे लंड पर दबाने लगी. पहले से ही उसकी चुत पानी छोड़ चुकी थी, इसलिए मेरा मोटा लंड बिना किसी रूकावट उसकी चुत में घुसता चला गया. अब वो अपनी गांड ऊपर नीचे हिलाकर मेरा लंड अपनी चुत में अन्दर बाहर करने लगी. उसके मुँह से अलग अलग आवाज निकलने लगी थी.

“अह… सी… ऊई… माँ आज मजा आ गया और चोदूँगी… आह… नहीं छोडूँगी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह…”
वो मेरा लंड चुत से पूरा बाहर निकाल कर सिर्फ सुपारा अन्दर रहने देती, फिर झटके से लंड पूरा चुत में घुसा लेती. दस मिनट तक वो मुझे चोदती रही.
अब वो जोर से चिल्लाने लगी- आहा ऊई… मुझे… कुछ हो रहा है…
यह कह कर वो जोर जोर से लंड को अपनी चूत में अन्दर बाहर करने लगी. उसके चोदने से चुत से ‘खच खच पच पचाक…’ की आवाज आ रही थी.

फिर उसने अपनी चुत मेरे लंड पर जोर से दबाया, मेरा लंड मेरे बीवी के चुत में जड़ तक घुस गया. उसने उसी पल अपना मुँह ऊपर उठाकर मुँह खोला और आवाज निकाली- आ… आ…हा… ओह… अम… गई…

फिर वो मेरे सीने पर गिर गई, गिरते ही वो तीन बार थरथराई. उसकी चुत से रस निकल कर मेरे लंड से बहकर आंडों पर आ गया था. पांच मिनट तक मेरी बीवी मेरे ऊपर सोई रही. मेरा लंड अब भी मेरी बीवी की चुत में खड़ा हुआ था. पांच मिनट के बाद वो थोड़ा नार्मल हो गई. उठते ही बीवी मुझसे कस कर लिपट गई और मेरे पूरे चेहरे को चूमने लगी. वो बहुत खुश हो गई थी.

फिर वो उठकर घुटनों के बल होकर, अपना सर छाती बिस्तर पर रखकर झुक गई. मैंने भी देर न करते हुए कैमरा को कुछ ऐसे सैट किया कि फिल्म बनती रहे. मैं उसके दोनों पैरों के बीच घुटनों पर खड़ा हो गया. अपना एक पैर बीच में रखकर दूसरा पैर उसकी कमर के बाजू में रख दिया. मैंने अपने हाथ से अपना लंड पकड़ कर बीवी की चुत के मुँह पर रखकर धक्का मारा. उसकी चुत गीली होने के कारण मेरा लंड एक ही झटके में चुत में जड़ तक घुस गया.

अब मैं अपने दोनों हाथ उसके दोनों चूतड़ों पर रखकर मेरी प्यारी बीवी की चुत चोदने लगा. मेरा लंड उसकी चुत में जड़ तक ठोकर मार रहा था. मेरे हर धक्के पर मेरी बीवी मुँह से मादक आवाज निकाल कर जवाब देती थी, वो कहती थी- आह… चोदो मेरी चुत को जोर से चोदो… चोदकर चुत में से सब पानी निकाल दो… आह… मजा आ रहा है.

कुछ देर धकापेल चुदाई के बाद अब मेरा वीर्य भी छूटने वाला था. तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मेरा लंड प्यारी बीवी की चुत में जोर से अन्दर बाहर हो रहा था. मेरा वीर्य छूटने का वक्त आ गया था. मैंने एक तेज प्रहार किया और अपना लंड मेरी प्यारी बीवी की चुत में जड़ तक घुसा दिया.

मेरी बीवी बोल रही थी- आह… घुसा दो तुम अपना मोटा लंड… मेरी चुत में अन्दर तक दबाओ… और दबाओ…

मैंने अपनी बीवी की चौड़ी गांड पकड़ कर अपना लंड उसकी चुत में जड़ घुसा दिया और उसी वक्त मेरे लंड से वीर्य की धार निकल कर चुत में गिर गई.

अपना लंड बीवी के चुत में वैसे ही रखकर मैं अपनी प्यारी बीवी की पीठ पर सो गया. दो तीन मिनट बाद लंड चुत से बाहर आ गया. फिर मैं उठकर बिस्तर पर लेट गया. मेरी प्यारी बीवी मुझसे लिपट कर सो गई और हमें कब नींद लगी, हमको पता भी नहीं चला.

हम दोनों घनघोर चुदाई के बाद नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए. इस चुदाई का वीडियो आज भी हमारे पास है. जब भी हमारा दिल करता है, तो हम दोनों ये वीडियो देखते हैं. यह हमारी सच्ची कहानी है, कोई कल्पित कहानी नहीं है.

आशा करता हूँ, आपको कहानी पसंद आई होगी.

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